অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

मयूरासन

भूमिका

मयूर का अर्थ होता है मोर। इस आसन करने से शरीर की आकृति मोर की तरह दिखाई देती है, इसलिए इसका नाम मयूरासन है। इस आसन को बैठकर सावधानीपूर्वक किया जाता है। इस आसन में शरीर का पूरा भार हाथों पर टिका होता है और शरीर हवा में लहराता है।

आसन करने की विधि

दोनों हाथों को दोनों घुटने के बीच रखें। हाथ के अँगूठे और अँगुलियाँ अंदर की ओर रखते हुए हथेली जमीन पर रखें। फिर दोनों हाथ की कोहनियों को नाभि केंद्र के दाएँ-बाएँ अच्छे से जमा लें। पैर उठाते समय दोनों हाथों पर बराबर वजन देकर धीरे-धीरे पैरों को उठाएँ।

हाथ के पंजे और कोहनियों के बल पर धीरे-धीरे सामने की ओर झुकते हुए शरीर को आगे झुकाने के बाद पैरों को धीरे-धीरे सीधा कर दें। पुन: सामान्य स्थिति में आने के लिए पहले पैरों को जमीन पर ले आएँ और तब पुन: वज्रासन की स्थिति में आ जाएँ।

जमीन पर पेट के बल लेट जाइए। दोनों पैरों के पंजों को आपस में मिलाइए। दोनों घुटनों के बीच एक हाथ का अंतर रखते हुए दोनों पैरों की एड़ियों को मिलाकर गुदा को एड़ी पर रखिए। फिर दोनों हाथों को घुटनों के अंदर रखिए ताकि दोनों हाथों के बीच चार अंगुल की दूरी रहे। दोनों कोहनियों को आपस में मिला कर नाभि पर ले जाइए। अब पूरे शरीर का वजन कोहनियों पर दें कर घुटनों और पैरों को जमीन से उठाये रखिए। सिर को सीधा रखिए।

मयूरासन करने की इन बातों पर एक-एक कर ध्यान दें-

  • मयूरासन खुली हवादार जगह में करना चाहिए। इसके लिए आप सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं और आगे की ओर झुके।
  • आगे झुकते हुए दोनों हाथों की कोहनियों को मोड़कर नाभि पर लगाकर जमीन पर सटा लें। इसके बाद अपना संतुलन बनाते हुए घुटनों को धीरे-धीरे सीधा करने की कोशिश करें। अब आपका शरीर पूरी सीध में है और सिर्फ आपके हाथ जमीन से सटे हुए हैं।
  • इस आसन को करने के लिए शरीर का संतुलन बनाए रखना जरूरी है जो कि पहली बार में संभव नहीं। यदि आप रोजाना मयूर आसन का अभ्यास करेंगे तो आप निश्चित तौर पर आसानी से इसे कर पाएंगे।

मयूरासन के लाभ

मयूरासन के कई लाभ हैं
  1. आमतौर पर मयूरासन से गुर्दे, अग्नाश्य और आमाशय के साथ ही यकृत इत्यादि को बहुत लाभ होता है।
  2. यह आसन फेफड़ों के लिए बहुत उपयोगी है।इस आसन से वक्षस्थल, फेफड़े, पसलियाँ और प्लीहा को शक्ति प्राप्त होती है।
  3. तिल्ली, यकृत, गुर्दे, अग्न्याशय एवं आमाशय सभी लाभान्वित होते है।
  4. मधुमेह के रोगियों के लिए भी यह आसन लाभकारी है। इस आसन से क्लोम ग्रंथि पर दबाव पड़ने के कारण मधुमेह के रोगियों को भी लाभ मिलता है। इस आसन का अभ्यास करने वालों को मधुमेह रोग नहीं होता। यदि यह हो भी जाए तो दूर हो जाता है।
  5. चेहरे पर चमक लाने के लिए मयूरासन करना चाहिए। यह आसन चेहरे पर लाली प्रदान करता है तथा उसे सुंदर बनाता है।
  6. यह आसन शरीर में रक्त संचार को नियमित करता है।
  7. यह आसन पेट के रोगों जैसे-अफारा, पेट दर्द, कब्ज, वायु विकार और अपच को दूर करता है।
  8. यह आसन भुजाओं और हाथों को बलवान बनाता है।
  9. मयूरासन करने से हाथ, पैर व कंधे की मांसपेशियों में मजबूती आती है।
  10. यदि आपको आंखों संबंधी कोई समस्या है तो उसका निदान भी मयूरासन से किया जा सकता है।
  11. पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए मयूरासन करना चाहिए। यदि आपको पेट संबंधी समस्याएं जैसे गैस बनना, पेट में दर्द रहना, पेट साफ ना होना इत्यादि होता है तो आपको मयूरासन करना चाहिए। पाचन क्रिया सुचारु रूप से कार्य करती है।
  12. कब्ज‍ियत, गैस आदि पेट से संबंधित सामान्य रोगों का निदान होता है। जिन लोगों को बहुत अधिक कब्ज रहती है उनके लिए मयूरासन से बढ़िया कोई उपाय नहीं। जठराग्नि को प्रदीप्त करता है।
  13. सामान्य रोगों के अलावा मयूर आसन से आंतों व अन्य अंगों को मजबूती मिलती है। आँतों एवं उससे संबंधित अंगों को मजबूती मिलती है एवं मयूरासन से आमाशय और मूत्राशय के दोषों से मुक्ति मिलती है।
  14. यह आसन गर्दन और मेरुदंड के लिए भी लाभदायक है।

सावधानी

  • जिन लोगों को ब्लडप्रेशर, टीबी, हृदय रोग, अल्सर और हर्निया रोग की शिकायत हो, वे यह आसन योग चिकित्सक की सलाह के बाद ही करें।
  • आमतौर पर मयूरासन उन लोगों को करने के लिए मना किया जाता है जो उच्चे रक्तचाप की समस्या से पीडि़त हैं।
  • टी.बी यानी तपेदिक के मरीजों को भी मयूरासन नहीं करना चाहिए।
  • हृदय रोग या हार्ट की बीमारियों से ग्रसित लोगों को भी मयूरासन नहीं करना चाहिए। अल्सर और हर्निया रोग से पीड़ित लोगों को भी मयूरासन करने से बचना चाहिए।

मयूरासन करते हुए बहुत सावधानी की जरूरत पड़ती है, इसीलिए आप जब भी मयूरासन करें तो किसी योग एक्सपर्ट की देखरेख में करें या फिर पहले इस आसन को करने की विधि को अच्छी तरह से जानें। तभी आप मयूर आसन को सही तरह से कर पाएंगे और इसका भरपूर लाभ उठा पाएंगे।

स्रोत: योग विज्ञान, दैनिक समाचार।

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate