अनाथ या परित्यक्त बालक से संबंधित प्रक्रिया
- अनाथ या परित्यक्त बालक को दत्तक-ग्रहण के लिए विधिक रूप से स्वतंत्र विनिश्चित करने की प्रक्रिया से संबंधित उपबंध अधिनियम की धारा 32, 33, 39 और 41 के साथ-साथ इसके अधीन बनाए गए नियमों के सुसंगत उपबंधों में अधिकथित किए गए है ।
- बाल कल्याण समिति के आवेदन के बिना यदि सीधे विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण द्वारा कोई परित्यक्त बालक प्राप्त किया जता है, तो ऐसे बालक को रिपोर्ट के साथ, जिसमें बालक के ब्यौरे और फोटो के अलावा वे परिस्थितियां, जिनमें बालक को प्राप्त किया गया, सम्मिलित हों, चौबीस घंटे के भीतर (यात्रा के लिए आवश्यक समय को छोड़ कर) बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण द्वारा ऐसी रिपोर्ट की प्रति उसी समयावधि में स्थानीय पुलिस स्टेशन को प्रस्तुत की जाएगी ।
- बाल कल्याण समिति, जाँच लंबित होने पर, अधिनियम और इसके अधीन बनाए गए नियमों के सुसंगत उपबंधों के अनुसार बालक की अंतरिम देखरेख के लिए आदेश जारी करेगी ।
- बालक के प्रवेश पर, विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण द्वारा बालक को प्राप्त करने के बहत्तर घंटों के भीतर विहित प्रपत्र में बालक दत्तक-ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शक प्रणाली पर उसका ब्यौरा एवं फोटो ऑनलाइन प्रविष्ट किया जाएगा, परन्तु यह कि इसके लिए बाल कल्याण समिति की अनुमति प्राप्त कर ली गई हो और विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण द्वारा बालक दत्तक-ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शक प्रणाली पर बालक के फोटो को प्रत्येक छह माह पर बदला जाएगा ।
- जैव माता या पिता अथवा विधिक संरक्षक (कों) का पता लगाने के लिए जिला बाल संरक्षण एकक बालक को प्राप्त करने के बहत्तर घंटों के भीतर व्यापक परिचालन वाले राज्य स्तरीय समाचार पत्र में परित्यक्त बालक की विशिष्टियाँ और फोटो का विज्ञापन देगा ।
- अन्य राज्यों से बालक के स्थानांतरण की दशा में, विज्ञापन ऐसे स्थान से प्रकाशित किया जाए जहाँ बालक प्रारंभ में पाया गया था ।
- जहाँ कहीं, जिला बाल संरक्षण एकक क्रियाशील नहीं है, वहाँ ऐसा विज्ञापन संबद्ध जिला मजिस्ट्रेट जारी कराएगा।
- विज्ञापन पर होने वाला व्यय समेकित बाल संरक्षण स्कीम की निधि से वहन किया जा सकता है ।
- उप-पैरा (5) और (8) में उल्लिखित प्रयासों के बावजूद भी, यदि जैव माता या पिता अथवा विधिक संरक्षकों का पता नहीं चलता है, तो जिला बाल संरक्षण एकक, तदनुसार, बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने की तारीख से तीस दिन के भीतर बाल कल्याण समिति को रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा ।
- विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के तीस दिन के तुरन्त बाद बाल कल्याण समिति को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा कि क्या किसी व्यक्ति ने बालक का दावा करने का प्रयत्न किया है और उस रिपोर्ट में अंतरिम देखरेख के दौरान बालक द्वारा प्रकट की गई कोई भी सूचना सम्मिलित है।
- यदि विशिष्ट बालक दत्तक-ग्रहण अभिकरण या बाल कल्याण समिति द्वारा अनुस्मारकों के बावजूद भी स्थानीय पुलिस से जैव माता या पिता अथवा विधिक संरक्षकों का अनुमार्गणीय न होने के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जाती है, तो परित्यक्त बालक की आयु दो वर्ष से कम होने की दशा में, दो मास की समाप्ति के बाद और यदि परित्यक्त बालक की आयु दो वर्ष से अधिक होने की दशा में, चार मास की समाप्ति के बाद, यह मान लिया जाएगा कि रिपोर्ट दे दी गई है।
- बाल कल्याण समिति, अधिनियम के उपबंधों और इसके अधीन बनाए गए नियमों के अनुसार कार्रवाई करने के बाद, अनुसूची- 1 में दिए गए फार्मेट में परित्यक्त या अनाथ बालक को विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित करते हुए एक आदेश जारी करेगी और ऐसा आदेश बाल कल्याण समिति के किन्हीं दो सदस्यों के हस्ताक्षर से जारी किया जाएगा ऐसा आदेश दो वर्ष तक की आयु के बालक की दशा में बाल कल्याण समिति के समक्ष बालक को पेश करने की तारीख से दो मास की अवधि के भीतर और दो वर्ष से अधिक आयु के बालक की दशा में चार मास की अवधि के भीतर जारी किया जाएगा ।
- अधिनियम की धारा 33 के अधीन जाँच और अधिनियम की धारा 41 की उप-धारा 4 के अधीन बाल कल्याण समिति द्वारा परित्यक्त या अनाथ बालक को विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित करने का आदेश उसी जिले में पूरा किया जाएगा, जिसमें प्रारंभ में बालक पाया गया था।
- अनाथ या परित्यक्त बालक की बालक अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा परीक्षा रिपोर्ट क्रमश: अनुसूची -2 और अनुसूची -3 के फार्मेट में तैयार की जाएगी और विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण द्वारा बालक को दत्तक-ग्रहण के लिए विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित करने की तारीख से दस दिन के भीतर बालक दत्तक-ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शक प्रणाली पर डाल दी जाएगी।
- बालक अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा परीक्षा रिपोर्ट अंग्रेजी में (स्थानीय भाषा के अलावा) उपलब्ध कराई जाएगी।
- यदि विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण किसी तकनीकी कठिनाई का सामना कर रहा होता है तो जिला बाल संरक्षण एकक बालक अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा परीक्षा रिपोर्ट को बालक दत्तक –ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शक प्रणाली पर अपलोड करने में विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण को सुकर बनाएगा ।
- बाल कल्याण समिति द्वारा मानसिक रूप से निशक्त माता या पिता के बालक को दत्तक-ग्रहण पर डाल दी जाएगी ।
अभ्यर्पित बालक से संबंधित प्रक्रिया
- अभ्यर्पित बालक को दत्तक-ग्रहण के लिए विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित करने की प्रक्रिया से संबंधित सुसंगत उपबंध अधिनियम की धारा 32, 33, 39 और 41 और इसके अधीन बनाए गए नियमों में अधिकथित किए गए हैं ।
- (विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण द्वारा बालक को प्राप्त करने के बहत्तर घंटों में भीतर बालक दत्तक-ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शक प्रणाली पर उसका ब्यौरा और फोटो ऑनलाइन प्रविष्ट किया जाएगा ।
- विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण द्वारा मामले की किसी अन्य विनिर्दिष्ट सूचना के साथ-साथ बाल कल्याण समिति को निम्नलिखित सूचना दी जाएगी:
(क) जन्म के रिकार्ड या प्रमाण पत्र के साथ, यदि उपलब्ध हो, बालक का नाम, जन्म की तारीख अथवा आयु और जन्म का स्थान;
(ख) जैव माता या पिता अथवा यदि अभ्यर्पित करने वाले माता या पिता अवयस्क हैं तो साथ आने वाले व्यस्क का नाम, पता और पहचान का सबूत;
(ग) जैव माता या पिता के निकट संबंधियों का ब्यौरा, यदि उपलब्ध हो;
(घ) भाई-बहन (भाईयों-बहनों) का ब्यौरा, यदि कोई हो;
(ङ) बालक और जैव माता या पिता (ओं) का चलन चिकित्सा इतिहास;
(च) बालक की परिस्थितियाँ, जिनमें अभ्यर्पण के कारण और सामाजिक पृष्ठभूमि ।
(4) जैव माता या पिता द्वारा अभ्यर्पण को हतोत्साहित करने के लिए, विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण या बाल कल्याण समिति माता या पिता द्वारा बालक को रखने की संभावना खोजने के प्रयास करेगी, जिनमें बालक को रखने के लिए माता या पिता को परामर्श देना और प्रोत्साहित करना और यह स्पष्ट करना कि अभ्यर्पण की प्रक्रिया अप्रतिसंहरणीय होती है, अंतर्विष्ट होगा ।
(5) विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण और बाल कल्याण समिति यह सुनिश्चित करेगी कि अभ्यर्पण करने वाले माता या पिता अथवा विधिक संरक्षक को अवगत कराएगी कि वे अभ्यर्पण की तारीख से केवल साठ दिन की अवधि के भीतर ही बच्चे का पुन: दावा कर सकते हैं ।
(6) यदि अभ्यर्पण अपरिहार्य है, तो अनुसूची-4 में यथा उपबंधित अभ्यर्पण विलेख बाल कल्याण समिति के किसी दो सदस्यों की उपस्थिति में निष्पादित किया जाएगा:
परन्तु यह कि अभ्यर्पित करने वाले माता या पिता एक अविवाहित माता है, विलेख का निष्पादन बाल कल्याण समिति के किसी एक सदस्य, अधिमानत: महिला सदस्य की उपस्थिति में निष्पादित किया जाएगा ।
(7) यदि विवाधित दंपति से जन्मे बालक का अभ्यर्पण किया जाता है, तो माता-पिता दोनों अभ्यर्पण विलेख पर हस्ताक्षर करेंगे और यदि दोनों में किसी एक की मृत्यु हो गई होती है तो मृत्यु का सबूत प्रस्तुत करना अपेक्षित होगा ।
(8) यदि विवाहित दंपति से जन्मे बालक का अभ्यर्पण जैव माता या पिता द्वारा किया जाना है और दूसरे माता या पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं है, तो बालक को परित्यक्त माना जाएगा और आगे की प्रक्रिया पैरा 6 के अनुसार की जाएगी ।
(9) विवाह से परे जन्मे बालक की दशा में, केनल माँ ही बालक को अभ्यर्पित कर सकती है । यदि माँ अवयस्क है, तो अभ्यर्पण विलेख पर साथ आने वाले वयस्क द्वारा गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए जाएँगे ।
(10) यदि अभ्यर्पण जैव माता-पिता के अलावा किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया जाता, बालक को परित्यक्त माना जाएगा और आगे की प्रक्रिया पैरा 6 के अनुसार की जाएगी ।
(11) विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण और बाल कल्याण समिति यह सुनिश्चित करेगी कि अभ्यर्पण विलेख की एक प्रति अभ्यर्पण करने वाले माता या पिता अथवा व्यक्ति को दी जाए ।
(१२) अभ्यर्पण प्रक्रिया में शामिल प्राधिकारियों और अभिकरणों द्वारा अभ्यर्पण करने वाले माता या पिता और अभ्यर्पित बालक की निजता का उचित सम्मान करना चाहिए ।
(13) यदि पुनर्विचार अवधि के दौरान अभ्यर्पण करने वाले जैव माता या पिता बालक को वापस लेने का दावा नही करते हैं, तो अभ्यर्पण की तारीख से साठ दिन पूरे होने पर विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण द्वारा इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को दी जाएगी ।
(14) अभ्यर्पित बालक की दता में कोई भी सार्वजनिक सूचना या विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा।
(15) बाल कल्याण समिति, अभ्यर्पण की तारीख से 60 दिन की अवधि के अवसान पर अनुसूची– 1 के फार्मेट में अभ्यर्पित बालक को विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित करते हुए किन्हीं दो सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश जारी करेगी । जैव माता या पिता के लिए पुनर्विचार की अवधि अधिनियम की धारा 41 की उप-धारा (5) में नियत की गई है और अभ्यर्पित करने वाले माता या पिता को कोई और सूचना जारी नहीं की जाएगी ।
(16) अभ्यर्पित बालक की बालक अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा परीक्षा रिपोर्ट अनुसूची -2 और अनुसूची -3 के फार्मेट में तैयार की जाएगी और विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण द्वारा बालक को दत्तक-ग्रहण के लिए विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित करने की तारीख से दस दिन के भीतर बालक दत्तक-ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शक प्रणाली पर डाल दी जाएगी ।
(17) बालक अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा परीक्षा रिपोर्ट अंग्रेजी में (स्थानीय भाषा के अलावा) उपलब्ध कराई जाएगी । यदि विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण किसी तकनीकी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा होता है, तो जिला बाल संरक्षण एकक बालक अध्ययन रिपोर्ट और चिकित्सा परीक्षा रिपोर्ट को बालक दत्तक-ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शक प्रणाली पर अपलोड करने में विशिष्ट दत्तक-ग्रहण अभिकरण को सुकर बनाएगा ।
दत्तक – ग्रहण के लिए बालक की उपलब्धता
(1) बाल कल्याण समिति द्वारा बालक को जैसे ही दत्तक-ग्रहण से लिए विधिक रूप से स्वतंत्र घोषित किया जाता है, तो ऐसे बालक को भारतीय निवासी अथवा अनिवासी भारतीय माता या पिता को दत्तक-ग्रहण में देने की अनुमति दी जाए:
परन्तु ऐसे बालक को अंतर-देशीय दत्तक-ग्रहण में भी दिया जाना अनुज्ञेय होगा –
- साठ दिन के बाद, यदि बालक पाँच वर्ष से कम आयु का है;
- तीस दिन के बाद, यदि बालक पाँच वर्ष से अधिक आयु का है अथवा भाई-बहन है;
- पन्द्रह दिन के बाद, यदि बालक में कोई मानसिक अथवा शारीरिक निशक्तता है ।
स्त्रोत: महिला और बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार