स्थान: नामीबिया
नामीबिया में पाया जाने वाला यह वृक्ष धरती पर सबसे घातक पेड़ों में से एक है। इस वृक्ष का दूधिया रस बहुत जहरीला होता है। पुराने जमाने में शिकारी अपने तीर को जहरीला बनाने में इसका इस्तेमाल करते थे। चूंकि इसके तने की शक्ल बोतल जैसी होती है इसलिए इसे बोतल वृक्ष कहा जाता है। आमतौर पर यह पर्वतीय प्रदेशों में उगता है। बोतल वृक्ष के फूल सुंदर होते हैं और प्राय: गुलाबी या सफेद रंग के होते हैं, जो मध्य की ओर गहरे काले या लाल रंग के होते हैं।
स्थान: संयुक्त राज्य अमेरिका
वावोना पेड़ एक कोस्ट रेडवुड था जो कि संयुक्त राज्य अमेरिका के योसमाइट राष्ट्रीय उद्यान के मैरिपोसा ग्रोव में स्थित था। वर्ष 1881 में इसके तने को बीच में से काटकर एक सुरंग बना दी गयी। तभी से यह एक लोकप्रिय और आकर्षक पर्यटन स्थल बन गया था। सन 1969 में भारी हिमपात तथा शिखर पर भार के चलते यह वृक्ष धराशायी हो गया। ऐसा अनुमान है कि यह रेडवुड 2300 साल पुराना था।
स्थान: मैडागास्कर
मैडागास्कर में ही मिलने वाले ये शानदार वृक्ष 1000 वर्ष पुराने हैं। बाओबाब की यह एक संकटग्रस्त प्रजाति है। इसके कई पेड़ 80 मीटर ऊंचे तथा उनके धड़ का घेरा 25 मीटर से भी ज्यादा है। सूखे के दिनों में तने का फूला हुआ भाग पानी के स्रोत का काम करता है। बहार के मौसम में इनके फूल महज २४ घंटे टिकते हैं। इन फूलों का चित्र मैडागास्कर के 100 फ्रैंक के नोट पर अंकित किया गया है।
स्थान- कंबोडिया
ये पेड़ सचमुच विलक्षण हैं। यदि आप दक्षिण-पूर्व एशिया की सैर पर जा रहे हैं तो यह निश्चित ही देखने योग्य जगह है। ये पेड़ ता प्रोह्म मंदिर की सबसे बड़ी खासियत हैं। सिल्क कॉटन ट्री की जड़ें प्राचीन मंदिर के चारों ओर लिपटी हुई हैं तथा पेड़ काफी ऊंचाई तक गया है। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है।
स्थान: कैलिफोर्निया
हाइपेरियन एक कोस्ट रेडवुड या कैलिफोर्निया रैडवुड है। यह पृथ्वी पर सबसे ऊंचा पेड़ है। इसके पेड़ आमतौर पर 1200 से 1800 साल जिन्दा रहते हैं। हाइपेरियन 115.5 मीटर लम्बा तथा 9 मीटर व्यास का होता है। इसका मतलब हुआ कि यह न्यूयॉर्क की 'स्टैच्यू आफ लिबर्टी' से ऊँचा है। एक अनुमान के मुताबिक करीब 95% मूल कोस्ट रेडवुड काटे जा चुके हैं तथा इन विशाल वृक्षों के संरक्षण की स्थिति बड़ी नाजुक है।
स्थान: कोस्टा रिका और निकारागुआ
यह मूलत: मध्य तथा दक्षिण अमेरिका का वृक्ष है। हालांकि मुख्य रूप से यह कोस्टा रिका और निकारागुआ में पाया जाता है। पेजिबाए पेड़ का बाहरी हिस्सा कठोर, काले, नुकीले बने होते है जो उन्हें नीचे से ऊपर तक गोलाकार आकार देता है। ये लगभग २० मीटर बढ़ते हैं। इसके पत्ते ३ मीटर तक लंबे हो सकते हैं। अमेरिका के मूल निवासी आमतौर पर इसका फल किण्वित के बाद खाने में इस्तेमाल करते थे जो उनके आहार का एक प्रमुख हिस्सा था। किण्वित फल आज भी बहुत लोकप्रिय हैं।
स्थान: पोलैंड
पश्चिम पोलैंड में ग्राइफिनो के पास तकरीबन 400 अजीब पेड़ है। ऐसा माना जाता है कि इंसान के यांत्रिकी दखल से ये घुमावदार हो गये हैं यद्यपि इन वृक्षों का मकसद मालूम नहीं है। कुछ लोगों का अनुमान है कि संभवत: इन्हें लकड़ी के फर्नीचर, हल या नाव के पेंदे बनाने के इरादे से ऐसा कर दिया गया होगा। बहरहाल ये वृक्ष एक रहस्य बने हुए हैं।
स्थान: कनाडा
अल्बर्टा के नजदीक कनाडा में स्थित यह एक देवदार का पेड़ है। इस पेड़ के बारे में ताज्जुब की बात यह है कि 1770 के दशक में ही इसकी मौत हो गयी थी किन्तु यह आज भी बगैर सड़े-गले खड़ा है। यह पेड़ 600-750 साल पुराना हो सकता है। सन् 1998 में तेज हवा से यह गिर गया था लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे सहारा देकर फिर से खड़ा कर दिया। इसके कुछ साल बाद कुछ शरारती लोगों ने इसकी एक डाल तोड़ दी। स्थानीय लोगों ने एक बार फिर उस टूटी हुए डाल को जोड़ दिया। ऐसा मानते हैं कि बर्मिस ट्री का दुनिया में सबसे ज्यादा फोटो लिया गया होगा।
स्थान: बहरीन
यह पेड़ करीब 400 साल पुराना है तथा 9.75 मीटर ऊँचा है। इसकी खासियत यह है कि यह पेड़ रेगिस्तान में स्थित है यहां पानी का कोई स्रोत नहीं है, तथा इर्दगिर्द मीलों के दायरे में यह इकलौता पेड़ है। हालांकि प्रोसोपिस सिनरेरिया पेड़ों की जड़ें बहुत गहरी होती हैं तथा माना जाता है कि वे जलस्रोत तक पहुंच जाती हैं। फिलहाल यह पेड़ खुद में एक रहस्य है। यह पेड़ पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है जहां हर साल करीब 50,000 लोग आते है। यहाँ के स्थानीय निवासियों का विश्वास है कि स्वर्ग का बगीचा (गार्डेन आफ ईडेन) कभी इसी स्थान पर था। यह पेड़ यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है।
स्थान: दक्षिण अफ्रीका
सनलैंड बाओबाब नामक यह पेड़ दक्षिण अफ्रीका के लिंपोपो प्रांत में स्थित है। इस पेड़ में एक छोटा-सा बार बनाया गया है। यह पेड़ कुदरती तौर पर खोखला है तथा 1993 में इसमे एक बार खोल दिया गया जिसमें 15 से 20 लोग बैठ सकते हैं। यह दक्षिण अफ्रीका का सबसे ऊँचा और बड़ा बाओबाब पेड़ है। यह पेड़ 20 मीटर लंबा है तथा इसका घेरा 47 मीटर है। यह दुनिया के सबसे पुराने पेड़ों में से एक है जिसकी उम्र लगभग 6000 साल से अधिक हो सकती है।
स्त्रोत: होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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