नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में युवा शहरी महिलाओं में प्रजनन संबंधी बीमारियों की बढ़ती हुई घटनाओं का समाधान करेगी। सरकार बांझपन की स्थिति से जुड़ी पॉलिसिस्टिक डिंबग्रथि रोग, एंडोमैट्रोरियोंसिस, और फाइब्रायड्स की रिपोर्ट से चिंतित है। नई स्वास्थ्य नीति में शहरी महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अनेक प्रावधान रखे गये हैं। इस योजना में प्रजनन संबंधी बीमारियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए इसके समाधान के लिए तेजी से और सावधानीपूर्वक कार्य किये जाने पर जोर दिया गया है।
महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए जल्दी ही भारतीय महिलाओं की स्वास्थ्य में सुधार लाने के तरीके सुझाने के लिए एक समिति का गठन करेंगे। समिति का निष्कर्ष नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का एक हिस्सा होगा। देश के भविष्य की दृष्टि से एक महिला का शरीर एक मंदिर के तौर पर बहुत महत्वपूर्ण है। नई पीढ़ी को स्वस्थ बनाने के लिए महिलाओं का परिवार, समाज और राष्ट्र पर हितकारी प्रभाव होता है क्योंकि प्रत्येक महिला को अपने चुने हुए क्षेत्र, अपने बच्चों के लिए माता और शिक्षक तथा सामूहिक मूल्यों के संरक्षक के नाते पेशेवर रूप में बहुत प्रकार के कार्य करने पड़ते हैं।
मातृ मृत्युदर कम करना और वंचित परिवेश से आने वाली महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना, मां और बच्चे के विकास कार्यक्रमों में मजबूती लाना जैसे क्षेत्र मुख्य हैं। इसके अलावा नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति प्रजनन स्वास्थ्य, एनीमिया और जीवन शैली के कारण होने वाले अनेक गैर-संचारी रोग की समस्या का समाधान करेगी।
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि मादक द्रव्यों का सेवन, शराब और धू्म्रपान युवाओं महिलाओं में लोकप्रिय हो रहे हैं। अभी हाल में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एण्ड न्यूरो साइंस बेंगलूरू ने नशीली दवाओं और शराब की शिकार महिलाओं के लिए एक विशेष वार्ड खोला है। यह पूरे राष्ट्र के लिए खतरनाक संकेत है। सामाजिक समूह से इस चुनौती से निपटने में सरकार की मदद करने का भी उन्होंने आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘’हम आधुनिक जीवन शैली की बढ़ती हुई चुनौतियों से चिंतित हैं जिसमें एक और कार्य का तनाव रहता है और दूसरी, ओर खाने - पीने और सोने की गलत आदतों का प्रभाव पड़ता है। सरकार सामाजिक, धार्मिक, छात्र एवं परोपकारी समूहों से इस संकट से मुकाबला करने में सहायता चाहती है’’। संकट की इस वर्तमान स्थिति में फिट रहने के लिए उन्होंने योग की तरफ इशारा करते हुए कहा कि योग विश्व को भारत की देन है और यह शरीर को ठीक रखने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति मिलती है।
डॉ. हर्षवर्धन ने दुबला पतला रहने के लिए अधिक से अधिक कसरत करने और आधा भूखा रहने जैस प्रचलित मिथकों के बारे में सचेत किया कि उन्होंने कहा कि जब शरीर अनेक हार्मोंन परिवर्तन के दौर से गुजर रहा हो और उसे ऊर्जा की लगातार जरूरत हो तो जीवन के इस चरण में ऐसा करना बहुत खतरनाक है। इसलिए मेरी यह सलाह है कि बीमारियों से प्रतिरोध बनाने के लिए रोजाना निर्धारित समय पर पर्याप्त कैलोरी युक्त संतुलित भोजन लिया जाए। जंक फूड का त्याग करना भी बहुत आवश्यक है।
उन्होंने कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. वीणा गौतम को यह सलाह दी कि कॉलेज में हर लड़की अपना खेल प्रोफाइल बढ़ाने और स्वस्थ रहने के लिए खेलों में भाग ले। खेल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है। उन्होंने नारीवाद के अवतारवाद के रूप में नारी लक्ष्मीबाई की छवि का स्मरण करते हुए कहा कि झांसी की रानी ने मां और नेता का किरदार बहुत संतुलित रूप से निभाया है। उनके शुरू अंग्रेज जनरल ह्यूरेाज ने उनकी वीरता की प्रशंसा में टोपी उतारकर सिर झुकाया था। पुरूष प्रधान युग में वे भी अग्रणीय रहीं। मैं आज की युवा महिलाओं से उनको एक आदर्श के रूप में अपनाने का अनुरोध करता हूं। नई सरकार के गठन के 90 दिनों के अंदर स्वास्थ्य मंत्रालय ने यौन हिंसा की शिकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए अस्पताल के कर्मचारियों को उनकी चिकित्सा और कानूनी जरूरतों के प्रति संवदेनशील बनाने के कदम उठाए हैं।
स्त्रोत: पत्र सूचना कार्यालय
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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