योजना का उद्देश्य
इस अध्येतावृत्ति का उद्देश्य केन्द्र सरकार द्वारा यथा अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों को एम0फिल0 और पीएच0डी की उच्चतर च्चिक्षा के लिए वित्तीय सहायता स्वरूप पांच वर्ष तक अध्येतावृत्ति प्रदान करने का है। इस अध्येतावृत्ति योजना में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा यूजीसी अधिनियम की धारा 2(च) और धारा 3 के तहत मान्यता प्राप्त सभी विश्वविद्यालय/संस्थान शामिल होंगे तथा योजना का कार्यान्वयन अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के माध्यम से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। अध्येतावृत्ति योजना के तहत अध्येतावृत्ति नियमित और पूर्णकालिक एम0फिल और पीएच0डी पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत शोध छात्रों को प्रदान की जानी है। इस योजना के तहत अध्येतावृत्ति प्राप्त करने वाले छात्र को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का स्कॉलर कहा जाएगा।
अध्येतावृत्ति का कार्यक्षेत्र
इस योजना के तहत भारतीय विद्यालयों , अनुसंधान संस्थानों और वैज्ञानिक संस्थानों में नियमित और पूर्ण कालिक एम0फिल और पीएच0डी पाठ्यक्रमों और समकक्ष शोध पाठ्यक्रमों में अध्ययन करने वाले अल्पसंख्यक छात्रों की आवश्यक ताओं की पूर्ति की जाएगी। इससे शोध छात्र एम0फिल और पीएच0डी उपाधि के साथ विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में व्याखयाता पद पर नियुक्ति हेतु पात्रता अर्जित कर सकेंगे।
कार्यान्वयनकर्ता अभिकरण
इस अध्येतावृत्ति योजना को कार्यान्वित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नॉडल अभिकरण होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग समाचार-पत्रों, इन्टरनेट, वेबपेज और अन्य मीडिया के माध्यम से उपयुक्त विज्ञापन प्रकाशित कर अध्येतावृत्ति को अधिसूचित करेगा।
पात्रता
इस अध्येतावृत्ति को प्राप्त करने के लिए किसी अभ्यर्थी को निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना होगा-
- उसे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2(ग) के तहत अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों में से एक समुदाय का होना चाहिए।
- उसे यूजीसी विज्ञापन के अनुसार अध्येतावृत्ति के उपबंधों के अनुरूप किसी विश्वविद्यालय/संस्थान में प्रवेश की शर्तों को पूरा करते हुए नियमित और पूर्णकालिक एम0फिल/पीएच0डी पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया हुआ और पंजीकरण कराया हुआ होना चाहिए।
- अध्येतावृत्ति के लिए एक बार पात्र मान लिए गए अल्पसंख्यक विद्यार्थी किसी अन्य स्रोत से अर्थात् केन्द्र अथवा राज्य सरकार अथवा यूजीसी जैसे अन्य निकाय से इस अध्ययन के लिए लाभ प्राप्त करने के हकदार नहीं होंगे।
- अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को एम.फिल/पीएच.डी के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति की पात्रता हेतु एनईटी/एसएलईटी परीक्षाओं को पहले से उत्तीर्ण करना आवश्यक नहीं होगा।
- जेआरएफ/एसआरएफ हेतु अर्हता प्राप्त करने के लिए क्रमश% प्री-एम0फिल और प्री-पीएच0डी चरण पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानक लागू होंगे तथा स्नातकोत्तर स्तर पर कम-से-कम 50% अंक अर्जित किया होना चाहिए।
अध्येतावृत्ति का संवितरण
- प्रतिवर्ष कुल 756 अध्येतावृत्तियां प्रदान की जाएंगी (राज्य-वार संवितरण की स्थिति संलग्नक में दर्शायी गई है)।पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थियों के अनुपलब्ध होने पर किसी वर्ष प्रदान न की गई अध्येतावृत्तियों को आगामी शैक्षिक सत्र के दौरान उपयोग में लाया जाएगा।
- अध्येतावृत्तियां में से30% अध्येतावृत्तियां छात्राओं के लिए निर्धारित होंगी, शेष 70%अध्येतावृत्तियां सामान्य होंगी। यदि महिला अभ्यार्थियों की कमी है तो अध्येतावृत्ति उसी अल्पसंख्यक समुदाय के पुरूद्गा छात्र को प्रदान की जाएगी।
- यदि अभ्यर्थियों की संखया अध्येतावृत्तियों की संख्या से अधिक होती है तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा ऐसी अध्येतावृत्ति हेतु अभ्यर्थियों का चयन उनके द्वारा स्नातकोत्तर परीक्षा में अर्जित अंकों की प्रतिशतता के आधार पर किया जाएगा।
- भिन्न रूप से सक्षम विद्यार्थियों के लिए आरक्षण विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानकों केअनुसार और उनके समानान्तर (हॉरिजोन्टल) होगा।
- योजना के अंतर्गत स्कालरों का चयन ज्ञान के सभी क्षेत्रों में किया जाएगा।
- राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों का समुदाय-वार चयन उनकी आबादी के अनुपात के आधार पर किया जाएगा।
- शोध-स्कालरों का राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार चयन यथासंभव सुनिश्चित किया जाएगा।
- राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में किसी समुदाय की अप्रयुक्त अध्येतावृत्ति राष्ट्रीय स्तर पर उसी समुदाय के पात्र छात्रों को अंतरित कर दी जाएगी। तत्पश्चात यदि कोई अप्रयुक्त अध्येतावृत्ति है राष्ट्रीय स्तर पर पूर्णतः योग्यता आधार पर अन्य अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को अंतरित की जाएगी।
अध्येतावृत्ति की अवधि
यह एम0फिल और पीएच0डी पाठ्यक्रमों के लिए 5 वर्षीय समेकित अध्येतावृत्ति होगी जिसके लिए पीएच0डी कार्यक्रम हेतु चयन के लिए लागू शैक्षिक मानदंड पूरे करने होंगे।
अध्येतावृत्ति की अवधि इस प्रकार होगी :
पाठ्यक्रम का नाम
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अधिकतम अवधि
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जेआरएफ और एसआरएफ की स्वीकार्यता
जेआरएफ एसआरएफ
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एम0फिल
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2 वर्ष
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2 वर्ष
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शून्य
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एम0फिल + पीएच0डी
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5 वर्ष
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2 वर्ष
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शेष 3 वर्ष
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अध्येतावृत्ति की दर
जेआरएफ और एसआरएफ के लिए अध्येतावृत्ति की दर समय-समय पर संच्चोधित यूजीसी अध्येतावृत्ति के अनुसार होगी। वर्तमान में यह दर निम्नवत्त है :
अध्येतावृत्ति
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शुरूआती2 वर्ष के लिए16,000 रु0 प्रतिमाह(जेआरएफ)
वर्ष अवधि के लिए 18,000 रु0 प्रतिमाह (एसआरएफ)
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कला और वाणिज्य के लिए
आकस्मिकता
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शुरूआती 2 वर्ष के लिए 10,000 रु0 प्रतिवर्ष
वर्ष 3 वर्ष के लिए 20,500 रु0 प्रतिवर्ष
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विज्ञान और अभियांत्रिकी
के लिए आकस्मिकता
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शुरूआती 2 वर्ष के लिए 12,000 रु0 प्रतिवर्ष
वर्ष 3 वर्ष के लिए 25,000 रु0 प्रतिवर्ष
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विभागीय सहायता
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प्रति विद्यार्थी की दर से संबद्ध संस्थान को अवसंरचना
के प्रावधान के लिए3,000 रु0प्रतिवर्ष
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एस्कोर्ट्स/रीडर असिस्टेंस
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शारीरिक और दृष्टि विकारग्रस्त अभ्यर्थियों के मामलों में 2,000 रु0 प्रतिमाह
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इसकेअतिरिक्त शारीरिक और दृष्टि विकार से ग्रस्त अभ्यर्थियोंको एस्कोर्ट्स/रीडर असिस्टेंस के रूप में प्रति माह 2,000 रु0 दिए जाएंगे। मकान किराया भत्ता और अन्य आकस्मिक व्यय का भुगतान यूजीसी की तर्ज पर किया जाएगा।
योजना का कार्यान्वयन
- अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति योजना के कार्यान्वयन के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नॉडल अभिकरण होगा, जिसे भारत सरकार द्वारा समय-समय पर परिभाषित किया जाएगा।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अध्येतावृत्ति से संबंधित विवरण का प्रकाच्चन प्रेस और अन्य मीडिया के माध्यम से अधिसूचित करेगा।
- अल्पसंख्यक छात्रों को मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति प्रदान करने के लिए एनईटी/एसएलईटी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग बाध्य नहीं करेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अध्येतावृत्ति के लिए आवेदन करने हेतु अभ्यर्थियों को पर्याप्त समय देगा।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति प्रदान करने के लिए अभ्यर्थियों का चयन पारदर्शी ढंग से किया जाएगा।
- यदि अभ्यर्थियों की संखया अध्येतावृत्तियों की संखया से अधिक होती है तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा ऐसे अध्येतावृत्ति हेतु अभ्यर्थियों का चयन उनके द्वारा स्नातकोत्तर परीक्षा में अर्जित अंकों की प्रतिशता के आधार पर किया जाएगा।
- विभिन्न राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के मध्य अध्येतावृत्ति का संवितरण संबद्ध राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में वर्ष 2001 की जनगणना के अल्पसंख्यक आबादी के अनुपात में किया जाएगा। तथापि, सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को कम-से-कम 4 अध्येतावृत्तियां अधिक अध्येतावृत्ति वाले राज्यों के लक्ष्यों को उचित ढंग से कम कर प्रदान की जाएंगी। इन चार अध्येतावृत्तियों के संदर्भ में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में समुदाय-वार संवितरण नहीं किया जाएगा। सभी आवेदनों को एकत्र कर उन पर मेरिट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
- यदि किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को आवंटित अध्येतावृत्ति की संख्या को पूर्णतः उपयोग में नहीं लाया जाता है, तो पात्र अभ्यर्थियों के उपलब्ध न होने परविश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा बची हुई अध्येतावृत्तियों को उन राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को पुनः आवंटित करेगा, जिन राज्य/संध राज्य क्षेत्रों में पात्र अभ्यर्थियों की संखया उन्हें आवंटित अध्येतावृत्तियों की संख्या से अधिक होगी। इस संदर्भ में निर्णय एक समिति द्वारा लिया जाएगा, जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रतिनिधि और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में छात्रवृत्ति कार्य के प्रभारी संयुक्त सचिव शामिल होंगे।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अभ्यर्थियों को अध्येतावृत्ति की राशि का संवितरण जहां तक संभव है, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के तहत आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम (एमपीबीएस) के माध्यम से किया जाएगा।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा एक विवरणिका भी जारी की जाएगी जिसमें भावी अभ्यर्थियों के लाभ के लिए अध्येतावृत्ति संबंधी सभी ब्यौरों का उल्लेख होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग इन ब्यौरों को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के संदर्भ के साथ अपने वेबपेज पर भी अपलोड करेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जहां तक संभव हो इलैक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया को तत्परता से बढ़ावा देगा।
- छात्रों द्वारा जाली प्रमाण-पत्रों के आधार पर अध्येतावृत्ति प्राप्त करने की संभावना से बचे रहने की दृष्टि से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अपना ऐसा तंत्र प्रयोग मेंलाया जाएगा जिसके माध्यम से अभ्यर्थियों द्वारा प्रस्तुत अल्पसंख्यक समुदाय से होने के आशय के प्रमाण-पत्र की शुद्धता की जांच की जा सके।
- अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति प्रदान करने के संदर्भ में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम निर्णय होगा तथा लागू एवं विद्यमान कानून को छोड़ कर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्णय के विरूद्ध कोई अपील नहीं की जा सकेगी।
- अल्पसंख्यक छात्रों के लिए मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति हेतु अभ्यर्थी के माता-पिता/संरक्षक की आय सीमा 2.5 लाख रु0 प्रतिवर्ष होगी।
- निर्धारित वास्तविक आय सीमा के तहत अभ्यर्थियों का चयन परस्पर मेरिट के आधार पर किया जाएगा जैसा मेरिट-सह-साधन आधारित छात्रवृत्ति के तहत किया जाता है।
- यदि किसी अभ्यर्थी को धोखाधड़ी के आधार पर मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति प्राप्त करते हुए पाया जाता है तो उसकी पात्रता स्वतः निरस्त मानी जाएगी और प्रदत्त अध्येतावृत्ति की राशि भारतीय स्टेट बैंक में शैक्षिक ऋण के लिए प्रचलित ब्याज दर के साथ वसूली जाएगी।
प्रशासनिक व्यय
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को अध्येतावृत्ति योजना के कार्यान्वयन के लिए प्रशासनिक प्रभारों का भुगतान वित्त मंत्रालय से परामर्श कर मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दिए जा रहे दर से किया जाएगा।
निगरानी और मूल्यांकन
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा कार्यों का आकलन जेआरएफ के लिए दो वर्ष की अवधि और एसआरएफ के लिए दो वर्ष की अवधि के पूरा होने पर किया जाएगा। छात्रों द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों पर यूजीसी नियमों के तहत निगरानी रखी जाएगी।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय को तिमाही तौर पर वास्तविक और वित्तीय प्रगति रिपोर्ट भेजनी होगी, जिसमें अल्पसंख्यक विद्यार्थियों हेतु मौलाना आजाद राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति, विश्वविद्यालय, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार अल्पसंख्यक समुदाय संबंधी ब्यौरों की सूची का उल्लेख होगा और जो मंत्रालय के सूचनार्थ एवं अनुवर्ती कार्रवाई हेतु होगी। आयोग इन ब्यौरों को अपने वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराएगा।
- जो अभ्यर्थी दो वर्ष के समय में एम0फिल पाठ्यक्रम का अध्ययन पूरा नहीं कर सकेंगे अथवा तीसरे वर्ष के दौरान पीएच0डी पाठ्यक्रम में पंजीकरण के लिए अपात्र पाए जाएंगे उन्हें आगे से छात्रवृत्ति नहीं प्रदान की जाएगी।
- आय प्रमाण-पत्र राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा यथा अधिसूचित सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए जाएंगे।
- राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के पदनामित प्राधिकारियों द्वारा जारी अल्पसंख्यक समुदाय संबंधी प्रमाण-पत्र कानूनन वैध शपथपत्र के रूप में होगा, ताकि कोई भी अभ्यर्थी अपने को दूसरे समुदाय का बता कर अध्येतावृत्ति का लाभ न प्राप्त कर सके।
अध्येतावृत्ति का संशोधन
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा अध्येतावृत्ति के सुचारू कार्यान्वयन हेतु कार्यान्वयन के समय जानकारी में आई प्रगति के फलस्वरूप आवश्यक प्रतीत होने पर अध्येतावृत्ति योजना में थोड़ा बहुत संशोधन किया जा सकेगा, जिस पर कोई वित्तीय बोझ नहीं आएगा।
स्रोत:
भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय