स्वास्थ्य बीमा का संबंध बीमा के उस प्रकार से है जो प्रमुख रूप से आपके चिकित्सीय खर्चों को कवर करता है। अन्य पॉलिसियों की तरह स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी बीमाकर्ता और व्यक्ति/समूह के बीच एक अनुबंध है जिसमें बीमाकर्ता विशिष्ट ‘प्रीमियम’ पर निर्धारित स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने की सहमति देता है जो पॉलिसी में वर्णित नियमों और शर्तों के अधीन है।
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी समान्यतः हर बीमित व्यक्ति के सन्दर्भ में निम्नलिखित शीर्षकों के तहत किये गये उचित और आवश्यक खर्चों को कवर करती है जो बीमित राशि की कुल सीमा के अधीन है (एक पॉलिसी अवधि के दौरान सभी दावों के लिए)
क) कमरा, निवास का खर्च
ख) नर्सिंग का खर्च
ग) सर्जन, एनेस्थेटिस्ट, फिजिशियन, कंसल्टेंट्स, स्पेशलिस्ट का शुल्क
घ) एनेस्थीसिया, रक्त, ऑक्सीजन, ऑपरेशन थियेटर प्रभार, सर्जिकल उपकरण, दवाएं (ड्रग्स), नैदानिक सामग्रियां, एक्स –रे, डायलिसिस, कीमोथेरेपी, रेडियों थेरेपी, पेसमेकर का खर्च, कृत्रिम अवयव, लागत या अवयव और तत्सम (समान) खर्च।
प्रदत्त बीमित राशि किसी व्यक्ति पर या कुल मिलाकर परिवार के लिए फ्लोटर(प्लवन) आधार पर हो सकती है।
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों संचित बोनस प्रदान कर सकती हैं जिसमें हर दावा रहित वर्ष के लिए नवीनीकरण के समय कुछ प्रतिशत से बीमित राशि बढ़ाई जाती है जो अधिकतम प्रतिशत के अधीन है (समान्यतः: 50%) दावे के आमले में अगले नवीनीकरण पर सीबी को 10% से घटाया जाता है।
स्वास्थ्य पॉलिसियों में स्वास्थ्य जाँच की लागत के प्रतिपूर्ति का प्रावधान भी हो सकता है। यह समझने के लिए अपनी पॉलिसी ध्यान से पढ़ें।
पॉलिसी से तहत दावा के लिए योग्य बनने की दृष्टि से अस्पताल में कुछ निश्चित घंटों तक न्यूनतम भर्ती होना आवश्यक है। सामान्यतया यह 24 घंटों होता है। यह समय सीमा दुर्घटनावश चोटों के उपचार के लिए और कुछ निद्रिष्ट उपचारों के लिए लागू नहीं होती। विवरणों को समझने के लिए पॉलिसी प्रावधान पढ़ें।
अस्पताल में दाखिले से पूर्व और पश्चात के कुछ दिनों में हुए खर्चों तथा डिस्चार्च होने की तारीख से एक निश्चित अवधि के लिए हुए खर्चों को दावे का हिस्सा माना जा सकता है बशतें खर्च रोग/अस्वस्थता से संबंधित हो। इस संबंध में प्रविष्ट प्रावधानों को पढ़ लें।
बीमा कंपनियों का देश में अस्पतालों के नेटवर्क के साथ गठजोड़ होता है। यदि पॉलिसीधारक किसी भी नेटवर्क अस्पताल में उपचार लेता है तो बीमित व्यक्ति को अस्पताल के बिलों का भुगतान नहीं करना पड़ता। बीमा कंपनी अपने तृतीय पक्ष प्रशासक (टीपीए) के जरिये अस्पताल को सीधे भुगतान करने का प्रंबध करती है। पॉलिसी द्वारा निद्रिष्ट उप सीमाओं से परे हुए खर्चों या पॉलिसी के तहत कवर नहीं किये गए मदों का निपटारा बीमित को सीचे अस्पताल को करना होता है। बीमित व्यक्ति सूची को इतर अस्पताल में भी उपचार ले सकता है जिसमें उसे पहले बिलों का भुगतान करना होता है और बाद में बीमा क से प्रतिपूर्ति मांगता है। यहाँ पर कोई नकद रहित सुविधा उपलब्ध नहीं होती।
बीमा कंपनियां “ऐड-ऑन’ यह राइडर्स के रूप में अन्य विभिन्न लाभ प्रदान करती अहिं। ऐसी भी अकेली पॉलिसियां होती अहिं जो “होस्पिटल कैश” क्रिटिकल इलनेस लाभ” सर्जिकल एक्सपेंस लाभ’ इत्यादि लाभ देने के लिए रची जाती है। ये पॉलिसियां या तो अलग से या फिर हॉस्पिटलाइजेशनपॉलिसी के साथ ली जा सकती है।
कुछ कंपिनयाँ मूल स्वास्थ्य पॉलिसी में उपलब्ध सीमा के अलावा वास्तविक खर्चों को पूरा करने के लिए टॉप-अप पॉलिसियों के रूप में उत्पाद लाई हैं।
सामान्यतः निम्नलिखित को स्वास्थ्य पॉलिसियों के अंतर्गत शामिल नहीं किया गया है।
क) सभी पूर्व विद्यमान रोग( सभी गैर लाइफ स्वास्थ्य बीमा कंपनियों द्वारा पूर्व विघमान रोग अपवर्जन को समान रूप से वर्णित किया गया है)
ख) पहले वर्ष की पॉलिसी के तहत कवर के दिनांक से प्रथम 30 दिनों में अस्वस्थता/रोग के लिए दावा। यह दुर्घटनावश चोट के दावों के लिए लागू नहीं है।
ग) कवर के प्रथम वर्ष के दौरान मोतिया बिंदु, बेनाइन प्रोस्ट्रेटिक हायपरट्रॉफी, हिस्टरेक्टोमी मेनोरेजिया या फिब्रोमायोमा के लिए हर्निया, हाड्रोसील, कोंजेनीटल इंटरनल डिसीजेस (जन्मगत आंतरिक रोग), गुदा में फिस्टुला, बवासीर, सायनसाइटिस और संबंधित विकार
घ) खतना जबतक रोग के उपचार हेतु न हो।
ङ) चश्मा, कोंटेक्ट लेंस, श्रवण यत्रों की लागत
च) दांत का उपचार/सर्जरी जबतक अस्पताल दाखिले की जरूरत न हो।
छ) स्वास्थ्य लाभ, समान्य अक्षमता, जन्मजात बाह्य विकार,वी.डी. जान बुझकर आत्म-घात, नशीली दवाओं/अल्कोहल का उपयोग, एड्स निदान के लिए खर्च, एक्स-रे या लैब परीक्षण जो अस्पताल में दाखिले की आवश्यकता वाले रोग के अनुरूप न हों।
ज) गर्भावस्था या प्रसव के संबंधित उपचार जिसमें शामिल है सिजेरियन सेक्शन।
झ) प्राक्रतिक चिकित्सा
वास्तविक अपवर्जन उत्पाद के अनुसार और कंपनी दर कंपनी भिन्न हो सकते हैं। ग्रुप पॉलिसियों में अतिरिक्त प्रीमियम के भुगतान पर अपवर्जन को माफ/मिटाना संभव हो सकता अहि।
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां एक वर्ष से कम अवधि के लिए जारी नहीं की जाती।
स्वास्थ्य बीमा एक प्रकार का बीमा है जो आपके चिकित्सीय खर्चों को कवर करता है। स्वास्थ्य बीमा एक बीमाकर्त्ता और व्यक्ति/समूह के बीच का अनुबंध है जिसमें बीमाकर्त्ता एक विशिष्ट प्रीमियम पर विशिष्ट स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने के लिए सहमति देता है।
भारत में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों का सबसे सामान्य स्वरूप अस्पताल में दाखिले का खर्च कवर करता है। जब कि अब तो अनेक किस्म के उत्पाद उपलब्ध हैं जो बीमित की जरूरत और पसंद के आधार पर स्वास्थ्य कवर्स की पूरी श्रेणी प्रदान करता है, स्वास्थ्य बीमाकर्त्ता सामान्यतः यह तो अस्पताल को सीधे खर्च (नकद रहित सुविधा) प्रदान करता है या रोग के उभरने पर तयशुदा लाभ की प्रतिपूर्ति करता अहि। स्वास्थ्य प्लान द्वारा कवर किये जाने वाले स्वास्थ्य देखभाल का प्रकार और लागत पहले से निद्रिष्ट होते हैं।
हम सभी को अपनी जरूरतों के अनुसार अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए स्वास्थ्य बीमा खरीदना चाहिए। स्वास्थ्य बीमा खरीदने से हम अस्पताल में भर्ती के अचानक अप्रत्याशित खर्चों से सुरक्षित रहते हैं (या कवर किए गए स्वास्थ्य घटनाओं, जैसे गंभीर रोग) जो अन्यथा घरेलू बचत में बड़ीगड़बड़ी कर सकता है या जिससे कर्ज भी लेना पड़ सकता है।
हममें से हर कोई विभिन्न स्वास्थ्य जोखिमों के प्रति संवेदनशील है और चिकित्सीय आपात स्थिति बिना सावधान किए हममें से किसी पर भी आ सकती है। स्वास्थ्य देखभाल का खर्च महंगा होता जा रहा है। तकनीकी विकास नई प्रक्रियाओं और अधिक प्रभावी दवाओं ने भी स्वास्थ्य देखभाल की लागत बढ़ा दी है उपचार का यह ऊँचा खर्च कइयों की पहुँच से बाहर हो सकता है। अतः स्वास्थ्य बीमा की सुरक्षा लेना कहीं ज्यादा किफायती है।
स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों, माइक्रो-इंश्योरेंस पॉलिसियों में रु. 5000 बीमित राशि से लेकार क्रिटिकल इलनेस प्लान्स में रु. 50 लाख या अधिक की बीमित तक भी उपलब्ध हैं। अधिकांश बीमाकर्त्ता 1 लाख से 5 लाख तक की बीमित राशि की पॉलिसियां प्रदान करते हैं। चूँकि बीमाकर्त्ता द्वारा देय कमरे के किराय और अन्य खर्च चुनी गई बीमित राशि से जुड़े होते हैं। इसीलिए शुरुआती समय से ही पर्याप्त कवर लेने की सलाह दी जाती है। खासकर क्योंकि दवा उभरने के बाद बीमित राशि का बढ़ाना शायद आसान न हो। साथ ही अधिकाश गैर-लाइफ इंश्योरेश कंपनियां एक वर्ष की अवधि के लिए स्वस्थ्य बीमा पॉलिसियां प्रदान करती हैं लेकिन ऐसी पॉलिसियां भी हैं जो दो, तीन, चार और पांच वर्षों के लिए भी दी जाती है। लाइफ इंश्योरेश कंपनियों के पास और अधिक लंबी अवधि के प्लान भी सकते है।
हॉस्पिटलाइजेशन पॉलिसी अस्पताल में दाखिले के लिए ऊपचार की वास्तविक लागत को पॉलिसी अवधि के दौरान पुर्णतः या अंशतः कवर करती है। अस्पताल में दाखिले के विभिन्न खर्चों के लिए यह लागू कवरेज का व्यापक रूप से हैं जिसमें कुछ निर्धारित अवधि के लिए अस्पताल में दाखिले से पूर्व और पश्चात के खर्च शामिल अहिं। ऐसी पॉलिसियां वैयक्तिक बीमित राशि आधार पर या फैमिली प्लोटर आधार पर उपलब्ध हो सकती हैं जहाँ बीमित राशि परिवार के सदस्यों में साझा होती हैं।
एक अन्य प्रकार का उत्पाद हॉस्पिटल डेली कैश बेनिफिट पॉलिसी अस्पताल में दाखिले के हर दिन के लिए एक तयशुदा के मामले में या विशिष्ट रोगों या चोटों के लिए उच्चतर दैनिक लाभ के लिए हेतु भी कवरेज हो सकता अहि।
क्रिटिकल इलनेस बेनिफिट पॉलिसी किसी विशिष्ट रोग के निदान के मामले में या कोई निर्धारित प्रक्रिया करवाने पर बीमित को एक तयशुदा एकमुश्त राशि प्रदान करती हैं। यह राशि गंभीर रोग के विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आर्थिक परिणामों को रोकने में मदद करती हैं। सामान्यतः एक बार यह एकमुश्त राशि अदा करने पर प्लान समाप्त हो जाता है।
ऐसे अन्यप्रकार के उत्पाद भी हैं, जो निर्धारित सर्जरी (सर्जिकल कैश बेनिफिट) करवाने पर एकमुश्त लाभ देते हैं और अन्य उत्पाद वरिष्ठ नागरिकों जैसे विशिष्ट लक्ष्य समूहों की जरूरतें पूर्ण करते हैं।
बीमा कंपनियां अपने नेटवर्क के हिस्से के रूप में देश भर के विभिन्न अस्पतालों के साथ गठजोड़ करती हैं, नकद राहित सुविधा प्रदान करने वाली स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के तहत पॉलिसीधारक अस्पताल के बिलों का भुगतान किए बिना किसी भी नेटवर्क अस्पताल में उपचार ले सकता है क्योंकि बीमा कंपनी की ओर से तृतीय पक्ष प्रशासक द्वारा अस्पताल को सीधे भुगतान किया जाता है। तथापि बीमा पॉलिसी के तहत कवर नीं किए गए खर्चों को आप द्वारा सीधे अस्पताल को चुकता किया जाता है।
तथापि यदि आप ऐसे अस्पताल में उपचार लेते हैं जो नेटवर्क में नहीं तो नकद रहित सुविधा उपलब्ध नहीं होती है।
स्वास्थ्य बीमा अतिरिक्त इंसेटिव के रूप में आकर्षक कर लाभों के साथ मिलता है। आयकर कानून की एक खास धारा है जो स्वास्थ्य बीमा के लिए कर लाभ प्रदान करती है, ये धारा 80 डी है है और यह उस धारा 80 सी से हटकर हैं जो जीवन बीमा के लिए लागू हैं जिसमें निवेश/खर्च के अन्य स्वरुप में भी कटौती के पात्र होते हैं।
वर्तमान में, नकद के अलावा किसी भी मोड द्वारा पॉलिसी खरीदने वाले स्वास्थ्य बीमा के खरीदकर अपने लिए, जीवन साथी और आश्रित बच्चों के लिए स्वास्थ्य बीमा के भुगतान हेतु अपनी कर योग्य आय से 15,0000 तक की वार्षिक कटौती की सुविधा ले सकता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह कटौती उच्चतर राशि रू. 20,0000 हैं। इसके अलावा वित्त वर्ष 2008-09 से अभिभावकों की ओर से स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के भुगतान के लिए कटौती के रूप में अतिरिक्त रु. 15,0000 उपलब्ध हैं, जो फिर से रु. 20, 000 हो जाता है यदि अभिभावक वरिष्ठ नागरिक है।
उस प्रीमियम को निर्धारित करने वाला एक प्रमुख कारक है। आपकी उम्र जितनी अधिक होगी, प्रीमियम की लागत भी उतनी ही ऊँची होगी क्योंकि आप रोगों के रपति अधिक संवेदनशील होंगे। पिछला चिकित्सीय इतिहास भी प्रीमियम निर्धारित करनेवाल एक अन्य प्रमुख कारक है। यदि कोई पूर्व चिकित्सीय इतिहास मौजूद नहीं हैं तो प्रीमियम की लागत का निर्धारण करने वाला के कारक है क्योंकि ये कुछ % छुट के साथ आपको लाभ डे सकता है। इससे आपको अपना प्रीमियम घटाने में अपने आप मदद मिलेगी।
अओको प्रोस्पेक्टस/पॉलिसी अवश्य पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए कि उसके अंतर्गत क्या कवर नहीं है, समान्यतः पुर-विद्यमान रोग (यह समझने के लिए पॉलिसी पढ़ें कि पूर्व विद्यमान रोग की परिभाषा क्या है) स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में पहले वर्ष के कवरेज में कुछ रोग शामिल नहीं होगें और प्रतीक्षा अवधि भी होगी। कुछ मानक अपवर्जन भी होंगे जैसे कि चश्में, कॉन्टेक्ट लेंस और श्रवण यंत्रों की लागत कवर नहीं होती, दांत का उपचार/सर्जरी (जब तक की अस्पताल में भर्ती न हो) कवर नहीं होती। स्वास्थ्य लाभ, सामान्य अक्षमता, जन्मगत बाह्य विकार यौन संबंधी रोग, इरादन आत्म घात, नशीली दवाओं/ अल्कोहल, एड्स, निदान एक्स–रे या प्रयोग्शालेय जांचों के लिए खर्च जो अस्पताल में दाखिले के लिए प्रवृत्त करने वाले रोग से सुसंगत नहीं है। गर्भावस्था या बच्चा पैदा होने से संबंधित उपचार जिसमें शामिल है सिजेरियन सेक्शन, नेचुरोपथी उपचार । (प्राकृतिक उपचार)
जी हां, जब आपको कोई नई पॉलिसी मिलती है तब समान्यतः पॉलिसी आरंभ की तारीख से 30 दिन दी प्रतीक्षा अवधि नवीनीकरण के तहत आगामी पॉलिसी के लिए लागू नहीं होती है।
ये वह चिकित्सीय स्थिति/रोग हैं जो आपके स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेने के पहले से मौजूद थी और ये अहम है क्योंकि बीमा कंपिनयाँ पहली पॉलिसी से पूर्व 48 माह भीतर ऐसी पूर्व विघमान स्थितियों को कवर नहीं करती। यानि पूर्व विघमान स्थितियों को निरंतर बीमा कवर के 48माह की पुर्णतः एक बाद भुगतान के लिए विचार में लिया जा सकता है।
पॉलिसी नवीनीकरण योग्य होगी बशतें आप समापन से 15 दिनों में (जिसे ग्रेस अवधि कहते हैं) प्रीमियम अदा करते हैं। तथापि उस अवधि के लिए कवरेज उपलब्ध नहीं होता जिसके लिए बीमा कंपनी द्वारा कोई प्रीमियम प्राप्त नहीं किया गया है। यदि ग्रेस अवधि के भीतर प्रीमियम अदा नहीं किया जाता है तो पॉलिसी लैप्स हो जाएगी।
हाँ, बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडी) ने इसे जुलाई 2011 से प्रभावी बनाते हुए एक परिपत्रक जारी किया है, जो बीमा कंपनियों को पिछली पॉलिसी में प्राप्त पूर्व-विद्यमान स्थितियों के लिए नवीनीकरण के क्रेडिट्स को खोए बिना के एक कंपनी से दूसरी बीमा कंपनी और एक से दसूरे प्लान में स्थानान्तरण की अनुमति देने का निर्देश देता है। तथापि यह क्रेडिट पिछली पॉलिसी के तहत बीमित राशि (बोंन्स सहित) तक सिमित रहेगी। विवरणों के लिए आप बीमा कंपनी को पूछसकते हैं।
दावा दायर करने और निपटने के बाद पॉलिसी कवरेज को उस राशि से घटाया जाता है जो निपटाने पर अदा की गई है। उदाहरण के लिए. जनवरी में वर्ष भर के लिए रु. 6 लाख के कवरेज के साथ आप एक पॉलिसी शुरू करते हैं। अप्रैल में नाप रु. २ लाख का दावा करते हैं। मई से दिसंबर तक आपके लिए उपलब्ध कवरेज रहेगा रु. 3 लाख।
कोइ एक रोग यानि रोग की की निरंतर अवधि होगी, जिसमें पॉलिसी में निद्रिष्ट कुछ विशिष्ट दिनों के भीतर फिर से उभारना शामिल हैं। समान्यतः यह 45 दिन है।
पॉलिसी अवधि के दौरान दावों की कितनी भी संखया की अनुमति होती है बर्शतें किसी पॉलिसी में कोई विशेष सीमा निर्धारित न की गई है। तथापि बीमित राशि पॉलिसी के अंतर्गत अधिकतम सीमा होती है।
कुछ स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियां साधारण स्वास्थ्य जांच के प्रति कुछ वर्षों में एक वार विशिष्ट खर्चों के लिए भुगतान करती हैं। आमतौर पर चार वर्षों में में यह के बार उपलब्ध होती है।
फैमिली प्लोटर के एकल पॉलिसी है जो आपके पुरे परिवार के अस्पताल दाखिले के खर्चों का ख्याल रखती है, पॉलिसी में एक एकल बीमित राशि होती जिसका उपयोग किसी/सभी बीमित व्यक्तियों द्वारा किसी भी अनुपात या राशि में किया जा सकता है जो बीमित पॉलिसी राशि की कुल अधिकतम सीमा के अधीन हैं। अकसर फैमिली प्लोटर प्लान खरीदना अलग व्यक्तिगत पॉलिसियां खरीदने से बेहतर होता है। फैमिली प्लोटर प्लान्स अचानक रोग, सर्जियों और दुर्घटना के दौरान सभी चिकित्सीय खर्चों का ख्याल रखता है।
सेवा |
अधिकतम टर्न अराउंड टाइम (टीएटी) |
साधारण |
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प्रस्ताव की प्रक्रिया और फैसलों की जानकारी देना जिसमें शामिल हैं पॉलिसी की आवश्यकताएं/जारी करना/निरस्तीकरण |
15 दिन |
प्रस्ताव की प्रति प्राप्त करना |
30 दिन |
पॉलिसी जारी करने पश्चात की सेवा के निवेदन जो त्रुटियों/प्रस्ताव डिपोजिट की वापसी और गैर-दवाव संबंधी सेवा निवेदनों से संबंधित है। |
10 दिन |
जीवन बीमा |
|
समर्पण मूल्य/एन्यूइटि/पेंशन प्रक्रिया |
10 |
परिपक्वत्ता दावा/सवाईवल लाभ/दंड स्वरुप ब्याज का भुगतान |
15 दिन |
दावा दायर करने के बाद दावा की आवश्यकताओं को सूचित करना |
15 दिन |
जाँच की आवश्यकता के बिना मृत्यु दावा निपटारा |
30 दिन |
जाँच की आवश्यकता के साथ मृत्यु दावे का निपटारा /निरस्तीकरण |
6 महिना |
साधारण बीमा |
|
सर्वेक्षण रिपोर्ट जमा करना |
30 दिन |
बीमाकर्त्ता पूरक, रिपोर्ट मांगना |
15 दिन |
पहली/पूरक सर्वेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद दावे का निपटारा/अस्वीकृति |
30 दिन |
शिकायतें |
|
शिकायत की पावती देना |
3 दिन |
शिकायत का समाधान |
15 दिन |
बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) के उपभोक्ता मामले विभाग ने इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस मैनजमेंट सिस्टम (आईजीएम्एस) शुरू किया है जो शिकायतों के पंजीयन और निगरानी के लिए एक ऑन्लाइन सिस्टम है। आपको सर्वप्रथम अपनी बीमा कंपनी में शिकायत दर्ज करानी चाहिए और यदि आप कंपनी द्वारा इसके निपटारे से संतुष्ट नहीं है तो आप बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण पर जाकर आई जीएनएस के जरिये इसे आईआरडीए के पास भेज सकते हैं। यदि आप बीमाकर्त्ता की शिकायत प्रणाली तक सीधे नहीं पहुँच पाते है तो आईजीएम्एस बीमा कर्त्ता के पास आपकी शिकायत दर्ज कराने के लिए आपको के मार्ग भी प्रदान करता है।
आईजीएमएस (यानी वेब) केजरिये अपनी शिकायत को पंजीकृत करने के अलावा आपके पास शिकायत पंजीकरण के लिए अनेक माध्यम (चैनल्स) हैं ई-मेल (बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ) के जरिये, पत्र (अपना पत्र ग्राहक मामले विभाग, बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण, तीसरी मंजिल, परिश्रम भवन, बशीर बाग़, हैदराबाद को संबोधित करें) के जरिये, या आईआरडीए कॉल सेंटर को टोल फ्री न. 155255 पर कॉल करें जिसके जरिये आईआरडीए बीमा कंपनियों के खिलाफ आपकी शिकायत निःशुल्क दर्ज करेगा और साथ ही उसकी स्थिति पर नजर रखने में मदद करेगा। कॉल के आधार पर शिकायत फॉर्म भर कर कॉल सेंटर आपकी सहायता करता है तथा जहाँ भी आवश्यकता होती है ये सीधे बीमा कंपनी के पास शिकायतें दर्ज कराने में सहायक होता है। और बीमा कंपनी के पत्ते, फोन नंबर, वेबसाइट विवरण, संपर्क क्रमांक, ईमेल आईडी इत्यादि से संबंधित जानकारी आपको देता है। आईआरडीए कॉल सेंटर ग्राहकों और पॉलिसीधारकों के लिए व्यापक टेली-कार्यक्षमताओं के साथ एक असली वैकल्पिक माध्यम (चैनल) प्रदान करता है और सोमार से शनिवार, सुबह 8 से रात 8 बजे तक 12 घंटे X6 दिन तक हिंदी, अंग्रेजी और विभिन्न भारतीय भाषाओँ में कार्यरत रहता है।
जब आईआरडीए के पास कोई शिकायत दर्ज कराई जाती है तो वह उसे बीमा कंपनी में प्रेषित करके समाधान करवाता है। कंपनी को शिकायत का समाधान करने के लिए 15 दिन दिए जाते है। यदि आवश्यकता पडती है, आईआरडीए जाँच पड़ताल और पूछताछ करता है। इसके अलावा जहाँ कहीं भी लागू हो, आईआरडीए रिड्रेसल ऑफ़ पब्लिक ग्रीवेंसज रूल्स, 1998 की शर्तों के अनुसार इंश्योरेश ओम्बड्समैन को संपर्क करने की सलाह शिकायतकर्त्ता को देता है।
स्त्रोत: बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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