भूमिका
त्रिकोणासन योग करते समय शरीर का आकार त्रिकोण (ट्रीअंगेल) के समान होने के कारण इसे त्रिकोणासन या ट्रीअंगेल पोज कहा जाता हैं। मोटापे से परेशान लोगो के लिए यह सबसे सरल और उपयोगी आसन हैं। त्रिकोणासन का नियमित अभ्यास करने से आपके पेट, कमर, जांघ और नितंब पर जमी अतिरिक्त चर्बी को आसानी से घटाया जा सकता हैं।
त्रिकोणासन योग की विधि
- दोनों पैरों के बीच 2 से 3 फुट का फासला छोड़कर सीधे खड़े हो जाये।
- दायें पैर (राईट लेग ) को दायी ओर मोड़कर रखे।
- अपने कंधो की उचाई तक दोनों हाथों को बगल में फैलाए।
- अब श्वास ले और दायी ओर (राईट साइड ) झुके। झुकते समय नजर सामने रखे।
- दायें हाथ से दायें पैर को चुने की कोशिश करे।
- बायाँ हाथ (लेफ्ट हैण्ड) सीधा आकाश की और रखे और नजर बायें हाथ की उंगलियों की और रखे।
- अब वापस सीधी अवस्था में लौटकर दूसरी और भी हाथ बदलकर यह अभ्यास करे।
- ऐसे कम से कम 20 बार करे।
- शरीर उठाते समय श्वास अन्दर ले औए झुकते समय श्वास छोड़े।
त्रिकोणासन के लाभ
- यह आसन करने से गर्दन, पीठ, कमर और पैर के स्नायु मजबूत होते हैं।
- शरीर का संतुलन ठीक होता हैं।
- पाचन प्रणाली ठीक होती हैं।
- एसिडिटी से छुटकारा मिलता हैं।
- चिंता, तनाव, कमर और पीठ का दर्द गायब हो जाता हैं।
- पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी और मोटापा दूर करने में सहायक आसन माना जाता हैं।
- शरीर को सुडौल, मजबूर और लचीला बनाता हैं।
त्रिकोणासन में सावधानी
- लो बी पी , हाई बी पी, माइग्रेन, जुलाब, गर्दन और पीठ की चोट लगने पर यह आसन नहीं करना चाहिए।
- यह आसन करते समय सिरदर्द, चक्कर आना या पीठ दर्द जैसी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए।
- त्रिकोणासन के और भी अलग प्रकार है पर यहाँ पर हमने सबसे सरल और उपयोगी त्रिकोणासन के विधि की जानकारी दी हैं।
लेखक: डॉ. परितोष त्रिवेदी स्रोत: निरोगिकाया
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.