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कृषि

कृषि

योजना

संकेतक

जल सकारात्मक निवेश और रोजगार

संकेतक

सूक्ष्म सिंचाई के तहत शुद्ध रूप से बोए गए क्षेत्र का प्रतिशत

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई)

उपाय

  • जिला सिंचाई योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
  • सूक्ष्म सिंचाई के लिए संभावित क्षेत्र की पहचान सुनिश्चित करना और लाभार्थियों की सूची को अंतिम   रूप देना।
  • जिले के लिए पीएमकेएसवाई सूक्ष्म सिंचाई के साथ फंड्स को जोड़ना।
  • बैंकों से ऋणों को जोड़ने संबंधी कार्य को अंतिम रूप देना।

योजना

संकेतक

मनरेगा के तहत पुर्ननवीनीकृत जलाशयों में जल बढ़ोत्तरी का प्रतिशत

मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम)

उपाय

  • मनरेगा के तहत जल संबंधी कार्यकलापों की प्राथमिकता सुनिश्चित करना।
  • परियोजनाओं और जल निकायों के स्थान निर्धारण के लिए पंचायतों की बैठकें सुनिश्चित करना।
  • परियोजनाओं की समय पर तकनीकी और प्रशासनिक मंजूरी सुनिश्चित करना।
  • मनरेगा के साथ फंड्स को जोड़ना सुनिश्चित करना।

संकेतक फसल बीमा–शुद्ध बुवाई क्षेत्र का प्रतिशत

योजना

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई)

उपाय

  • जिला कलेक्टर द्वारा पीएमएफबीवाई योजना के तहत फसलों की अधिसूचना जारी करना औरइसका प्रचार–प्रसार सुनिश्चित करना।
  • जिला बीमा एजेंसियों और बैंकों की बैठकों का आयोजन सुनिश्चित करना।
  • बीमा एजेंसियों को पंचायत स्तरीय डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • फसल कटाई संबंधी प्रयोग में बीमा एजेंसियों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
  • फसल नुकसान का समय पर मूल्यांकन सुनिश्चित करना।
  • प्रत्येक आरआरबी शाखा में किसानों के लिए सुविधा केंद्रों की स्थापना सुनिश्चित करना।
  • पिछले दावों का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करना।

योजना

संकेतक

महत्वपूर्ण इनपुट खपत और आपूर्ति में बढ़ोत्तरी

संकेतक

कृषि ऋण में बढ़ोत्तरी का प्रतिशत

अल्प अवधि फसल ऋण के लिए ब्याज अनुदान योजना

उपाय :

  • नाबार्ड की जिला क्रेडिट लिंक योजना का संचालन।
  • यह सुनिश्चित करना कि जिला स्तरीय बैंकर्स कमेटी की नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
  • बैंकों के साथ पीएसीएस (प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी) का एकीकरण सुनिश्चित करना।
  • प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जन जागरुकता अभियान चलाना सुनिश्चित करना।
  • तिमाही प्रगति समीक्षा आयोजित करना।

योजना

संकेतक

प्रमाणित गुणवत्ता के बीजों का वितरण

  • कृषि उन्नति योजना
  • राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई),

  • राष्ट्रीय खाद्य
  • सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम)

    राष्ट्रीय तिलहन और ताड़ का तेल संबंधी मिशन (एनएमओओपी)

    उपाय :

    • जिले में बीज योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना।
    • सार्वजनिक और निजी एजेंसी में बीजों की उपलब्धता का आंकलन।
    • निजी और सार्वजनिक बीज वितरकों के साथ बैठकों का आयोजन सुनिश्चित करना।
    • बीज की कमी होने पर पर्याप्त उपलब्धता हेतु राष्ट्रीय/राज्य निगमों के साथ संपर्क स्थापित करना।
    • ब्लॉक स्तरीय इकाइयों में बीजों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना।
    • भारत सरकार/राज्य सरकार के कार्यक्रमों के तहत उपलब्ध बीज पर प्रोत्साहन के लिए जागरुकता सुनिश्चित करना

    योजना

    संकेतक ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-एनएएम) से जुड़ी हुई जिला मंडियों में लेनदेन की संख्या

    ई-राष्ट्रीय कृषि बाज़ार

    उपाय

    • मंडी को यदि एपीएमसी (कृषि उत्पाद संबंधी बाज़ार समिति) से नहीं जोड़ा गया हो, तो ई-एनएएम के माध्यम से उसे जोड़ना सुनिश्चित करना।
    • एपीएमसी मंडी में मूल्यांकन, श्रेणीकरण और भंडारण सुविधा सुनिश्चित करना
    • एपीएमसी मंडी में किसानों के पंजीकरण को सुनिश्चित करनायह सुनिश्चित करना
    • कि इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्लेटफॉर्म कार्य कर रहा है।मंडी में मूल्य (प्राइज़) को इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्शाना सुनिश्चित करना।
    • यह सुनिश्चित करना कि जागरुकता पैदा करने के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।

