मैं एमएएनएफ का लाभ किस प्रकार ले सकता हूँ?
उत्तर- किसी भी अभ्यर्थी को एमएएनएफ का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होता है:-
(i) वह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2(ग) के अंतर्गत अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी एक से संबंधित होना/होनी चाहिए।
(ii) उसे यूजीसी के विज्ञापन के अनुसार अध्येतावृत्ति के उपबंधों के अध्यधीन किसी विश्वविद्यालय/संस्थान की प्रवेश की शर्तों को पूरा करते हुए उस विश्वविद्यालय/शैक्षणिक संस्थान में एम.फिल/पी.एचडी पाठ्यक्रमों में नियमित एवं पूर्णकालिक प्रवेश लेना होगा और पंजीकरण कराना होगा। ऐसा करने वाले सभी उम्मीदवार 201516 से अध्येतावृत्ति के लिए आवेदन करने के पात्र है।
(iii) अध्येतावृत्ति के लिए पात्र समझे गए अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र अन्य किसी स्रोत, केंद्र अथवा राज्य सरकार अथवा यूजीसी जैसी किसी अन्य निकाय के अंतर्गत उसी अध्ययन के लिए लाभों के हकदार नहीं होंगे।
(iv) एम.फिल/पी.एचडी के लिए अल्पसंख्यक छात्रों हेतु मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति प्रदान करने के लिए एनईटी/एसएलईटी परीक्षा को पहले पास करना कोई पूर्वापेक्षा नहीं होगी।
(v) जेआरएफ/एसआरएफ प्रदान किए जाने के लिए अर्हक होने हेतु स्नातकोत्तर स्तर पर न्यूनतम 50 प्रतिशत के स्कोर सहित एम.फिल-पूर्व तथा पी.एचडी-पूर्व चरण पर क्रमश: यूजीसी मानक प्रयोज्य होंगे।
एमएएनएफ की प्रदानगी की अवधि क्या है?
उत्तर- एमएएनएफ की प्रदानगी की अवधि एमएएनएफ योजना के दिशा-निर्देशों के खंड-6 के अध्यधीन है।
एमएएनएफ की चयन प्रक्रिया क्या है?
उत्तर- भारत सरकार दवारा समय-समय पर यथा परिभाषित, अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति को क्रियान्वित करने के लिए यूजीसी नोडल एजेंसी है।
(i) यूजीसी प्रेस एवं अन्य मीडिया में समुचित विज्ञापन देते हुए वर्ष में एक बार अध्येतावृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करता है|
(ii) अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति प्रदान करने के लिए यूजीसी दवारा एनईटी/एसएलईटी को उत्तीर्ण करने पर जोर नहीं दिया जाएगा। यूजीसी आवेदकों को अध्येतावृत्ति के लिए आवेदन करने हेतु पर्याप्त समय देगा।
(iii) उम्मीदवारों का चयन, निर्धारित वार्षिक आय-सीमा के भीतर आपसी मेरिट के आधार पर किया जाएगा, जैसा कि मेरिट-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति के अंतर्गत है।
(iv) विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के बीच अध्येतावृत्ति का वितरण 2001 की जनगणना के अनुसार संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में अल्पसंख्यक जनसंख्या के अनुपात में होगा। तथापि, उच्चतर आबंटनों वाले राज्यों के लक्ष्यों को समुचित रूप से कम करते हुए सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के पास कम से कम 4 अध्येतावृत्तियां होंगी| चार अध्येतावृत्तियों वाले राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में कोई समुदाय-वार वितरण नहीं होगा। सभी आवेदनों को एक साथ रखा जाएगा और मेरिट के आधार पर निर्णय किया जाएगा।
(v) यदि किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को इस प्रकार आबंटित अध्येतावृत्तियों का पात्र उम्मीदवारों के उपलब्ध न होने के कारण पूरी तरह से उपयोग नहीं हो पाता है तो ऐसे में यूजीसी उन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को इन स्लॉट्स का पुन: आबंटन करेगा जहां पात्र उम्मीदवारों की संख्या उस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को आबंटित स्लॉट्स से ज्यादा है। यह निर्णय यूजीसी के प्रतिनिधियों और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में छात्रवृत्ति के प्रभारी संयुक्त सचिव से मिलकर बनी समिति दवारा लिया जाएगा।
(vi) अल्पसंख्यक छात्रों को मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति प्रदान किए जाने के संबंध में यूजीसी का निर्णय अंतिम होगा और प्रचलित कानून के अंतर्गत किए गए प्रावधान को छोड़कर इस संबंध में यूजीसी दवारा दिए गए किसी भी निर्णय के विरूद्ध कोई भी अपील नहीं की जा सकेगी।
एमएएनएफ के अंतर्गत आय सीमा कया है?
उत्तर. अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति के उम्मीदवार के माता-पिता/संरक्षक की आयसीमा 2.5 लाख रु0 प्रतिवर्ष होगी।
अध्येतावृत्ति की राशि जारी किए जाने के लिए मुझे किससे संपर्क करना होगा?
उत्तर-अध्येतावृत्ति की राशि के संवितरण की देख-रेख यूजीसी दवारा केनरा बैंक के माध्यम से की जाती है जो इस योजना का नोडल बैंक है।
इस योजना के अंतर्गत कौन-कौन से समुदाय कवर होते हैं?
उत्तर- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2(ग) के अंतर्गत अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायाँ अर्थात मुस्लिम, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध, जैन तथा पारसियों को एमएएनएफ की योजना के अंतर्गत कवर किया गया है।
एमएएनएफ के अंतर्गत किन-किन कक्षाओं को कवर किया गया है?
उत्तर-एमएएनएफ के अधीन केवल एम.फिल तथा पीएच.डी. कक्षाएं कवर होती हैं।
एमएएनएफ के लिए चयन का आधार क्या है?
उत्तर-अध्येतावृत्ति के लिए चयन पूरी तरह से मैरिट के आधार पर किया जाता है। इस मामले में मैरिट छात्र के अधिवासी राज्य के राज्य कोटे के अनुसार निर्धारित की जाती है। उदाहरण के लिए यदि कोई छात्र झारखंड का है और एम.फिल अथवा पीएच.डी केंद्रीय विश्वविद्यालय, हैदराबाद से कर रहा है तो उसकी मैरिट का निर्धारण झारखंड राज्य को अध्येतावृत्ति के वास्तविक आबंटन के अनुसार किया जाएगा। कला, वाणिज्य, विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के लिए अध्येतावृत्ति के चयन हेतु 31.03.2014 तक रोस्टर था। इसे 2014-15 से छोड़ दिया गया है।
स्रोत: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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