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सामान्य खतरनाक अपशिष्ट भस्मक

सामान्य खतरनाक अपशिष्ट भस्मक

भूमिका

उद्योगों द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले खतरनाक अपशिष्ट का प्रबंधन, जैव चिकित्सा अपशिष्ट (प्रबंधन और संचालन) नियमावली, 1989, यथासंशोधित, के अनुसार किया जाना जरूरी है। देश में उत्पन्न किए जाने वाले खतरनाक अपशिष्ट का लगभग 4.4% भाग इस प्रकृति का होता है कि उसे जलाकर नष्ट किया जाना होता है। इसके अलावा, पृथक किए गए कार्बनिक अवशेषों, अत्यधिक सांद्रता वाले बहिस्रावों जैसे कि मदर लिकर और विषाक्त बहिस्रावों को भी, जिनका भौतिक-रासायनिक, जैविक उपचार व्यवहार्य नहीं होता है, जलाकर उचित निपटान करने की आवश्यकता होती है।

खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन के विकल्पों के क्रम सोपान में, क्रमिक रूप से अधिक क्लीन प्रौद्योगिकियों, अधिक क्लीन उत्पादन विकल्पों को अपनाना तथा जलाने एवं सुरक्षित लैंड फिलिंग के लिए भेजने से पहले पुनःउपयोग, पुन:चक्रण, पुनर्प्राप्ति तथा नवीकरण की संभावनाओं को तलाशना शामिल हैं।

अब देश में साझा भस्मक सुविधाएं चालू स्थिति में हैं। बहुत से उद्योगों के खतरनाक अपशिष्ट को जलाकर नष्ट करना एक ऐसा कार्य है जिसके लिए रसायन विज्ञान, तापीय इंजीनियरिंग और पर्यावरण इंजीनियरिंग के विस्तृत ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है। अत:, इसे ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने साझा भस्मक सुविधाओं का अध्ययन किया और उनके उचित डिजाइन, परिचालन के लिए तथा मानकों को पूरा करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किए।

सामग्री

भस्मकों के माध्यम से तापीय ऑक्सीकरण, सभी रूपों में खतरनाक अपशिष्ट को नष्ट करने की एक प्रमाणित प्रौद्योगिकी है, अर्थात, फीडिंग प्रणाली के आधार पर, ठोस/अर्धठोस/द्रव और गैस के रूप में मौजूद अपशिष्टों इसमें नष्ट हो जाते हैं और वे गैर-विषाक्त और गैर-खतरनाक अवशेषों में बदल जाते हैं और हानिकर नहीं रह जाते। यद्यपि यह जटिल खतरनाक अपशिष्ट को नष्ट करने का एक समाधान है लेकिन इसके लिए फीडिंग अपशिष्ट को एकरूप करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट या कचरे की सुसंगतता का फैसला करने, तापीय प्रक्रियाओं और प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों को परिचालित करने एवं बनाए रखने हेतु जानकारी की आवश्यकता होती है, जिसके लिए कौशल और अनुभव चाहिए होते हैं, ताकि साझा खतरनाक अपशिष्ट भस्मक सुविधाओं में पर्यावरणीय विनियमों का अनुपालन किया जा सके

सिद्धांतत:, साझा भस्मक सुविधाओं से ठोस और द्रव रूपों में ऐसे खतरनाक अपशिष्ट को संचालित करने की अपेक्षा की जाती है जिसमें सदस्य उद्योगों की अलग-अलग प्रकृति होने के कारण उसकी विशेषताओं में बहुत अधिक अंतर होता है। इसके कारण दहन प्रणाली और प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की दक्षता पर सीधा प्रभाव पड़ता है। अत:, विश्व के दूसरे भागों का अनुभव, विशेषकर ठोस रूप में खतरनाक अपशिष्ट को संचालित करने के मामले में, हमें भस्मक प्रणाली के दहन हिस्से के लिए एक सेट-अप के तौर पर, रोटरी भट्टियां और उसके बाद द्वितीयक दहन चेंबर अपनाने के लिए प्रेरित करता है, जब तक कि अन्य प्रकार के दहन उतनी ही अपेक्षित दक्षता प्रदर्शित न कर दें। अत:, भारत में मौजूदा तीन साझा भस्मक सुविधाओं में भी यही संयोजन है। इसलिए, इस दस्तावेज में दिए गए दिशानिर्देशों में इस सेट-अप को कवर किया गया है।

आम भस्मक सुविधाएं

साझा खतरनाक अपशिष्ट भस्मक सुविधाएं वे सुविधाएं होती हैं जो एक से अधिक उद्योगों से खतरनाक अपशिष्ट यानी कचरे को संचालित करती हैं। इन्हें अभिन्न हिस्से के तौर पर स्थापित किया जा सकता है या फिर कहीं दूसरी जगह भी स्थापित किया जा सकता है।

साझा भस्मक सुविधा के विभिन्न महत्वपूर्ण घटकों में शामिल हैं सही परिवहन, भंडारण, विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला सुविधाएं, फीडिंग प्रणाली, भस्मक प्रणाली (रोटरी भट्टी और दहन-पश्चात कक्ष), गैस सफाई प्रणाली, स्वचालित ऑन लाइन निगरानी और नियंत्रण सुविधाओं के साथ टेल गैस निगरानी सुविधाएं, राख/धातुमल प्रबंधन, ब्लीड/स्क्रबर लिकर प्रबंधन तथा कामगारों की स्वास्थ्य सुरक्षा के उपाय। विनिर्दिष्ट किए गए मानकों का अनुपालन करने के उद्देश्य से, इनमें से प्रत्येक घटक को बनाये रखने संबंधी दिशानिर्देश आगामी अध्यायों में दिए गए हैं।

खतरनाक अपशिष्ट का रूपांतरण

खतरनाक अपशिष्ट (प्रबंधन और संचालन) नियमावली तथा बाद के संशोधनों और मोटर वाहन अधिनियम सहित विभिन्न अधिनियमों के तहत खतरनाक अपशिष्ट के परिवहन से संबंधित समस्त उपबंधों का हर दृष्टि से (कोडिंग, कंटेनर, मैनिफेस्ट सिस्टम, आदि) उचित अनुपालन किया जाएगा। खतरनाक अपशिष्ट के परिवहन दिशानिर्देशों में निम्नलिखित शामिल हैं, लेकिन ये इन्हीं तक सीमित नहीं होगे-

मापदंड

खतरनाक अपशिष्ट का उत्पादक सुनिश्चित करेगा कि अपशिष्ट या कचरे को इस प्रकार पैक किया जाए कि वह सुरक्षित संचालन, भंडारण एवं परिवहन के लिए उपयुक्त हो। पैकेजिंग पर लेबल साफ नजर आना चाहिए और पैकेजिंग के लिए प्रयोग की जाने वाली सामग्री इस प्रकार की होगी कि वह भौतिक एवं जलवायु संबंधी दशाओं को झेल सके।

उत्पादक सुनिश्चित करेगा कि अपशिष्ट की विशेषताओं से संबंधित जानकारी, विशेषकर क्षयकारी, प्रतिक्रियाशील, दहनीय अथवा विषाक्त होने से संबंधित, लेबल पर दी जाएगी।

सभी खतरनाक अपशिष्ट कंटेनरों पर एक सामान्य लेबल लगाया जाएगा जैसा कि खतरनाक अपशिष्ट (प्रबंधन और संचालन) नियमावली, 1989 में प्रपत्र 8 में दिया गया है।

परिवाहक तब तक किसी कब्जाधारी (उत्पादक) से खतरनाक अपशिष्ट को स्वीकार नहीं करेगा जब तक मालसूची (प्रपत्र 9) की छह प्रतियां (कलर कोड सहित) उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं। परिवाहक हस्ताक्षरित और तारीख डाली गई मालसूची की एक प्रति उत्पादक को देगा और शेष चार प्रतियां अपने पास रखेगा जिनका उपयोग खतरनाक अपशिष्ट (प्रबंधन और संचालन) नियमावली, 1989 में विनिर्दिष्ट की गई आगे की कार्रवाई के लिए किया जाएगा, जैसा नीचे बताया गया है-

प्रति 1  (सफेद)

कब्जाधारी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अग्रेषित की जाएगी

प्रति 2  (हल्की पीली)

परिवाहक द्वारा हस्ताक्षर कर कब्जाधारी द्वारा रखी जाएगी

प्रति 3  (गुलाबी)

सुविधा के ऑपरेटर द्वारा रखी जाएगी

प्रति 4  (नारंगी)

अपशिष्ट को स्वीकार करने के बाद, सुविधा के ऑपरेटर द्वारा परिवाहक को लौटाई जाएगी

प्रति 5  (हरी)

निपटान के बाद सुविधा के ऑपरेटर द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अग्रेषित की जाएगी।

प्रति 6  (नीली)

निपटान के बाद, सुविधा के ऑपरेटर द्वारा कब्जाधारी को लौटाई जाएगी।

 

उत्पादक द्वारा प्रपत्र 10, यानी, परिवहन आपातकालीन (टीआरईएम) कार्ड में, परिवाहक को प्रासंगिक जानकारी दी जाएगी जिसमें अपशिष्ट की खतरनाक प्रकृति के बारे में तथा आपातकालीन स्थिति होने पर किए जाने वाले उपायों की जानकारी होगी

परिवाहक की जिम्मेदारियां

  1. खतरनाक अपशिष्ट के परिवहन के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति प्राप्त करना [मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 1988 के तहत आवश्यक किसी भी अन्य अनुमति के अलावा]
  2. परिवहन वाहनों को इस प्रकार उचित रूप से डिजाइन किया जाएगा कि वे विभिन्न विशेषताओं के खतरनाक अपशिष्ट को संचालित कर सकें और ले जा सकें।
  3. अपेक्षानुसार मालसूची पद्धति का रखरखाव करना।
  4. अपशिष्ट को हमेशा बंद कंटेनरों में ले जाना
  5. अपशिष्ट को निर्दिष्ट जगहों पर पहुंचाना
  6. परिवहन के दौरान बिखराव, रिसाव या अन्य दुर्घटनाओं के मामले में तुरंत एसपीसीबी और अन्य विनियामक प्राधिकरणों को सूचित करना
  7. संदूषण होने के मामले में सफाई करना।
  8. खतरनाक अपशिष्ट का भंडारण
  9. अपशिष्ट के भंडारण के लिए पृथक क्षेत्र चिह्नित किया जाना चाहिए और भंडारण क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार के खतरनाक अपशिष्ट को संभालने के लिए अलग-अलग प्रकोष्ठ रखे जाएं।
  10. दहनीय, प्रतिक्रियाशील और असंगत अपशिष्ट को अलग संभाला जाएगा।
  11. परिसर में पर्याप्त भंडारण क्षमता उपलब्ध कराई जाएगी
  12. खुले भंडारण की बिलकुल अनुमति नहीं है और निर्दिष्ट खतरनाक अपशिष्ट भंडारण क्षेत्र में सुरक्षा अपेक्षाओं सहित उचित बाड़े होंगे।
  13. बिखराव, रिसाव, आदि को मिट्टी और भूजल में जाने से रोकने हेतु उचित उपायों के लिए, संचालित किए जाने वाले कचरे की विशेषताओं के आधार पर भंडारण क्षेत्र में कंक्रीट का फर्श और/अथवा वेल्डिंग की गई लोहे शीट उपलब्ध कराई जाए।
  14. भंडारण क्षेत्र इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि फर्श का स्तर, अधिकतम बाढ़ स्तर से कम से कम 150 मिमी ऊपर हो।
  15. लकड़ी के फ्रेमों वाले ड्रमों के सही ढेर लगाने की पद्धति अपनाई जाएगी।
  16. बिखराव/रिसाव होने की स्थिति में, साफ करने के लिए पानी के बजाय कॉटन का प्रयोग किया जाएगा।
  17. सामान्य और आपातकालीन स्थितियों में किए जाने वाले एहतियाती उपायों को बताने वाले साइन बोर्ड उचित स्थानों पर प्रदर्शित किए जाएंगे।
  18. जहां तक संभव हो, भंडारण क्षेत्र में मैनुअल परिचालन से बचा जाना है। कार्मिकों के उपयोग के मामले में, उचित सावधानी बरतने की आवश्यकता है, विशेष रूप से खतरनाक द्रवों की लोडिंग/अनलोडिंग के दौरान। ड्रमों में अपशिष्ट कंटेनरों की हालत, बिखराव, रिसाव, आदि की जांच के लिए भंडारण क्षेत्र में निरीक्षण की पद्धति लागू की जाएगी और रिकॉर्डों का उचित रखरखाव किया जाएगा।

विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला सुविधाएं

  • खतरनाक अपशिष्ट को भस्मक सुविधा में भेजने वाले उत्पादक के लिए जरूरी है कि वह ऑपरेटर को खतरनाक अपशिष्ट के बारे में आवश्यक परीक्षण रिपोर्ट प्रदान करे और साथ ही अपशिष्ट के सृजन की प्रक्रिया(ओं) पर भी जानकारी दे।
  • भस्मक सुविधा में किए जाने वाले परीक्षण अध्ययन के उद्देश्य से किए जाएंगे
  1. भंडारण और फीडिंग अपेक्षाएं
  2. भट्टियों (फर्नेस) की परिचालन दशाएं
  3. वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की दक्षता सीमा के भीतर फीड की सांद्रता में फ्लू गैस मानकों का अनुपालन किया जाएगा। कार्यकलाप विशिष्ट संगत मापदंड नीचे बताए गए हैं-
  • भंडारण और फीडिंग अपेक्षाएं- अपशिष्ट का भौतिक रूप, pH, खतरनाक अपशिष्ट गुण जैसे कि ज्वलनशीलता, प्रतिक्रियाशीलता, अन्य अपशिष्ट के साथ संगतता, आदि, ताकि अपशिष्ट को अलग कर तदनुसार संभाला जा सके जिससे वह फीडिंग प्रक्रिया के अनुकूल रहे।
  • भट्टियों (फर्नेस) की परिचालन दशाएं- गाढ़ापन, नमी की मात्रा, कुल जैविक कार्बन, कैलोरी मान, अपशिष्ट की उड़नशीलता, विशेष असंगत अपशिष्ट, अकार्बनिक लवण, धातुएं, आदि।
  • वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण- क्लोराइड और अन्य हैलोजन, गंधक, नाइट्रेट्स, पारा और अन्य भारी धातुएं, आदि। अत:, अपशिष्ट को स्वीकार करते समय प्रासंगिक मापदंडों का विश्लेषण किया जाए।
  1. प्रयोगशाला सुविधाएं किसी विशेष तारीख पर भस्म किए जाने वाले अपशिष्ट के प्रकार और उसके गुणों के बारे में ऑपरेटरों को, जहां तक हो सके दो दिन पहले, स्पष्ट निर्देश देंगी।
  2. अत:, भस्मक सुविधाओं पर स्थित प्रयोगशाला उपरोक्त सभी मापदंडों की निगरानी कर सकेगी।

अपशिष्ट फीडिंग प्रणाली

  1. परिवर्तनशील फीड कैलोरी मानों के तहत दहन चेंबरों में डिज़ाइन की गई ऊष्मा क्षमता बनाए रखने के लिए कौशल की आवश्यकता होती है। उचित व्यावहारिक प्रशिक्षण और पर्याप्त ज्ञान के अभाव में, हर समय न्यूनतम नकारात्मक दबाव को नहीं बनाए रखा जा सकता है, जिसका परिणाम उत्सर्जन के फैलने/उत्सर्जनों के अचानक द्वितीयक दहन चेंबर में घुसने के रूप में होगा जिससे उसके रुके रहने का समय सीमित होता है और उसका नतीजा खराब दक्षता में होती है। इसके अलावा, तापमान में इन उतार-चढ़ावों का आग रोधी और इन्सुलेशन सामग्री पर खराब असर होगा।
  2. अत: सजातीय अपशिष्ट को निरंतर फीड करना जिसका कैलोरी या ऊष्मीय मान दहन चेंबर जितना ही हो, वांछित विकल्प है। लेकिन, मिश्रण की दृष्टि से विभिन्न अपशिष्टों की असंगति के कारण अक्सर सजातीय फीड को बनाए रखना संभव नहीं हो पाता है। पारंपरिक रूप से, ठोस रूप में खतरनाक अपशिष्टों को एक हाइड्रोलिक प्रणाली के माध्यम से फीड किया जाता है, जिसमें दो स्वचालित द्वार होते हैं, यानी, बाहरी प्लेट बंद होने पर, भीतरी प्लेट खुल जाती है और ठोस अपशिष्ट मात्रा को हाइड्रॉलिक तरीके से भट्टी के भीतर धकेल दिया जाता है और जब भीतरी प्लेट बंद हो जाती है, तो ठोस अपशिष्ट की अगली खेप के लिए बाहरी प्लेट खुल जाती है। इस प्रणाली की आवश्यकता, दहन चेंबरों में नकारात्मक दबाव के अलावा सुरक्षा सुनिश्चित करने और तापीय विकिरण से कामगारों का संपर्क रोकने के लिए होती है।
  3. इस प्रकार, अपशिष्ट फीड प्रणाली वांछित दहन दक्षताएं हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, दहन पर बेहतर नियंत्रण के लिए, सदस्य उद्योगों से प्राप्त विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट को निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है-

ठोस रूप में अपशिष्ट

गुण

विकल्प

उच्च कैलोरी मान वाला अपशिष्ट (कार्बनिक अवशेष)

तापमान को बहुत अधिक बढ़ने से नियंत्रित करने के लिए प्रत्येक चार्जिंग में ठोस फीड की मात्रा कम की जा सकती है।इसके अलावा, विशिष्ट मामलों में निम्नलिखित का प्रयोग किया जाता है: कम कैलोरी मान वाला तरल अपशिष्ट समानांतर रूप से इंजेक्ट किया जा सकता है; और/अथवा समानांतर रूप से भाप इंजेक्ट की जा सकती है

 

प्रतिक्रियाशील अपशिष्ट जिसे दूसरों के साथ नहीं मिलाया जा सकता

 

सील किए गए ड्रमों को भट्टियों में चार्ज किया जा सकता है। कैलोरी मान के आधार पर, ऐसे अपशिष्ट हेतु सदस्य उद्योग के लिए ड्रम/कंटेनर का आकार विनिर्दिष्ट किया जा सकता है।

अन्य मिलाया जा सकने वाला ठोस अपशिष्ट जिसका कैलोरी मान मध्यम हो

जहां तक संभव हो उस सीमा तक एकरूप किए जा सकते हैं और वांछित मात्रा के पैकेट और आवृत्ति में भट्टी में चार्ज किए जाए सकते हैं।

विशिष्ट सामग्री जो गरम करने पर गल जाती है

 

यहां, संभावना यह होगी कि सदस्य उद्योग से अपेक्षित कंटेनर क्षमता में स्टोर करने को कहा जाए, जिसे बिना गर्म किए सीधे इंजेक्ट किया जा सकता है; या ऐसी प्रणाली उपलब्ध कराई जा सकती है जिसके द्वारा ऐसे ड्रमों को गरम किया जा सकता है और क्लोज्ड-लूप प्रेशराइज्ड नाइट्रोजन के माध्यम से चार्ज किया जा सकता है।

अर्द्ध-ठोस रूप में अपशिष्ट

गुण

विकल्प

 

अत्यधिक ठोस सांद्रता

 

पूरी तरह बंद (उत्सर्जन को फैलने से रोकने के लिए) स्क्रू पंप विकल्प हो सकते हैं

ठोसों की अपेक्षाकृत कम सांद्रता/कम गाढ़ापन

सीमेंट कंक्रीट चार्जिंग के लिए प्रयोग किए जाने वाले जैसे पंपों का उपयोग किया जा सकता है।

अत्यधिक प्रतिक्रियाशील/ ज्वलनशील द्रव

 

अन्य अपशिष्टों से मिलाए बिना सीधे दहन कक्षों में इंजेक्ट किए जा सकते हैं। कंटेनरों से चार्जिंग क्लोज्ड-लूप नाइट्रोजन प्रेशर परिमार्जन के माध्यम से हो सकती है

उच्च कैलोरी मान वाले तरल पदार्थ (जैसे कि संदूषित विलायक)

दहन कक्ष द्वारा अपने डिजाइन किए गए तापमान पर पहुंचने के बाद, सहायक ईंधन आवश्यकता की जगह ले सकते हैं।

सहायक ईंधन जैसे गुणों वाले द्रव

 

एक बार यह साबित होने के बाद, इन द्रवों का उपयोग दहन कक्षों के प्रारंभिक तापमान को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। लेकिन, ऐसे दावों के समर्थन में मान्यता प्राप्त विश्वसनीय अन्य पक्ष द्वारा विशिष्ट परीक्षण प्रस्तुत किए जाएं।

कम कैलोरी मान वाले तरल पदार्थ

 

उच्च कैलोरी के ठोस/अन्य विशेष तरल अपशिष्ट फीड के कारण तापमान अत्यधिक बढ़ने से रोकने के लिए इन्हें भट्टियों में इंजेक्ट किया जा सकता है।

 

प्राप्त होने वाले अपशिष्ट के प्रकार के आधार पर, यह साझा भस्मक सुविधा द्वारा यह स्कीम लागू की जाएगी और सदस्य उद्योग संगत कोड संख्या/स्टीकर को रखेगा और साझा भस्मक सुविधा की विश्लेषण प्रयोगशाला द्वारा यह सत्यापित किया जाएगा तथा सुविधा के ऑपरेटर द्वारा उपयुक्त फीडिंग सुनिश्चित की जाएगी।

  • खतरनाक तरल अपशिष्ट को चार्ज करते समय, पंपों के अवरुद्ध होने से बचने के लिए तरल पदार्थ को छानने की आवश्यकता हो सकती है।
  • आसानी से पंप न किए जा सकने वाले अपशिष्ट (जैसे अधिक लसलसा, जिसमें अधिक ठोस सामग्री, आदि हो) के लिए प्रेशराइज्ड नाइट्रोजन परिमार्जन की आवश्यकता हो सकती है ताकि दहन चेंबरों में द्रव चार्ज हो जाए।
  • ऊपर दिए गए सेट अप में, तरल अपशिष्ट वाले ड्रम को चूषण पंपों और इंड्यूस्ड ड्राफ्ट (हुड और डक्ट) से खाली करने के मामले में, वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वीओसी) को एकत्र करने के लिए ड्रम रिक्त करने का क्षेत्र हर हाल में सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इन फैले हुए उत्सर्जनों को जो एकत्र किए गए हैं, नियंत्रित करना/दहन चेंबरों में निर्देशित करना जरूरी है।
  • अवांछित प्रतिक्रियाओं से बचने के लिए, दहन प्रणाली में कोई नई किस्म का अपशिष्ट फीड करने से पहले फीडिंग पाइपलाइन और उपकरण को साफ किया जाएगा।

दहन चेंबर (रोटरी भट्टी और द्वितीयक दहन चेंबर)

