एमएसएमई ईको-सिस्टम में उत्पादों और सेवाओं के विवरण में अपनी पहुँच को बढाने के उद्देश्य से, डिजिटल पोर्टल पहल की एक श्रंखला जिसमें सिडबी, छोटे बिजनेस, सिडबी स्टैंडअप मित्र, स्टैंड अप मित्र जैसे विभिन पोर्टल शामिल हैं, जो की सिडबी द्वारा हाल ही में शुरू किया गया है। सिडबी उद्यमीमित्र, एक और इंटरैक्टिव पोर्टल के रूप में एक नया जोड़ा होता है। यह एक सक्षम प्लेटफार्म है जो स्टैंड-अप मित्र पोर्टल के आईटी आर्किटेक्चर का लाभ उठाता है और इसका उद्देश्य एमएसएमई वितीय और गैर-वितीय सेवा आवश्यकताओं तक आसानी से पहुँच प्रदान करना है।
पोर्टल, एक आभासी बाजार स्थान के रूप में न केवल क्रेडिट विवरण के लिए एंड टू एंड समाधान प्रदान करने का प्रयास करता है बल्कि हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट, एप्लीकेसन ट्रेकिंग, हितधारको के साथ कई इंटरफेस (यानी बैंक , सेवा प्रदाताओं, आवेदकों) में शामिल हैं ।
मैचमेकिंग प्लेटफॉर्म
यह एमएसएमई ऋण तलाशने वालों, उधारदाताओं और हाथ रखने वाली एजेंसियो को एक अद्ववितीय मचै बनाने का मचं प्रदान करता है। पोर्टल ने विभिन एमएसएमई ऋण आवेदनों को स्वीकार करने की क्षमता तैयार की है। वर्तमान में 10 करोड तक ऋण का उपयोग किया जा सकता है। पोर्टल का लक्ष्य विभिन हितधारकों से युक्त एक समर्थन प्रणाली बनाने के लिए एक महवपूर्ण इंटरफेस परत होना है ।
सभी के सलए समावेशी पहुँच
यह अलग-अलग सुविधाओ के साथ वितीय (1।25 लाख शाखाएं) और गैर वितीय सेवाओं (17000+ हैण्डहोल्डिंग एजेंसीयो) तक पहुँच प्रदान करती है। (i) हैण्डहोल्डिंग समर्थन की तलाश करें;
(ii) पसंदीदा बैंको को ऋण के लिए चयन करें और आवदेन करें;
(iii) तेजी से ऋण प्रसस्ंकरण सक्षम करें।
पोर्टल में प्रवेश करने पर, उपभोगकर्ता पंजीकरण और लागिन के लिए निर्देशित है। एक संभावित उदयमि द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर प्रणाली आवेदकों को प्रशिक्षु (प्रशिक्षण या अन्य उद्यसमीता के लिए तैयार होने से पहले अन्य सहायता) और तैयार उधारकर्ताओ को वर्गीकृत करती है (उधारकर्ताओ को लगता है कि वह ऋण के लिए उधारदाताओं से संपर्क करने के लिए तैयार है) । इसके बाद उन्हें उनकी आवश्यकता के अनसार हैंडहोल्डिंग समर्थन या प्रत्यक्ष ऋण आवेदन मॉड्यूल तक पहुँच ने के लिए मार्गदशर्न किया जाता है।
तैयार उधारकर्ता एसएमएस / ईमेल के माध्यम से त्वरित स्वीकृति के साथ ऑनलाइन अपने ऋण आवेदन जमा कर सकते हैं। जमा आवेदन बैंक के नोडल अधिकारी और लीड जिला प्रबंधकों को ऑनलाइन अधिसूचना के साथ ऋण आवेदक द्वारा चुने गए पसंदीदा बैंक में बहता है।
गैर वितीय सेवाओं तक पहुंच
आवेदक सेवाओं का लाभ उठाने के सलए प्रस्तावित उद्यम (पंजीकरण के समय हदए गए राज्य और जिले के आधार पर) के स्थान पर आवश्यक हैण्डहोल्डिंग एजेंसी के संपर्क विवरण की तलाश कर सकता है। पोर्टल ने विशेषज्ञता के विभिन्न क्षेत्रों में हैण्डहोल्डिंग एजेंसी को मेप किया है जेसे की , वितीय प्रशिक्षण, कौशल विकास, परियोजना रिपोर्ट तैयार करने, आवदेन फिलिंग, कार्य शालिका और विभिनन राज्य / केंद्रीय सगंठनों / निगमों द्वारा संचासलत मार्जिन मनी / सब्सिडी समथटन तक पहुँच । इसका लक्ष्य उद्यसमयों को पूरे उद्यम विकास चक्र के दौरान आवश्यक पोर्टल के रूप में विकसित करना है।
वित्त तक पहुंच
वर्तमान में, पोर्टल पर 1.25 लाख शाखाएं (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक , निजी क्षेत्र के बैंक, विदेशी बैंक, एनबीएफसी, फिनटेक, छोटे वित्त बैंक) मैप किए गए हैं। पोर्टल मैनुअल ऑपरेशंस को इलेट्रॉनिक प्लेटफॉमट के साथ बदल देता है जहां पूर्व-स्वीकृति प्रकिया सभी बैंकों में एक सरल तरीके से मानकीकृत हो जाएगी। पोर्टल में एक माकेट प्लेस है जहां बैंकर अपने ऋण वितरण तंत्र में खुद को प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे। ऋण आवदेन जमा करत समय, आवदेकों के पास 3 पसंदीदा बैंक / बैंक शाखाओं का चयन करने का विकल्प होता है। पोर्टल को आवेदन पत्र प्राप्त करने, एकत्रित करने और जानकारी प्रदान करने, पंजीकरण सक्षम करने, हैंडहोल्डिंग के लिए लिकं प्रदान करने और हैंडहोल्डिंग या ऋण के लिए ट्रैकिंग अनुरोध में सहायता करने के लिए डिजाइन किया गया है। ऋण बाजार स्थान पर, एक पसंदीदा बैंक या कोई अन्य बैंक सक्रिय हैं, ऋण आवेदनों पर पी 3 (परसु, पिक, प्रोसेस – सोचना, चुनना, प्रकिया शुरू करना) ऑफलाइन हैं और ऑनलाइन उनकी स्वीकृति और रिजेकशन भी चिन्हित करते हैं। आभासी ऋण बाजार से आवेदन आवेदकों की प्राथमिकताओं (यानी तैयार और प्रशिक्षू उधारकर्ता दोनों) के आधार पर उधारदाताओं द्वारा उठाए जाते हैं और सबंधित बैंकों द्वारा अपनाए गए ग्राहकों के लिए वचनबद्धता सहिंता के अनुसार आवेदनों का निपटान सुनिश्चित किया जाता है।
प्रस्तुत किए गए आवेदन उद्यमियों को क्रेडिट पहुँच के लिए आभासी बाजार स्थान पर उपलब्ध होंगे और सभी हितधारकों के लिए दृश्यमान स्थिति जेसे कि, उधारदाताओं, हैंडहोल्डिंग एजेंसीया, आवदेक, सिडबी और सरकारी एजेंसीयो/उधारदाताओं में से एक द्वारा वितरित किया जाता है।
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम (ईडीपी)
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए उपयुक्त तथा व्यवहार्य उत्पादों /उद्योगों की परियोजना रूपरेखाएँ तैयार करना
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विकास संस्थान
निजी सेवाप्रदाता, जो विभिन्न स्तरों पर कार्य करते हैं और शुल्क आधारित सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं। इन्हें सामान्यत: व्यवसाय विकास सेवाप्रदाता (बीडीएस) के नाम से जाना जाता है। ये कई प्रकार की सेवाएँ प्रदान करते हैं, जैसे – विपणन (मार्केटिंग), लेखांकन, लेखापरीक्षा, विभिन्न स्रोतों से प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराना, विधिक सेवाएँ, आदि
सेवाएँ
पथप्रदर्शन तथा सलाहकार सहायता
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
वर्कशॉप/प्रयोगशालाओं में सामूहिक सुविधा सेवाएँ उपलब्ध कराना
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
सेवाएँ
सेवाप्रदाता
स्टैंड-अप इंडिया
योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला उद्यमियों को विनिर्माण, व्यापार तथा सेवाक्षेत्र में ग्रीनफील्ड परियोजनाओं की स्थापना करने के लिए 10 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के ऋण उपलब्ध कराना है।
स्टार्ट अप इंडिया स्कीम
नए/मौजूदा उद्यमों के लिए अभिनव और प्रौद्योगिकियों द्वारा उद्यमों को बढ़ावा देने की योजना है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग , वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 17 फरवरी 2016 को जारी अधिसूचना के अनुसार किसी भी इकाई को उसके पंजीकरण/ निगमन की तारीख से पांच सालों तक स्टार्टअप के रूप में माना जाएगा बशर्ते कि किसी भी वित्तीय वर्ष में उसका टर्न ओवर 25 करोड़ से अधिक नहीं है, और वह प्रौद्योगिकी नवोन्मेष की सहायता से विकास, या नए उत्पादों, प्रक्रियाओं या बौद्धिक संपदा द्वारा संचालित सेवाओं के प्रति कार्य कर रही हो; मौजूदा व्यवसाय के पुनर्गठन या उससे विभाजित होकर बनाई गई किसी निकाय को स्टार्ट अप नहीं माना जायेगा ।
इकाई का अर्थ (कंपनी अधिनियम, 2013 में परिभाषित) निजी कंपनी, या (साझेदारी अधिनियम, 1932 की धारा 59 के अंतर्गत पंजीकृत) एक पंजीकृत साझेदारी फर्म या (सीमित देयता साझेदारी अधिनियम, 2002) के तहत सीमित देयता भागीदारी फर्म से है। कोई इकाई प्रौद्योगिकी या बौद्धिक संपदा से संचालित नए उत्पादों या सेवाओं के नवोन्मेष, विकास, परिनियोजन या व्यवसायीकरण की दिशा में काम करती है, ऐसा तब माना जाएगा, जब वह कोई ऐसा नवीन उत्पाद या सेवा या प्रक्रिया का विकास करती है और उसका व्यवसायीकरण करती है या किसी मौजूदा उत्पाद या सेवा या प्रक्रिया में ऐसा बड़ा सुधार करती है, जिससे ग्राहकों या कार्यप्रवाह के लिए मूल्य सृजित हो या मूल्यवर्धन हो।
इस पोर्टल में संदेश (मैसेजिंग) की सुविधा दी गई है, जिसके माध्यम से आवेदक संबंधित अग्रणी ज़िला प्रबंधक (एलडीएम), स्टैंड-अप इंडिया सहायता केंद्र (एसयूएचसी) एवं पसंदीदा शाखाओं से तथा अन्य ऐसे ऋणदाताओं से संपर्क कर सकता है, जिन्होंने आवेदन पर आगे की कार्रवाई के लिए उसका चयन किया है। साथ ही, आवेदक इसके माध्यम से हैंडहोल्डिंग अनुरोध, ऋण-आवेदनपत्र व ऋण के लिए ज़रूरी अतिरिक्त दस्तावेज़ों की प्रस्तुति के संबंध में अनुवर्तन कर सकता है तथा माँगे गए किसी स्पष्टीकरण का जवाब और मंज़ूरी-पश्चात् पत्रव्यवहार भी कर सकता है।
इस पोर्टल पर कार्यक्रम (इवेंट्स) नामक शीर्ष शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से हैंडहोल्डिंग एजेंसियाँ अपने आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की विवरण-सूची अपलोड कर सकती हैं, जिन्हें आवेदक देख सकता है। आवेदक उक्त पोर्टल पर लॉगइन कर अपने डैशबोर्ड पर उन सभी कार्यक्रमों की समेकित सूची/विवरण देख सकता है, जो उसके स्थानीय क्षेत्र में आयोजित किए जा रहे हैं। हैंडहोल्डिंग एजेंसी से मदद माँगते समय, आवेदक उक्त हैड-होल्डिंग एजेंसियों के निर्धारित कार्यक्रम, यदि कोई हों, भी देख सकता है।
इस पोर्टल में ऋण आवेदन प्रस्तुत कर दिए जाने के बाद, अतिरिक्त दस्तावेज़ भी इस पोर्टल के माध्यम से ही प्रस्तुत करने की सुविधा दी गई है, ताकि प्रत्युत्तर प्रणाली बेहतर बनाई जा सके। आवेदक, अपने डैश-बोर्ड के माध्यम से, उनके आवेदन के संदर्भ में उपलब्ध कराए गए लिंक के माध्यम से अतिरिक्त दस्तावेज़ प्रस्तुत कर सकते हैं।
प्रथम संवितरण किए जाने से पहले, आवेदक अपना आवेदनपत्र वापस लेकर पुन: आवेदन कर सकते हैं। आवेदक इसके लिए डैशबोर्ड में उपलब्ध कराए गए विकल्प पुन: आवेदन हेतु वापसी (विथड्रॉ टू रिएप्लाई) का उपयोग कर सकते हैं
मेरा विवरण (माई प्रोफ़ाइल) में जाएँ, अपना विवरण संपादित करें (एडिट माई डिटेल्स) पर क्लिक करें और उसमें मानदंड बदलें, जैसे- ऋण राशि, ग्रीनफील्ड है या नहीं, हितधारकों का प्रतिशत, महिला या अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, आदि। आवेदक द्वारा दी गई सूचनाओं के आधार पर पोर्टल स्वत: योजना का निर्धारण करेगा।
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने देश की सभी ऋण सूचना एजेंसियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि जिन व्यक्तियों का ऋण-इतिहास उपलब्ध है, उनके अनुरोध किए जाने पर, वे कैलंडर वर्ष में एक बार, बिना किसी प्रभार के, नि:शुल्क पूर्ण ऋण रिपोर्ट (एफएफसीआर), उन्हें उपलब्ध कराएँ। यह 01 जनवरी, 2017 से लागू है। वर्तमान में, भारत में ऐसी चार कंपनियाँ हैं- सीआरआईएफ़ हाई मार्क क्रेडिट इंफ़ॉर्मेशन सर्विसेज़ प्रा। लि।, इक्वीफैक्स क्रेडिट इंफ़ॉर्मेशन सर्विसेज़ प्रा। लि।, एक्सपीरियन क्रेडिट इंफ़ॉर्मेशन कंपनी ऑफ़ इंडिया प्रा। लि। तथा ट्रांसयूनियन सिबिल लिमि।
एक क्रेडिट सूचना रिपोर्ट (सीआईआर) में आपका क्रेडिट इतिहास, एक क्रेडिट सूचना कंपनी, या क्रेडिट ब्यूरो द्वारा जमा की गई जानकारी शामिल हैं। जब भी आप एक ऋण के लिए आवेदन करते हैं, तो ऋणदाता एक क्रेडिट ब्यूरो को चेक करने के लिए कहता है कि आपने पहले समय पर चुकौती की है। यह आपके संपूर्ण क्रेडिट इतिहास का एक हिस्सा है और आपकी सीआईआर में प्रतिबिंबित करेगा। इस रिपोर्ट में व्यक्तियों का एक स्कोर निर्धारित किया जाता है, जिससे ऋण के लिए उनकी पात्रता की जाँच करने में मदद मिलती है। एक ऋण सूचना एजेंसी के अनुसार, कुल अनुमोदित ऋणों में से 79% ऐसे व्यक्तियों के लिए होते हैं, जिनका स्कोर 750 से अधिक होता है (इसकी रेंज 300 से 900 होती है) आपके ऋण-आवेदन के साथ, आपकी नवीनतम ऋण-सूचना-रिपोर्ट (सीआईआर) संलग्न किए जाने पर, आपका आवेदनपत्र त्वरित कार्रवाई के लिए चुने जाने की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं
भारतीय रिज़र्व बैंक ने सभी ऋण-ब्यूरो से कहा गया है कि वे नि:शुल्क रिपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करें। कंपनियों ने ऐसा किया है। तथापि, सभी कंपनियों में ऐसी रिपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया और इसमें लगने वाला समय अलग-अलग होता है।
जब आप वेबसाइट पर जाएँगे, तो आपको इसके मुखपृष्ठ पर नि:शुल्क ऋण-रिपोर्ट की प्रक्रिया के लिए एक लिंक दिखेगा। इस लिंक पर क्लिक करने पर, सर्वप्रथम आपको अपना केवाईसी विवरण, जैसे- नाम, पता, ई-मेल, मोबाइल संख्या तथा स्थायी खाता संख्या (पैन नंबर), आधार संख्या देना होगा। इसके बाद, वहाँ से आपको एक ई-मेल भेजा जाएगा, जिसमें आपका प्रयोक्ता आईडी (यूजर आईडी) और पासवर्ड होगा
इक्वीफैक्स
इसकी वेबसाइट इक्वी/फैक्स के मुखपृष्ठ पर आपको एक प्रमुख लिंक मिलेगा, जिसमें नि:शुल्क रिपोर्ट प्राप्त करने की प्रक्रिया का विवरण दिया गया है।
एक्सपीरियन वेबसाइट लिंक पर जाएँ
चरण 1- कृपया इस लिंक पर जाकर प्रवेश (लॉगइन) करें
चरण 2 - फ़ार्म में अपेक्षित सभी विवरण भरें
चरण 3 - सभी स्थानों पर अपेक्षित विवरण भरने के बाद नि:शुल्क वाउचर के लिए अनुरोध / रिक्वेस्ट फ्री वाउचर पर क्लिक करें। आपको एक वाउचर कोड प्राप्त होगा, जिससे आप 48 घंटे के अंदर नि:शुल्क एक्सपीरियन ऋण-रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।
चरण 4 - कृपया नि:शुल्क एक्सपीरियन ऋण-रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए वाउचर के साथ दिए गए अनुदेशों के अनुसार कार्रवाई करें।
ट्रांसयूनियन सिबिल
नि:शुल्क ऋण-रिपोर्ट प्राप्त करने का लिंक वेबसाइट के मुखपृष्ठ पर सबसे नीचे दिया गया है। यह नि:शुल्क रिपोर्ट लिंक आपको एक अनुरोध-प्रपत्र पर ले जाएगा। जब इस पोर्टल के माध्यम से कोई इच्छुक व्यक्ति ऋण के लिए आवेदन करता है, तो पोर्टल की ओर से उसे नि:शुल्क ऋण रिपोर्ट प्राप्त करने का स्मरण-संदेश दिया जाता है, तथा पोर्टल स्वयं उसे ऊपर दी गई एजेंसियों में से किसी एक से ऋण-रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश देता है।
जो करना है
जांचें कि सूचित किए गए भुगतान को डेबिट किया गया।
जो नहीं करना है
जीएसटी
माल और सेवा कर (जीएसटी) कई केंद्रीय और राज्य करों में विलय करके एक राष्ट्रीय बाजार के लिए रास्ता तैयार करता है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों में भारतीय उत्पादों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की उम्मीद है और साथ ही, यह पारदर्शी और प्रशासित करने में आसान होगा।
संकल्पना- जीएसटी निर्माता से उपभोक्ता को माल और सेवाओं की आपूर्ति पर एक गंतव्य आधारित एकल कर है और पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है। जीएसटी कई करों की जगह लेगा जैसे केंद्रीय मूल्य वर्धित कर (सेनवैट), केंद्रीय बिक्री कर, राज्य बिक्री कर ।
तालिका 1.1: जीएसटी के तहत शामिल कर
1.केंद्रीय उत्पाद शुल्क |
1.राज्य मूल्यवर्धित कर |
2. उत्पाद शुल्क के कर्तव्यों (औषधीय और शौचालय की तैयारी) |
2. मनोरंजन कर (स्थानीय निकायों द्वारा लगाए गए करों के अलावा) |
3.अतिरिक्त उत्पाद शुल्क |
3. केन्द्रीय बिक्री कर (केंद्र द्वारा लगाए गए और राज्यों द्वारा एकत्र किए गए) |
4. सेवा कर |
4. चुंगी एवं प्रवेश कर ओक्टोरी और एंट्री टैक्स |
5. अतिरिक्त सीमा शुल्क ड्यूटी जिसे सामान्यतः काउंटरवेलिंग ड्यूटी के रूप में जाना जाता है |
5.खरीद कर |
6.विशेष अतिरिक्त शुल्क सीमा शुल्क |
6. लक्जरी कर |
7. उपकर और अधिभार जहाँ तक वे वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति से संबंधित हैं |
7. लॉटरी, सट्टेबाजी और जुए पर कर |
एक मजबूत और व्यापक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंच और मूल्य स्तर में एक चरण से दूसरे में इनपुट कर क्रेडिट का निर्बाध हस्तांतरण कर अनुपालन को प्रोत्साहन देगा।
जीएसटी यह सुनिश्चित करेगा कि कर दरों और संरचना देश भर में आम है, जिससे निश्चितता और व्यापार करने में आसानी हो।
मूल्य-श्रृंखला में सीमलेस टैक्स क्रेडिट और राज्यों में करों का न्यूनतम श्रृंखलाबद्ध प्रभाव सुनिश्चित होगा, जिससे व्यापार करने की छुपी लागत कम हो जाएगी।
देश भर में टैक्स की दर और प्रक्रियाओं में समानता अनुपालन लागत पर होगी।
जीएसटी में बड़े करों में कमी और लेनदेन की लागत में कमी से स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं और सेवाओं की लागत कम हो जाएगी और भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी।
(स्रोत राज्य वित्त: बजट का एक अध्ययन, आरबीआई)
सिडबी और फिस्मे ने जीएसटी पर आपके प्रश्नों का उत्तर देने के लिए एक इंटरैक्टिव पोर्टल जीएसटी इंटरैक्टिव पोर्टल एक टोल-फ्री जीएसटी हेल्पलाइन नंबर 1800-11-3585 शुरू किया है (जो 48 घंटों में आपके प्रश्नों का उत्तर देता है)। इसके अलावा एमएसएमई के लिए एक व्यावहारिक जीएसटी उत्तर पुस्तिका का प्रकाशन किया है जिसमें जीएसटी पर ज्ञान का प्रसार करने के लिए विभिन्न सामग्रियां भी हैं।
इसका उद्देश्य एमएसएमई पर विशेषज्ञ राय प्रदान करना है: जीएसटी से संबंधित जिज्ञासा और प्रभाव, यदि कोई हो, उनकी प्रतिस्पर्धा पर, अर्थव्यवस्थाओं के पैमाने, बाजार पहुंच और इतने पर। इस पहल का ध्यान रखा जाना चाहिए -
ए) जागरूकता सृजन
बी) एमएसएमई उम्मीदों पर नीति निर्माताओं का समर्थन
सी) क्षमता निर्माण
उद्योग आधार ज्ञापन पंजीकरण के लिए कृपया इस लिंक पर जाएँ
स्रोत: उद्यमीमित्र पोर्टल
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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