आधुनिक तकनीकी शिक्षा राज्य के छात्रों को उपलब्ध कराने तथा शिक्षकों को नई तकनीक प्रौद्योगिकी एवं ज्ञान से अवगत करा उनकी क्षमताओं में वृद्धि करने हेतु यह योजना प्रारंभ की गई।
योजना के अंतर्गत सन् 2005 में आई.आई.टी. कानपुर से राज्य के दो इंजीनियरिंग कालेज रायपुर तथा बिलासपुर को जोड़ा गया। इसके लिए सर्वप्रथम रायपुर तथा बिलासपुर के महाविद्यालय में ई-क्लास रुम का निर्माण किया गया। इन क्लास रुम में उच्च बैंड-विड्थ क्षमता वाले उपकरण माईक, स्क्रीन आदि लगाये गये तथा सेटेलाईट के माध्यम से उसे आई.आई.टी. कानपुर में स्थापित किये गये ई-क्लास रुम से जोड़ा गया। पूर्व निर्धारित पाठयक्रम तथा समय पर आई.आई.टी. कानपुर के वरिष्ट प्राध्यापको द्वारा संचालित क्लास का एक ही समय पर रायपुर तथा बिलासपुर में भी संचालन किया गया। योजना की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसके अंतर्गत प्रसारित ऑन लाईन व्याख्यान में जिस तरह सामान्य कक्षा में उपस्थित छात्र-छात्राए तथा व्याख्याता आपस में संवाद कर सकते हैं, उसी तरह ई-क्लास रुम के व्याख्याता तथा छात्र-छात्राएं भी आपस में संवाद कर सकते हैं। रायपुर के ई-क्लास रुम में बैठे छात्र कानपुर के व्याख्याता से आनलाईन प्रश्न पूछ सकते हैं, और व्याख्याता द्वारा पूछे प्रष्नों का जबाव भी दे सकते हैं।
यह परियोजना ज्ञान विनिमय कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2005-06 में शासकीय इंजनियरिंग कालेज वर्तमान में एन.आई.टी. रायपुर एवं सूचना प्रौद्योगिकी अध्ययन शाला गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में प्रारंभ किया गया। पूर्व निर्धारित पाठयक्रम के अंतर्गत इन संस्थानों के व्याख्यान में 640 विद्यर्थियों ने भाग लिया। कुल 173 घण्टों के 173 ई-व्याख्यान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त आई.आई.टी. कानपुर के विषय विषेषज्ञों द्वारा 146 स्थानीय षिक्षको के लिए 16 विषयों में 33 दिनों के रिफ्रेसर कोर्स आयोजित किये जा चुके हैं।
इंजीनियरिंग महाविद्यालयो एवं गुरु घासीदास विश्वविद्ययालय में सफलता पुर्वक ई-क्लास रुम के संचालन के पश्चात वर्ष 2008 में राज्य के चार विज्ञान महाविद्यालयों क्रमश: शासकीय विज्ञान महाविद्यालय रायपुर, शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय राजनांदगांव, पी.जी. महाविद्यालय कुरुद, शासकीय पी.जी. महाविद्यालय कवर्धा में आई.आई.टी. कानपुर के सहयोग से ई-क्लास रुम आरंभ किये गये । इन महाविद्यालयो में वर्श 2008-09 सत्र में 11 विभिन्न विषयों में कुल 187 एवं सत्र 2009-2010 में 42 एवं सत्र 2010-2011 में 150 धंटों का ऑन लाईन व्याख्यान सफलतापुवर्क संचालित किया जा चुका है।
सत्र 2005,06-2007 सत्र में 173 घण्टे ई-व्याख्यान तथा 640 विद्यार्थी यों ने लाभ प्राप्त किया 146 शिक्षकों के लिए 16 विषयों में कुल 33 दिवसों का रिफ्रेसर कोर्स आयोजित हुए।
सत्र 2008-09 सत्र में इन 11 विषयों में कुल 187 घण्टे की ई-व्याख्यान आयोजित किया जा चुका है। जिसमें कुल 242 विद्यार्थी ने लाभ उठाया।
सत्र 2009-10 सत्र में भौतिक, रसायन, प्राणी शास्त्र, वनस्पति शास्त्र, जैव प्रौद्योगिकी 5 विषयों में 42 आन लाईन व्याख्यान कुल 109 विद्यार्थीयों को लाभ मिला।
सत्र 2010-11 सत्र में कुल 150 घण्टे की ई-व्याख्यान आयोजित किया जा चुका है। जिसमें कुल 91 विद्यार्थी ने लाभ उठाया।
क्रमांक |
सत्र |
विषयों की संख्या |
ई-व्याख्यान (घंण्टो में) |
लाभवंतित विद्यार्थी यों की संख्या |
1 |
2005-07 |
16 |
173 |
640 |
2 |
2008-09 |
11 |
187 |
242 |
3 |
2009-10 |
5 |
42 |
109 |
योग |
402 घण्टे |
991 विद्यार्थी |
||
शिक्षक |
2005-07 |
16 |
33 दिनों का रिफ्रेसर कोर्स |
146 शिक्षक |
स्रोत: राज्य सरकार का सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग।
अंतिम बार संशोधित : 11/22/2019
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