  • भस्मक संयंत्रों को इस प्रकार से डिजाइन, साज-सामीन से सज्जित, निर्मित और परिचालित किया जाएगा कि प्रक्रिया से उत्पन्न होने वाली गैस, दहन वायु को अंतिम बार इंजेक्ट करने के बाद, नियंत्रित और एकसमान तरीके से उठे।
  • भस्मक संयंत्रों को कम से कम एक सहायक बर्नर से सज्जित किया जाएगा। जब दहन वायु को अंतिम बार इंजेक्ट करने के बाद दहन वायु का तापमान विनिर्दिष्ट सीमा से कम हो जाए तब यह बर्नर स्वचालित तरीके से स्विच ऑन होना जरूरी है। संयंत्र को स्टार्ट-अप और शट डाउन करने के समय भी इसका उपयोग किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन परिचालनों के दौरान हर समय न्यूनतम तापमान बनाए रखा जा सके और तब तक भी जब तक बिना जला अपशिष्ट दहन चेंबर में है।
  • स्टार्ट-अप और शट-डाउन के दौरान या जब दहन गैस का तापमान विनिर्दिष्ट न्यूनतम तापमान से कम हो जाता है, तब सहायक बर्नर में ईंधन फीड नहीं किया जाएगा, क्योंकि ऐसा करने से गैस तेल/तरलीकृत गैस/प्राकृतिक गैस ने निकलने वाले उत्सर्जनों से अधिक उत्सर्जन पदा हो सकते हैं।
  • बर्नर प्रेशर-ऑटोमाइज्ड किस्म के रखे जाएं जिनके लिए भारतीय मानक ब्यूरो या समकक्ष संस्था से अनुमोदित प्रमाणन हो।
  • यदि भट्टी में कम कैलोरी मान के तरल ईंधन इंजेक्ट करने का प्रस्ताव है, तो डबल ईंधन इंजेक्शन बर्नरों में एक इंजेक्शन ट्यूब में सहायक ईंधन या समकक्ष तरल अपशिष्ट हो और दूसरे में कम कैलोरी मान का अपशिष्ट फीड किया जाए।
  • भस्मक की भट्टी और द्वितीयक दहन चेंबर नरम इस्पात के बने हों जो आईएस: 2062 के अनुरूप तथा उचित मोटाई के हों तथा उन पर उच्च ग्रेड के अग्निरोधी और इंसुलेशन की परत हो, ताकि वे न तो बंधे और न बाहर की ओर निकलें।
  • अपशिष्ट का पूरा जल जाना सुनिश्चित करने के लिए, दहन चेंबरों को (भट्टी और द्वितीयक दहन चेंबर) अत्यधिक हवा दी जाएगी। ब्लोअर की क्षमता इतनी होगी कि वह दहन वायु की सही आपूर्ति कर सके।
  • भस्मक सुविधा को लगातार 5 दिन तक चलाने के लिए ईंधन तेल की मात्रा आरक्षित रखी जाए।
  • भस्मक सुविधा में सुरक्षा अवलोकन कांच वाली एक खिड़की होगी जिससे होकर भट्टी को (अक्षीय रूप से) तथा द्वितीयक दहन चेंबरों में ज्वाला को देखा जा सके।
  • चूंकि साझा भस्मक प्रणालियां अलग-अलग ऊष्मा मान वाले अपशिष्ट को संचालित कर रही होंगी, और राख/धातुमल में टीओसी और एलओआई आवश्यकताओं को सुनिश्चित करते समय, संभव है भट्टी में तापमान अचानक बढ़ जाए। इसलिए, सुविधाएं थर्मल रेफ्रेक्टरी ब्रिक्स और इन्सुलेशन रख सकती हैं जो 1,300oC के न्यूनतम तापमान को झेल सकें (आमतौर पर कोरन्डम/क्रोमियम ईंटें)।
  • फर्नेस में उच्च-दाब बनने की स्थिति के लिए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
  • फीड करने के उपकरणों के साथ सीओ और तापमान नियंत्रण (प्राथमिक और द्वितीयक चेंबर में) हतु इंटरलॉकिंग व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • सभी बर्नरों को फ्लेम कंट्रोल सिस्टम यानी लौ नियंत्रण प्रणालियों से सज्जित किया जाएगा (यदि कोई लौ नहीं पाई जाती है, तो ईंधन इंजक्ट करने कि क्रिया को रुकना होगा, स्वचालित रूप से - फास्ट-स्टॉप-वाल्व का उपयोग)।
  • जब भी दहन चेंबरों में दबाव धनात्मक होता है, तुरंत अपशिष्ट की फीडिंग बंद की जाएगी और ऋणात्मक दाब को बहाल करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे।
  • उपयुक्त जगहों पर बाहर निकलने के दरवाजे उपलब्ध कराए जाएंगे, निरीक्षण और रखरखाव में आसानी के लिए भस्मक की प्राथमिक भट्टी तथा द्वितीयक चेंबर में से प्रत्येक में एक-एक।

रोटरी भट्टी

  • भट्टी की डिज़ाइन की गई ऊष्मा क्षमता बनाए रखने के लिए, ठोस अपशिष्ट इंजेक्शन पैकेज की मात्रा (किग्रा/सिंगल इंजेक्शन) को अपशिष्ट फीड के कैलोरी मान के अनुसार समायोजित किया जाएगा।
  • जब पैकेटों में उच्च कैलोरी मान वाला ठोस अपशिष्ट इंजेक्ट किया जाता है, तो प्रत्येक इंजेक्शन का आकार इस प्रकार कम किया जा सकता है कि भट्टी में शीर्ष CO सांद्रता प्रारंभिक चरण में अत्यधिक न हो जाए, जिससे द्वितीयक चेम्बर में तेजी से उठने वाले उत्सर्जन पैदा होंगे, और इस प्रकार संकट पैदा हो जाएगा, अत: आवश्यक रोके रखने का समय सुनिश्चित करना चाहिए।
  • भट्टी के लिए उचित ढलान (सामान्यत: 3 डिग्री), घूर्णन दरें (लगभग 10/घंटा) और ठोस अपशिष्ट ठहरने का समय (1-10 घंटे) समायोजित किए जाएं, ताकि राख/धातुमल में टोटल कार्बनिक कार्बन (टीओसी) और लॉस ऑन इग्निशन (एलओआई) अपेक्षाएं हासिल की जा सकें।
  • रेफ्रेक्टरी और इन्सुलेशन ईंटों की मियाद सुनिश्चित करने के लिए, यह एक प्रथा है कि भट्टियों में उचित अनुपातों में सिलिका और ग्लास फीड किए जाएं ताकि जब भी परत की मोटाई कम हो जाती है तो रेफ्रेक्टरी परत के ऊपर एक कवर बन जाए।
  • यह सूचना दी गई है कि रोटरी भट्टी की बाहरी सतह के तापमान में कमी से रेफ्रेक्टरी यानी आग-रोधी ईंटों और परत की मियाद बढ़ जाती है। जहां व्यवहारिक हो, इसकी संभावना तलाशी जाए।
  • रोटरी भट्टी में, ठोस अपशिष्ट का पूरी तरह से जलना सुनिश्चित करने के लिए, तापमान को 800+oC पर बनाए रखा जाएगा। ठोस अपशिष्ट के पूर्ण वाष्पीकरण के लिए हवा का नियंत्रित प्रवाह बनाए रखा जाएगा।

द्वितीयक दहन चेंबर

  • द्वितीयक दहन चेंबर में न्यूनतम तापमान अपेक्षा 100oC है। इसे दहन चेंबर में एक ही समय पर तीन डिटेक्टरों के तापमान का औसत लेकर सुनिश्चित किया जाए (जो ठीक बर्नर लौ में स्थित न हों)।
  • नाजुक फीड दशाओं में, डिजाइन और परिचालन दशाएं द्वितीयक दहन चेंबरों में न्यूनतम 2 सेकेंड सेकंड का ठहरने का समय प्रदर्शित करेंगी, ताकि प्राथमिक दहन चेंबर से पैदा हुए वाष्पशील पदार्थों का पूर्ण दहन हो जाए।
  • यदि, अहम फीड की स्थियों के तहत, दो सप्ताह की अवधि के दौरान निरंतर निगरानी के आधार पर मानकों का एकसमान अनुपालन सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया जाता है, तो राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड/प्रदूषण नियंत्रण समिति भस्मक सुविधा द्वारा तापमान और ठहराव समय में छूट के लिए किए गए प्रस्ताव की केंद्रीय बोर्ड के विचारार्थ और अनुमोदनार्थ सिफारिश कर सकती है, लेकिन किसी भी हाल में यह 950oC और 1.5 सेकंड से कम नहीं होगा।

प्रदूषण नियंत्रण उपकरण

  • प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों को पार्टिकुलेट मैटर के लिए विनिर्दिष्ट किए गए मानकों का अनुपालन करना जरूरी है। ये पार्टिकुलेट मैटर हैं, HCl, SO2, CO, टोटल ऑर्गेनिक कार्बन, HF, NOX (NO और NO2 जिन्हें NO2 के रूप में व्यक्त किया जाता है), हाइड्रोकार्बन, डाइऑक्सिन/फुरान, Cd + Th (और इसके योगिक), Hg (और इसके योगिक), Sb + As + Pb + Cr + Co + Cu + Mn + Ni + V (और इनके योगिक)। इसके अतिरिक्त, राज्य बोर्ड/प्रदूषण नियंत्रण समिति, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के परामर्श से अतिरिक्त मापदंड निर्धारित कर सकती है, जैसा कि वह उचित समझे।
  • भस्मक सुविधा यथासंभव ऊष्मा पुन:प्राप्ति की संभावनाओं को तलाशेगी।
  • मानकों का अनुपालन करने के लिए, गैस की सफाई और वायु प्रदूषकों को हटाने के लिए उपचार इकाइयों के कई संयोजन स्थापित किए गए हैं। डिज़ाइन की गई उपचार योजनाओं में निम्नलिखित उपकरण शामिल होंगे, जिनका प्रयोग उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए पर्याप्त दक्षताओं के साथ मिलाकर किया जाएगा-

डाइऑक्सिन

डी-नवो संश्लेषण को पृष्ठभूमि में रखते हुए, फ्लू गैस तापमान को तेजी से कम करके डाइऑक्सिन फिर से बनने को रोकने के लिए कदम उठाना जरूरी है, विशेषकर सक्रिय किए गए कार्बन, आदि द्वारा तेजी से शांत करने/उत्प्रेरक/अवशोषण को अपनाकर 500osup> C से घटाकर 200osup> C से कम करना।

पार्टिकुलेट मैटर

फ्लू गैसों में महीन पार्टिकुलेट या कणिकाओं के लिए विशेषक धूल पृथक करने की प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता होती है जैसे बैग फिल्टर, इलेक्ट्रो स्टेटिक प्रेसिपिटेटर, आदि फ्लू गैस मानकों को पूरा किया जा सके। इलेक्ट्रो स्टेटिक प्रेसिपिटेटर्स के मामले में, धूल के कारण विद्युतीय चिंगारियों को रोकने के लिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है ताकि डाइऑक्सिन फिर से न बन सकें और महीन धूलि में अवशोषित न हो पाएं।

पारा

यदि फीडिंग अपशिष्ट में पारा और उसके यौगिक हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि ये उत्सर्जन हवा में आ जाएंगे। अत: इन उत्सर्जनों पर नियंत्रण के लिए विशिष्ट उपचार की आवश्यकता होती है। (जैसे, सक्रियकृत कार्बन, मर्क्यूरिक क्लोराइड में रूपांतरण और फिर मर्क्यूरिक सल्फाइड में, आदि)

SO2

फीडिंग अपशिष्ट में सल्फर (गंधक) की मौजूदगी से थर्मल ऑक्सीकरण होने पर सल्फर डाइऑक्साइड बनता है, जिसे नियंत्रित करने के उपाय करने होते हैं ताकि मानक पूरे किए जा सकें। पारंपरिक रूप से अपनाई जाने वाली विधि में का क्षार से रगड़कर सफाई की जाती है (जलीकृत चूने या सोडियम हाइड्रोक्साइड इंजेक्शन के साथ क्षार सूखा/गीला स्क्रबर)

एचसीएल & एचएफ

हैलोजन उत्सर्जन को वांछित स्तर तक नियंत्रित करने के लिए, विशेष रूप से क्लोराइडों और फ्लोराइडों को, पारंपरिक रूप से पानी/क्षार के स्क्रबर्स प्रयोग किए जाते हैं।

धुंध (मिस्ट)

प्रायः चिमनी उत्सर्जन सं धुंध को खत्म करने की आवश्यकता होती है। अत:, जहां आवश्यक डि-मिस्टर उपलब्ध कराया जाए।

चिमनी की ऊंचाई

  • चिमनी या स्टैक की ऊंचाई किसी भी हाल में 30 मीटर से कम नहीं होगी।
  • चिमनी की ऊंचाई की आवश्यकता सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन पर आधारित जिसके लिए इस समीकरण का प्रयोग किया गया - चिमनी की ऊंचाई = 14 (Q) 0.3 [जहां, Q का अर्थ है किलो/घंटा में SO2 की उत्सर्जन दर]
  • प्राप्त करने वाले वातावरण में, सभी संबंधित मापदंडों के लिए परिवेशी वायु गुणवत्ता की आवश्यकताओं को बनाए रखने के लिए सरल गौसियन प्लूम मॉडल का प्रयोग करके।

चिमनी की अपेक्षित उंचाई ऊपरोक्त तीन में से अधिकतम होगी।

निगरानी और ऑनलाइन डिस्प्ले अपेक्षाएं

वायु प्रदूषकों की निगरानी के लिए, जब भी आवश्यकता होगी, चिमनी से स्टैक नमूनों को एकत्रित करने के लिए सीपीसीबी मानदंडों के अनुसार नमूना लेने हेतु प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे। व्यास संबंधी गणनाओं को अपनाते हुए, मानक सीपीसीबी मानदंडों के अनुसार चिमनी पर छिद्र उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है।

विभिन्न मापदंडों के संबंध में निगरानी की आवृत्ति नीचे दी गई है-

क्रम संख्या

मापदंड

स्थान

आवृत्ति

1

तापमान

द्वितीयक दहन चेंबर, चिमनी उत्सर्जन

निरंतर निगरानी

2

कार्बन मोनोऑक्साइड

चिमनी उत्सर्जन

निरंतर

3

अधिशेष ऑक्सीजन

द्वितीयक दहन चेंबर, चिमनी उत्सर्जन

निरंतर

4

दबाव

दहन कक्ष

निरंतर

5

कुल पार्टिकुलेट मैटर

चिमनी उत्सर्जन

निरंतर

6

HCl

चिमनी उत्सर्जन

निरंतर

7

HF

चिमनी उत्सर्जन

हर महीने एक बार, आरंभ में प्रथम वर्ष के लिए। यदि HCL स्क्रबिंग दक्षता के साथ सह-संबंध साबित किया जाता है, तो राज्य बोर्डों/प्रदूषण नियंत्रण समितियों द्वारा उचित रूप से आवृत्ति में छूट दी जा सकती है

8

SO2

चिमनी उत्सर्जन

निरंतर

9

NOx

चिमनी उत्सर्जन

निरंतर

10

TOC

चिमनी उत्सर्जन

निरंतर

11

प्रज्वलन पर हानि (LOI)

दहन प्रक्रियाओं से अवशेष (धातुमल/राख)

- वही -

12

पारा

चिमनी उत्सर्जन

वर्ष में दो बार, नाजुक परिचालन दशाओं में

13

भारी धातुओं

चिमनी उत्सर्जन

वर्ष में दो बार, नाजुक परिचालन दशाओं में

14

डाइऑक्सिन और फुरान

चिमनी उत्सर्जन, राख/धूल, स्क्रबर लिकर, क्वेन्च लिकर

वर्ष में दो बार, नाजुक परिचालन दशाओं में

स्थानीय विनियामक बोर्ड/समिति द्वारा निरंतर निगरानी डेटा देखने के लिए ऑनलाइन पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी तथा परिचालनों और विनियामक अपेक्षाओं के साथ अनुपालनों का पूरा ब्योरा देते हुए वार्षिक पर्यावरण रिपोर्ट प्रकाशित करने तथा जनता को उपलब्ध कराने की आवश्यकता होगी।

  • ऑक्सीजन सांद्रता के मानक प्रतिशत पर उत्सर्जन सांद्रता की गणना करने के लिए सूत्र -

(21 - Os)Es

Es =     -------------------   x   (EM)

(21 - Om)

जहां,

Es = ऑक्सीजन सांद्रता के मानक प्रतिशत पर गणना की गई उत्सर्जन सांद्रता

Em = मापी गई उत्सर्जन सांद्रता

Os = मानक ऑक्सीजन सांद्रता

Om = मापी गई ऑक्सीजन सांद्रता

मापी गई सांद्रताओं में उपर्युक्त सुधार केवल तब किया जाएगा जब मापी गई % ऑक्सीजन सांद्रता मानक % ऑक्सीजन सांद्रता (अर्थात, 11%) से अधिक हो

  • डाइबेन्जो-पी-डाइऑक्सिन और डाइबेन्जोफुरान्स: सीईएन-मानकों द्वारा दिए गए अनुसार, स्वचालित माप प्रणालियों को अंशांकित करने के लिए डाइऑक्सिनों और फुरानों तथा संदर्भ माप विधियों का विश्लेषण किया जाएगा। यदि सीईएन-मानक उपलब्ध नहीं हैं, तो आईएसओ मानक, राष्ट्रीय अथवा अंतर्राष्ट्रीय मानक, जो समकक्ष वैज्ञानिक गुणवत्ता का डेटा प्रावधान सुनिश्चित करेंगे, लागू होंगे।

सारांश देने से पहले, निम्नलिखित डाइबेन्जो-पी-डाइऑक्सिन्स और डाइबेन्जोफुरान्स की द्रव्यमान सांद्रताओं को उनके विषाक्तता तुल्यता कारकों के साथ गुणा करके डाइऑक्सिनों और फुरानों की कुल सांद्रता की गणना की जाएगी-

 

कान्जनर का नाम

विषाक्तता तुल्यता कारक

2,3,7,8

टेट्राक्लोरोडाइबेन्जोडाइऑक्सिन

1.0

1,2,3,7,8

पेन्टाक्लोरोडाइबेन्जोडाइऑक्सिन

0.5

1,2,3,4,7,8

हेक्साक्लोरोडाइबेन्जोडाइऑक्सिन

0.1

1,2,3,6,7,8

हेक्साक्लोरोडाइबेन्जोडाइऑक्सिन

0.1

1,2,3,7,8,9

हेक्साक्लोरोडाइबेन्जोडाइऑक्सिन

0.1

1,2,3,4,6,7,8

हेप्टाक्लोरोडाइबेन्जोडाइऑक्सिन

0.01

 

ऑक्टाक्लोरोडाइबेन्जोडाइऑक्सिन

0.001

2,3,7,8

टेट्राक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.1

2,3,4,7,8

पेन्टाक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.5

1,2,3,7,8

पेन्टाक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.05

1,2,3,4,7,8

हेक्साक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.1

1,2,3,6,7,8

हेक्साक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.1

1,2,3,7,8,9

हेक्साक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.1

2,3,4,6,7,8

हेक्साक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.1

1,2,3,4,6,7,8

हेप्टाक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.01

1,2,3,4,7,8,9

हेप्टाक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.01

 

ऑक्टाक्लोरोडाइबेन्जोफुरान

0.00

राख/धातुमल का प्रबंधन

दहन चेंबरों से राख/धातुमल को हटाने के लिए वाटर लॉकिंग व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।

जहां उपयुक्त हो, सुविधा में ही या सुविधा के बाहर राख/धातुमल की रीसाइक्लिंग के विकल्पों का पता लगाया जाए। धातुमल के घुलनशील अंश पर निर्भर करते हुए, जैसा संबंधित प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किया जाए, धातुमल का उपयोग धातुओं के उपयोग के लिए, जैसे सड़क निर्माण सामग्री, आदि के तौर पर किया जा सकता है।

सूखा धातुमल और राख (दहन प्रक्रियाओं, बॉयलर धूलि के अवशेष, दहन गैसों के उपचार के अवशेष, आदि) को बंद थैलों, कंटेनरों, आदि में रखा जाएगा ताकि उत्सर्जनों को फैलने से रोका जा सके।

क्वेन्च/स्क्रबर लिकर प्रबंधन

निकास गैसों की सफाई के अपशिष्ट जल के लिए उपयुक्त उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।

यह उपचारित अपशिष्ट जल निपटान के विशिष्ट बहिस्राव मानकों के अनुरूप होगा।

यदि जबरन वाष्पीकरण को क्वेन्च/स्क्रबर लिकर के लिए एक उपचार विकल्प माना जाता है, तो कार्बनिक उत्सर्जन, यदि कोई हों, एकत्र करके भस्मक में लौटाए जाएंगे।

इन लिकर्स को फिर से सिस्टम में फीड करने से सांद्रता के स्तर बढ़ सकते हैं। इसलिए, पर्याप्त सिंक क्षमता सुनिश्चित की जाएगी।

संगठनात्मक संरचना

सुविधा का मुख्य कार्यकारी अधिकारी भस्मक सुविधा पर समस्त कार्यकलापों के लिए जिम्मेदार है। वह एक उपयुक्त संगठनात्मक संरचना लागू कर सकता है और जिम्मेदारियों का उचित आबंटन कर सकता है। यह संगठननात्मक संरचना विनियामक अधिकारियों को साइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। संदर्भ के लिए एक सामान्य संगठनात्मक संरचना चित्र-I में दिखाई गई है।

चित्र-I

image-1

 

अन्य अपेक्षाएं

  1. सभी संबंधित क्षेत्रों में उचित साइन बोर्ड रखे जाएंगे
  2. आपातस्थिति होने पर अपनाए जाने वाला प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा और पूरे ऑपरेटिंग स्टाफ को तदनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा। जिन जगहों पर तर्कसंगत रूप से संभव होगा उन सभी जगहों पर इंटर-लॉकिंग सिस्टम्स और अलार्म सिस्सटम उपलब्ध कराए जाएंगे
  3. असामान्य परिचालनों और आपातकालीन स्थितियों को तुरंत स्थानीय विनियामक बोर्ड/समिति के ध्यान में लाया जाना चाहिए।
  4. गंध वाले अपशिष्टों को संचालित करते समय, गंध की परेशानी से बचने के लिए सावधानी बरती जाएगी (सील किए गए कंटेनर, वेपर बैलेंसिंग, नाइट्रोजन ब्लैंकेटिंग, आदि)।
  5. फैलने वाले उत्सर्जन को एकत्र करने और उसे नियंत्रित करने/दहन चेंबरों में भेजने के प्रयास किए जाने अनिवार्य हैं
  6. पंजीकृत चिकित्सा पेशेवरों के त्रैमासिक चिकित्सा कैंपों/भस्मक सुविधा के सभी कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच आयोजित की जाएंगी।
  7. संवेदनशील प्रकृति के परिचालन कार्यों के लिए, उचित रूप से योग्यता प्राप्त और प्रशिक्षित कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे। भस्मकों को ऑपरेट करने के लिए न तो कोई तदर्थ नियुक्तियां की जाएंगी और न ही किसी अकुशल या अप्रशिक्षित कार्मिक की सेवाएं ली जाएंगी। खतरनाक अपशिष्ट और भस्मक के संचालन में शामिल सभी कार्मिक वेतन रोल पर होंगे।
  8. भस्मक में सभी सुरक्षा उपाय किए जाएंगे ताकि ऑपरेटर और यूनिट को सभी संभावित परिचालन/मशीनरी विफलताओं के विरुद्ध पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जा सके।
  9. अलग बैक-अप पावर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिसमें यह व्यवस्था होगी कि बिजली जाने पर वह तुरंत स्वचालित रूप से काम करना शुरू दे।
  10. संपूर्ण साज-सामान को, जरूरी नहीं कि भट्टी को, ऊष्मा-रोधी (एल्यूमीनियम) पेन्ट की दो परतों से पेन्ट किया जाए।
स्रोत: केन्द्री य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020



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