प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को दायर करना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि न्याय की प्रक्रिया पुलिस स्टेशन में अपराध का पंजीकरण करने के साथ शुरू होती है। अपराध प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 154 के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट को दायर करने की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है। भारत के उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने 2008 की रिट याचिका (अपराध) संख्या 68 (ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार तथा अन्य) में अन्य बातों के साथ-साथ, दिनांक 12.11.2013 को दिए अपने निर्णय में यह कहा था, 'संहिता की धारा 154 के अंतर्गत एफआईआर का पंजीकरण अनिवार्य है, यदि सूचना संज्ञान अपराध के घटित होने का प्रकटन करती है और ऐसी स्थिति में कोई प्रारंभिक जांच अनुमत नहीं है।' पीओए अधिनियम के अंतर्गत किए जाने वाले अपराध संज्ञान हैं। ऐसी स्थिति में प्रभावित व्यक्ति को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) (पीओए) अधिनियम के अध्याय-II, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) (संशोधन) अधिनियम, 2015 (2016 की संख्या 1) द्वारा यथा संशोधित संगत उपबंधों के अनुसार क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) अवश्य दायर करनी चाहिए।
अपराधों का उल्लेख नीचे किया गया है :-
- मतदान न करने या किसी विशिष्ट अभ्यर्थी के लिए मतदान करने या विधि द्वारा उपबंधित से भिन्न रीति से मतदान करने;
- किसी अभ्यर्थी के रूप में नामनिर्देशन फाइल न करने या ऐसे नाम निर्देशन को प्रत्याहृत करने; या
- किसी निर्वाचन में अभ्यर्थी के रूप में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य के नामनिर्देशन का प्रस्ताव या समर्थन नहीं करेंगे।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी ऐसे सदस्य को जो संविधान के भाग IX के अधीन पंचायत या संविधान के भाग IXक के अधीन नगरपालिका का सदस्य या अध्यक्ष या अन्य किसी पद का धारक है, उसके समान कर्तव्यों या कृत्यों के पालन में मजबूर या अभित्रस्त करेगा।
- मतदान के पश्चात्, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को उपहति या घोर उपहति या हमला करेगा या सामाजिक या आर्थिक बहिष्कार अधिरोपित करेगा या अधिरोपित करने की धमकी देगा या किसी ऐसी लोक सेवा के उपलब्ध फायदों से निवारित करेगा, जो उसको प्राप्य हैं।
- किसी विशिष्ट अभ्यर्थी के लिए मतदान करने या उसको मतदान नहीं करने या विधि द्वारा उपबंधित रीति से मतदान करने के लिए अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य के विरुद्ध इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध करेगा।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य के विरुद्ध मिथ्या, द्वेषपूर्ण या तंग करने वाला वाद या दांडिक या अन्य विधिक कार्यावाहियां संस्थित करेगा।
- किसी लोक सेवक को मिथ्या या तुच्छ सूचना देगा जिससे ऐसा लोक सेवक अपनी विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को क्षति करने या क्षुब्ध करने के लिए करेगा।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को अवमानित करने के आशय से लोक दृष्टि में आने वाले किसी स्थान पर अपमानित या अभित्रस्त करेगा।
- लोक दृष्टि में आने वाले किसी स्थान पर जाति के नाम से अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को गाली-गलौज करेगा।
- अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के सदस्य द्वारा सामान्यता धार्मिक माने जाने वाली या अति श्रद्धा से ज्ञात किसी वस्तु को नष्ट करेगा, हानि पहुंचाएगा या अपवित्र करेगा।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के विरुद्ध शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाओं की या तो लिखित या मौखिक शब्दों द्वारा या चिह्नों द्वारा दृश्य रूपण द्वारा या अन्यथा अभिवृद्धि करेगा या अभिवृद्धि करने का प्रयत्न करेगा।
- अनुसूचित जातियों या अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों द्वारा अति श्रद्धा से माने जाने वाले किसी दिवंगत व्यक्ति का या तो लिखित या मौखिक शब्दों द्वारा या किसी अन्य साधन से अनादर करेगा।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी स्त्री को साशय यह जानते हुए स्पर्श करेगा कि वह अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है, जबकि स्पष्ट करने का ऐसा कार्य, लैंगिक प्रकृति का है और प्राप्तिकर्त्ता की सहमति के बिना है।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी स्त्री के बारे में, यह जानते हुए कि वह अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से संबंधित है, लैंगिक प्रकृति के शब्दों, कार्यों या अंगविक्षेपों का उपयोग करेगा।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य द्वारा सामान्यत: उपयोग किए जाने वाले किसी स्रोत, जलाशय या किसी अन्य स्रोत के जल को दूषित या गंदा करेगा जिससे वह इस प्रयोजन के लिए कम उपयुक्त हो जाए जिसके लिए वह साधारणत: उपयोग किया जाता है।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को लोक समागम के किसी स्थान से गुजरने के किसी रूढ़िजन्य अधिकार से इंकार करेगा या ऐसे सदस्य को लोक समागम के ऐसे स्थान का उपयोग करने या उस पर पहुंच रखने से निवारित करने के लिए बाधा पहुंचाएगा जिसमें जनता या उसके किसी अन्य वर्ग के सदस्यों को उपयोग करने और पहुंच रखने का अधिकार है।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को उसका गृह, ग्राम या निवास का अन्य स्थान जोड़ने के लिए मजबूर करेगा या मजबूर करवाएगा।
- अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य को निम्नलिखित के संबंध में किसी रीति से बाधित या निवारित करेगा :-
- किसी क्षेत्र के सम्मिलित संपत्ति संसाधनों का या अन्य व्यक्तियों के साथ समान रूप से कब्रिस्तान या शमशान भूमि का उपयोग करना या किसी नदी, सरिता, झरना, कुआं, तालाब, कुण्ड, नल या अन्य जलीय स्थान या कोई स्नानघाट, कोई सार्वजनिक परिवहन, कोई सड़क या मार्ग का उपयोग करना;
- साइकिल या मोटर साइकिल आरोहण या सवारी करना या सार्वजनिक स्थानों में जूते या नये कपड़े पहनना या विवाह की शोभा यात्रा निकालना या विवाह की शोभा यात्रा के दौरान घोड़े या किसी अन्य यान पर आरोहण करना;
- जनता या समान धर्म के अन्य व्यक्तियों के लिए खुले किसी पूजा स्थल में प्रविष्ट करना या जाटरस सहित किसी धार्मिक, सामाजिक या सांस्कृतिक शोभा यात्रा में भाग लेना या उसको निकालना;
- किसी शैक्षणिक संस्था, अस्पताल, औषधालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, दुकान या लोक मनोरंजन या किसी अन्य लोक स्थान में प्रविष्ट होने या जनता के लिए खुले किसी स्थान में सार्वजनिक उपयोग के लिए अभिप्रेत कोई उपकरण या वस्तुएं;
- किसी वृत्तिक में व्यवसाय करना या किसी ऐसी उपजीविका, व्यापार, कारबार या किसी नौकरी में नियोजन करना, जिसमें जनता या उसके किसी वर्ग के अन्य लोगों को उपयोग करने या उस तक पहुंच का अधिकार है।
धारा 3(1) के अंतर्गत विनिर्दिष्ट अत्याचारों के अपराधों के लिए, 6 माह से 5 वर्ष तक जुर्माना सहित दंड का प्रावधान है। धारा 3(2)(i) के अंतर्गत अपराधों के लिए मृत्युदंड देने का प्रावधान है। धारा 3(2)(ii) के अंतर्गत अपराधों के लिए कम से कम 6 माह जिसे 7 वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है, जुर्माना सहित दंड देने का प्रावधान है। धारा 3 (2)(iv) के अंतर्गत अपराधों के लिए जुर्माना सहित आजीवन सजा का दंड देने का प्रावधान है। धारा 3(2)(iv)(v) के अंतर्गत अपराधों के लिए जुर्माना सहित आजीवन सजा का दंड देने का प्रावधान है। धारा 3(2)(vक) के अंतर्गत अपराधों के लिए, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन अधिनियम, 2015 की अनुसूची में विनिर्दिष्ट अपराधों के लिए आईपीसी के अंतर्गत यथा विहित दंड देने का प्रावधान है।
अनुसूची के अनुबंध-I के अनुसार, राहत राशि के लिए मापदंड निम्नलिखित हैं :-
क्रम सं. |
अपराध का नाम |
राहत की न्यूनतम राशि |
1 |
कोई अखाद्य या घृणाजनक पदार्थ रखना (अधिनियम की धारा 3(1)(क) |