    संकेतक

    विक्रय मूल्य में प्रतिशत परिवर्तन, जिसे खेत फसल लागत (एफएचपी) और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बीच के अंतर के रूप में परिभाषित किया गया है

    योजना :

    • एकीकृत कृषि प्रबंधन स्कीम
    • मूल्य समर्थन स्कीम
    • न्यूनतम समर्थन मूल्य

    उपाय

    फसल काटने संबंधी प्रयोगों के आधार पर संभावित बाज़ार अधिशेष का मूल्यांकन सुनिश्चित करना।

    • जिले में नए खरीद केंद्रों की स्थापना सुनिश्चित करना।
    • खरीदी गई उपज के भण्डारण के लिए मालगोदामों की पहचान सुनिश्चित करना।
    • प्रत्यक्ष अंतरण के माध्यम से उत्पादकों को तुरंत भुगतान सुनिश्चित करना।

    योजना

    एकीकृत बागवानी विकास मिशन

    संकेतक

    जिले में कुल बोए गए क्षेत्र में उच्च मूल्य फसल के हिस्से का प्रतिशत

    उपाय
  • गुणवत्तापूर्ण बीज और पौधरोपण सामग्री वाली पौधशालाओं की पहचान सुनिश्चित करना।
  • बागवानी के कवरेज के लिए ब्लॉक और गांवों का चिन्हिकरण सुनिश्चित करना।
  • ब्लॉक स्तरीय बीज वितरण केंद्रों पर बीज और पौधरोपण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • नए समेकन केंद्रों, शीत भंडारगृहों, पकाने हेतु चेम्बर्स की स्थापना सुनिश्चित करना।
  • योजना

    कृषि मंत्रालय की योजनाओं का कैफेटेरिया

    संकेतक दो प्रमुख फसलों की कृषि उत्पादकता

    उपाय

    • चावल और गेहूं की बुवाइ के मौसम से पहले एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के बारे में व्यापक अभियान शुरु करना।
    • किसानों की मांग के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर फसल ऋण उपलब्ध कराने के लिए बैंकों कोतैयार करना।
    • फसल मौसम के दौरान नहर प्रणाली में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
    • उर्वरक और बीज किसानों को घर पर उपलब्ध कराना।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना।
    • नकली कीटनाशकों की बिक्री को रोकना।
    • केसीसी नेट के तहत और अधिक किसानों को लाना।
    • संकेतक पशुओं के टीकाकरण का प्रतिशत

      योजना

      पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण स्कीम

      उपाय :

      • पशु चिकित्सा विभाग में टीकों की मांग का आंकलन।
      • आपूर्तिकर्ताओं को चिन्हित कर उन्हे आर्डर जारी करना।
      • पशु चिकित्सालयों की ब्लॉक और सब-ब्लॉक इकाइयों में टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
      • प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जागरुकता अभियान।
      • फील्ड स्तर पर आपूर्ति के लिए बीएआईएफ और अन्य एजेंसियों के साथ संपर्क सुनिश्चित करना।

      संकेतक

      कृत्रिम गर्भाधान कवरेज

      योजना

      राष्ट्रीय आजीविका मिशन

      उपाय

      • कृत्रिम गर्भाधान के लिए उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करना।
      • कृत्रिम गर्भाधान के लिए बीएआईएफ और अन्य एजेंसियों के साथ संपर्क सुनिश्चित करना।
      • कृत्रिम गर्भाधान के लिए फील्ड स्टॉफ को लगाना सुनिश्चित करना।
      • जिले में वीर्य बैंक उपलब्ध नहीं होने पर, अन्य वीर्य बैंकों के साथ संपर्क सुनिश्चित करना।

      संकेतक प्रथम दौर की तुलना में दूसरे दौर में वितरित किए गए मृदा स्वास्थ्य कार्यों की संख्या

      योजना : मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम

      उपाय :

      • मृदा नमूनों को एकत्र करने में सहायता के लिए प्रत्येक गांव में अग्रणी किसानों की पहचान करना।
      • यह सुनिश्चित करना कि सभी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं (एसटीएल) कार्य कर रही हैं।
      • मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में प्राथमिकता आधार पर तकनीकी कार्मिकों का नियोजन यदि सरकारी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं पर्याप्त नहीं हैं तो मृदा नमूनों के विश्लेषण के लिए निजी प्रयोगशालाओं   की सेवाएं लेना सुनिश्चित करना।
      • मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में जल और बिजली की आपूर्ति को सुधारना।

अंतिम बार संशोधित : 2/28/2020



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