অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

भारत की आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था

भारतीय प्रतिरक्षा से संबंधित कुछ प्रमुख संस्थाओं का विविरण इस प्रकार हैं –

नेशनल कैडेट कोर (एन.सी.सी.)

इसकी स्थापना 1948 ई. मी की गई थी | इसका मुख्य उद्देश्य था भारत की रक्षा के प्रति युवकों तथा युवतियों को जागरूक करना तथा उन्हें अंतिम रक्षा पंक्ति के लिए तैयार रखना | इसका आदर्श वाक्य ‘एकता और अनुशासन’ है |

प्रादेशिक सेना

इसका गठन रक्षा की द्वितीय पंक्ति के रूप किया गया है | इसमें 18 वर्ष से 35 वर्ष की आयु के नौजवान नागरिक भर्ती किए जाते हैं | इन्हें पार्ट टाइम मै सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है और आपात स्थिति में इस सेना को बुलाया जाता है |

गृह रक्षावाहिनी

इसकी स्थापना 1962 ई. में की गई | इसका मुख्य कार्य आंतरिक सुरक्षा में पुलिस की सहायता करना, हवाई हमले के दौरान सहायता करना, आग तथा बीमारी के दौरान हर प्रकार की सहायता करना है |

सीमा - सुरक्षा बल

इसकी स्थापना 1965 ई. में की गई | इसका प्रमुख कार्य शत्रु सेना की घुसपैठ तथा सीमा- उल्लंघन से अपने देश की सुरक्षा सीमा को सुरक्षित बनाना है | (मुख्यालय – दिल्ली)

असम रायफल्स

पूर्वोतर में भारत – म्यामांर सीमा और भारत – चीन सीमा की सुरक्षा असम रायफल्स द्वारा की जाती है | देश की इस प्राचीनतम अर्द्धसैनिक बल की स्थापना 1835 ई. में कछार लेवी के नाम से किया गया था | यह केंद्रीय सशस्त्र बल है जिसकी 46 बटालियने हैं | इसका मुख्यालय शिलांग में है | इस बल को प्यार से ‘पूर्वोतर का प्रहरी’ और ‘पर्वतीय लोगों का मित्र’ कहा जाता है |

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (एन.एस.जी.)

देश में आंतकवाद की चुनौती का सामना करने के लिए 1984 में राष्ट्रीय गार्ड्स की स्थापना की गई | एनएसजी यूके के एसएस और जर्मनी के जीएस्त्रजी – 9 कमांडो बलों के पैटर्न पर आधारित है | इसके दो समूह हैं – स्पेशल एक्शन ग्रुप (एस.ए.जी.) जिसमें सैन्य कर्मचारी होते हैं और स्पेशल ग्रुप (एस. आर. जी) जिसमें राज्य पुलिस बलों के कर्मचारी होते हैं | एनएसजी कमांडो को आमतौर पर ब्लैक बेल्ट कमांडो के नाम से जाना जाता है| इनकी ट्रेनिंग मानेसर, हरियाणा में होती है|

केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.ई.एस.एफ)

इसकी स्थापना 1969 ई. में की गयी थी| इस बल पर केंद्रीय सरकार के औद्योगिक परिसरों में काम करने वाले कारीगरों और वहां की संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करने की जिमीदारी है| इस बल के अधिकारियों को हकीमपेट (हैदराबाद) में स्थित राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी में प्रशिक्षण दिया जाता है|

केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.)

इसकी स्थापना 1939 ई. में की गई | इसका मुख्यालय दिल्ली में है | इसे पहले क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस कहा जाता है | 28 दिसंबर, 1949 के बाद इसे सीआरपीएफ कहा जाने लगा | राजस्थान के माउन्ट आबू एकेडमी स्थित है | यहाँ इस कल का अधिकारीयों को ट्रेनिंग दी जाती है | इसके अलावा नीमच (म.प्र.), कोयम्बटूर (तमिलनाडू) और नांदेड (महाराष्ट्र) में सीआरपीएफ  के तीन प्रशिक्षण कॉलेज हैं जहाँ अधीनस्थ अधिकारीयों के लिए पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं |

नोट: त्वरित कार्य बल (रैपिड एक्शन फ़ोर्स) सीआरपीएफ का ही भाग है जिसकी स्थापना दंगों जैसी स्थितियों में निपटने के लिए 1992 में की गई थी |

सशस्त्र सीमा बल (एस.एस.बी.)

15 दिसंबर, 2003 से पहले तक इसका नाम स्पेशल सर्विस ब्यूरो था | इसका गठन 1963 में किया गया था | इसके गठन का मुख्य उद्देश्य 1962 के भारत- चीन युद्ध के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में विश्वास पैदा करना और देशभक्ति की भावना का विकास करना था | एसएसबी इससे पहले भारत- चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा राजस्थान, गुजरात, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर मेघालय और सिक्किम की सीमाओं में अपनी सेवा दे चुका है |

भारत – तिब्बत सीमा पुलिस (आई.टी.बी.पी)

भारत – तिब्बत सीमा पुलिस का गठन चीन आक्रमण के बाद आक्टूबर 1962 को किया गया था | इसका गठन खुफिया/सिग्नल/पायनियर/इंजीनियरिंग/ चिकित्सा और छापामार की एकीकृत इकाई के रूप में किया गया था और नियंत्रण प्रारंभ में खुफिया ब्यूरो हाथों में क्या गया था | वर्ष 1975 में इसके कार्यक्षेत्र की पुन: व्याख्या की गई जिसके तहत इन पर सीमा पार से घुसपैठ और अपराध को रोकने को उत्तरदायित्व सौंपा गया | भारत – तिब्बत सीमा पुलिस का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसका अध्यक्ष महानिदेशक होता है |

आईटीबीपी का आदर्श वाक्य ‘शौर्य – दृढ़ता – कर्मनिष्ठ’ है | यह बल वर्तमान में मध्य और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की नोडल एजेंसी का दायित्व संभालने के साथ- कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों को सुरक्षा क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की नोडल एजेंसी का दायित्व संभालने के साथ- साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों को सुरक्षा – संचार और स्वास्थ्य सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाता है | चार विशेष बटालियनों सहित भारत – तिब्बत सीमा पुलिस में कुल 29 बटालियन हैं |

संगठन                             स्थापना          मुख्यालय

असम रायफल्स (ए.आर.)              1835 ई.         शिलांग

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)   1939 ई.         नई दिल्ली

होम गार्ड्स (एच. जी.)                1946 ई.         विभिन्न राज्यों में

राष्ट्रीय कैडेट कोर (एन.सी.सी.)         1948 ई.         नई दिल्ली

प्रादेशिक सेना (टी.ए.)                 1949 ई.         विभिन्न राज्यों में

भारत तिब्बत सेना पुलिस (आईटी.बी.पी.) 1962 ई.         नई दिल्ली

सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.)         1965 ई.         नई दिल्ली

केद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.)1969 ई.    नई दिल्ली

तटरक्षा बल                         1978 ई.         नई दिल्ली

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन.एस.जी.)        1984 ई.         नई दिल्ली

त्वरित कार्य बल (आर.ए. एफ.)         1992 ई.         नई दिल्ली

राज्य पुलिस                         ---------          विभिन्न राज्यों में

 

स्त्रोत: इंटरनेट, दैनिक समाचारपत्र

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate