अनुसूचित जातियों के लिए अनुसूचित जाति उप-योजना की रणनीति अनुसूचित जाति श्रेणी के लोगों के लिए योजनागत लाभों और परिव्ययों के उनके समूचित भाग का लाभ उठाने के लिए निधियों को चैनलाइजिंग करने के लिए छठी योजना में आरम्भ की गई थी। अनुसूचित जाति उप-योजना (एससीएसपी) की रणनीति ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों तथा केन्द्रीय मंत्रालयों की वार्षिक योजनाओं में कम से कम वास्तविक तथा वित्तीय दोनों में उनकी जनसंख्या के अनुपात में विकास के सभी क्षेत्रों से परिव्यय और लाभों का प्रवाह चैनलाइजिंग करने की व्यवस्था है।
अनुसूचित जाति उप-योजना (एससीएसपी) के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता (एससीए) एक केन्द्रीय क्षेत्र योजना है जिसके अंतर्गत राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को उनकी अनुसूचित जाति उप-योजना के अलावा 100% अनुदान दिया जाता है।
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जातियों के व्यक्ति।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य महत्वपूर्ण अंतरालों को पूरा करने के लिए संसाधन प्रदान करके गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जातियों के व्यक्तियों के आर्थिक विकास की परिवारोन्मुख योजनाओं पर ध्यान देना है। चूंकि अनुसूचित जातियों के लिए योजनाएं/कार्यक्रम उपलब्ध स्थानीय व्यवसायगत प्रतिमान और आर्थिक कार्यकलापों पर निर्भर हो सकते हैं इसलिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को केवल इस शर्त के साथ एससीए का उपयोग करने में पूर्ण सुनम्यता प्रदान की गई है कि इसे एससीपी तथा विभिन्न निगमों, वित्तीय संस्थाओं इत्यादि जैसे अन्य स्रोतों से उपलब्ध अन्य संसाधनों के संयोजन के साथ उपयोग में लाया जाना चाहिए।
जी हां, किसी वर्ष में राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के लिए निर्मुक्त कुल एससीए का 10% उन ग्रामों में ढांचागत विकास कार्यक्रमों जिनमें 50% से अधिक एससी जनसंख्या है, के लिए उपयोग किया जा सकता है।
निम्नलिखित मानदण्डों के आधार पर राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के लिए एससीए निर्मुक्त किया जाएगाः-
(क) |
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की एससी जनसंख्या के आधार पर |
40% |
(ख) |
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के सापेक्षिक पिछड़ापन के आधार पर (राज्य प्रति व्यक्ति घरेलू उत्पाद के प्रतिलोम) |
10% |
(ग) |
योजनाओं में संयुक्त आर्थिक विकास कार्यक्रमों द्वारा कवर किए गए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में एससी परिवारों के प्रतिशत के आधार पर ताकि वे गरीबी रेखा को पार कर सकें। |
25% |
(घ) |
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में एससी जनसंख्या के प्रतिशत की तुलना में वार्षिक योजना के लिए विशेष घटक योजना के आधार पर |
25% |
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली अनुसूचित जाति जनसंख्या जो देश की जनसंख्या का एक प्रमुख भाग है, के विकास के लिए 1980 से एक अनुसूचित जाति उप-योजना (एससीएसपी) के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता (एससीए) की केन्द्रीय क्षेत्र योजना कार्यान्वित कर रहा है।
राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए निर्मुक्त कुल एससीए का 15% एससी महिलाओं के लिए अनन्य रूप से उनके लिए व्यवहार्य आय सृजक आर्थिक विकास योजनाओं/कार्यक्रमों के लिए उपयोग में लाई जा सकती है।
जी हां। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए निर्मुक्त कुल एससीए का 5% अनन्य रूप से उनके लिए अनुसूचित जातियों के बीच विकलांग व्यक्तियों के आर्थिक विकास के लिए उपयोग किया जा सकता है।
जी हां। राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए निर्मुक्त कुल एससीए का 3% उनके द्वारा एससी निधियों के समर्थन से कार्यान्वित आर्थिक विकास योजनाओं के पर्यवेक्षण, निगरानी और मूल्यांकन के लिए उपयोग किया जा सकता है।
राज्य सरकारें/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन इस योजना की मौजूदा रूपरेखा के भीतर कौशल विकास कार्यक्रमों हेतु एससीएसपी के लिए एससीए की निधियों के कम से कम 10% उपयोग कर सकती/सकते हैं। एससी लाभार्थियों के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों के पूर्ण होने के उपरांत, प्रशिक्षित उम्मीदवारों के कम से कम 70% को या तो नौकरी अथवा स्व-नियोजन सुनिश्चित किया जाना होता है। महिलाओं के आर्थिक विकास को आवश्यक गति प्रदान करने हेतु, कौशल विकास कार्यक्रमों के अंतर्गत कवर किए गए कुल एससी लाभार्थियों में से, कम से कम 30% महिला उम्मीदवारों की भी भागीदारी सुनिश्चित की जानी होती है।
अनुसूचित जातियों के लिए विकास योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु विभिन्न उपायों में निम्नलिखित बिन्दुओं पर अपेक्षाकृत अधिक ध्यान दिया गया हैः-
स्त्रोत: सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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