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तमिलनाडु राज्य के पंचायत की सफल कहानियाँ भाग – 1

अन्ना ग्राम ब्लॉक पंचायत, कुडलोर जिला, तमिलनाडु: थाना चक्रवात का परिचय

कुडलोर जिला तमिलनाडु का चक्रवात प्रवृत जिला है | दिनांक 30.12.2011 में आए चक्रवात ने कुडलोर को बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया और अन्नाग्राम क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ | बहुत बड़ी संख्या में मकान ढह गए, फूस के झांपडे नष्ट हो गए, हजारों पेड़ गिर गए, सैंकड़ों एकड़ फसलें बर्बाद हो गई, सड़कों की लाइटें गुल हो गई और बिजली की आपूर्ति कनेक्टिंग लाईने नष्ट हो गई, सड़कों पर बाढ़ आ गई, नदियों नालों के किनारों से पानी बहने लगा जिसके फलस्वरूप चक्रवात प्रभावित पूरे इलाके में सामान्य जन जीवन पंगु हो गया | इन परिस्थितियों में पंचायत यूनियन कर्मचारियों ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष तथा सदस्यों के साथ मिल कर जिस प्रकार काम किया उसकी सभी ने अत्याधिक प्रशंसा की | जिले में आपातकालीन परिस्थितियों के लिए उपलब्ध मानव संसाधनों व सामग्री को शीघ्रता से आपदा प्रभावित इलाके में पहुंचाया गया | दो दिन में प्रभावित इलाके में बिजली आपूर्ति की पूर्वावस्था में वापसी और पेय जल की व्यवस्था की गई, जो कि पंचायत यूनियन की बहुत बड़ी उपलब्धि थी | यह केवल उस इलाके में पंचायत यूनियन के चुने हुए प्रतिनिधियों की लगन व एकजुट कड़ी मेहनत तथा ऊपर से लेकर नीचे तक के कर्मचारियों की पूरी निष्ठा से किए गए सहयोग व कड़ी मेहनत के कारण ही संभव हो सका |

अन्ना ग्राम ब्लॉक पंचायत, कुडलोर जिला, तमिलनाडु: थाना चक्रवात के बाद प्रबंधन

थाना चक्रवात के बाद पंचायत यूनियन का आर्दश वाक्य “पुन: बेहतर निर्माण” था | तमिलनाडु सरकार ने थाना चक्रवात से प्रभावित सभी परिवारों के लिए कंक्रीट से बने मकान मंजूर करने की घोषणा की | अन्नाग्राम पंचायत ने उन परिवारों की पहचान करने के लिए बड़ी तत्परता से कार्रवाई की जिनके मकान चक्रवात में ढह गए थे | प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सभाओं का आयोजन किया गया और पात्र लाभार्थियों की पहचान की गई | तदानुसार 9223 परिवारों की पहचान हुई और प्रत्येक आवास के लिए “थाना कंक्रीट आवास योजना” के तहत प्राधिकारियों से 1.00 लाख रु. की प्रशासनिक मंजूरी ली गई | चूँकि फूस से बने झांपडे अधिक क्षतिग्रस्त हुए थे अत: पंचायत यूनियन के इन प्रयासों की अत्याधिक सराहना की गई | इसी प्रकार पंचायत यूनियन ने सड़कों व स्कूलों की मरम्मत कराने का शीघ्रता से आकलन किया | पंचायत यूनियन ने स्कूलों व सड़कों को हुए नुकसान के बारे में उच्च प्राधिकारियों को बताया और पंचायत यूनियन की पहलकदमी से नष्ट हुई 11 सड़कों के लिए 180 करोड़ रु. और 61 स्कूली इमारतों की मरम्मत के लिए 49.54 करोड़ रु. की मंजूरी मिली | पंचायत यूनियन का दूसरा सराहनीय कार्य पंचायत यूनियन कार्यालय में रखे सीमेंट, स्टील व अन्य निर्माण सामग्री के सुरक्षा उपाए करना था | चोरी रोकने के लिए उठाए गए अपेक्षित रोजमर्रा के प्रयासों के अतिरिक्त क्लोज सर्किट टी वी कैमरे लगाए गए |

अन्ना ग्राम ब्लॉक पंचायत, कुडलोर जिला, तमिलनाडु: महिला प्रसाधन कक्ष

अन्नाग्राम में महिलाओं को मल त्याग करने के लिए खुले में जाना पड़ता था क्योंकि उनके घरों में प्रसाधन कक्ष नहीं थे | पैसे की कमी के कारण वे अपने घरों के पास प्रसाधन कक्ष बनाने में असमर्थ थे और सामान्य साफ़-सफाई के आभाव में संक्रामक रोगों का खतरा बना रहता था | अन्नाग्राम पंचायत यूनियन ने समस्या की गम्भीरता को समझा और अपनी सभी 42 ग्राम पंचायतों में 2.25 लाख रु. प्रत्येक की लागत से प्रसाधन कक्ष का निर्माण करने की पहल की | इन प्रसाधन कक्षों का निर्माण बुनियादी न्यूनतम सुविधाओं सहित सामानरूप से निर्धारित 750 वर्गफुट के आकार में किया गया | न्यूनतम सुविधाओं में 14 शौचालय, दो स्नानघर, एक पानी का टब और नहाने-धोने के लिए पत्थर का फर्श निर्धारित किया गया था | स्वच्छ पानी की नियमित आपूर्ति भी जरूरी शर्त थी | लाभार्थियों का ग्रुप बनाया गया और प्रत्येक प्रसाधन कक्ष को क्रमांकित करके परिवार को आबंटित किया गया | उसकी साफ़-सफाई एवं दैनिक रखरखाव का जिम्मा उपभोक्ता परिवार का था | ग्राम पंचायत प्राधिकारियों का जिम्मा बिजली कनैक्शन व पानी की निरंतर आपूर्ति करना था | महिलाओं के इस प्रसाधन कक्ष में लगाई गई भट्टी एक अन्य विशेष सुविधा थी | यह किशोरियों व वयस्क महिलाओं को राहत पहुँचाने के लिए अत्यंत आवश्यक थी | महिलाओं के लिए पहले से बनाए गए कुछ एकीकृत प्रसाधन कक्ष अनुपयोगी हो गए थे | पंचायत यूनियन ने इन्हें सुधारने के लिए विशेष निर्देश जारी किए | इनका इस्तेमाल करने वाले समूह को इनके दैनिक रखरखाव एवं साफ़-सफाई का जिम्मा सौपा गया | आवास के नजदीक निरंतर जल आपूर्ति सहित सही ढंग से निर्मित इन प्रसाधन कक्षों व स्नानघरों ने महिलाओं का जीवन बदल दिया | चूँकि यह विशेषतौर से महिलाओं के लिए बनाए गए थे अत: यहाँ पर पर्दा व पूरी सुरक्षा व्यवस्था थी | गाँव की सामान्य स्वच्छता में भी सुधार हुआ | अन्य सराहनीय बात जो ध्यान में आई वह थी प्रसाधन कक्षों की साफ़-सफाई | चूँकि प्रसाधन कक्षों को क्रमांकित करके जिन परिवारों को आबंटित किया गया था उन्होंने इनके उचित रखरखाव पर अधिक ध्यान दिया | यहाँ तक कि बहने वाले बेकार पानी का इस्तेमाल किफायती ढंग से सब्जियाँ उगाने के लिए किया गया जिससे कि उभोक्ता परिवार को अतिरिक्त आमदनी भी मिली|

स्रोत: भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय

अंतिम बार संशोधित : 8/28/2019



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