53 ग्राम पंचायतों वाले तिरुवन्नामाली जिले में छैयर पंचायत यूनियन सबसे बड़ी पंचायत यूनियन है | वर्ष 2010-2011 में पंचायत यूनियन की विभिन्न स्त्रोतों से कुल आमदनी 151.34 लाख रु. थी और वर्ष 2011-2012 में 156.63 लाख रु. होने का अनुमान है | पंचायत यूनियन की बढ़ती हुई अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए यह पर्याप्त नहीं है | पंचायत यूनियन ने IAY, MGNREGS & PMGSY जैसी केन्द्रीय योजनाओं से अधिकतम फण्ड जुटाने का काम किया | MPLADS व 13वें वित्त आयोग का एवार्ड आमदनी का अन्य जरिया था | परन्तु यह प्रर्याप्त नहीं थे | अत: पंचायत यूनियन ने अध्यक्ष व बीडीओ के नेतृत्व में “एकसूत्रीय मॉडल” के तहत विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों के लिए सहायता प्राप्त करने हेतु टीएन ग्राम बस्ती सुधार योजना के अंर्तगत राज्य सरकार के विशेष कार्यक्रम से सहायता प्राप्त करने का प्रयास किया गया |
ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के निष्पादन के बारे में अपनी हाल की रिपोर्ट में ग्रामीण विकास विभाग व पंचायत राज ने योजना के उद्देश्यों का स्पष्ट ब्यौरा दिया है | इसमें बताया गया है कि “ग्रामीण विकास के संबंध में भारत के इतिहास में पहली बार बस्तियों पर विकासात्मक इकाईयों के रूप में विचार किया गया है”| इसका मुख्य उद्देश्य सभी बस्तियों में सभी प्रकार की मूल सुविधाएँ प्रदान करना है, ताकि बस्तियों के बीच विकास की असमानताओं को दूर किया जा सके| जल आपूर्ति, सड़कों पर लाइट, सड़कें, शमशानघाट, शमशानघाट जाने का मार्ग जैसी न्यूनतम बुनियादी जरूरतें और सार्वजनिक वितरण दुकाने, आंगनबाड़ी केंद्र, एसएचजी इमारत, धान कूटने के लिए पक्का फर्श, खेल का मैदान आदि जैसी अतिरिक्त जरूरतें इसमें शामिल हैं |
पंचायत यूनियन ने प्रत्येक स्तर पर पूरी पारदर्शिता के साथ इस योजना का भरपूर लाभ उठाया| यूनियन काउंसलर व संबधित पंचायत अध्यक्ष की मदद से विस्तृत सर्वे किया गया | दूर-दराज के गाँवों में विकास के फर्क को समझने के लिए बीडीओ, सहायक इंजीनियर व अन्य अधिकारियों को पूरी तरह शामिल किया गया | सर्वे के आधार पर एकसूत्रीय मॉडल के तहत विस्तृत कार्रवाई योजना बनाई गई | एक विशेष ग्राम सभा का आयोजन करके प्रत्येक ग्राम पंचायत की ग्राम सभा के सम्मुख कार्रवाई योजना अनुमोदनार्थ रखी गई | ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित परियोजनाओं को तकनीकी व प्रशासनिक मंजूरी के लिए जिला कार्यालय भेजा गया |
चूँकि योजना तमिल सरकार की प्राथमिक योजना है अत: प्रस्तावित परियोजना का तत्काल अनुमोदन एवं समय पर कार्यान्वयन संभव हो सका | ग्राम बस्ती सुधार योजना होने के नाते पिछड़े सुदूर इलाकों पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए पंचायत यूनियन अधिकतम परिवारों तक पहुंच पाई | एकसूत्रीय आदर्श के तहत योजना के अंतर्गत धान कूटने के लिए सीमेंट का पक्का फर्श बनाया गया| कींलपुडूपंकॉम ग्राम पंचायत के एसएचजी के एक सदस्य ने बताया कि इससे महिलाओं को अत्याधिक लाभ हुआ है | उसने यह भी बताया कि “पक्के फर्श से न केवल हमारी उर्जाशक्ति की बचत हुई है, अपितु इससे धान कूटने से अन्यथा धान की होने वाली बर्बादी की भी बचत की जा-सकी है”|
व्यय स्वरूप के ब्यौरों को देखने से कुछ रुचिकर तथ्य ध्यान में आए हैं | छैयर पंचायत यूनियन के तहत 9 ग्राम पंचायतों का एक समान 30 लाख रु. प्रत्येक ग्राम पंचायत खर्च हुआ है | परन्तु प्रत्येक पंचायत में लागू योजना उनकी जरूरतों के अनुसार भिन्न थी | यह योजनाएँ जल आपूर्ति, सड़कों पर लाइट, शमशान घाट तथा शमशान घाट का सुधार, सीमेंट की सड़कें, बीटी रोड तथा अन्य प्रकार के कार्यों से संबंधित थीं | कींलपुडूपंकॉम पंचायत सड़कों पर अधिक लाइट और अधिक सीमेंट की पक्की सड़कें चाहती थी, जो कि उसे मिल गई | कुछ अन्य पंचायते पेय जल और अधिक शमशान घाट बनाने के लिए फण्ड चाहती थीं, जो उन्हें दे दिए गए|
छैयर पंचायत यूनियन द्वारा भिन्न रूप से विकलांग नागरिकों के लिए नवप्रवर्तनशील योजना लागू की गयी | यह योजना अपने आप में अनूठी थी क्योंकि इसमें समाज के उपेक्षित वर्गों पर ध्यान केंद्रित किया गया था | पंचायत यूनियन ने सर्वसम्मति से ऐसे लोगों का सर्वे करने का निर्णय किया और भरपूर प्रचार करने के बाद ही इसका सर्वे किया गया | लोगों की अपंगता के आधार पर पहचान की गई | इलाके में ऐसे लोगों की कुल संख्या 1185 निकली | उनमें से 961 (81%) भिन्न रूप से विकलांग थे, 140 मानसिक रोगी और 80 मंद दृष्टि वाले लोग थे | योजना लागू होने के समय सर्वे में पहचान किए गए कुल लोगों में से 355 किसी अन्य स्थान पर चले गए और केवल 830 शेष थे | इनमें से 606 थोड़ी-बहुत शारीरिक मेहनत करने के योग्य पाए गए | पंचायत यूनियन ने उन्हें MGNREGA के तहत छोटा-मोटा रोजगार देने का निर्णय लिया और उन्हें जॉब कार्ड जारी कर दिया | अन्य 144 मानसिक रोगी और 80 मंद दृष्टि लोगों को इस योजना में शामिल नहीं किया जा सका क्योंकि उनकी विलांगता काफी ज्यादा थी |
जिन 606 लोगों को जॉब कार्ड दिया गया उन्हें MGNREGA निर्माण कार्यों के तहत रोजगार दिया गया | उन्हें केवल ऐसे प्रकार का काम ही दिया जाता था जिसमें ज्यादा कठिनाई नहीं होती थी| इस टीम के बारे में सबसे ज्यादा दिलचस्प बात यह थी कि उनमें से दो शिक्षित लोगों ने इसमें बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि को देखते हुए उन्हें निर्माण-स्थल सहायक का पद दिया गया जिसकी जिम्मेवारी उन्होंने बड़ी गरिमा के साथ निष्पादित की |
स्रोत: भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 7/25/2019
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