मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए शिक्षकों के चयन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सीधे तौर पर अपनी प्रवष्टियां भेज सकते हैं। यह एक नई पहल है। इससे पहले प्रवष्टियों का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता था। शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने का उद्देश्य देश में कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का उत्सव मनाना और वैसे शिक्षकों को सम्मानित करना है जिनके संकल्प से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है बल्कि उनके विद्यार्थियों का जीवन भी समृद्ध हुआ है।
निम्नलिखित श्रेणियों के अंतर्गत प्राथमिक/मिडिल/उच्च/उच्च माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक और स्कूलों के प्रमुख-
संलग्नक- I में दिए गए मूल्यांकन मैट्रिक्स के आधार पर शिक्षकों का मूल्यांकन होगा। मूल्यांकन मैट्रिक्स में मूल्यांकन के लिए मानक के दो प्रकार हैं-
इसके अंतर्गत प्रत्येक वस्तुनिष्ठ मानक के लिए शिक्षकों को अंक दिए जाएंगे। इस मानक में 100 में से 20 भारांक दिया जाता है।
इसके अंतर्गत शिक्षकों के कार्य प्रदर्शन पर अंक दिए जाएंगे। इन कार्य प्रदर्शनों में शिक्षा ग्रहणों में सुधार की पहल, किए गए नवाचारी प्रयोग, अतिरिक्त और पाठ्यक्रमों से संबंधित गतिविधियों का आयोजऩ टीचिंग लर्निंग सामग्री का उपयोग, सामाजिक सक्रियता, प्रयोगात्मक लर्निंग सुनिश्चित करना तथा विद्यार्थियों को शारीरिक शिक्षा सुनिश्चित करने के उपाय शामिल हैं। इन मानकों को 100 में से 80 भारांक दिया जाता है।
प्रत्येक आवेदनकर्ता हलफनामा देंगे कि उनके द्वारा दी गई सभी सूचना/डाटा उनकी जानकारी में सही है और यदि कोई जानकारी किसी भी समय गलत पाई जाती है तो आवेदनकर्ता के विरुद्ध अनुशासन की कार्यवाई की जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला चयन समिति (डीएससी) प्रथम स्तर पर जांच कार्य करेगी। डीएससी के निम्नलिखित सदस्य होंगे-
राज्य चयन समिति (एसएससी) की अध्यक्षता राज्य शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव करेंगे। एसएससी के सदस्य इस प्रकार हैं-
राज्य शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव- अध्यक्ष
केंद्र सरकार द्वारा मनोनीत - सदस्य
शिक्षा निदेशक/आयुक्त - सदस्य सचिव
निदेशक, एससीईआरडी या एससीईआरटी नहीं होने पर उनके समान - सदस्य
एसएससी द्वारा किए जाने वाले मुख्य कार्य इस प्रकार हैं
ओएससी का संयोजन इस प्रकार है-
ओएससी द्वारा किए जाने वाले प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं-
विद्यालयी शिक्षा और साक्षरता विभाग, एमएचआरडी से सेवानिवृत्त सचिव की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र जूरी सभी 36 एसएससी और 7 ओएससी द्वारी भेजी गई उम्मीदवारों की सूची की समीक्षा करेगी और फिर से मूल्यांकन करेगी।
क. हर नामित को जूरी के सामने प्रस्तुतीकरण देने की जरूरत है।
ख. जूरी को सूची में से अधिकतम 45 नामों का चयन करना होगा। (दिव्यांग शिक्षकों आदि विशेष श्रेणी के 2 उम्मीदवारों को मिलाकर)
ग. नामित शिक्षकों को टीए/डीए का भुगतान एमएचआरडी द्वारा किया जाएगा।
घ. जूरी को सचिव संबंधी सहायता एनसीईआरडी द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
अन्य सभी पुरस्कारों को इसी पुरस्कार में मिला दिया गया है।
प्रस्तावित समय सीमा इस प्रकार सुझाई गई है-
क. वेब पोर्टल पर आवेदन करने की समय सीमा-15 जून से 30 जून, 2018 तक। समाचार पत्रों में विज्ञापन, सोशल मीडिया (ट्विटर, फेसबुक आदि) के माध्यम से और शिक्षकों और राज्य शिक्षा विभागों आदि को सीधे ई-मेल भेजकर व्यापक स्तर पर प्रचार करना।
ख. राज्य चयन समिति नामित उम्मीदवारों की सूची 15 जुलाई, 2018 तक सीधे राज्य चयन समिति को भेजेगी।
ग. राज्य चयन समिति द्वारा बनाई गई सूची 31 जुलाई, 2018 तक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर की स्वतंत्र जूरी को भेजनी होगी।
घ. एमएचआरडी द्वारा जारी सभी पत्र/संवाद ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से छांटे गए उम्मीदवारों को 3 अगस्त तक कर दिया जाएगा।
ङ. स्वतंत्र राष्ट्रीय जूरी द्वारा 30 अगस्त, 2018 तक नामों को अंतिम रूप देना होगा।
क्रम संख्या
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मानदंड
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अधिकतम अंक/सीमा
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1
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समुदाय, अभिभावकों, पूर्व छात्रों आदि को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षक द्वारा किए गए कार्य, बुनियादी ढांचा, कंप्यूटर, मध्याह्न भोजन, धनराशि, पुस्तकों आदि के माध्यम से विद्यालय में किया गया योगदान
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3
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2 |
प्रकाशन (बीते 5 साल के दौरान अंतरराष्ट्रीय/राष्ट्रीय पत्रिकाओं (आईएसएसएन के साथ), पुस्तकों (आईएसबीएन के साथ) में शोध पत्र/लेख का प्रकाशन)
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3
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3 |
बीते 3 वर्षों की वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट या अन्य प्रदर्शन मूल्यांकन टूल
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3
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4 |
क्या शिक्षक बिना किसी शिकायत के नियमित रूप से विद्यालय में उपस्थित हो रहा है?
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3
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5 |
क्या शिक्षक नियुक्ति के बाद से सेवा के दौरान हुए प्रशिक्षण में नियमित रूप से शामिल हो रहा/रही है?
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2 |
6 |
नामांकन बढ़ाने और स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में कमी के लिए शिक्षक द्वारा किए गए कार्य।
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2
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7 |
क्या शिक्षक ने स्वयं या अन्य एमओओसीएस प्लेटफॉर्म के अंतर्गत किसी कोर्स के लिए नामांकन कराया है ?
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2
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8 |
एससीईआरडी, बोर्ड या एनसीईआरटी के लिए ई-सामग्री, पुस्तकों, शिक्षक हैंडबुक का विकास
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2 |
कुल |
20 |
क्रम संख्या
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मानदंड |
अधिकतम अंक
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1 |
विद्यार्थियों पर अपने शिक्षण के बेहतर प्रभाव के लिए शिक्षक/शिक्षिका द्वारा कराए गए नवाचारी प्रयोग (आईसीटी, आनंद के साथ सीखने की तकनीक का इस्तेमाल)। शैक्षणिक ज्ञान सामग्री, किफायती शैक्षणिक सहायता आदि सहित दैनिक शैक्षणिक गतिविधियों में शिक्षण संबंधी दृष्टिकोण का विकास और उनका इस्तेमाल। (नवाचार/प्रयोगों की संख्या, स्वरूप और प्रभाव के आधार पर) |
30
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2 |
अतिरिक्त और सह पाठ्यक्रम गतिविधियों के संगठन (प्रयोगों की संख्या, विस्तार और प्रभाव पर आधारित)
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25 |
3
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क. विद्यालय के बुनियादी ढांचे और बच्चों के सामाजिक जागरूकता के प्रसार के लिए समाज को एकजुट करना। ख. राष्ट्र निर्माण और राष्ट्रीय अखंडता को प्रोत्साहन |
25
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उप-योग |
80
|
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योग |
100
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सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए सीधे तौर पर अपनी प्रवष्टियां भेज सकते हैं। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने यह घोषणा करते हुए कहा कि यह एक नई पहल है। इससे पहले प्रवष्टियों का चयन राज्य सरकार द्वारा किया जाता था। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक स्वयं शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस नई प्रणाली में सरकारी शिक्षक / स्कूलों के प्रमुख स्वयं को ऑन लाइन रूप से नामांकित कर सकते हैं। प्रत्येक जिले से तीन शिक्षकों का चयन किया जाएगा। इसी तरह प्रत्येक राज्य से 6 शिक्षकों का चयन किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र निर्णायक मंडल 50 असाधारण शिक्षकों / स्कूलों के प्रमुखों का चयन शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए करेगा। शिक्षक अपने किये गये कार्यों का विडियो भी अपलोड कर सकते हैं।
श्री जावडेकर ने कहा कि राष्ट्रीय निर्णायक मंडल राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन उनके नवाचारों तथा शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन और शिक्षण शैली के आधार पर करेगा। शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने का उद्देश्य देश में कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का उत्सव मनाना और वैसे शिक्षकों को सम्मानित करना है जिनके संकल्प से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है बल्कि उनके विद्यार्थियों का जीवन भी समृद्ध हुआ।
राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल के शिक्षक, केन्द्र सरकार के स्कूलों यानी केंद्रीय विद्यालय (केवी), जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), तिब्बती लोगों के केन्द्रीय विद्यालय (सीटीएसए), रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसायटी (एईईएस) के स्कूल तथा सीबीएसई और सीआईएससीई से सम्बद्ध सभी स्कूलों के शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।
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