पीड़ित व्यक्ति को 1.00 लाख रुपए। पीड़ित व्यक्ति को दिया जाने वाला भुगतान निम्नानुसार होगा :- क्रम संख्या (2) और (3) के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के चरण पर 10% और क्रम सं. (1), (4) और (5) के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट के चरण पर 25%।
50%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है।
क्रम सं. (2) और (3) के लिए निचले न्यायालय द्वारा आरोपी को दोषसिद्ध ठहराने पर 40% और इसी प्रकार क्रम सं. (1), (4) और (5) के लिए 25%।
|
2 |
मल-मूत्र, मल, पशु-शव या अन्य कोई घृणाजनक पदार्थ इकट्ठा करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ख) |
|
3 |
क्षति करने, अपमानित करने या शुद्ध करने के आशय से मल-मूत्र, कूड़ा, पशु-शव इकट्ठा करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ग) |
|
4 |
जूतों की माला पहनाना या नग्न या अर्ध-नग्न घुमाना(अधिनियम की धारा 3(1)(घ) |
|
5 |
कपड़े उतारना, बलपूर्वक सिर का मुण्डन करना, मूंछे हटाना, चेहरे या शरीर को पोतना जैसे कार्य बलपूर्वक करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ड.) |
|
6 |
किसी भूमि को सदोष अधिभोग में लेना या उस पर खेती करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(च) |
पीड़ित व्यक्ति को 1.00 लाख रुपए। भूमि या परिसर या जल की आपूर्ति या सिंचाई सुविधा, को जहां आवश्यक होगा, संबंधित राज्य सरकार अथवा केन्द्र राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा सरकारी खर्च पर बहाल किया जाएगा। पीड़ित को दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
7 |
किसी भूमि या परिसरों से सदोष वेकब्जा करना या अधिकारों सहित उसके अधिकारों के उपभोग में हस्तक्षेप करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ज) |
|
8 |
बेगार करने अथवा अन्य प्रकार के बलात्श्रम या बंधुआ श्रम करने के लिए।(अधिनियम की धारा 3(1)(झ) |
पीड़ित व्यक्ति को 1.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
9 |
मानव या पशु-शव का निपटान करने या उनकी अंतेष्टि ले जाने या कब्रों को खोदने के लिए विवश करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ञ) |
|
10 |
अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य को हाथ से सफाई करने के लिए तैयार करना या ऐसे प्रयोजन के लिए उसे नियोजित करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ट) |
|
11 |
अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की स्त्री को किसी देवदासी के रूप में निष्पादित या संवर्धित करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ठ) |
|
12 |
मतदान करने, नामनिर्देशन फाइल करने से रोकना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ड) |
पीड़ित व्यक्ति को 85,000 रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
13 |
पंचायत या नगरपालिका के किसी पदधारक को उसके कर्त्तव्यों के पालन में मजबूर, अभित्रस्त या बाधित करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ढ) |
|
14 |
मतदान के बाद हमला करना और सामाजिक तथा आर्थिक बहिष्कार अधिरोपित करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(ण) |
|
15 |
किसी विशिष्ट अपराधी के लिए मतदान करने या उसको मतदान नहीं करने के लिए इस अधिनियम के अंतर्गत कोई अपराध करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(त) |
|
16 |
मिथ्या, द्वेषपूर्ण या अन्य विधिक कार्रवाइयां संस्थित करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(थ) |
पीड़ित व्यक्ति को 85,000 रुपए अथवा वास्तविक विधि खर्च और नुकसान की प्रतिपूर्ति, जो भी कम हो। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
17 |
किसी लोक सेवक को कोई मिथ्या या तुच्छ सूचना देना।(अधिनियम की धारा 3(1)(द) |
पीड़ित व्यक्ति को 85,000 रुपए अथवा वास्तविक विधि खर्च और नुकसान की प्रतिपूर्ति, जो भी कम हो। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
18 |
अवमानित करने के आशय से लोक दृष्टि में आने वाले किसी स्थान पर अपमानित या अभित्रस्त करना। (अधिनियम की धारा 3(1)(ध) |
पीड़ित व्यक्ति को 1.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
19 |
लोक दृष्टि में आने वाले किसी स्थान पर जाति के नाम से गाली-गलौज करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(न) |
|
20 |
धार्मिक मानी जाने वाली या अतिश्रद्धा से ज्ञात किसी वस्तु को नष्ट करना, हानि पहुंचाना अथवा अपवित्र करना। (अधिनियम की धारा 3(1)(प) |
|
21 |
शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाओं की अभिवृद्धि करना। (अधिनियम की धारा 3(1)(फ) |
|
22 |
अति श्रद्धा से माने जाने वाले किसी दिवंगत व्यक्ति का या तो लिखित या किसी अन्य साधन से अनादर करना। (अधिनियम की धारा 3(1)(ब) |
|
23 |
अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की किसी स्त्री को साशय स्पर्श करने का ऐसा कार्य, जो लैंगिक प्रकृति का है, उसकी सहमति के बिना करना। (अधिनियम की धारा 3(1)(म) |
पीड़ित व्यक्ति को 2.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
24 |
भारतीय दंड संहिता की धारा 326(ख)(1860 का 45) स्वेच्छया अम्ल फैंकना या फैंकने का प्रयत्न करना। (अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक) |
पीड़ित व्यक्ति के चेहरे का 2% से अधिक जलने पर और आंख, कांन, नाक और मुंह के काम न करने के मामले में अथवा शरीर के 30% से अधिक जलने आठ लाख पच्चीस हजार रुपए। शरीर के 10% से 30% तक जलने पर पीड़ित व्यक्ति को चार लाख पचास हजार रुपए। चेहरे के अलावा शरीर के 10% से कम भाग के जलने पर पीड़ित व्यक्ति को 85,000/- रुपए। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार अथवा केन्द्र राज्य क्षेत्र प्रशासन अम्ल के हमले से पीड़ित व्यक्ति का इलाज कराने की पूरी जिम्मेदारी लेगा।मद (क) से (ग) के लिए दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
25 |
भारतीय दंड संहिता की धारा 354(ख)(1860 का 45) -- किसी महिला की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला अथवा आपराधिक बल का प्रयोग। (अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक) |
पीड़ित व्यक्ति को 2.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
26 |
भारतीय दंड संहिता की धारा 326(क)(1860 का 45) – लैंगिक उत्पीड़न और लैंगिक उत्पीड़न के लिए दंड। (अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक) |
पीड़ित व्यक्ति को 2.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
27 |
भारतीय दंड संहिता की धारा 326(ख)(1860 का 45) – निवस्त्र करने के आशय से स्त्री पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना।(अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक) |
पीड़ित व्यक्ति को 2.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
28 |
भारतीय दंड संहिता की धारा 354(ग)(1860 का 45) – दृश्यरतिकता। (अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक) |
पीड़ित व्यक्ति को 2.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
29 |
भारतीय दंड संहिता की धारा 354(घ)(1860 का 45) – पीछा करना।(अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक) |
पीड़ित व्यक्ति को 2.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
30 |
भारतीय दंड संहिता की धारा 376(ख)(1860 का 45) – पति द्वारा अपनी पत्नी के साथ पृथक्करण के दौरान मैथुन। (अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक) |
पीड़ित व्यक्ति को 2.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
31 |
भारतीय दंड संहिता की धारा 376(ग)(1860 का 45) – प्राधिकार में किसी व्यक्ति द्वारा मैथुन।(अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक) |
पीड़ित व्यक्ति को 4.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
32 |
भारतीय दंड संहिता की धारा 509(1860 का 45) – शब्द अंगविक्षेप या कार्य जो किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने के लिए आशयित हैं।(अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक) |
पीड़ित व्यक्ति को 2.00 लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
33 |
