ग्राम पंचायतों द्वारा स्वच्छता के लिए शौचालयों का निर्माण एवं प्रयोग
सेनेटरी शौचालय का मुख्य प्रयोजन मल से इंसानों एवं जानवरों के संपर्क तथा पर्यावरण में अशोधित मल के फैलने पर रोक लगाना है ।इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एक अच्छे सेनेटरी शौचालय को सुनिश्चित करना चाहिए:
कम जल स्तर वाली मिट्टी भारत के अधिकांश भागों में पाई जाती है ।ऐसी परिस्थिति में पिट शौचालय सबसे उपयुक्त किस्म का शौचालय है ।साधारण एकल अपरिष्कृत पिट शौचालय से लेकर वातायित परिष्कृत पिट शौचालय एवं टविन पिट सिस्टम तक पिट शौचालय की विभन्न डिजाइनें उपलब्ध हैं ।
पिट में मल, बैक्टीरिया एवं फंगस की सक्रियता के माध्यम से सड़ता है ।गैस निकलकर वातावरण में मिल जाती है या आसपास की मिट्टी में समाहित हो जाती है ।मूत्र एवं अन्य द्रव बहकर मिट्टी में चले जाते है ।मल में मौजूद कीटाणु नष्ट हो जाते हैं क्योंकि पिट में जो परिस्थितियाँ होती हैं वे उनके ज़िंदा रहने के लिए अनुकूल नहीं होती हैं ।शेष बची सामग्री के दबते रहने के कारण धीरे-धीरे पिट भर जाता है ।पिट शौचालय भारत में इस्तेमाल होने वाला सबसे आम किस्म का शौचालय है जो अधिकांश मिट्टियों के लिए उपयुक्त है ।
लीच पिट ऐसा पिट होता है जिसमें रिसाव (मिट्टी में रिसाव) होता है ।लीच पिट शौचालय में लीच होल के माध्यम से मूत्र मिट्टी में रिस जाता है ।
हाथ से मैला साफ़ करना
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साधारण एकल पिट शौचालय में मानव अपशिष्ट पिट में गिरता है जहाँ यह सड़ जाता है और मूत्र व तरल पदार्थ बह कर मिट्टी में चला जाता है ।कुछ समय बाद रोग पैदा करने वाले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं तब पिट की सफाई की जा सकती है । ट्विन पिट शौचालय में एक अतिरिक्त पिट होता है जिसका प्रयोग तब किया जाता है जब पहला पिट भर जाता है ।इस बीच, पहले पिट में मल के पूरी तरह से सड़ जाने के पश्चात पहले पिट को साफ़ कर लिया जाता है ।इसलिए, इस प्रकार के शौचालय को वैकल्पिक डबल पिट शौचालय भी कहा जाता है ।
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लीच पिट शौचालय के निर्माण में बरती जाने वाली सावधानियाँ
साइड सर्फेस के ऊपर ईटों के बीच उपयुक्त स्थान ऐसा होना चाहिए कि यह मधुमक्खी के छत्ते जैसा दिखे ।
जब ईटों के स्थान पर सीमेंट की विंग का प्रयोग किया जाए, तो लीच पिट के लिए कुल सर्फेस एरिया के 30 प्रतिशत का प्रावधान होना चाहिए ।
वेंटिलेटेड परिष्कृत पिट (वी आई पी) शौचालय
सामुदायिक सेनेटरी परिसर निर्मल भारत अभियान का एक महत्वपूर्ण घटक है तथा गाँव में किसी भी स्थान पर ऐसे परिसरों का निर्माण किया जा सकता है जो हितधारकों को स्वीकार्य होते है तथा उनके लिए सुगम होते हैं।ग्राम पंचायत एवं प्रयोक्ता समूहों से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसे परिसरों की पहचान करेंगे या कोई वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे ।
सामुदायिक शौचालय
अनके ग्राम पंचायतों में निम्नलिखित कारणों से सामुदायिक शौचालय की आवश्यकता उत्पन्न होती है:
सामुदायिक शौचालयों का निर्माण भी निर्मल भारत अभियान के तहत शामिल है, जो ग्रामीण स्वच्छता की अवसंरचना के लिए सहायता एवं प्रोत्साहन प्रदान करने वाली स्कीम है ।
शौचालयों के संबंध में – क्या करें एवं क्या न करें
क्या करें:
क्या न करें:
ग्रामीण सेनेटरी मार्ट के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा की जाने वाली पहल
सुविधा शुल्क के संग्रहण सहित सामुदायिक शौचालय के अनुरक्षण की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत को लेनी चाहिए ।जीपीडब्ल्यू एससी/वी डब्ल्यू एस सी के सदस्यों को यह जिम्मेदारी सौपी जा सकती है ।ग्राम पंचायत गैर सरकारी संगठनों/ग्राम संगठन को भी यह जिम्मेदारी सौंपने पर विचार कर सकती है ।
