यह प्रोग्राम जनवरी 2018 में लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य देश के सबसे पिछड़े हुए जिलों में से विकास करना है। इसके लिए इन जिलों में पांच प्रमुख बिन्दुओं पर कार्य किया जायेगा : स्वास्थ्य व पोषण, शिक्षा, वित्तीय समावेश, कौशल विकास, कृषि व जल संसाधन तथा अधोसंरचना। इस योजना की सहायता से पिछड़े जिलों में विकास के इन सूचकों को राष्ट्रीय स्तर के बराबर लाने का प्रयास किया जायेगा।और देखें
15 नवंबर 2000 को झारखंड एक अलग राज्य नामित किया जाने के बाद झारखंड छोटा नागपुर के 18 जिलों और संथाल परगना प्रभागों से अस्तित्.....
यह झारखंड राज्य का सबसे शानदार जिला है जो कि इस राज्य की उप-राजधानी होने का प्रतीक है। जिला एक आदर्श मिश्रण है जहां एक को प्र.....
औरंगाबाद बिहार के 38 जिलों में से एक है जिसकी अद्वितीय संस्कृति और पहचान है। यहां बसे हुए माधड़ी-बोलने वाले लोग बड़े पैमाने प.....
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आकांक्षात्मक जिलों में टेली-लॉ
न्याय विभाग, आकांक्षात्मक जिलों में टेली-लॉ प्रोग्राम को लागू कर रहा है जो आम आदमी को न्याय तक पहुंच की दिशा में पहला कदम के रूप में कानूनी सलाह प्राप...
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जिले के छात्रों की स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों को मापने, ट्रैक करने और निगरानी करने के लिए एक प्रौद्योगिकी आधारित पहल।
आकांक्षात्मक जिलों में स्थित ई-नाम मंडियों के विकास की कार्य योजना तैयार की गई है।
इस भाग में जलशक्ति मंत्रालय द्वारा शुरु की गई पहल के बारे में जानकारी दी गई है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
आकांक्षात्मक जिलों में समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय कार्य क...