অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

राष्ट्रीय ई-शासन योजना

राष्ट्रीय ई-शासन योजना-एक दृष्टिकोण

नागरिकों तथा व्यवसायियों को शासकीय सेवाएँ प्रदान करने के कार्य में सुधार लाने के उद्देश्य से आरंभ की गयी राष्ट्रीय ई-शासन योजना निम्नलिखित दृष्टि द्वारा मार्गदर्शित है।

"सभी सरकारी सेवाओं को सार्वजनिक सेवा प्रदाता केन्द्र के माध्यम से आम आदमी तक पहुँचाना और आम आदमी की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने लिए इन सेवाओं में कार्यकुशलता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना।" यह दृष्टि कथन अच्छे शासन को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

पहुँच: इस दृष्टि को ग्रामीण जनता की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। आवश्यकता समाज के उन तबकों तक पहुँचने की है जो अभी तक भौगोलिक चुनौतियों तथा जागरूकता की कमी जैसे कारणों से सरकार की पहुँच से लगभग बाहर रहे हैं। राष्ट्रीय ई-शासन योजना (NeGP) में ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों तक पहुँच के लिए प्रखण्ड स्तर तथा साझा सेवा केन्द्रों तक के सभी सरकारी कार्यालयों को राज्यव्यापी एरिया नेटवर्क (SWAN) द्वारा जोड़ा जा रहा है।

साझा सेवा वितरण केन्द्र: वर्तमान में खासकर दूर दराज़ के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को किसी सरकारी विभाग या उसके स्थानीय कार्यालय से कोई सेवा लेने के लिए लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है। नागरिक सेवाएँ प्राप्त करने में लोगों का काफी समय तथा पैसा खर्च होता है। इस समस्या से निबटने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ई-शासन योजना (NeGP) के एक भाग के रूप में प्रत्येक छ: गाँव के लिए एक कंप्यूटर तथा इंटरनेट आधारित साझा सेवा केन्द्रों (CSCs) की स्थापना की योजना शुरू की गई है ताकि ग्रामीणजन इन सेवाओं का आसानी से अपने निकटवर्ती केन्द्र से प्राप्त कर सकें। इन साझा सेवा केन्द्रों (CSCs) का उद्देश्य है ‘कभी भी, कहीं भी’ के आधार पर एकीकृत ऑनलाइन सेवा प्रदान करना।

शासन में सुधार के लिये ई-शासन अपनाना: सूचना तथा संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का उपयोग शासन को नागरिकों तक पहुँचने में सहायता दी और अध्ययन बताते है और जिसके फलस्वरूप शासन में सुधार हुआ है । इससे विभिन्न शासकीय योजनाओं की निगरानी तथा उसे लागू करना भी सम्भव हुआ है जिससे शासन की जवाबदेही तथा पारदर्शिता में वृद्धि होना की उम्मीद है। अभी तक के अनुभव इस बात की पुष्टि कर रहे है।

नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार: ई-शासन न्यूनतम मूल्य पर नागरिक केन्द्रित सेवा प्रदान करने के प्रावधान के द्वारा इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर रहा है और इसके फलस्वरूप सेवाओं की माँग तथा इन्हें प्राप्त करने में कम समय लगने से यह काफी सुविधाजनक साबित हो रहा है।

इसलिए, इस दृष्टि का उद्देश्य सुशासन को मज़बूती प्रदान करने के लिए ई-शासन का उपयोग करना है।  ई-शासन की विभिन्न पहल के ज़रिये लोगों को दी जा रही सेवाएँ, केन्द्र व राज्य सरकारों को अब तक वंचित समाज तक पहुंचाने में मदद कर रही हैं। साथ ही, यह समाज के मुख्यधारा से कटे हुए लोगों को शासकीय क्रियाकलापों में भागीदारी के द्वारा उनका सशक्तीकरण हो रहा है जिससे गरीबी में कमी आने की उम्मीद की जा रही जिससे सामाजिक व आर्थिक स्तर पर मौज़ूद विषमता में कमी आएगी।

राष्ट्रीय ई-शासन योजना की क्रियान्वयन रणनीति

राष्ट्रीय ई-शासन योजना (NeGP) के लिए एक सुगम सोच विकसित गई है जो राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लागू किये गये ई-शासन अनुप्रयोगों के अनुभवों पर आधारित है। राष्ट्रीय ई-शासन योजना (NeGP) के लिये अपनाये जा रहे तरीके तथा पद्धति में निम्नलिखित तत्व शामिल हैं:

सामूहिक ढाँचा: राष्ट्रीय ई-शासन योजना (NeGP) के क्रियान्वयन में सामूहिक तथा सहायक सूचना प्रौद्योगिकी ढाँचा तैयार करना शामिल थे जैसे कि- राज्यव्यापी एरिया नेटवर्क, राज्य आँकड़ा केन्द्र, सामूहिक सेवा केन्द्र तथा इलेक्ट्रॉनिक सेवा वितरण गेटवे जो धीरे-धीरे विकसित किये जा रहे हैं।

शासन: राष्ट्रीय ई-शासन योजना के क्रियान्वयन की निगरानी तथा समन्वय के लिए सक्षम प्राधिकारी के निर्देश के अंतर्गत उचित प्रबन्ध किये गये हैं। इस कार्यक्रम में मानक तथा नीतिगत मार्गदर्शिकाएँ तैयार करना, तकनीकी सहायता देना, क्षमता-निर्माण कार्य, अनुसंधान व विकास शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (DeitY) स्वयं तथा नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेन्टर (NIC), स्टैंडर्डाइज़ेशन, टेस्टिंग एंड क्वालिटी सर्टिफिकेशन (STQC), सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (C-DAC), नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्मार्ट गवर्नेंस (NISG) आदि, जैसे संस्थानों का सशक्तीकरण करेगा ताकि वे इन भूमिकाओं को प्रभावी तरीके से निभा सकें।

सामूहिक पहल, विकेन्द्रीकृत क्रियान्वयन:ई-शासन को आवश्यक केन्द्रीय पहल के ज़रिये बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि विकेन्द्रीकृत मॉडल के क्रियान्वयन में वह नागरिक-केन्द्रित हो, विभिन्न ई-शासन अनुप्रयोगों की परस्पर-संचालकता के उद्देश्य को हासिल कर सके तथा सूचना व संचार प्रौद्योगिकी ढांचे एवं संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित हो सके। इसका उद्देश्य यह भी है कि सफलता उन्मुखी परियोजनाओं की पहचान हो सके और जहाँ भी आवश्यक हो, उन्हें आवश्यक फेरबदल के साथ दोहराया जा सके।

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल: इसे वहाँ अपनाया जा रहा है जहाँ भी सुरक्षा पहलुओं की अनदेखी किये बगैर संसाधनों में वृद्धि सम्भव हो।

संपूर्णात्मक तत्व: एकीकरण को सुचारू बनाने तथा विरोधाभास से बचने के लिये नागरिकों, व्यवसायियों तथा सम्पत्ति के लिए यूनिक आइडेंटिफिकेशन कोड को अपनाकर बढ़ावा दिया जा रहा है।

ई-क्रांति-सेवाओं का इलेक्ट्रॉनिक वितरण


ई-क्रांति डिजिटल इंडिया पहल का एक अनिवार्य स्तंभ है। देश में ई-गवर्नेंस, मोबाइल गवर्नेंस और देश में सुशासन की महत्वपूर्ण जरूरत को देखते हुए ई-क्रांति के प्रमुख घटकों के रुप में "शासन को बदलने के लिए बदलने ई-गवर्नेंस में बदलाव "के विजन को यूनियन कैबिनेट ने 25 मार्च 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित किया गया।

सभी नए और की जा रही ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के साथ ही मौजूदा परियोजनाओं  का पुर्नोत्थान किया जा रहा है,जो  अब ई-क्रांति के निम्न सिद्दांतों का पालन करेगीं-

  • रुपातंरण और न कि अनुवाद
  • एकीकृत सेवाओं और न कि व्यक्तिगत' सेवाएं
  • 'प्रत्येक एमएमपी में गर्वेंनमेंट प्रोसेस रिइंजीनियरिंग के प्रमुख सिद्धांतों का पालन करना जरुरी
  • डिफ़ॉल्ट रुप से क्लॉउड
  • मोबाइल प्रथम
  • फास्ट ट्रैकिंग स्वीकृति
  • अनिवार्य मानक और प्रोटोकॉल
  • भाषा स्थानीयकरण
  • राष्ट्रीय जीआईएस(भू-स्थानिक सूचना प्रणाली)
  • आईसीटी इंफ्रास्ट्रक्चर
  • सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक डाटा संरक्षण

ई-क्रांति के तहत 44 मिशन मोड परियोजनाएं,जाे विभिन्न चरणों कार्यान्वयनित हो रही हैं।

अधिक जानकारी के लिए कृपया यहां क्लिक करें।

मिशन मोड परियोजना

मिशन मोड परियोजना (एमएमपी) राष्ट्रीय ई-शासन योजना के अंतर्गत एक स्वतंत्र परियोजना के तौर पर शुरु की गयी। यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक शासन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि बैकिंग,भूमि रिकार्ड या व्यवसायिक कर आदि पर आधारित सेवाओं का ध्यान रख कर बनाई गई है। राष्ट्रीय ई-शासन योजना की "मिशन मोड" परियोजना स्पष्ट रूप से उद्देश्य,व्यापकता और कार्यान्वयन की समय सीमा और उपलब्धियों के साथ- साथ मूल्यांकनीय परिणामों और सेवा स्तरों को परिभाषित करती है। राष्ट्रीय ई-शासन परियोजना ४४ मिशन मोड परियोजनाओं (एमएमपी-पहले 27) जो कि राज्य, केंद्र या एकीकृत परियोजनाओं के रूप में वर्गीकृत की जा सकती है।

स्रोत: इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय

संबंधित स्त्रोत

अंतिम बार संशोधित : 2/23/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate