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वित्तीय जागरूकता

वित्तीय जागरूकता

  1. बैंक खाता खोलते समय जमा किए जाने वाले दस्तावेज (केवाईसी)
  2. बजट बनाने और बचत करने का महत्व तथा जिम्मेदारी से उधार लेना:
  3. अपनी जमा राशि और जमा खाता के संबंध में अधिक जानें
  4. समय पर ऋण को चुकौती कर अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखें
  5. डिमांड ड्राफ्ट और चेक को गुड बाय कहें और इलेक्ट्रानिक माध्यम से पैसे अंतरित करें/ प्रास करें
    1. एनईएफटी
    2. आरटीजीएस
    3. आईएमपीएस
    4. यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस)
  6. आपके द्वार पर या आपके नजदीक बैंकिंग
  7. यह जानें कि बैंक में या बैंकिंग लोकपाल के पास अपनी शिकायत कैसे दर्ज करें
  8. मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलता है। धोखा न खाएं
  9. बिना किसी परेशानी के एटीएम के उपयोग के लिए निम्नांकित बातों का ध्यान रखें
  10. केवल पंजीकृत संस्थाओं में ही अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करें
  11. गलत ढंग से बेचना- जब आप पैसे जमा करने बैंक में जाते जिसकी समझ आपको नहीं है

बैंक खाता खोलते समय जमा किए जाने वाले दस्तावेज (केवाईसी)

एक 'पहचान प्रमाणपत्र' और पता संबंधी प्रमाणपत्र' तथा हाल का एक फोटोग्राफ बैंक खाता खोलने के लिए पर्यात है।

आपका ड्राईविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पहचान पत्र, पासपोर्ट या नरेगा कार्ड पहचान प्रमाणपत्र तथा पता संबंधी प्रमाणपत्र, दोनों के लिए काम आते हैं तथा पैन कार्ड केवल पहचान प्रमाणपत्र के रूप में काम आता है।

यदि आपका वर्तमान पता आपके द्वारा बैंक में जमा कराए गए प्रमाणपत्र के अनुसार नहीं है तो नए पते के संबंध में केवल एक सामान्य घोषणा कर देना पर्यात है।

पहचान और पता संबंधी प्रमाणपत्र' के बिना भी हाल के एक फोटोग्राफ और हस्ताक्षर से बचत बैंक लघु खाता खोला जा सकता है। इसमें आप र 50,000/- तक अकाउंट बैलेंस, प्रतिमाह र 10,000/- तक आहरण / निकासी और प्रत्येक वित्त वर्ष में र 1 लाख तक कुल जमा की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

बजट बनाने और बचत करने का महत्व तथा जिम्मेदारी से उधार लेना:

बजट भविष्य की आपकी आमदनी और खर्च की योजना होती है जिसका उपयोग आप अपने खर्च और बचत के लिए कर सकते हैं। हर परिवार को चाहिए कि वह अपनी आमदनी और खर्च का बजट तैयार करे और कठोरता से इसका पालन करे। मासिक बजट बनाना और बजट के अनुसार खर्च करना एक आदर्श स्थिति होती है। खर्च के बाद बची आमदनी को बची हुई रकम कहते हैं।

किसी भी अप्रत्याशित घटना (दुर्घटना, प्राकृतिक आपदा, नौकरी छूट जाना) तथा जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों (शादी, बच्चों की पढ़ाई, किसी स्थान पर घूमने जाना, घर या वाहन की खरीद) के लिए ऐसी बची हुई रकम को सक्रियता से बचत या निवेश करना चाहिए। ऐसी बचत हमें उन स्थितियों में भी सहायता करती है, जब हम कमाई करने में सक्षम नहीं होते हैं, उदाहरण के लिए सेवानिवृत्ति के बाद।

बचत का महत्व: खर्च करने से पहले हमें अपनी आमदनी के एक भाग की (instruments) और संस्थाओं में होनी चाहिए। उदाहरण के लिए यदि आप अपनी मेहनत की कमाई किसी ऐसी संस्था या लिखत में निवेश करते सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने पैसों की बचत सुरक्षित लिखतों/ संस्थाओं में करें। दूसरा, बचत भविष्य के योजना और बिना योजना- दोनों तरह के खर्चों को पूरा करने के लिए को जानी चाहिए। इसलिए यह बेहतर है कि ऐसे लिखतों और संस्थाओं में निवेश किया जाए जहां से आवश्यकता के समय पैसे निकाले जा सकें। तीसरा, आपके पैसों पर कुछ रिटर्न मिलना चाहिए ताकि आप मुद्रास्फीति से सुरक्षित रहें।

उधार: किसी को भी ऐसी परिसंपत्ति में निवेश के लिए उधार लेना चाहिए जिसका मूल्य बढ़े, न केि अपने दैनिक खचों को पूरा करने के लिए। अच्छे उधार के उदाहरण हैं- घर खरीदने के लिए बंधक ऋण, बद्धों की उद्ध शिक्षा के खर्च के लिए शिक्षा ऋण आदि।

बैंक बनाम साहूकार: साहूकार की तुलना में बैंक हमेशा बेहतर होते हैं क्योंकि इनका विनियमन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किया जाता है। बैंकों का काम पारदर्शी होता है और ये साहूकारों की तरह 3 वसूली नहीं करते हैं। बैंकों में शिकायत निवारण के लिए लिखित प्रक्रिया उपलब्ध है।

अपनी जमा राशि और जमा खाता के संबंध में अधिक जानें

अपना पैसा बचत बैंक खाता में डालकर न छोड़ दें। इससे आपको अच्छा रिटर्न नहीं मिलता है। यदि आपको एकमुश्त पैसा मिलता है तो आप इसे सावधि जमा (fixed deposits) में निवेश करें और जब आप नियमित रूप से बचत करना चाहते हैं तो आवर्ती जमा (recurring deposit) खाता खोल लें।

अपने बैंक खातों तथा बैंक में रखी गई अपनी बहुमूल्य वस्तुओं की सुरक्षा के लिए आप ऐसे व्यक्ति नामित करें जिसपर आपको भरोसा हो। यह आपके अपने लोगों के हित में है। बैंक खाता खोलते समय नॉमिनेशन फार्म भरें। नॉमिनी होने से दावों का तेजी से निपटान होता है और परिवार के बचे हुए स को परेशानी कम होती है। 'दोनों में से कोई एक (Either or survivor), पूर्वजीवी या (“Former or survivor), संयुक्त खाता ("Joint account”) बैंक के लिए महत्वपूर्ण प अनुदेश होते हैं। ऐसे अनुदेश सावधानीपूर्वक दें।

आवश्यकता पड़ने पर अपने सावधि/आवर्ती जमा को परिपक्रता के पहले निकालने की स्थिति में आपको यह सुनिश्चित करना है कि जमा करने के समय आपने इस सुविधा का विकल्प दिया है।

पेंशनर अपने वर्तमान बचत खाता का उपयोग पेंशन प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं। अपनी पत्नी/ अपने पति के साथ संयुक्त खाता रखना और नॉमिनी को रजिस्टर करना या खाता में 'दोनों में से कोई एक (Either or survivor)("Former or survivor' ) अनुदेश देना उपयुक्त होगा। यदि आवश्यक हो तो आप अपना पेंशन खाता किसी अन्य शाखा या अन्य बैंक में स्थानांतरित कर सकते हैं।

प्रत्येक वर्ष नवंबर महीने में 'जीवन प्रमाणपत्र' जमा कराना याद रखें। 'जीवन प्रमाणपत्र' की दस्तावेजी रूप में जमा कराने के बदले अब आप जीवन प्रम77 नामक डिज़िटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं जो आधार संख्या आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करता है। आप वेबसाइट www.jeevanpramaan.gov. जीवन प्रमाणपत्र भेज सकते हैं।

समय पर ऋण को चुकौती कर अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखें

सोच-समझकर उधार लें और यह देखें कि यह उधार आपको चुकौती क्षमता के दायरे में है या नहीं।

यह सुनिश्चित करें कि आप चुकाए जाने की किस्त के भुगतान में कोई चूक नहीं कर रहे हैं।

अन्य ऋण देते समय बैंक आपका क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट हिस्ट्री देखता है।

