अनुसूचित जाति समुदाय के रहन-सहन में सुधार लाने के लिए पेटुरेडूपट्टी के अध्यक्ष ग्रीन हाउस सहित 24 आईएवाइ आवासीय मकानों का आबंटन कराने में सफल तो हो गए, परन्तु इसके बाबजूद मकानों का निर्माण करना बहुत भारी समस्या थी | गरीबी से ग्रस्त अनुसूचित परिवारों को मकानों के सही व समय पर निर्माण के लिए मदद एवं मार्गदर्शन की जरूरत थी | पंचायत ने उन्हें ट्रैकटर/वाहन चलाने का प्रशिक्षण देकर मदद करने का प्रयास किया जिसके माध्यम से वे निर्माण सामग्री उठा लाने में सक्षम हो गए | पंचायत ने अतिरिक्त लागत में बचत करने संबंधी तकनीकी मार्गदर्शन मुहैया करा कर भी उनकी मदद करने का प्रयास किया | अब सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाओं एवं सुख-साधनों सहित एक नवनिर्मित कॉलोनी उभर कर सामने आई है | इन सुविधाओं में 10 स्ट्रीट लाइट, 6 सार्वजनिक नल, 4 घरों में नल कनैक्शन, कंक्रीट की सड़क एवं जल निकासी सुविधाएँ शामिल हैं | जल आपूर्ति के संबंध में पानी के टैंक सहित एक नया मिनी पावर पंप भी उपलब्ध कराया गया है | यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी वित्त वर्ष में कॉलोनी में गई सड़कें बनाई जाएँगी | कृषि विभाग की मदद से पेड़ पौधे लगाए जाएँगे |
पंचायत ने गाँववासियों की आजीविका को उन्नत बनाने की पहल की है | अनुसूचित जाति की उन युवा महिलाओं सहित लगभग 30 युवा महिलाओं के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई जिन्होंने हुनर प्राप्त कर अपनी आमदनी में बढ़ोतरी की | इसके अतितिक्त सामाजिक कल्याण विभाग की मदद से बहुत ज्यादा निर्धन एवं विधवा औरतों को सिलाई मशीने वितरित की गई | अनुसूचित समुदाय के युवाओं के लिए कम्प्यूटर कोर्स के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए| पेटुरेडूपट्टी में लगभग 6 लोक कलाकार हैं जो ताविल, उरुमी एवं नादास्वरम जैसे वाद्य यंत्र बजाते हैं | पेंशन योजना के तहत एक गरीब लोक कलाकार को पेंशन दी गई | मृतक की विधवा को अब पारिवारिक पेंशन मिलती है | नई योजना के तहत एक अन्य लोक कलाकार के आवेदन पर विचार किया जा रहा है | ग्राम पंचायत की महिलाएं नियमित रूप से पंचायत से संपर्क करके सभी प्रकार से मदद की मांग करती हैं | इस संबंध में पेटुरेडूपट्टी गाँव एक आदर्श के रूप में उभर कर सामने आ रहा है | पंचायत को गैर-सरकारी संस्थाओं, वार्ड सदस्यों, सरकारी पदाधिकारियों एवं सामान्य समुदायों का पूरा सहयोग प्राप्त है | सभी के लिए घर, अनुसूचित परिवारों को प्राथमिकता, अनुसूचित जाति के युवाओं एवं महिलाओं की आजीविका में सुधार लाना ही इसका मुख्य ध्येय है |
नागरिकों के जीवन में सुधार लाने के लिए पेटुरेडूपट्टी ग्राम पंचायत प्रगतिशील विचार रखती है| शुद्ध व सुरक्षित पेय जल की आपूर्ति प्रणाली उनमें से एक महत्वपूर्ण विचार है | चूँकि यह इलाका आमतौर पर सूखाग्रस्त है अत: पंचायत ने पानी की कमी को प्राथमिकता दी है, जिसके लिए उसने 14 पावर पंप, 5 मिनी पावर पंप, 14 हैंड पंप, 6 ओवरहैंड टैंक, 64 सार्वजनिक नल और 104 हाउस कनेक्शन मुहैया कराए हैं | पिछले 25 वर्षों से अन्नामलयर उरानी में बोर वैल ही जल के मुख्य स्त्रोत थे | परन्तु 2005-2006 के बाद से लोगों ने पंचायत द्वारा दिए गए पेय जल के स्वाद, शुद्धता के बारे में शिकायत करनी आरंभ कर दी थी | ग्राम सभा में यह मुद्दा विचारार्थ लाया गया और जिला प्रशासन एवं तमिलनाडु जल व निकासी बोर्ड के समक्ष मामला पेश किया गया | यह देखा गया कि इलाके का जमीनी जल स्तर काफी नीचे चला गया था और पानी में फासफोट व सल्फर की मात्रा बढ़ गई थी, जिसके कारण पानी का स्वाद खारा व नमकीन हो गया था | इस रिपोर्ट को ग्राम सभा के समक्ष रखा गया जिसमें जिला पदाधिकारी भी मौजूद थे |