पानी को गंदा करना अथवा उसका मार्ग बदलना। (अधिनियम की धारा 3(1)(य) |
जब पानी को गंदा कर दिया जाता है तब उसे साफ करने सहित सामान्य सुविधा को बहाल करने की पूर्ण लागत संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा वहन की जाएगी। इसके अतिरिक्त, स्थानीय निकाय के परामर्श से जिला प्राधिकारी द्वारा निर्धारित की जाने वाली समुदायिक परिसंपत्तियों को सृजित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट के पास आठ लाख पच्चीस हजार रुपए की राशि जमा की जाएगी।
|
34 |
किसी लोक स्थान पर जाने से अथवा लोक स्थान के मार्ग को उपयोग करने के रूढ़िजन्य अधिकार से वंचित करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(र) |
पीड़ित व्यक्ति को चार लाख पच्चीस हजार रुपए और मार्ग के अधिकार की लागत को बहाल करने के लिए संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा वहन की गई लागत। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
35 |
घर, गांव, निवास स्थान को छोड़ने के लिए बाध्य करना। (अधिनियम की धारा 3(1)(ल) |
संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा स्थल अथवा घर, गांव अथवा अन्य निवास स्थान पर रहने के अधिकार को बहाल किया जाएगा और पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की जाएगी और यदि घर को कोई नुकसान पहुंचता है, तो उसका सरकारी लागत पर पुन: निर्माण किया जाएगा। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
36 |
अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति के किसी सदस्य को निम्नलिखित के संबंध में किसी रीति से बाधित या निवारित करना।
क. किसी क्षेत्र के सम्मिलित संपत्ति संसाधनों का या अन्य व्यक्तियों के साथ समान रूप से कब्रिस्तान या शमशान भूमि का उपयोग करना या किसी नदी, सरिता, झरना, कुआं, तालाब, कुण्ड, नल या अन्य जलीय स्थान या कोई स्नानघाट, कोई सार्वजनिक परिवहन, कोई सड़क या मार्ग का उपयोग करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(लक)(क)
ख. साइकिल या मोटर साइकिल आरोहण या सवारी करना या सार्वजनिक स्थानों में जूते या नये कपड़े पहनना या विवाह की शोभा यात्रा निकालना या विवाह की शोभा यात्रा के दौरान घोड़े या अन्य किसी यान पर आरोहण करना।(अधिनियम की धारा 3(1)(za)(ख)
ग. जनता या समान धर्म के अन्य व्यक्तियों के लिए खुले किसी पूजा स्थल में प्रविष्ट करना या जाटरस सहित किसी सामाजिक या सांस्कृतिक शोभा यात्रा में भाग लेना या उसको निकालना।(अधिनियम की धारा 3(1)(लक)(ग)
घ. किसी शैक्षणिक संस्था, अस्पताल, औषधालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, दुकान या लोक मनोरंजन या किसी अन्य लोक स्थान में प्रविष्ट होने या जनता के लिए खुले किसी स्थान में सार्वजनिक उपयोग के लिए अभिप्रेत कोई उपकरण या वस्तु का उपयोग करना। (अधिनियम की धारा 3(1)(लक)(घ)
ड. किसी वृत्तिक में व्यवसाय करना या किसी ऐसी उप-जीविका, व्यापार, कारबार या किसी नौकरी में नियोजन करना, जिसमें जनता या उसकी किसी वर्ग के अन्य लोगों को उपयोग करने या उस तक पहुंच का अधिकार है।(अधिनियम की धारा 3(1)(लक)(ड.) |
(क) संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा किसी क्षेत्र के सम्मिलित संपत्ति संसाधनों का या अन्य व्यक्तियों के साथ समान रूप से कब्रिस्तान या शमशान भूमि का उपयोग करने या किसी नदी, सरिता, कुआं, तालाब, कुण्ड, नल या अन्य जलीय स्थान या कोई स्नानघाट, कोई सार्वजनिक परिवहन, कोई सड़क या मार्ग का उपयोग करने का अधिकार बहाल किया जाएगा और पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपए की राहत राशि दी जाएगी।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
(ख) संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा अन्य व्यक्तियों के समान साइकिल या मोटर साइकिल आरोहण या सवारी करने या सार्वजनिक स्थानों में जूते या नये कपड़े पहनने या विवाह की शोभा यात्रा निकालने या विवाह की शोभा यात्रा के दौरान घोड़े या अन्य किसी यान पर आरोहण करने के अधिकार को बहाल किया जाएगा और पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की जाएगी।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
(ग) संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा अन्य व्यक्तियों के समान जनता या समान धर्म के अन्य व्यक्तियों के लिए खुले किसी पूजा स्थल में प्रविष्ट करने या जाटरस सहित किसी सामाजिक या सांस्कृतिक शोभा यात्रा में भाग लेने या उसको निकालने के अधिकार को बहाल किया जाएगा और पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की जाएगी।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
(घ) संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा अन्य व्यक्तियों के समान किसी शैक्षणिक संस्था, अस्पताल, औषधालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, दुकान या लोक मनोरंजन या किसी अन्य लोक स्थान में प्रविष्ट होने या जनता के लिए खुले किसी स्थान में सार्वजनिक उपयोग के लिए अभिप्रेत कोई उपकरण या वस्तुएं उपयोग करने के अधिकार को बहाल किया जाएगा और पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की जाएगी।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
(ड.) संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा किसी वृत्तिक में व्यवसाय करने या किसी ऐसी उप-जीविका, व्यापार, कारबार या किसी नौकरी में नियोजन करने, जिसमें जनता या उसकी किसी वर्ग के अन्य लोगों को उपयोग करने या उस तक पहुंचने के अधिकार को बहाल किया जाएगा और पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की जाएगी।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
37 |
जादू-टोना करने या डाइन करने के अभिकथन पर शारीरिक हानि पहुंचाना या मानसिक यंत्रणा देना। [अधिनियम की धारा 3(1)(लख)] |
पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपए और पीड़ित व्यक्ति के अनादर, अवमानना, क्षति और मान-हानि के अनुरूप भी राहत राशि।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
38 |
सामाजिक या आर्थिक बहिष्कार करना या उसकी धमकी देना। [अधिनियम की धारा 3(1)(लग)] |
संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन द्वारा अन्य व्यक्तियों के समान सभी आर्थिक और सामाजिक सेवाओं के उपबंधों को बहाल किया जाएगा और पीड़ित व्यक्ति को एक लाख रुपए की राहत राशि दी जाएगी। निचले न्यायालय में आरोप पत्र भेजने पर उस राशि का पूर्ण भुगतान किया जाएगा।
|
39 |
मिथ्या साक्ष्य देना अथवा गढ़ना। [अधिनियम की धारा 3(2)(i)(ii)] |
पीड़ित व्यक्ति को चार लाख पन्द्रह हजार रुपए।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
40 |
भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) के तहत किए गए अपराधों के लिए दंड जो 10 वर्ष अथवा उससे अधिक अवधि के लिए दंडनीय है। [अधिनियम की धारा 3(2)] |
पीड़ित व्यक्ति अथवा उसके आश्रितों को चार लाख रुपए। यह राहत राशि इस अनुसूची में दी गई राशि के अन्यथा भी हो सकती है।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
41 |
भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) के तहत किए गए अपराध जिन्हें भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत विनिर्दिष्ट ऐसे अपराधों के साथ अधिनियम की अनुसूची में दंडनीय विनिर्दिष्ट किया गया है। [अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(भक)] |
पीड़ित व्यक्ति अथवा उसके आश्रितों को दो लाख रुपए। यह राहत राशि इस अनुसूची में दी गई राशि के अन्यथा भी हो सकती है।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
42 |
लोक सेवक के हाथों उत्पीड़न। [अधिनियम की अनुसूची के साथ पठित धारा 3(2)(vii)] |
पीड़ित व्यक्ति अथवा उसके आश्रितों को दो लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :-
|
43 |
निर्योग्यता। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की अधिसूचना संख्या 16-18/97-एनआई दिनांक 1 जून, 2001 में उल्लिखित विभिन्न निर्योग्यताओं का मूल्यांकन करने के लिए दिशा-निर्देश और प्रमाणन के लिए प्रक्रिया। अधिसूचना की एक प्रति अनुबंध-II पर है। (क) 100 प्रतिशत असमर्थता। (ख) जहां असमर्थता 50 प्रतिशत से अधिक लेकिन 100 प्रतिशत से कम है। (ग) जहां असमर्थता 50 प्रतिशत से कम है। |
पीड़ित व्यक्ति को आठ लाख पचास हजार रुपए।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :- (क)50%, चिकित्सा जांच होने और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद। (ख)50%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है। पीड़ित व्यक्ति को चार लाख पचास हजार रुपए।दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :- (क)50%, चिकित्सा जांच होने और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद। (ख)50%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है। पीड़ित व्यक्ति को दो लाख पचास हजार रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :- (क)50%, चिकित्सा जांच होने और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद। (ख)50%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है।
|
44 |
बलातसंग अथवा गैंग द्वारा किया गया बलातसंघ। (i) बलातसंघ (भारतीय दंड संहिता की धारा 375(1860 का 45) (ii) गैंग द्वारा किया गया बलातसंघ (भारतीय दंड संहिता की धारा 376घ (1860 का 45) |
पीड़ित व्यक्ति को पांच लाख रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :- (i) 50%, चिकित्सा जांच और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद। (ii) 25%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है। (iii) 25%, जब निचले न्यायालय द्वारा सुनवाई के समापन पर। पीड़ित व्यक्ति को आठ लाख पच्चीस हजार रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :- (i) 50%, चिकित्सा जांच और पुष्टि कारक चिकित्सा रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद। (ii) 25%, जब आरोप-पत्र न्यायालय को भेजा जाता है। (iii) 25%, जब निचले न्यायालय द्वारा सुनवाई के समापन पर।
|
45 |
हत्या या मृत्यु |
पीड़ित व्यक्ति को आठ लाख पच्चीस हजार रुपए। दिया जाने वाला भुगतान निम्नलिखित होगा :- (i) 50%, पोस्टमार्टम की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद। (ii) 50%, जब न्यायालय को आरोप-पत्र भेजा जाता है।
|
46 |
हत्या, मृत्यु, नरसंहार, बलातसंग, स्थायी असमर्थता और डकैती के पीड़ितों को अतिरिक्त राहत। |
उपर्युक्त मदों के अंतर्गत भुगतान की गई राहत राशि के अतिरिक्त, राहत की व्यवस्था अत्याचार की तारीख से 3 माह के भीतर निम्नलिखित रूप से की जाएगी :- (i) अनुसूचित जाति अथवा अनुसूचित जनजाति से संबंधित मृतक व्यक्तियों की विधवा या अन्य आश्रितों को पांच हजार रुपए प्रति माह की दर से बेसिक पेंशन जो कि संबंधित राज्य सरकार अथवा संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू है, और ग्राह्य मंहगाई भत्ता और मृतक के परिवार को एक सदस्य को रोजगार या कृषि भूमि, एक मकान, यदि आवश्यक हो, तो उसकी तत्काल खरीद द्वारा व्यवस्था करना। (ii) पीड़ित व्यक्तियों के बच्चों की स्नातक स्तर तक की शिक्षा और उनके भरण-पोषण का पूरा खर्चा। बच्चों को सरकार द्वारा वित्तपोषित आश्रम स्कूलों अथवा आवासीय स्कूलों में दाखिला दिया जाएगा। (iii) 3 माह की अवधि के लिए बर्तनों, चावल, गेहूं, दालों, दलहनों आदि की व्यवस्था।
|
47 |
पूर्णत: नष्ट किया/जला हुआ मकान। |
जहां मकान को जला दिया गया हो या नष्ट कर दिया गया हो, वहां सरकारी खर्चे पर ईंट अथवा पत्थर के मकान का निर्माण किया जाएगा या उसकी व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में और आगे जानकारी प्राप्त करने के लिए उप-मंडलीय मजिस्ट्रेट, जिला मजिस्ट्रेट, राज्य सरकार के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति विकास निदेशक और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग से कृपया संपर्क करें।
|
स्त्रोत: सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 5/17/2021
इस पृष्ठ में अनुसूचित जाति कल्याण से सम्बंधित एससी...
इस पृष्ठ में अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए सं...
इस पृष्ठ में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न- बहु-क्षे...
इस भाग में पेंशन और अटल पेंशन योजना के संबंध में प...