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पंजीकृत श्रमिकों के लिए हरियाणा सरकार की कल्याणकारी योजनायें

पंजीकृत श्रमिकों के लिए हरियाणा सरकार की कल्याणकारी योजनायें

  1. कन्यादान योजना
  2. बच्चों की शादी पर वित्तीय सहायता (सुपुत्री)(नियम 61)
  3. मातृत्व लाभ (नियम 50)
  4. पित्तृव लाभ (धारा 22(1)
  5. शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता (नियम 60)
  6. औजार (टूल किट) खरीदने हेतु उपदान (नियम 55)
  7. मुख्यमंत्री महिला श्रमिक सम्मान योजना (धारा 22(1)(h))
  8. साईकिल योजना (धारा 22(1)(h))
  9. कन्यादान योजना (धारा 22(1)(h))
  10. बच्चों की शादी पर वित्तीय सहायता (सुपुत्री)(नियम 61)
  11. बच्चों की शादी पर वित्तीय सहायता (सुपुत्र)(नियम 61)
  12. पैतृक घर जाने पर किराया (धारा 22(1)(h))
  13. मुफ्त भ्रमण सुविधा (धारा 22(1)(h))
  14. अक्षम बच्चों को वित्तीय सहायता (धारा 22(1)(h))
  15. अंपगता सहायता (नियम 59)
  16. अंपगता पेंशन (नियम 54)
  17. घातक बीमारियों के ईलाज के लिए वित्तीय सहायता (धारा 22(1)(h))
  18. मकान की खरीद/निर्माण हेतु ऋण (नियम 53)
  19. पेंशन की योजना (नियम 51)
  20. परिवारिक पेंशन (नियम 62)
  21. मुख्यमंत्री सामजिक सुरक्षा योजना (नियम 57)
  22. मृत्यु सहायता (नियम 57)
  23. दाह संस्कार हेतु आर्थिक सहायता (नियम 56)
  24. अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर (धारा 22(1)(h))

कन्यादान योजना

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत कामगार की लड़की के विवाह से तीन दिन पूर्व 51,000 की कन्यादान की राशि प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। यह राशि श्रमिक को 3 लड़कियों की शादी तक दी जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त

1.पंजीकृत श्रमिक की कम से कम एक वर्ष की नियमित सदस्यता होनी चाहिए।

2.निम्नलिखित अधिकारियों में से किसी एक से, शादी का कार्ड एवं आवेदन पत्र प्रमाणित होना चाहिए-

राज्य सरकार के राजपत्रित अधिकारी/सहायक श्रम आयुक्त/श्रम निरीक्षक/सचिव ग्राम पंचायत/पंचायतअधिकारी/बीडीपीओ/डीडीपीओ/नाइबतहसीलदार/तहसीलदार/कानोन्गो/ पटवारी/सहायक निदेशक, औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य/एसडीओ और सरकारी विभाग के या बोर्ड या नगरपालिका समिति/नगर निगम/नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता और सरकारी स्कुल के प्रमुख (प्रिंसिपल/हेड मास्टर/एडमिस्ट्रिेस)

3. स्वयं से प्रमाणित किए हुए दुल्हा एवं दुल्हन की आयु के प्रमाण की प्रतियां (दुल्हन की न्युनतम आयु 18 साल एवं दुल्हे की न्युनतम आयु 21 वर्ष) दावा फार्म के साथ प्रस्तुत की जाएगी।

4. आवेदक यह लिख कर देगा की वह संबंधित सहायक निदेशक के कार्यालय में विवाह का प्रमाण पत्र एक वर्ष की अवधि में प्रस्तुत कर देगा अन्यथा भविष्य में वह किसी भी कल्याणकारी योजना के अंतर्गत किसी भी लाभ का पात्र नहीं होगा।

5. आवेदक वचन/स्वतः घोषणा प्रस्तुत करेगा कि उसने यह सहायता किसी अन्य सरकारी विभाग/बोर्ड/निगम से प्राप्त नहीं की है और न ही करेगा।

टिप्पणी

अतः लाभार्थी की सुपुत्री की शादी पर 51,000 + 50,000 = 1,01,000/- रूपये प्रदान किये जाते हैं।

