ई-कोर्ट मिशन मोड परियोजना(एमएमपी) तकनीक का उपयोग की अवधारणा द्वारा भारतीय न्यायपालिका को बदलने के दृष्टिकोण से शुरु की गई थी। इस परियोजना का विकास भारतीय न्यायपालिका में सूचना प्रौद्योगिकी के साधनों के कार्यान्वयन पर राष्ट्रीय नीति एवं कार्य योजना पर सुप्रीम कोर्ट के तहत ई-समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट किया गया था। ई-न्यायालय एमएमपी के तहत, 5 साल की अवधि में 3 चरणों में भारतीय न्यायपालिका में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को लागू करने का प्रस्ताव है। एमएमपी का उद्देश्य दिल्ली,मुंबई कोलकाता और चेन्नई के लगभग 700 न्यायालयों में और देशभर के 29 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के 900 न्यायालयों और देश भर के 13000 जिला और अधीनस्थ न्यायालयों में स्वचालित निर्णय प्रणाली और निर्णय-समर्थित प्रणाली की स्थापना करना है।
ई-न्यायालय एक एकीकृत एमएमपी है जिसका एक स्पष्ट उद्देश्य है-न्याय वितरण प्रणाली को पुन: व्यवस्थित करना गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों दृष्टिकोण से न्यायिक निर्णय प्रणाली की क्षमता में वृद्धि करना और सस्ती, सुलभ,प्रभावी लागत,पारदर्शी और जवाबदेही प्रणाली का निर्माण करना है। इस परियोजना दायरे के अंतर्गत पूरे देश में अदालतों में स्वचालित निर्णय लेने और समर्थननिर्णय प्रणालीविकसित करना, स्थापित करना और लागू करना है। ई-न्यायालय परियोजना डिजीटल संपर्क के माध्यम से तहसील स्तर से लेकर सभी न्यायालयों को सर्वोच्च न्यायालय से जोड़ने की सुनिश्चिता जोर देती है।
ई-न्यायालय एमएमपी पहल के बारे में ज्यादा जानने के लिए क्लिक करें http://deity.gov.in/content/e-courts
ई-न्यायालयों द्वारा पेशकश की जा रही सेवाएं हैं:
संख्या |
सेवाएं |
विवरण |
1. |
प्रकरण प्रबंधन की स्वचालन प्रक्रिया |
जांच, पंजीकरण, केस आवंटन, अदालत की कार्यवाही,एक मामले की जानकारी प्रविष्टि, मामला निपटान और बहाली, प्रकरण का स्थानांतरण आदि प्रक्रियाएं। |
2. |
ऑनलाइन सेवाओं के प्रावधान |
आदेश और निर्णय की प्रमाणित प्रतियां, मामलों की स्थिति, कोर्ट फीस की गणना का प्रावधान, संस्थागत रजिस्टर, और कोर्ट डायरी। |
3. |
अदालत और सरकार के बीज सूचना गेटवे स्थापित करना |
वादी या प्रतिवादी के बीच दूरी होने से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाही और गवाही, अदालतों और सरकारी एजेंसियों एवं पुलिस के साथ सूचनाओं का आदान प्रदान, जेल, भूमि रिकार्ड विभाग। |
4. |
राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड एजेंसी का निर्माण करना |
अदालतों में लम्बित मामलों की निगरानी करना। |
एमएमपी के तहत, ई-न्यायालय पहल की शुरुआत न्याय वितरण प्रणाली को सक्षम बनाने के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी कार्यान्वित करना और इसके साथ कुशल और नागरिक केन्द्रित सेवा वितरण को लागू करना एवं हितधारकों को स्वचालित प्रक्रिया प्रणाली के द्वारा जानकारी की उपलब्धता में पारदर्शिता का पालन करना है। लक्ष्यों को पूरा करने और ई-न्यायालयो के हितधारकों में ज़िला न्यायालयों से जुड़ीं सूचनाओं का प्रसार करने के लिए समर्थन प्रणाली ज़िला और प्रवर न्यायिक स्तर पर धीरे-धीरे व्यवहारिक रुप में सामने आ रही है।
देखें ई-न्यायालय के अंतर्गत ई-शासन पहल और दी जा रही सेवाओं के बारे में ज्यादा जानने के लिए।
स्रोत: भारतीय सर्वोच्च न्यायालय
अंतिम बार संशोधित : 3/29/2023
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