हाँ| विशेषकर वैसी महिलाओं का जिनका गर्भ डेढ़ महीने का या अंतिम मासिक धर्म के पहले दिन से 49वें दिन तक 7यानि सप्ताह तक तक का हो|
दवा सम्बन्धित गर्भपात में दो प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल होता है| इस प्रकिया में जाँच के बाद पहली दवा (मिफी) खाने के लिए दी जाती है| पहली दवा के दो दिन एक बाद दूसरी दवा (मिसो) दी जाती है| दूसरी गोली खाई जा सकती है अथवा योनि में रखी जा सकती है|
ये दोनों ही दवा बाजार में उपलब्ध है| परन्तु किसी प्रसूति विशेषज्ञ या अनुभवी डॉक्टर के निर्देश पर ही इन्हें खरीदा जा सकता है|
पहली दवा गर्भ के अंदर की भ्रूण को हटाने का काम करती है जबकि दूसरी दवा गर्भाशय का मुहं खोलता है तथा भ्रूण निकलने में सहयता करता है|
यदि कोई महिला दवा से गर्भपात कराना चाहती हो तो उसे तथा उसके साथी को इसकी पूरी प्रक्रिया पर परामर्श दिया जान चाहिए| उन्हें निम्नलिखित बिदुओं पर जानकारी अवश्य दें:-
नोट: उपर्युक्त बातों पर जानकारी देने के बाद यह सुनिश्चित कर लें कि महिला एवं उनके पति ने इन बातों को समझा या नहीं क्योकिं एक बार दवा द्वारा प्रकिया शुरू करने के बाद गर्भपात का पूरा होना या करवाना अत्यंत आवश्यक है| यदि बच्चा बढता रहा तो उसमें जन्मजात विकृति की पूरी संभावना रहती है| यदि महिला उपर्युक्त बातों को समझ न पा रही हो या इमरजेन्सी में शल्य विधि के लिए तैयार न हो तो दवा न दें |
स्रोत:- जननी/ जेवियर समाज सेवा संस्थान, राँची|
अंतिम बार संशोधित : 3/1/2020
इस भाग में गर्भवती के क्लिनिक के दूसरे दौरे के बार...
इस भाग में अनचाहा गर्भ की स्थिति में पति-पत्नी क्य...
लिंग चयन पर रोक लगाने के लिए उपलब्ध कानून लिंग चयन...
इस भाग में महिला तथा अनचाहे गर्भ के बारे में जानका...