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ऑनलाइन खरीदारी में क्यों रहें सावधान?

ऑनलाइन खरीदारी में क्यों रहें सावधान?

परिचय

कंज्यूमर वायस की ओर से नवम्बर 2013 में किए गए सर्वेक्षण के परिणाम तो यही कहते हैं। इस सर्वेक्षण में ऑनलाइन खरीदारी करने वाले 1327 उपभोक्ताओं को शामिल किया गया जिनमें अधिकांश दिल्ली एनसीआर (778) के खरीदार थे। इसमें लखनऊ (209) और चंडीगढ़ (204) के खरीदार भी शामिल थे। पिछले महीने की कहानी जारी रखते हुए, इस सर्वेक्षण के आधार पर हमने खरीदारी के लिए शीर्ष स्तर की ई-कॉमर्स साइटों के रूप में फ्लिपकार्ट, जबोंग, माइंत्रा, स्नैपडील और अमेजन की पहचान की। इन बेवसाइटों को कुल मिलाकर ग्राहकों की संतुष्टि के आधार पर चूना गया। इस कहानी में हम उत्पादों की उस श्रेणी में से पहचान करते है जिसकी अधिकतम खरीद की गई और इस बात का भी गहन विश्लेष्ण करते है कि ऑनलाइन खरीदारी करते समय उपभोक्ताओं को किन समस्याओं का सामना करना पड़ा।

वायस द्वारा किए गए सर्वेक्षण के दौरान लगभग 65 प्रतिशत पुरुष उपभोक्ता थे जिन्होंने ऑनलाइन खरीदारी को ही विशेषता दी। इनमें शामिल करीब 48 प्रतिशत खरीदार 25-30 वर्ष के थे तथा 40 प्रतिशत की आयु 25 साल से कम थी। देश की बहुसंख्यक युवा आबादी 80 प्रतिशत ऑनलाइन खरीदारी की तरफ अधिक आकर्षित होती जा रही है। सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश 42 प्रतिशत निजी क्षेत्र में नौकरी कर रहे है और 56 प्रतिशत एसईसी ए 1 श्रेणी से संबधित है।

उपभोक्ता कौन से उत्पादन ऑनलाइन खरीदते है?

इलेक्ट्रोनिक सामान ऐसी वस्तु है जिसकी ऑनलाइन सबसे अधिक खरीद की जाती है। सर्वेक्षण में शामिल 64 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने पिछले एक साल में ऐसे सामान की ऑनलाइन खरीद की। इसके बाद कपड़ों (55.2 प्रतिशत) एक्सेसरीज (46.3 प्रतिशत) की खरीद की गई। करीब 22 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने किताबें तो 15 प्रतिशत ने व्यक्तिगत देखभाल की चीजें खरीदी। सर्वेक्षण में शामिल थोड़े से उपभोक्ताओं ने खाने की चीजे और रसोई का सामान (9 प्रतिशत) तथा स्टेशनरी और खिलौने (3.5 प्रतिशत) खरीदे।

जबोंग, जोवी, मिन्त्रा और येभी को छोड़कर सभी साइटो पर सबसे अधिक कपड़े खरीदे गए (मुख्य रूप से उनके पोर्टफोलिओ के उत्पाद होने के कारण) और रेडिफ शॉपिंग पर व्यक्तिगत देखभाल की चीजें अधिक खरीदी गई यह रुझान सभी साइटो पर देखा गया।

ऑनलाइन खरीदारी के समय समस्याएँ

उपभोक्ता के होने वाले नुकसान से ऑनलाइन खरीदारी करते समय उसका सतुष्टि स्तर कम हो सकता है। सामान के वितरण संबंधी समस्याओं, सेवा की खराब गुणवत्ता, त्रुटिपूर्ण उत्पादों इत्यादि के कारण हुई असंतुष्टि से उपभोक्ता की खरीदारी का अनुभव बिगड़ सकता है। अपने अध्ययन के उद्देश्य से हमने अपना ध्यान वितरण में देरी, वितरण न होने, त्रुटिपूर्ण उत्पादों, लौटाने/बदलने/वापसी जैसे मुद्दों और उपभोक्ता सेवा से खराब जबाब जैस समस्याओं पर केंद्रित किया। सर्वेक्षण में शामिल उपभोक्ताओं से पूछा गया कि क्या उन्होंने इनमें से किसी समस्या का सामना किया –

वितरण न होना/वितरण में देरी

सर्वेक्षण में शामिल 1327 उपभोक्ताओं में से 160 (12 प्रतिशत) को एक साइट पर तथा 22 को दो साइटो से वितरण संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा कुल मिलाकर 13 फीसदी के स्कोर के साथ, खरीदारी इंडिया टाइम्स वितरण में डिलिवरी न पहुंचना या देरी से संबंधित कुछ समस्याओं की रिपोर्ट को उत्तरदाताओं के सर्वोच्च प्रतिशत के साथ साइट के रूप में सूचीबद्ध किया गया। इसमें रेडिफ खरीदारी (9.7 फीसदी) एंड ट्रेड्स खरीदारी का स्थान (8.8 प्रतिशत) रहा। जोवी (1.3 प्रतिशत), अमेजन (1.3 प्रतिशत), जबोंग (2.1 प्रतिशत), फ्लिपकार्ट (4 प्रतिशत) एंड ईबे (4.1 प्रतिशत) जैसी साइटो पर वितरण संबंधी समस्याएं सबसे कम रही।

सर्वेक्षण में शामिल उपभोक्ताओं से यह भी पूछा गया कि क्या जिस साइट पर उन्हें समस्या का सामना करना पड़ा उसने समस्या का कारण भी बताया। पता चला कि 10 में से 3 व्यक्तियों को संबंधित साइट ने कोई कारण नहीं बताया। इसका संकेत मुख्य रूप से उन उपभोक्ताओं ने किया जिन्होंने शॉपिंग इंडिया टाइम्स (6.5 प्रतिशत) से खरीदारी की और उन्होंने वितरण संबंधी समस्या का सामना किया।

23 प्रतिशत उपभोक्ताओं को सामान के वितरण न होने का मुख्य कारण ‘स्टॉक में माल नही’ बताया गया तथा ऐसा कारण बताने वाली साइट रेडिफ शॉपिंग (2.8 प्रतिशत) और इन्फिबीम (2 प्रतिशत) प्रमुख रही। दूसरा स्थान ईकॉमर्स साइटो का स्थान रहा जहाँ 21 प्रतिशत व्यक्तियों ने दिए गए पते पर वितरण पहुँचाने में समस्याओं का उल्लेख किया। शॉपिंग इंडिया टाइम्स ऐसी साइट रही जहाँ सबसे अधिक 43 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने इस कारण का उल्लेख किया।

वितरण न होना

साइट

स्कोर

साइट

स्कोर

अमेजन

1.3 प्रतिशत

नापतोल

4.8 प्रतिशत

जोवी

1.3 प्रतिशत

येभी

5.4 प्रतिशत

जबोग

2.1 प्रतिशत

माइत्रा

6.3 प्रतिशत

इन्फिबीम

3.9 प्रतिशत

स्नैपडील

6.4 प्रतिशत

फ्लिपकार्ट

3.9 प्रतिशत

ट्रेड्स

8.8 प्रतिशत

ईबे

4.1 प्रतिशत

रेडिफ शॉपिंग

9.7 प्रतिशत

होम शॉप 18

4.7 प्रतिशत

शॉपिंग इंडिया टाइम्स

13.0 प्रतिशत

खराब उत्पादों की प्राप्ति

खराब उत्पाद का मतलब उस सामान से है जो टूटा-फूटा हो, काम न करता हो, कोई उत्पाद/एक्सेसरी गायब हो, ऑर्डर किए गए उत्पाद से भिन्न हो। कुल मिलाकर 121 (9.1 प्रतिशत) व्यक्तियों ने बताया कि उन्हें साइट से खराब चीज मिली। शॉपिंग इंडिया टाइम्स (13 प्रतिशत) पर इस तरह की समस्या सबसे अधिक रही। उसके बाद रेडिफ शॉपिंग (9.7 प्रतिशत) और इन्फिबीम (7.8 प्रतिशत), अमेजन (1.3 प्रतिशत), होमशॉप 18 (2.6 प्रतिशत), माइत्रा (2.4 प्रतिशत), जबोंग का स्थान (2.9 प्रतिशत) रहा।

