108 आपातकालीन स्वास्थ्य, पुलिस और अग्निरोध की स्थिति में एक आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा है जो 24 X 7 के आधार पर सेवा उपलब्ध कराती है। यह सेवा आँध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, गोवा, तामिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, असम, मेघालय और मध्य प्रदेश राज्य में उपलब्ध है।
इनकी मुख्य विशेषताएँ निम्न हैं
108 पर फोन निम्नलिखित स्थितियों में सहायता के लिए की जाती है
108 आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा ने 6800 अस्पतालों से समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है जिसके अंतर्गत प्रथम 24 घंटे प्रारंभिक स्थिरीकरण (इलाज) मुफ्त करेंगे।
स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति |
पुलिस आपातकालीन स्थिति |
आग/ अग्नि आपातकालीन स्थिति |
गंभीर जख्म |
डकैती/ चोरीन/ सेंधमारी |
जलना |
हृदय गति रूकना |
रास्ते पर होनेवाले झगड़े |
आग लगना |
पक्षाघात |
संपत्ति संबंधी विवाद |
उद्योगों में लगनेवाली आग संबंधी घटना |
श्वसन विषयक |
स्वयं को जख्मी करमा/ आत्महत्या की कोशिश |
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मधुमेह |
चोरी |
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गर्भावस्था संबंधी/ नवजात शिशु/ छोटे बालक |
मारपीट |
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मिर्गी |
सार्वजनिक जगहों पर शोर |
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बेहोश होना |
गुम हो जाना |
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जानवरों का काटना |
अपहरण |
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उच्च ज्वर |
ट्रॅफिक समस्या (ट्रॅफिक जाम या रैली, रास्ता रोको इत्यादि) |
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संक्रमण |
जबरदस्ती, दंगा इत्यादि |
यदि “गंभीर आपातकालीन स्थिति” नहीं हों वैसी स्थिति में 108 से संपर्क न करें। यह नंबर पूछताछ या अन्य जानकारी के लिए नहीं है। 108 को मजाक समझकर कभी संपर्क नहीं करें। क्योंकि ऐसा करने से सचमुच आपातलीन कॉल रूक सकता है या जान भी जा सकती है। यदि आपने गलती से 108 पर फोन कर दिया हो तो तबतक अपना फोन नहीं रखें जबतक अधिकारी आप से ऐसा करने के लिए न कहें।
हैदराबाद मे 15 अगस्त 2005 को 108 आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा की शुरुआत हुई। तबसे जीवीके ईएमआरआई पूरे आँध्र प्रदेश में अकेले आपातकालीन सेवा दे रही है। इसके अंतर्गत 752 एंबुलेंस कार्य कर रही है जो प्रतिदिन 4800 से अधिक आपातकालीन स्थितियों को सुविधा प्रदान कर रही है। जीवीके ईएमआरआई के 108 सेवा का आँध्र प्रदेश और गुजरात में लोकप्रियता प्राप्त करने के बाद इसे उत्तराखंड, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, गोवा, असम, राजस्थान, कर्नाटक, मेघालय और पंजाब जैसे राज्यों की सरकार ने भी इसी तरह की आपातकालीन सेवा अपने राज्यो में शुरू करने की उत्सुकता दिखाई है।
जीवीके ईएमआरआई वर्तमान में आँध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, राजस्थान, गोवा, तामिलनाडु, कर्नाटक, असम, मेघालय और मध्य प्रदेश मे कार्यरत हैं।
जीवीके का स्वयंसेवी बहुत ही बड़ी पहल है ताकि कोई भी आपातकालीन केस न तो हाथों से छूटे और न ही वह बिना सेवा प्राप्त किये जाए। जीवीके ईएमआरआई 108 सेवा के बारे में लोगों में जागरूकता और सूचना के प्रसार के लिए स्वयंसेवा का सहयोग लेने के लिए उत्सुक है। स्वयंसेवक निम्नलिखित कार्यों में सहायता कर सकते हैं।
स्रोत जीवीके- ईएमआरआई
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