ऋण की चुकौती या बैंकों के साथ ऋण के निपटान में हुए विलंब से आपके क्रेडिट हिस्ट्री/ क्रेडिट स्कोर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। किसी प्रकार के विलंब की स्थिति में बैंकर को सूचित करें।

ऋण को चुकौती शीघ्र कर दें क्योंकि इससे आपका एक अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनती है जिससे आपको भविष्य में अपने व्यक्तिगत/ कारोबारी प्रयोजनों के लिए अधिक ऋण लेने में सहायता मिलेगी।

आपके क्रेडिट हिस्ट्री और अन्य संबंधित कारकों के आधार पर आपको क्रेडिट स्कोर मिलता है। आपका स्कोर जितना अधिक होगा आपको ऋण पात्रता उतनी ही अधिक होगी

डिमांड ड्राफ्ट और चेक को गुड बाय कहें और इलेक्ट्रानिक माध्यम से पैसे अंतरित करें/ प्रास करें

एनईएफटी

कुछ ही घंटों में देश में किसी को भी पैसा अंतरित करें।

एनईएफटी कुछ ही घंटों में देश में किसी को भी पैसा अंतरित करें। 8.00 बजे से अपराहन 7.00 बजे तक कार्य करता है।

आरटीजीएस

यदि आपको तुरंत पैसा अंतरित करना है और यदि राशि र 2 लाख या इससे अधिक है तो आप रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) का उपयोग कर सकते हैं।

ग्राहकों के लिए आरटीजीएस कार्यदिवसों और कार्य दिवस वाले शनिवार को पूर्वाह्न 8.00 बजे से अपराह्न 4.30 बजे तक उपलब्ध होता है।

आईएमपीएस

पैसा तुरंत अंतरित करने के लिए तत्काल भुगतान सेवा (Immediate Payment Service) (IMPS) का उपयोग करें। बैंक की छुट्टियों और रविवार को भी 24x7 पैसों का अंतरण किया जा सकता है।

एनईएफटी, आरटीजीएस और आईएमपीएस सेवाओं का उपयोग शाखा में या आपके बैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग आदि जैसे ऑनलाइन माध्यमों से कर सकते हैं।

यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस)

यूपीआई लाभार्थी के बैंक खाता की संख्या, आईएफएससी, एटीएम/डेबिट कार्ड नंबर आदि जैसी विस्तृत जानकारी दिए बिना वर्चुअल पेमेंट ऐड्रेस (VPA) का उपयोग करते हुए पैसा भेजने और प्राप्त करने का एक त्वरित और आसान तरीका है।

बैंक की छुट्टियों और रविवार को भी 24x7 पैसे भेज सकते हैं।

इसका उपयोग करने के लिए आपको अपने स्मार्ट फोन पर यूपीआई ऐप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा।

आपके द्वार पर या आपके नजदीक बैंकिंग

आपको बैंकिंग संबंधी आवश्यकताओं के लिए बैंक शाखा जाने की जरूरत नहीं है। बिज़नेस करेस्पांडेंट आपको शाखा द्वारा नियुक्त एक एजेंट होता है। अपने क्षेत्र में बिज़नेस करेस्पांडेंट की उपलब्धता के संबंध में जानने के लिए आप निकटतम बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं। आप प्रधानमंत्री जनधन योजना की वेबसाइट पर http://pmịdy.gov.in/g-i-s.aspx में जानकारी प्राम कर सकते हैं।

बैंक बिज़नेस करेस्पांडेंट के रूप में व्यक्तियों तथा संस्थाओं को नियुक्त करते हैं जिनमें एनजीओ, स्वयं फाइनैस इंस्टीटयूशंस, कंपनियाँ जिनमें जमाराशि स्वीकार न करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी शामिल हैं, भुगतान बैंक आदि शामिल हैं।

बिज़नेस करेस्पांडेंट लैपटॉप, हैंड हेल्ड डिवाइस या मोबाइल फोन के जरिये आपको बैंक के साथ कनेक्ट करता है।

किसी प्रकार की शंका होने की स्थिति में अपने बैंक से बिज़नेस करेस्पांडेंट के नाम और विवरण को पुष्टि करें।

आप बिज़नेस करेस्पांडेंट के माध्यम से अपना खाता खोल सकते हैं, पैसा जमा कर सकते हैं और निकाल सकते हैं, ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं, माइक्रो इंश्योरेंस का लाभ उठा सकते हैं तथा अपने खाते से और खाते में पैसा का अंतरण कर सकते हैं।

यह जानें कि बैंक में या बैंकिंग लोकपाल के पास अपनी शिकायत कैसे दर्ज करें

बैंक शाखा में उपलब्ध रजिस्टर में अपनी शिकायत दर्ज करें। यदि आसपास रजिस्टर उपलब्ध न हो तो इसकी मांग करें या ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें।

एक समय-सीमा के भीतर आपकी शिकायत का निवारण किया जाना है और Ο यदि ऐसा नहीं होता है तो ऐसा न करने के लिए बैंक द्वारा आपको कारण बताना होगा।

यदि बैंक आपको शिकायत का निवारण एक महीने के भीतर नहीं करता है तो भारतीय रिज़र्व बैंक में बैंकिंग लोकपाल से संपर्क करें। भारतीय रिज़र्व बैंक का बैंकिंग लोकपाल आपकी शिकायत का निवारण तेजी से और नि:शुल्क करता है।

बैंकिंग लोकपाल भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा नियुक्त अधिकारी होते हैं Complaint जो भारत में 15 स्थानों पर पदस्थापित हैं। बैंकिंग लोकपाल बैंकिंग सेवाओं में विभिन्न प्रकार की कमियों को कवर करता है।

केवल एक सादा कागज में लिखें, ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें या एक ई-मेल भेज दें। आप अपनी शिकायत https://bankingombudsman.rbi.org.in दर्ज कर सकते हैं।

मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलता है। धोखा न खाएं

भारतीय रिज़र्व बैंक/ आरबीआई के गवर्नर/ या किसी अन्य बैंक, जिसमें आपका भी बैंक शामिल है, के नाम से प्राप्त ई-मेल, एसएमएस या फोन कॉल में पैसा देने के वादों से धोखा न खाएं।

आरबीआई या अन्य किसी बैंक या सरकारी संस्था के नाम पर फर्जी ई-मेल, लॉटरी जीतने के ऑफर, भारत में या विदेश में सस्ती दर पर निधि के ऑफरों का शिकार न बनें।

किसी भी प्रकार की ज्ञात या अज्ञात संस्थाओं से बड़ी राशि प्राम करने के लिए किसी को भी आरंभिक जमाराशि, कमीशन न भेजें या अंतरण फीस अंतरित न करें। आप धोखा खा सकते हैं।

भारतीय रिज़र्व बैंक बचत खाता/ चालू खाता/ सावधि जमा नहीं खोलता है या क्रेडिट/ डेबिट कार्ड ऑफर नहीं करता है और न ही किसी व्यक्ति के साथ किसी प्रकार का लेन-देन करता है।

भारतीय रिज़र्व बैंक/ बैंक कभी भी ई-मेल/ एसएमएस या फोन कॉल के माध्यम से आपके बैंक खाता/ क्रेडिट-डेबिट कार्ड का ब्यौरा नहीं मांगता है। ऐसे विवरण कभी भी किसी को न दें।

किसी को भी अपने बैंक खाता का विवरण, इंतरनेट बैंकिंग का यूज़र आईडी, पासवर्ड, क्रेडिट/डेबिट कार्ड की संख्या, सीवीवी, एटीएम पिन या ओटीपी किसी को न बताएं।

बिना किसी परेशानी के एटीएम के उपयोग के लिए निम्नांकित बातों का ध्यान रखें

आप अपने एटीएम पर पैसे निकाल सकते हैं, निधि का अंतरण कर सकते हैं, अकाउंट बैलेंस चेक कर सकते हैं, मोबाइल बैंकिंग के लिए रजिस्टर कर सकते हैं, बिल का भुगतान कर सकते हैं, बैंक खाता से अपने आधार नंबर को जोड़ सकते हैं।

