केंद्र सरकार स्वास्थ योजना (सीजीएचएस) के तहत दिल्ली में 20 स्वास्थ्य केंद्र 1 सितंबर 2014 से आम वरिष्ठ नागरिकों के लिए खोले जाएंगे।
इन केंद्रों में वरिष्ठ नागरिकों को निशुल्क चिकित्सकीय सलाह की सुविधा उपलब्ध होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भविष्य की जन स्वास्थ सेवा के लिए इस विस्तृत प्रायोगिक योजना की शुरूआत की। ऐसे लोगों की तरफ से सीजीएचएस की क्लोज डोर नीति की कड़ी आलोचना हुई है जिन्हें चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता है और वो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के परिवार के सदस्य नहीं हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा “ये अभी एक प्रायोगिक योजना है। योजना के दूसरे शहरों और ज्यादा लोगों के लिए विस्तार से पहले हम देखेंगे कि सीजीएसएस क्लीनिकों के लिए कितनी मांग आती है और क्लीनिक आम लोगों की जरूरतों को किस हद तक पूरा कर पाते हैं।”
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सेवा सभी कार्यदिवसों में दोपहर 1:30 बजे से 03:00 बजे के बीच उपलब्ध होगी। निशुल्क दवा की सुविधा सभी को उपलब्ध नहीं होगी। निशुल्क दवाएं केवल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को ही उपलब्ध कराई जाएंगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि स्वास्थ्य मंत्रालय से संबद्ध सभी विभागों के संचालन को पूरी तरह पारदर्शी बनाया जाएगा। पहले तीन महीनों में, सीजीएचएस ने अपने ऐसे अपरिहार्य क्षेत्रों की पहचान के उद्देशय से अपने सभी क्रियाकलापों की समीक्षा पूरी कर ली है जहां अक्सर भ्रष्टाचार की आशंका बनी रहती है।
सीजीएचएस चिकित्सकों द्वारा मान्य दवा सूची के अतिरिक्त ब्रांडशुदा दवाओं की सलाह देने की शिकायतें भी मिलती रही हैं। स्वास्थ मंत्री ने बताया कि इसे ध्यान में रखते लाभार्थियों और आम लोगों की सूचना के लिए ऐसी दवाओं की सूची उपरोक्त वैबसाइट पर प्रकाशित करने का फैसला किया गया है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भविष्य में केवल 1,447 जेनरिक और 622 ब्रांडशुदा दवाओं की ही सलाह दी जाएगी। केंसर और उससे मिलती जुलती बीमारियों में अपवाद स्वरूप इसके अतिरिक्त दवाएं लिखी जा सकती हैं।
इसके अतिरिक्त ये भी फैसला किया गया है कि सीजीएचएस लाभार्थियों को अधिकतम केवल एक महीने की दवाएं ही निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि यदि वो अतिरिक्त इलाज के लिए विदेश जाते हैं तो ऐसे मामलों में निशुल्क दवाएं तीन महीने तक उपलब्ध कराई जाएंगी।
सीजीएचएस चिकित्सक ऐसी जांच और प्रत्यारोपण की सलाह नहीं देंगे जो कि सूचीबद्ध नहीं है। दवा, जांच, प्रणाली, प्रत्यारोपण तथा चिकित्सा प्रणाली की सूची को अपडेट करने के लिए तकनीकी समिति का गठन किया जा चुका है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वो मंत्रालय के सभी विभागों में व्यापक स्तर पर सुधार पर विचार कर रहे हैं। “मैं हमारे कामकाज की जांच करने के लिए लोगों, खासकर मीडियो को प्रोत्साहित करता हूं ताकि कर्मचारियों को भ्रष्टाचार की कोशिश में नाकामी का अहसास होने लगे। इसके अतिरिक्त मैं भ्रष्टाचार के स्रोत को समाप्त करने के लिए सूचना और तकनीक का भी इस्तेमाल करूंगा।”
माननीय मंत्री ने 30 दिन से ज्यादा समय से लंबित सभी मेडिकल दावों की जानकारी वेबसाइट, http://msotransparent.nic.in/cghsnew/index.asp पर प्रकाशित करने के आदेश दिए हैं। दावों के भुगतान के बारे में स्पष्ट नीति नहीं होने के कारण सालों से दावों की संख्या बहुत बढ़ गई है।
स्त्रोत: पत्र सूचना कार्यालय
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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