शिक्षित बेरोजगारों को स्वनियोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री योजना भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 1993 से प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत बेरोजगार युवक/यूवातियोँ को बैंकों से ऋण उपलब्ध कराकर स्वनियोजन का अवसर उपलब्ध कराया जा सकता है।
इस योजना की मुख्य विशेषता यह है की इससे शहर या गाँव के शिक्षित बेरोजगारी युवक/युवतियों अपना उद्योग- धंधा शुरू करने के लिए उत्प्रेरित होते हैं। सूद की दर काफी कम है एवं ऋण को आसान किस्तों में बांटकर उसे 7 वर्षो तक चुकता करने की छूट है।
समस्त युवक/युवती जो नौकरी नहीं कर रहे हैं, जिनकी उम्र 18 वर्ष से 35 वर्ष के बीच है; जिनकी पारिवारिक आय 24000 रू. से कम है तथा जो कम से कम मैट्रिक पास हों।
अनु. जाति एवं अनु. जा. जाति – 22.5 प्रतिशत
पि. जाति- 27 प्रतिशत
जिला उद्योग केंद्र द्वारा विहित प्रपत्र में आवेदन आमंत्रित किया जाता है ।
प्रधानमंत्री रोजगार योजना से लाभ लेने के लिए इच्छुक युवक/युवतियों को जिला उद्योग केंद्र जाकर योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करनी चाहिए एवं वहाँ से विहित प्रपत्र उपलब्ध करके आवेदन करना चाहिए।
सरकारी अनुदान
केंद्र सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से प्रत्येक आवेदक के मामले म परियोजना लागत के 15 प्रतिशत के बराबर लेकिन अधिकतम 7500 रू. तक की अनुदान की राशि संबधित बैंक द्वारा ऋणी के नाम से सावधि जमा रसीद बनाकर स्वयं के पास रख लिया जाता है। इसके अवधि न्यूनतम 3 वर्ष की होती है।
इस योजना के अंतर्गत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा समय- समय पर जारी किए गए निर्देश के अनुसार ब्याज लगाया जाता है।वर्तमान में 25000 रूपए तक के ब्याज दर 12.5 प्रतिशत तथा 25000 रू. से 1 लाख रू. तक के ऋण पर ब्याज दर 15.5 प्रतिशत है।
प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत अधिकतम दो लाख रूपए तक ऋण दिया जाता है।
स्रोत : जेवियर समाज सेवा संस्थान, राँची
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