केिसी के साथ अपने एटीएम कार्ड का ब्यौरा तथा पिन शेयर न करें। कभी भी एटीएम में कार्ड न छोड़ें।

यह सुनिश्चित करें कि जब आप अपना पिन डाल रहे हों या कार्ड स्वाइप कर रहे हों तो एटीएम से कोई भी कैमरा या अन्य उपकरण न जुड़ा हो। जहाँ तक संभव हो, एक हाथ से की-पैड को कवर करें और पिन डालने के लिए दूसरे हाथ का प्रयोग करें। एटीएम में पिन डालते समय किसी और को इसे न देखने दें।

मशीन से निकले नोटों को गिनती और जांच करना न भूलें।

एटीएम ट्रांजैक्शन संबंधी अलर्ट पाने के लिए कार्ड जारी करने वाले बैंक में अपना फोन नंबर रजिस्टर करें।

यदि आपका कार्ड गुम या चोरी हो जाता है या आपको लगता है कि इस कार्ड से संबंधित जानकारी अन्य लोगों की मालूम हो गई है तो कार्ड को ब्लॉक कराने के लिए तुरंत बैंक से संपर्क करें।

यदि एटीएम से संबंधित आपकी कोई शिकायत हो तो कार्ड जारी करने वाले बैंक को लिखें। बैंक को शिकायत प्राम करने के 7 कार्यदिवसों के अंदर आपको शिकायत का निपटान करना है अन्यथा उसे आपको प्रतिदिन र100/- की दर से क्षतिपूर्ति का भुगतान करना होगा (यदि ट्रांजैक्शन के 30 दिनों के भीतर शिकायत दर्ज की गई हो)

अपने एटीएम कार्ड का पिन नियमित रूप से बदलें।

कार्ड का प्रयोग करने से पहले एटीएम रूम या एटीएम मशीन में संदिग्ध गतिविधि या सामग्री को देखें।

केवल पंजीकृत संस्थाओं में ही अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करें

आरबीआई, सेबी, आईआरडीए, पीएफआरडीए या राज्य सरकार के साथ पंजीकृत संस्थाओं में ही निवेश या जमा कर आप अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकते हैं। ऐसी पंजीकृत संस्थाओं की सूची के लिए वेबसाइट www.sachet.rbi.org.in देखें।

कम समय में उद्ध या आश्वस्त रिटर्न का वादा करने वाली योजनाओं की लालच में न आएं। ऐसी योजनाएं धोखाधड़ी हो सकती है और इनके प्रोमोटर्स आपकी मेहनत की कमाई लेने के बाद भाग सकते हैं।

वाणिज्यिक बैंकों से बहुत कम ब्याज दर पर ऋण देने का वादा करने वाली कंपनियाँ प्रोसेसिंग फीस लेने के बाद भाग सकती हैं।

यदि आपके पास किसी ऐसी संस्था की जानकारी या शिकायत है जिसने जमा लौटाने या किसी स्कीम के अंतर्गत पैसा जुटाने में धोखाधड़ी की है तो आप वेबसाइट www.sachet.rbi.org. पर जाए ।

गलत ढंग से बेचना- जब आप पैसे जमा करने बैंक में जाते जिसकी समझ आपको नहीं है

क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप सावधि जमा (Fixed Deposit) कराने के लिए बैंक गए हों और इसके बदले उन्होंने आपको बीमा पॉलिसी का ऑफर दिया हो।

बीमा पॉलिसी तभी लें जब आपको इसकी जरूरत है। यह याद रखें कि यदि आपको इसकी जरूरत नहीं है तो बैंक आपको इसे लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।

किसी फार्म पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे पढ़ने के लिए थोड़ा समय लें।

यदि बैंक आपको कोई ऐसा प्रोडक्ट बेचना चाहता है जिसके लिए आपने नहीं कहा है तो आप इसे तब तक न खरीदें जब तक आप संतुष्ट न हों कि यह आपके लिए उपयुक्त है।

यदि आपको लगता है कि बैंक द्वारा गलत तरीके से आपको कोई प्रोडक्ट बेच दिया गया है तो शिकायत दर्ज करने में कोई झिझक न करें।

स्रोत: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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