उपग्रह मौसम-विज्ञान (वायुयान-आधारित सहित)-मौसम पूर्वानुमान एक आंरभिक मूल्य समस्या है जिसमें सटीक आरंभिक दशा हेतु आवश्यकता को दर्शाया जाता है जिसे डेटा सम्मिश्रण से प्राप्त किया जाता है। चूंकि परंपरागत डेटा कवरेज स्थानिक तथा कालिक रूप से सीमित होते हैं, इसलिए उपग्रह डेटा स्थान तथा समय दोनों में अधिक बेहतर कवरेज उपलब्ध कराता है। लगभग 90% डेटा जो कि किसी विश्लेषण-पूर्वानुमान प्रणाली में सम्मिश्रण हेतु जाते हैं वे उपग्रह से प्राप्त डेटा होते हैं तथा शेष डेटा स्व-स्थाने प्लेटफॉर्मों से प्राप्त होते हैं। उपग्रह मौसम-वैज्ञानिक सेवाओं में भारतीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय उपग्रहों से उपग्रह डेटा प्राप्त करना, सभी चैनलों में छवियों के सृजन हेतु इन्हें प्रोसेस करना, प्रचालनात्मक उत्पादों की व्युत्पत्ति,उनका पुरालेखन तथा मौसम पूर्वानुमान हेतु उनकी वास्तविक समय उपयोगिता शामिल हैं। विभिन्न उत्पादों में बादल शीर्ष तापमान, तापमान के ऊर्ध्वाकार प्रोफाइल,आर्द्रता, कोहरा, समुद्र सतह तापमान, वायुमण्डलीय गति वेक्टर, बहिर्गामी दीर्घ-तरंग विकिरण, कुल वर्षणीय जल इत्यादि।
भारत मौसम-विज्ञान विभाग, नई दिल्ली
इनसेट 3डी प्राइम ग्राउण्ड सेगमेंट को डेटा प्रोसेसिंग क्षमताओं सहित संस्थापित किया जाएगा। शुद्ध वर्षणीय जल के 200 जीपीएस स्टेशन स्तर के मापन को सृजित किया जाएगा। एक उच्च बैंडविड्थ संयोजकता वाले अत्याधुनिक डेटा केन्द्र की स्थापना की जाएगी जिसमें प्रयोक्ता के अनुकूल विशेषताएं विद्यमान होगी। दूर-दराज़ के इलाकों में रहने वालों तथा जहाज पर सवार प्रयोक्ताओं के हित के लिए ब्रॉडकास्ट मोड में डेटा उत्पादों के प्रसारण हेतु आईमेटकास्ट नामक प्रणाली को संस्थापित किया जाएगा। उपग्रह डेटा की बढ़ती हुई आपूर्ति का पूर्ण उपयोग करने हेतु अनेक अनुसंधान और विकास तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।
उपग्रह से प्राप्त उत्पादों को वास्तविक समय पर सृजित करने की प्रणालियां, जिसमें भारत तथा पड़ौसी क्षेत्रों में मौसम प्रणालियों की सतत् निगरानी हेतु प्रचुरता होगी।
भारत के भू-स्थैतिक मौसम उपग्रहों हेतु एक समर्पित उपग्रह डेटा प्रसारण अवसंरचना का निर्माण करना।
70 करोड़ रुपए
बजट की आवश्यकता (रुपए करोड़ में)
योजना का नाम |
2012-13 |
2013-14 |
2014-15 |
2015-16 |
2016-17 |
कुल |
उपग्रह मौसम-विज्ञान |
10 |
10 |
20 |
15 |
15 |
70.00 |
स्रोत: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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