व्याक्तिगत परिवार शौचालय (आई एच एच एल) के निर्माण के लिए अपेक्षित सामग्रियों तक तत्काल पहुंच प्रदान करने के लिए (ताकि इच्छुक परिवारों को इन सामग्रियों की खरीद के लिए दूर न जाना पड़े) या बहुत जरूरी है कि ग्राम पंचायत आर एस एम/पी सी की स्थापना को प्रोत्साहित करे ।
ग्रामीण सेनेटरी मार्ट (आर एस एम) सामाजिक उद्देश्य के साथ एक वाणिज्यिक उद्यम है।आर एस एम ऐसा आउटलेट है जो सेनेटरी शौचालयों के निर्माण के लिए अपेक्षित सामान बेचता है ।आरएसएम स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रकार के शौचालयों तथा सेनेटरी अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए अपेक्षित सामग्री, सेवा एवं मार्गदर्शन प्रदान करना है, जो तकनीकी एवं वित्तीय दृष्टि से क्षेत्र के लिए उपयुक्त हो ।गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, महिला संगठनों, पंचायतों आदि द्वारा आर एस एम खोले एवं संचालित किए जा सकते हैं ।
ग्रामीण सेनेटरी मार्ट शुरू करना सामाजिक उद्देश्य के साथ एक व्यावसायिक अवसर भी है ।घर के पास सामग्री की उपलब्धता से शौचालयों का निर्माण काफी आसान हो जाएगा ।ग्रामीण सेनेटरी मार्ट न केवल पैन, बेसिन, पी पाइप, वाल्व, पी ट्रैप, सीमेंट रिंग/ब्रिक, पिट लिड, जैसी सेनेटरी की वस्तुओं का भंडारण करते हैं, जो सुपर स्ट्रक्चर आदि के लिए अपेक्षित साधारण सामग्री हैं, अपितु स्वच्छता के बारे में गाँव के लोगों को सलाह भी देते हैं ।
मांग के आधार पर ग्राम पंचायत उत्पादन केन्द्रों (पीसी) को भी प्रोत्साहित कर सकती है, जहाँ गाँव के स्तर पर स्थानीय पसंद के अनुसार उपर्युक्त वस्तुओं का विनिर्माण किया जाता है ।उत्पादन केंद्र या तो स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं या फिर ग्रामीण सेनेटरी मार्ट के अंग हो सकते हैं ।ग्राम पंचायत, ग्राम संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, अन्य द्वारा भी इन आर एस एम/ पी सी का संचालन किया जा सकता है ।
व्यक्तिगत परिवार शौचालयों के निर्माण एवं प्रयोग में ग्राम पंचायत एवं जी पी डब्ल्यू एस सी/ वी डब्ल्यू एस सी की भूमिका
व्यक्तिगत परिवार शौचालयों का निर्माण एवं प्रयोग सुनिश्चित करने में ग्राम पंचायत एवं जी पी डब्ल्यू एस सी/ वी डब्ल्यू एस सी को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
इस सिलसिले में ग्राम पंचायत जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (डी.डब्ल्यू.एस.एम) की सहायता एवं मार्गदर्शन ले सकती है, जो ग्राम पंचायतों में आर.एस.एम/पी.सी. की स्थापना के लिए किसी उपयुक्त एजेंसी के साथ एम.ओ.यू (समझौता ज्ञापन) भी कर सकते हैं ।परिवारों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने तथा स्थानीय राजगीरों को प्रशिक्षित करने के लिए भी इन आर.एस.एम. को यथासमय प्रोत्साहित किया जा सकता है ।इस सबके लिए ग्राम पंचायत को ग्रामीण परिवारों को प्रेरित करने के लिए न केवल सामाजिक विपणन की जरूरत होगी अपितु स्थानीय स्तर पर शौचालय निर्माण के लिए उपलब्ध सामग्री की खरीद के लिए उनमें मांग पैदा करने के लिए भी सामाजिक विपणन की जरूरत होगी ।
जिस इलाके में जल स्तर ऊपर है वहाँ किस प्रकार का शौचालय उपयुक्त है?
यदि जल स्तर ऊपर है, तो निम्नलिखित तरीकों से भूजल को दूषित होने से बचाया जा सकता है:
(क)पिट के बॉटम के लेवल को जल स्तर से कम से कम 1.5 मीटर (4-5 फीट) ऊपर रखना।शौचालय का प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या के आधार पर पिट के आकार के बारे में निर्णय लिया जा सकता है ।अधिक क्षमता वाले कम शौचालयों की तुलना में कम क्षमता वाले शौचालयों का अधिक संख्या में निर्माण करना बेहतर होता है ।
(ख)भूजल के प्रदूषित होने के खतरे को न्यूनतम करने के लिए पिट के चारों ओर रेत के एक आवरण का भी निर्माण किया जा सकता है ।
ग्रामीण क्षेत्रों में पहली पसंद के रूप में लीच पिट शौचालय की सिफारिश क्यों की जाती है?
इसके कारण निम्नलिखित हैं:
(क) लीच पिट शौचालय की आरंभिक लागत कम होती है ।
(ख) इसका एक दिन में निर्माण हो सकता है ।
(ग) इसके लिए आवधिक अनुरक्षण की जरूरत नहीं होती है ।
(घ) सड़ा हुआ मानव अपशिष्ट नुकसान रहित जैव उर्वरक बन जाता है तथा 3 से 5 वर्ष में केवल एक बार इसे हटाने की जरूरत होती है ।
(ङ) लीच पिट शौचालय की डिजाइन आसान होती है तथा सेप्टिक टैंक तथा अन्य प्रकार के शौचालयों की तुलना में यह कम स्थान घेरता है ।
क्या लीच पिट से तैयार होने वाली कंपोस्ट खाद सुरक्षित है?
जी हाँ।पिट में 12 से 18 माह तक पड़े रहने पर मल जैव उर्वरक में परिवर्तित हो जाता है तथा इसे सुरक्षित ढंग से बाहर निकाला जा सकता है (जब तक कि दूसरे पिट से अपशिष्ट का इसमें रिसाव न हो, जो एस साथ ही इस्तेमाल में है या पास की किसी अन्य संरचना से मल प्राप्त कर रहा है) ।
शौचालय के निर्माण के लिए मेरे घर में बिल्कुल भी जगह नहीं है, मैं क्या कर सकता हूँ?
किसी कोने में 2 x 2 मीटर के छोटे से स्थान में भी पिट शौचालय का निर्माण करना संभव है ।यदि यह भी संभव न हो, तो ऐसे परिवारों का एक समूह आपस में मिलकर ग्राम पंचायत से स्थिति के आधार पर किसी सामुदायिक शौचालय या व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण के लिए कोई उपयुक्त स्थान आबंटित करने के लिए अनुरोध कर सकता है ।संभव होने पर दो पड़ोसी किसी एक पिट का संयुक्त रूप से उपयोग कर सकते हैं तथा अपने-अपने अलग सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण कर सकते हैं ।
मुझे शौचालय का प्रयोग करने से डर लगता है क्योंकि पिट बहुत जल्दी से भर सकता है?
ऐसा कोई खतरा नहीं है ।यदि रोज 5 से 6 लोगों द्वारा प्रयोग किया जाए, तो 3 x 3 x 4 फीट के एक सामान्य लीच पिट शौचालय को भरने में 4 से 5 साल लग जाते हैं ।ऐसा इसलिए है कि मल में 80 से 90 प्रतिशत पानी होता है जो लीच पिट में समा जाता है ।दो पिट वाले शौचालय में पहले पिट के लगभग भर जाने के बाद दूसरे पिट का प्रयोग किया जा सकता है ।
यदि पिट की गहराई और बढ़ाई जाए, तो क्या यह उपयोगी होगा?
बिल्कुल भी नहीं, यदि हम ऐसा करते हैं, तो भूजल के दूषित होने की संभावना रहती है ।चूँकि सामान्य आकार के परिवार की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पिट पर्याप्त है इसलिए पिट को और गहरा करने की कोई आवश्यकता नहीं है ।अगर पिट को और गहरा करेंगे, तो लागत और बढ़ेगी और सड़ी हुई सामग्री को पिट से निकालना मुश्किल होगा तथा भूजल के दूषित होने की संभावना रहती है।इस प्रकार, पिट को चार फीट से अधिक गहरा खोदना उपयोगी नहीं है।
सतह के करीब कठोर चट्टान है।ऐसे मामलों में क्या करना चाहिए?
ऐसे मामलों में, पिट शौचालय के लेवल को ऊपर उठाना बेहतर होता है ताकि पिट आंशिक रूप से भूतल से ऊपर हो।तथापि, जहाँ प्राकृतिक ढलान होती है, पिट शौचालय का लेवल उठाने की अतिरिक्त लागत से बचने के लिए इसका प्रयोग किया जाना चाहिए।
क्या यह संभव है कि बरसात के मौसम में बारिश का पानी मिट्टी में मौजूद सुराखों के माध्यम से पिट में प्रवेश कर सकता है?
यदि बरसात के मौसम में पानी का स्तर बहुत ऊपर उठ जाता है, तो सुराखों के माध्यम से पानी पिट के अंदर घुस सकता है।तथापि, बरसात के मौसम के बाद यह बाहर निकल आएगा।बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उकडूं बैठने वाले पिटों का निर्माण ऊँचे प्लेटफार्म पर करना चाहिए।
थोड़े समय तक प्रयोग के लिए हम अस्थायी शौचालय का निर्माण कैसे करते है?
स्रोत:पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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