অসমীয়া   বাংলা   बोड़ो   डोगरी   ગુજરાતી   ಕನ್ನಡ   كأشُر   कोंकणी   संथाली   মনিপুরি   नेपाली   ଓରିୟା   ਪੰਜਾਬੀ   संस्कृत   தமிழ்  తెలుగు   ردو

कान-नाक-गला

नाक से खून बहना

कारणः

  • नाक में चोट लगना
  • कठोर गतिविधियां
  • उच्च रक्तचाप
  • अधिक ऊंचाई पर जाना
  • नाक जोर से झाड़ना

नाक से खून निकलने की स्थिति में क्या करें?

  • बैठ जाएं
  • सामने की ओर थोड़ा झुकें ताकि खून आपके गले में न जाए
  • नाक पर ठंडा और गीला कपड़ा रखें ताकि रक्त नालिकाओं में संकुचन हो और खून निकलना बंद हो जाए
  • यदि केवल एक नथुने से ही खून निकल रहा हो तो नथुने के ऊपरी भाग को दबाकर रखें
  • फिर भी यदि खून निकलना बंद नहीं हो रहा हो तो और 10 मिनट तक दबाकर रखें
  • यदि चोट की वजह से खून बह रहा हो तो अधिक जोर से न दबाएं
  • यदि खून निकलना बंद ही न हो रहा हो या बार बार खून निकल रहा हो तो डॉक्टर को दिखाएं।

कान का बहना

  • मवाद जैसा या पानी के समान बहना, कान बहने के कुछ आम प्रकार हैं। बहाव तीव्र या पुराना हो सकता है।
  • कान बहना  बच्चों, किशोरों , किशोरियों, कुपोषित बच्चों (क्‍वाशिओर्कर, मरास्‍मस से प्रभावित) एवं अस्वास्थ्यकर क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों में आम हैं।

कारण:
सामान्‍य सर्दी-जुकाम के साथ माध्यमिक बैक्टीरियल संक्रमणों की जटिलता।
लक्षण:

  • क या दोनों कानों में दर्द
  • गंध के साथ बहाव
  • बुखार

सावधानियां:

  • कान में पानी या तेल न डालें
  • स्‍नान करते समय हमेशा दोनों कानों में कपास लगायें
  • जब भी बहाव हो, कान साफ करने की कपास की तीली से कान साफ करें
  • ई.एन.टी चिकित्सक से उपचार के लिए उचित परामर्श लें।

बहरापन

कारण

  • उम्र बढ़ने के साथ बहरापन की समस्या उत्पन्न होना प्राकृतिक घटना है
  • व्यावसायिक जोखिम (जो लोग शोर वाले क्षेत्रों में काम कर रहे हैं)
  • मोम के कान में गिरने या डालने से
  • गंभीर कान संक्रमण
  • टीम्पेनिक रोग
  • टीम्पेनिक झिल्ली में छेद
  • कान में हड्डियों का विकास या भर जाना और कैंसर जैसे बीमारी

लक्षण

  • बच्चा जब किसी आवाज का जवाब नहीं देता हो
  • दूसरों की बात समझने में असमर्थ
  • दूसरों से जोर से बात बोलने के लिए कहना

सावधानियाँ

  • शोरगुल वाले स्थानों से दूर रहें
  • डॉक्टर से सलाह लेकर बहरेपन के कारण का पता लगायें
  • सुनने में सहायक यंत्रों का उपयोग करें

साइनसाइटिस

कारण
साइनस नाक के आसपास चेहरे की हड्डियों के भीतर नम हवा के रिक्त स्थान हैं। साइनस पर उसी श्लेष्मा झिल्ली की परत होती है, जैसी कि नाक और मुँह में।

जब एक व्यक्ति को जुकाम तथा एलर्जी हो, तो साइनस ऊतक अधिक श्लेष्म बनाते हैं एवं सूज जाते हैं। साइनस का निकासी तंत्र अवरुद्ध हो जाता है एवं श्लेष्म इस साइनस में फँस सकता है। बैक्टीरिया, कवक एवं वायरस वहाँ विकसित हो सकते हैं तथा साइनसाइटिस का कारण हो सकते हैं।
लक्षण

  • साइनसाइटिस बदलती उम्र के लोगों में विभिन्न लक्षण पैदा कर सकता है।
  • बच्चों को आमतौर से जुकाम जैसे लक्षण होते हैं जिसमें भरी हुई या बहती नाक तथा मामूली बुखार सहित लक्षण शामिल हैं। जब बच्चे को सर्दी के लक्षणों की शुरुआत के करीब तीसरे या चौथे दिन के बाद बुखार होता है, तो यह साइनसाइटिस या कुछ अन्य प्रकार के संक्रमण जैसे ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, या एक कान के संक्रमण का संकेत हो सकता हैं।
  • वयस्कों में साइनसाइटिस के अधिकतर लक्षण दिन के समय सूखी खाँसी होना जो सर्दी के लक्षणों, बुखार, खराब पेट, दांत दर्द, कान में दर्द, या चेहरे के ढीलेपन के पहले 7 दिनों के बाद भी कम नहीं होते। अन्य देखें गये लक्षण है पेट की गड़बड़ी, मतली, सिर दर्द एवं आंखों के पीछे दर्द होना।

प्रबंधन के लिए सरल नुस्खे

साइनसाइटिस आम बात है तथा इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है। जब बच्चे को सर्दी हो तथा लक्षण 10 दिनों के बाद भी मौजूद हो या यदि बच्चे को 7 दिनों तक सर्दी के लक्षण के बाद बुखार हो, तो बच्चे को उपचार के लिए चिकित्सक के पास ले जाएं।

अपने वातावरण को साफ रखें तथा जिनसे आपको साइनसाइटिस होता हो, उन परिस्थितियों/ एलर्जी के कारकों से बचने की कोशिश करें।

स्रोत: मेयो क्लिनिक

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



© C–DAC.All content appearing on the vikaspedia portal is through collaborative effort of vikaspedia and its partners.We encourage you to use and share the content in a respectful and fair manner. Please leave all source links intact and adhere to applicable copyright and intellectual property guidelines and laws.
English to Hindi Transliterate