प्रमुख खराबी के रूप में वितरण (26.5 प्रतिशत) पर क्षतिग्रस्त, टूटे-फूटे या काम न करने की स्थिति में पाए गए उत्पाद थे। उसके बाद खराबी थी ऑर्डर से अलग तरह के उत्पाद की वितरण (25.2 प्रतिशत) तथा अलग आकार, रंग या विशेषता वाले उत्पादों की वितरण (24.5 प्रतिशत) । प्रतिशत के मामले में, खराबी (2.100 प्रतिशत) सबसे प्रमुख दोष पाया गया और सर्वेक्षण में शामिल उपभोक्ताओं ने क्षतिग्रस्त/टूटे-फूटे, काम न कर रहे उत्पाद प्राप्त किए। हालांकि चोटी की 14 साइटो की हमारी सूची में शॉपिंग इंडिया टाइम्स के मामले में क्षतिग्रस्त उत्पादों का प्रतिशत सबसे अधिक रहा। अन्य किस्म की खराबियों के मामले में भी ऐसा ही रुझान देखा गया जैसे ऑर्डर किए आगे उत्पाद से अलग उत्पाद की वितरण या ऑर्डर की तुलना में अलग विशेषताओं वाले उत्पाद की प्राप्ति। नापतोल जैस साइटो (0.7 प्रतिशत) से कुछ उपभोक्ताओं ने एक्सेसरी गायब होने और खराब गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलने की शिकायत की।

खराब सामान का वितरण न होना

साइट

स्कोर

साइट

स्कोर

अमेजन

1.3 प्रतिशत

स्नैपडील

4.4 प्रतिशत

माइत्रा

2.4 प्रतिशत

ईबे

5.4 प्रतिशत

होम शॉप 18

2.6 प्रतिशत

नापतोल

5.5 प्रतिशत

जबोग

2.9 प्रतिशत

येभी

6.0 प्रतिशत

जोवी

3.9 प्रतिशत

इन्फिबीम

7.8 प्रतिशत

फ्लिपकार्ट

4.0 प्रतिशत

रेडिफ शॉपिंग

9.7 प्रतिशत

ट्रेड्स

4.4 प्रतिशत

शॉपिंग इंडिया टाइम्स

13.0 प्रतिशत

साइट से खरीदे गए उत्पाद की राशि की वापसी

समस्याओं का सामना कर चुके उपभोक्ताओं से पूछा गया कि क्या उन्होंने साइट से खरीदे गए उत्पाद की राशि लौटाने को कहा और साइट ने उसका क्या जवाब दिया। सर्वेक्षण में शामिल 1327 में से कुल 124 (9.3 प्रतिशत) उपभोक्ताओं ने एक या दो साइटो से राशि लौटाने को कहा। इन्फिबीम (7.8 प्रतिशत) से राशि वापस मांगने वालों का प्रतिशत सबसे अधिक रहा। उसके बाद ट्रेड्स (4.4. प्रतिशत) और शॉपिंग इंडिया टाइम्स का स्थान (4.3 प्रतिशत) रहा। राशि वापस मांगने वाले अधिकांश उपभोक्ताओं ने सिर्फ आंशिक राशि (52 प्रतिशत) ही प्राप्त की। सर्वेक्षण में शामिल 5 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कहा कि उन्होंने राशि की वापसी के रूप में वाउचर या क्रेडिट पाइट प्राप्त किए तथा सिर्फ दस प्रतिशत ने ही मांगी गई पूरी राशि वापस प्राप्त की। इससे  पता चलता है कि ऑनलाइन खरीदार ऑर्डर देने से पहले ई-कॉमर्स साइट की राशि वापस करने की नीति की पुष्टि करने में सावधानी से काम लेते है। कुछ साइट पूरी राशि वापस नहीं देती तथा विशेष हालात में वे सिर्फ भविष्य में खरीदारी के लिए वाउचर देती है।

उत्पादों की वापसी/बदलना

सर्वेक्षण में शामिल उपभोक्ताओं से पूछा गया कि क्या उन्होंने साइट से खरीदे गए उत्पादों की वापसी/बदलने की मांग की और उसके लिए पोर्टल से क्या जवाब मिला।

कुल मिलाकर 157 उपभोक्ताओं (11.8 प्रतिशत) ने बताया कि उन्होंने एक या दो साइटो से खरीदे गए उत्पाद की वापसी/बदलने की मांग की। उत्पाद की वापसी/बदलने की मांग इन्फिबीम से खरीदे गए उत्पादों के मामले में सबसे अधिक (9.8 प्रतिशत) रही। उसके बाद शॉपिंग इंडिया टाइम्स (6.5 प्रतिशत) और मित्रा का स्थान (5.5 प्रतिशत) रहा।

साइट से खरीदे गए उत्पाद की राशि की वापसी

साइट

स्कोर

साइट

स्कोर

नापतोल

0.7 प्रतिशत

जबोग

3.5 प्रतिशत

होम शॉप 18

1.9 प्रतिशत

माइत्रा

3.5 प्रतिशत

स्नैपडील

2.5 प्रतिशत

फ्लिपकार्ट

3.6 प्रतिशत

अमेजन

2.6 प्रतिशत

ईबे

3.8 प्रतिशत

जोवी

2.6 प्रतिशत

शॉपिंग इंडिया टाइम्स

4.3 प्रतिशत

रेडिफ शॉपिंग

2.8 प्रतिशत

ट्रेड्स

4.4 प्रतिशत

येभी

3.4 प्रतिशत

इन्फिबीम

7.8 प्रतिशत

उत्पादों की वापसी/बदलना

साइट

स्कोर

साइट

स्कोर

ट्रेड्स

1.5 प्रतिशत

स्नैपडील

4.2 प्रतिशत

होम शॉप 18

1.9 प्रतिशत

फ्लिपकार्ट

4.2 प्रतिशत

अमेजन

2.6 प्रतिशत

जबोग

4.7 प्रतिशत

जोवी

2.6 प्रतिशत

नापतोल

4.8 प्रतिशत

येभी

2.7 प्रतिशत

माइत्रा

5.5 प्रतिशत

ईबे

3.8 प्रतिशत

शॉपिंग इंडिया टाइम्स

6.5 प्रतिशत

रेडिफ शॉपिंग

4.2 प्रतिशत

इन्फिबीम

9.8 प्रतिशत

सर्वेक्षण में यह पाया गया कि लगभग 10 में से 7 मामलों में (68.4 प्रतिशत) उत्पाद साइट द्वारा निर्धारित समय सीमा में वापस लिया गया या बदला गया। जबोंग से खरीदारी करने वाले सभी 16 उपभोक्ताओं ने दिखाया कि इस साइट के पास प्रभावी सेवा वसूली प्रक्रिया है। इससे यह भी पता चलता है कि साइट पर ऑर्डर देने से पहले सावधानी बरती जाती है। उपभोक्ताओं को यह पुष्टि करनी चाहिए कि ई-कॉमर्स साइट ऐसी समस्या को दूर करने के लिए समय पर उत्पाद बदल सकती है। करीब 16 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने यह भी बताया कि निर्धारित समय में उत्पाद वापस लिया/बदला गया और यह मुख्य रूप से उन उपभोक्ताओं ने बताया जिन्होंने शॉपिंग इंडिया टाइम्स (2.2 प्रतिशत) और इन्फिबीम (2 प्रतिशत) से खरीदारी की। प्रत्येक स्थान और उत्पादों की किस्म के लिए इन बातों में अंतर हो सकता है क्योंकि विभिन्न उत्पाद अलग-अलग भंडारगृहों से भेजे जा सकते है। यही नही, जो उत्पाद भण्डार में उपलब्ध न हों उन्हें बदलने में लंबा समय लग सकता है।