मामले पर विचार करते हुए अपेक्षित स्तर तक पानी की शुद्धता पाने के लिए रिवर्स ओसमॉसिस प्रणाली आरंभ करने की बात उठाई गई | जिला कलेक्टर ने अध्यक्ष से पेय जल के प्रक्रम में आर ओ सिस्टम लगाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने का अनुरोध किया | इस संबंध में होने वाले खर्च की समस्या का समाधान पंचायत को मिले 5 लाख रु. के नकद इनाम में से किया गया | प्रस्ताव अनुमोदन करने की प्रशासनिक मंजूरी अबिलंब दे दी गई | मशीनरी एवं यंत्र लगाने के लिए उपयुक्त इमारत की उपलब्धता अगला मुद्दा था, जिस पर विचार किया जाना था | इस प्रयोजन के लिए प्रशासन ने औपचारिक तौर पर एक कार्यशील कार्यालय की सरकारी इमारत आबंटित कर दी | अंतत: सिस्टम को चलाने के लिए 3.00 लाख रु. का निवेश करके यह मशीनरी लगायी गई | इस सिस्टम को चलाने, बिलिंग व जल शुल्क वसूल करने के लिए 1200/- रु. प्रतिमाह के मानदेय पर एक अस्थायी कर्मचारी को नियुक्त किया गया | आरंभ में पेय जल निशुल्क दिया जाता था | परंन्तु प्राधिकारियों के बारंबार अनुरोध के बाबजूद पानी की बहुत अधिक बर्बादी देखी गई | अत: जल विक्रय मशीन लगायी गई जिसके माध्यम से 2/- रु. का सिक्का डाल कर 18 लीटर शुद्ध पानी दिया जाने लगा | हाल ही में पानी का शुल्क बढ़ा कर 3/- रु. मटका (18 लीटर) कर दिया गया है और विक्रय मशीन को इलेक्ट्रोनिक बिलिंग सिस्टम में बदल दिया गया है | लाभार्थियों ने इस योजना के प्रति संतुष्टि जाहिर की है | पानी की बिक्री से प्राप्त राजस्व से औसतन 75,000 प्रति वर्ष की आमदनी से पंचायत की अपनी आमदनी में काफी वृद्धि हुई है |
सुदूर ग्रामीण इलाकों में आर्थिक विकास के लिए जो विभिन्न तत्व सहयोग करते हैं उनमें से मूलभूत ढांचों का विकास एक महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसमें गाँवों को सड़कों से जोड़ना मुख्य मुद्दा है | जिला पंचायत में वार्ड के अंतर्गत 25 ग्राम पंचायते हैं, जिनमें से 10 ग्राम पंचायतें थुरुवरणारकुरीची वन क्षेत्र के निचले भाग के सुदूर इलाकों में स्थित हैं | मुख्य सड़कों के साथ संपर्क न होने के कारण किसान अपनी उपज को सिर पर लाद कर उस स्थान तक लाते थे जहाँ से सड़क जुड़ी होती थी | ऐसा करने में असक्षम बहुत से किसानों ने अपनी खेती के क्रियाकलापों को सीमित कर लिया था | यहाँ तक की चिकित्सा उपचार करने के लिए आपातकालीन समय में भी उन्हें रोगी/पीड़ित को उठा कर लाना होता था | बरसात के मौसम में विद्यार्थी स्कूल नहीं जा सकते थे |
जिला पंचायत बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा की गई | इस पृष्ठभूमि को देखते हुए पंचायत ने इन इलाकों में नई सड़कें बनाने का निर्णय लिया | इलाके के 3 काउंसलर इस बात पर राजी हो गए कि अगामी वर्ष में वे अपने हिस्से की आबंटन राशि का दावा नहीं करेंगे ताकि यह कार्य पूरा किया जा सके | काउंसलरों के बीच इस प्रकार की एकता एवं भाईचारे की भावना ने नई सड़कों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया |
परन्तु गैर-सरकारी जमीन पर 20 फुट चौड़ाई सहित 7 किलोमीटर सड़क बनाना आसान काम नहीं था | पंचायत के प्रयासों से लगभग 15 किसान सड़क बनाने के लिए अपनी जमीन छोड़ने के लिए राजी हो गए | यह खबर मिली कि सड़क निर्माण के लिए छोड़ी गई जमीन की कीमत लगभग 4 लाख रु. थी | अब कृषि उपज को आसानी से ऑटो रिक्शा व साइकिल से मार्किट तक ले जाया जाता है | नई सड़क से आर्थिक विकास में मदद मिली है | इस प्रकार के तालमेल के लिए जिला पंचायत की भूमिका सराहनीय है |
स्रोत: भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 7/17/2019