प्रश्न -1 प्रसवपूर्व जांच क्या होती है?
जबाब - प्रसवपूर्व जांच गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का क्रमबद्ध निरीक्षण होता है तथा इस दौरान गर्भवती महिला की विभिन्न जांचें जैसे–रक्तचाप, खून की जांच, पेट की जांच इत्यादि की जाती है।
प्रश्न -2 प्रसवपूर्व जांच की क्या उपयोगिता है?
जबाब - प्रसवपूर्व जांच गर्भवती महिला एवं बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है तथा गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं से बचाव एवं देखभाल प्रदान कराती है।
प्रश्न -3 गर्भवती महिला की प्रसवपूर्व जांचें कब-कब की जाती है?
जबाब - एक गर्भवती महिला की चार प्रसवपूर्व जांचें की जाती है-
प्रथम जांच : 12 सप्ताह के भीतर अथवा गर्भावस्था का पता चलने के साथ ही जितनी जल्दी हो सके।
द्वितीय जांच : 14-26 सप्ताह के भीतर।
तृतीय जांच : 28-34 सप्ताह के भीतर।
चतुर्थ जांच : 36 सप्ताह से प्रसव काल तक।
प्रश्न -4 प्रसवपूर्व जांच के समय गर्भवती महिला की कौन-कौन सी जांचें की जाती है?
जबाब - प्रसवपूर्व जांच के दौरान एक गर्भवती महिला की रक्त चाप, वजन, ऊंचाई नापना, खून की जांच, मूत्र में शक्कर एवं प्रोटीन की जांच करना, गर्भवती महिला को टी.टी. इंजेक्शन लगाना, पेट की जांच एवं आयरन की गोलियां दी जाती है ताकि महिला में खून की कमी को पूरी किया जा सके।
प्रश्न -5 प्रसवपूर्व जांच के और क्या फायदे है?
जबाब - प्रसवपूर्व जांच के द्वारा गर्भवती महिला में समय पर अधिक जोखिम वाले लक्षणों का पता कर सही समय पर उच्च संस्थान पर रेफर कर माँ एवं बच्चे दोनों का स्वास्थ्य सुनिश्चित किया जाता है।
अंतिम बार संशोधित : 1/7/2020
इस भाग में गर्भकालीन विकास के विभिन्न प्रवृत्तियों...
इस भाग में गर्भ काल के दौरान जैविकीय एवं परिवेशीय ...
इस लेख में गर्भाधान की पूरी अवधि और उससे जुड़े तथ्य...
इस भाग में कुछ परिवेशीय कारक के बारे में जानकारी ...