जहाँ साइट ने उत्पाद वापस करने/बदलने से मना कर दिया ऐसे मामलों की संख्या सीमित पाई गई और दस में से सिर्फ एक व्यक्ति ने ही ऐसी समस्या की जानकारी दी। यह मुख्य रूप से उन उपभोक्ताओं ने बताई जिन्होंने इन्फिबीम (2 प्रतिशत) से खरीदारी की। होमशॉप18 (1.9 प्रतिशत), अमेजन (2.6 प्रतिशत), जोवी (2.6 प्रतिशत) ऐसी साइटो के रूप में सूचीबद्ध की गई जहाँ उत्पादों की वापसी/बदलने के लिए उपभोक्ताओं के दावे का प्रतिशत सबसे कम रहा।

खराब ग्राहक देखभाल सेवा

सर्वेक्षण में शामिल उपभोक्ताओं से पूछा गया कि क्या उन्होंने समय पर उत्पाद की सेवा/समाप्त करने में विफलता, खरीद का बिल उपलब्ध कराने में विफलता इत्यादि तथा उसके लिए ग्राहक देखभाल सुलभ होने और उसका जवाब देने के मामले में ई-कॉमर्स साइट की ग्राहक सेवा में कोई कमी महसूस की।

लगभग 111 उपभोक्ताओं ने बताया कि उपलब्ध कराई गई सेवा में खामी थी, उनमें से अधिकांश ऐसे लोग थे जिन्होंने इन्फिबीम (11.8 प्रतिशत) से खरीद की थी। उसके बाद रेडिफ शॉपिंग (8.3 प्रतिशत) और येभी का स्थान (5.4 प्रतिशत) था।

खराब सामान का वितरण न होना

साइट

स्कोर

साइट

स्कोर

अमेजन

1.3 प्रतिशत

फ्लिपकार्ट

2.9 प्रतिशत

जोवी

1.3 प्रतिशत

नापतोल

8.4 प्रतिशत

होम शॉप 18

1.7 प्रतिशत

शॉपिंग इंडिया टाइम्स

4.3 प्रतिशत

स्नैपडील

1.7 प्रतिशत

ट्रेड्स

4.4 प्रतिशत

जबोग

2.4 प्रतिशत

येभी

5.4 प्रतिशत

माइत्रा

2.4 प्रतिशत

रेडिफ शॉपिंग

8.3 प्रतिशत

ईबे

2.5 प्रतिशत

इन्फिबीम

11.8 प्रतिशत

10 में से करीब 7 मामलों (68 प्रतिशत) में ग्राहक देखभाल सेवा उपलब्ध न कराने में कमी थी तथा प्रतिशत के लिहाज से यह उन मामलों में सबसे अधिक देखी गई जिन्होंने इन्फिबीम शॉपिंग (7.8 प्रतिशत) से खरीदारी की थी। करीब 18.5 प्रतिशत ने क्षतिग्रस्त या खामी वाले उत्पाद की सेवा/मरम्मत के लिए साइट की विफलता का पता चला। यह मुख्य रूप से इन्फिबीस (2 प्रतिशत) के मामले में सामने आया। होमशॉप 18 (0.4 प्रतिशत), अमेजन (1.3 प्रतिशत), जोवी (1.3 प्रतिशत) को ऐसी साइटो के रूप में सूचीबद्ध किया गया जहाँ सबसे कम प्रतिशत उपभोक्ताओं ने ग्राहक सेवा में कमी की समस्या का सामना किया।

ग्राहक देखभाल जिम्मेदारी

साइट

स्कोर

साइट

स्कोर

होमशॉप 18

0.4 प्रतिशत

ईबे

2.2 प्रतिशत

अमेजन

1.3 प्रतिशत

माइत्रा

2.4 प्रतिशत

जोवी

1.9 प्रतिशत

येभी

2.7 प्रतिशत

नापतोल

1.4 प्रतिशत

रेडिफ शॉपिंग

2.8 प्रतिशत

जबोंग

1.5 प्रतिशत

शॉपिंग इंडिया टाइम्स

4.3 प्रतिशत

स्नैपडील

1.5 प्रतिशत

ट्रेड्स

4.4 प्रतिशत

फ्लिपकार्ट

2.0 प्रतिशत

इन्फिबीम

7.8 प्रतिशत

सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश उपभोक्ताओं ने महसूस किया कि उन्हें नियमित रूप से याद कराना पड़ा और लंबे समय बाद समस्या हल की गई (35 प्रतिशत) । सिर्फ 25 प्रतिशत ने बताया कि उनकी समस्या थोड़े समय में ही हल हो गई। संख्या के मामले में, सबसे अधिक मामले ऐसे उपभोक्ताओं के थे जिन्होंने फ्लिपकार्ट से खरीदारी की। इससे संकेत मिलता है की फ्लिपकार्ट ग्राहकों की शिकायतें तेजी से दूर करने में सफल रहा। अन्य प्रमुख समस्या ग्राहक देखभाल सेवा के संबंध में 34 उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में अंतर था। माइत्रा के 6 में से 4 ग्राहकों ने इस समस्या का जिक्र किया। हालांकि यह ध्यान देने की बात है कि माइत्रा को कुल मिलाकर संतुष्टि के मामले में बेहतरीन साइट में शामिल किया गया है। इससे सेवा में नाकामी से प्रभावशाली ढंग से निपटने की साइट की क्षमता का पता चलता है। इसलिए जब हम ग्राहक सेवा में खामी का सामना करने वालों के कुल प्रतिशत पर विचार करते हैं तो वह सिर्फ 2 प्रतिशत बैठता है।

ग्राहकों के लिए सलाह

आगे बढ़िए और खरीदारी कीजिए, फायदों की तुलना में जोखिम कम हैं। यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि विशेष साइट का इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या में से ऑनलाइन खरीदारी करते समय समस्याओं का सामना करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या एक से दस प्रतिशत है। इससे संकेत मिलता है कि जोखिम कम हैं और उपभोक्ताओं को महज इस कारण से ई-कॉमर्स शॉपिंग से नहीं बचना चाहिए कि कुछ उपभोक्ताओं को इस दौरान समस्याएं महसूस हुई। यदि लागत में बचत या सुविधा जैसे फायदे हो तो आपको आगे बढ़ने और खरीदारी करने की सलाह दी जाती है। वापसी/बदलने जैसी समस्याएं सिर्फ यह दिखाती हैं कि उपभोक्ता असंतुष्ट पाए जाने पर ही उत्पादों की वापसी/बदलने की मांग कर रहे हैं। ख़ुशी की बात यह है कि उपभोक्ता समझदार होते जा रहे है क्योंकि उन्हें यदि कोई नुकसान होता है तो वे उसकी शिकायत करना चाहते हैं। इसलिए यदि आपकों समस्या हो तो शिकायत करने के लिए तैयार रहें। उपभोक्ता देखभाल संपर्क नंबर या ईमेल आईडी हमेशा याद या अपने पास रखना चाहिए ताकि किसी तरह की समस्या होते ही शिकायत की जा सके।

ऑनलाइन खरीदारी के अपने फायदे

सर्वेक्षण में पता चला कि फ्लिपकार्ट, जबोंग, माइत्रा, होमशॉप 18 जैसी प्रसिद्ध साइटो पर भी उपभोक्ताओं के वितरण खराबी संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सर्वेक्षण में शामिल उपभोक्ताओं में से 3 प्रतिशत में से 5 प्रतिशत को इन साइटो पर समस्याओं का सामना करना पड़ा। हालांकि सुविधा, कम कीमत और उत्पादों की व्यापक रेंज जैसे फायदों के कारण ऐसी समस्याएं उपभोक्ताओं को ऑनलाइन खरीदारी करने से नहीं रोक सकी।

हम महसूस करते है कि ऑनलाइन खरीदारी हमारे पारंपरिक मसाला खुदरा विक्रेताओं के साथ कीमतों के मामले में कड़ी प्रतिस्पर्धा कर रही है। ऑनलाइन विक्रेता कम कीमत पर माल बेचने में समर्थ है और उपभोक्ता ऑनलाइन खरीदारी करने से पहले अपने स्थानीय स्टोर में कीमतों की तुलना कर सकते है। ऐसे उपभोक्ता भी है जो कीमतों/फायदों की ऑनलाइन जाँच और तुलना करते है तथा ऑनलाइन स्टोर में उपलब्ध कीमत समान होने पर भी अपने नजदीकी मसाला शॉपिंग सेंटर से ही खरीदारी करते हैं।

 

स्रोत: उपभोक्ता कार्यों के मंत्रालय, भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 11/18/2019



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