योजना की  पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 2

इस योजना के लिए – सभी

मृत्यु के बाद जारी – नहीं

लाभ - रु.51000

बच्चों की शादी पर वित्तीय सहायता (सुपुत्री)(नियम 61)

इस योजना का उद्देश्य

इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी की सुपुत्री के विवाह की व्यवस्था हेतु शादी के तीन दिन पूर्व 50,000 /- रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान किया गया है । यह सहायता श्रमिक की तीन लड़कियों की शादी तक दी जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त-

1. लाभार्थी की कम से कम एक वर्ष की सदस्यता पूर्ण होनी चाहिए।

2.निम्नलिखित अधिकारियों में से किसी एक से, शादी का कार्ड एवं आवेदन पत्र प्रमाणित होना चाहिए-

राज्य सरकार के राजपत्रित अधिकारी/सहायक श्रम आयुक्त/श्रम निरीक्षक/सचिव ग्राम पंचायत/पंचायतअधिकारी/बीडीपीओ/डीडीपीओ/नाइबतहसीलदार/तहसीलदार/कानोन्गो/पटवारी/सहायक निदेशक, औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य/एसडीओ और सरकारी विभाग के या बोर्ड या नगरपालिका समिति/नगर निगम/नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता और सरकारी स्कुल के प्रमुख (प्रिंसिपल/हेड मास्टर/एडमिस्ट्रिेस)

3. स्वयं से प्रमाणित किए हुए दुल्हा एवं दुल्हन की आयु के प्रमाण की प्रतियां (दुल्हन की न्युनतम आयु 18 साल एवं दुल्हे की न्युनतम आयु 21 वर्ष) दावा फार्म के साथ प्रस्तुत की जाएगी।

4.आवेदक यह लिख कर देगा की वह संबंधित सहायक निदेशक के कार्यालय में विवाह का प्रमाण पत्र एक वर्ष की अवधि में प्रस्तुत कर देगा अन्यथा भविष्य में वह किसी भी कल्याणकारी योजना के अंतर्गत किसी भी लाभ का पात्र नहीं होगा।

5. आवेदक वचन/स्वतः घोषणा प्रस्तुत करेगा कि उसने यह सहायता किसी अन्य सरकारी विभाग/बोर्ड/निगम से प्राप्त नहीं की है और न ही करेगा।

टिप्पणी

अतः लाभार्थी की सुपुत्री की शादी पर 50,000 + 51,000 = 1,01,000/- रूपये प्रदान किये जाते हैं।

योजना की  पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 2

इस योजना के लिए – सभी

मृत्यु के बाद जारी – नहीं

लाभ – रु.50000

मातृत्व लाभ (नियम 50)

इस योजना का उद्देश्य

30,000/-  रूपये की मातृत्व एंव 6000/- रूपये की पौष्टिक आहार के लिए वितिय सहायता बच्चें के जन्म के उपरान्त देय होगी।

लाभ प्राप्त करने की शर्तें -

1.पंजीकृत महिला श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता होनी आवश्यक है।

2.बच्चों के जन्म के उपरान्त, जन्म प्रमाण-पत्र (सत्यापित प्रति) संलग्न करना आवश्यक है।

3.मातृत्व लाभ दो बच्चों तक दिया जाता है। लेकिन बच्चों का क्रम न देखते हुए तीन लड़कियों तक दिया जाता है।

4.आवेदन पत्र सभी दस्तावेजों के साथ प्रसव होने के एक वर्ष के अन्दर-अन्दर सक्षम अधिकारी के पास जमा करवाना अनिवार्य है।

5. पति द्वारा किसी भी विभाग/बोर्ड/निगम से पितृत्व लाभ लेने की अवस्था में मातृत्व लाभ देय नही होगा।

योजना की  पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 2

इस योजना के लिए – महिला

मृत्यु के बाद जारी –नहीं

लाभ - रु.36000

पित्तृव लाभ (धारा 22(1)

इस योजना का उद्देश्य

नवजात शिशु की उचित देखभाल के लिए 15,000/- रूपये तक की वित्तीय सहायता एवं पंजीकृत श्रमिक की पत्नी के लिए पौष्टिक आहार हेतु 6,000/- रूपये की सहायता यानि कुल 21,000/- रूपये पितृत्व लाभ के रूप में दिए जाते हैं।

लाभ प्राप्त करने की शर्तें-

1.  पंजीकृत श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता होनी आवश्यक है।

2. पितृत्व लाभ दो बच्चों तक दिया जाता है। लेकिन बच्चों का क्रम न देखते हुए तीन लड़कियों तक दिया जाता है।

3. बच्चों के जन्म के उपरान्त, जन्म प्रमाण-पत्र (सत्यापित प्रति) संलग्न करना आवश्यक है।

4. सभी दस्तावेजों के साथ प्रसव के एक वर्ष की अवधि के अंदर सक्षम अधिकारी के पास जमा करवाना अनिवार्य है।

5. पत्नी द्वारा किसी भी विभाग/बोर्ड/निगम से मातृत्व लाभ लेने की अवस्था में पितृत्व  लाभ देय नही होगा।

योजना की  पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए – पुरुष

मृत्यु के बाद जारी – नहीं

लाभ – रु. 21000

शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता (नियम 60)

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत कामगारों के बच्चों को पहली कक्षा से डिप्लोमा, डिग्री, स्नातक एवं स्नात्कोतर आदि कक्षाओं तक 8,000/- रूपये से 20,000/- रूपये तक की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अतिरिक्त अन्य कोर्सो में  होने वाले पूर्ण शैक्षणिक व्यय की प्रतिपूर्ति भी बोर्ड द्वारा की जाती है।

छात्रवृति योजना के अंतर्गत दी जाने वाली कक्षावार राशि निम्न प्रकार से है –

क्र.सं.

श्रेणी का नाम

दी जाने वाली राशि

1

प्राथमिक शिक्षा (1 से 8वीं कक्षा)

8000/-रू प्रति वर्ष

2

सैकण्डरी शिक्षा (9 से 12 वी कक्षा)/आई.टी.आई. कोर्स

10,000/- रूपए प्रति वर्ष

3

उच्चतर शिक्षा (1 से स्नातक डिग्री के अन्तिम वर्ष तक)

15,000/- रूपए प्रति वर्ष

4

स्नात्कोतर (1 से मास्टर डिग्री के अन्तिम वर्ष तक)

20,000/- रूपए प्रति वर्ष

5

सभी सरकारी/प्राईवेट संस्थाओे/ कालेजों/विश्वविधालयों इत्यादि में व्यवसायिक/तकनीकी कोर्स, डिग्री/डिप्लोमा अर्थात चिकित्सा, इंजीनियरिंग, प्रबन्धन, एम.सी.ए, कानून, फैशन डिजाईनिंग, इत्यादि

बोर्ड सरकारी संस्थाओं में पढने वाले छात्रो के सभी शैक्षिक खर्चे अर्थात दाखिला फीस, टयूशन फीस, परीक्षा फीस इत्यादि वहन करेगा। इसके अतिरिक्त बोर्ड प्राईवेट संस्थाओं में अघ्ययन करने वाले छात्रो के सभी शैक्षिक खर्चे उस स्ट्रीम में उच्चतम फीस ढाचे वाले राज्य की सरकारी संस्थाओं द्वारा प्रभारित शैक्षिक खर्चो के बराबर भी वहन करेगा।

6

होस्टल सुविधाएँ

बोर्ड सभी सरकारी/प्राईवेट संस्थाओं में अध्यन करने के लिए रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों के आश्रित बच्चों के अधिकतम एक लाख 20 हजार रूपए प्रतिवर्ष की सीमा तक वास्तविक होस्टल खर्चे वहन करेगा।

वित्तीय सहायता प्राप्त करने की शर्त

  1. दाखिला प्राप्त करने के लिए किए खर्च के सिवाए क्रम संख्या 5 से 6 के लिए वित्तीय सहायता संस्थाए/महाविधालय/विश्वविधालय इत्यादि के मुखिया को सीधे रूप से भुगतान की जांएगी जो भुगतान की मूल रसीद को प्रस्तुत करने करने पर वापिस की जांएगी।
  2. कोर्स के आवर्ती वर्ष के लिए लाभ बंद होगा यदि विधार्थी कोर्स के अगले वर्ष में पदोन्नत करने में असफल रहता हैं।
  3. आवेदक वचन/स्वतः घोषणा करेगा कि उसने अन्य हरियाणा सरकार के विभाग/बोर्ड/निगम से यही लाभ नहीं लिए है।
  4. प्राईवेट संस्थाओं मे पढ़ने  वाले छात्रो के दावा आवेदन अधिकारी अर्थात उप-श्रम आयुक्त, सहायक श्रम आयुक्त, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, डी.ई.ई.ओ,डी.ई.ओ, बी.ई.ई.ओ,बी.ई.ओ,  में से किसी एक अधिकारी द्वारा सत्यापित किए जायेंगें ।

निर्माण श्रमिको के मेघावी बच्चे जिन्होने दसवी की परिक्षा में शैक्षिक उत्कृष्टता प्राप्त की है, को नियत जमा के रूप में छात्रवृति (ईनाम राशि) निम्न अनुसार मुहैया कराई जाएगी -

क्र0स.

दसवी की परीक्षा में प्राप्त अंक

राशि

1

90 प्रतिशत तथा उससे उपर

51,000/-

2

80 प्रतिशत तथा उससे उपर

41,000/-

3

70 प्रतिशत तथा उससे उपर

31,000/-

4

60 प्रतिशत तथा उससे उपर

21,000/-

पात्रता

सदस्यता वर्ष – 1

आवेदन की सीमा - 5

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ -रु. 20000

औजार (टूल किट) खरीदने हेतु उपदान (नियम 55)

इस योजना का उद्देश्य

इस योजना के अन्र्तगत पंजीकृत निर्माण कामगारों को 3 वर्ष में एक बार नए औजार खरीदने हेतु 8000/- रूपये का अनुदान दिया जाता है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त

  1. पंजीकृत श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता।
  2. पंजीकृत श्रमिक के पहचान पत्र में पंजीकृत फीस तथा अंशदान की अदायगी का इन्द्राज होना आवश्यक है।
  3. पहचान-पत्र की सत्यापित कम्पलीट प्रति जिसमें अंशदान जमा होने का विवरण हो, संलग्न करनी होगी।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.8000

मुख्यमंत्री महिला श्रमिक सम्मान योजना (धारा 22(1)(h))

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत महिला कामगारों के लिए शुरू की गई योजना के अंतर्गत प्रत्येक वर्ष उनकी सदस्यता के नवीनीकरण के समय साड़ी, सूट, चप्पल, रेन-कोट, छाता, रब्बड़ मैट्रेस, कीचन के बर्तन एवं स्वास्थ्यप्रद नैपकीन आदि खरीदने के लिए बोर्ड द्वारा 5,100/- रूपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत महिला कामगार की एक वर्ष की नियमित सदस्यता आवश्यक है।
  2. पंजीकृत महिला कामगार के पहचान पत्र में पंजीकृत फीस तथा अंशदान की अदायगी का इन्द्राज होना आवश्यक है।
  3. इस योजना का लाभ पंजीकृत महिला कामगार को प्रत्येक वर्ष उसके सदस्यता के नवीनीकरण पर दिया जाएगा।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए – महिला

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.5100

साईकिल योजना (धारा 22(1)(h))

इस योजना का उद्देश्य

कामगार को रूपए 3000/- तक की साईकिल खरीदने पर भुगतान किया जाएगा।

लाभ प्राप्त करने की शर्त

  1. पंजीकृत  श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता आवश्यक है।
  2. यह सुविधा केवल तीन वर्ष में एक बार उपलब्ध होगी।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.3000

कन्यादान योजना (धारा 22(1)(h))

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत कामगार की लड़की की शादी के अवसर पर बोर्ड द्वारा कन्यादान के रूप में 51,000/- रूपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि केवल तीन लड़कियों की शादी तक दी जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत श्रमिक की कम से कम एक वर्ष की नियमित सदस्यता होनी चाहिए।
  2. पहचान-पत्र की सत्यापित प्रति जिसमें आवेदन करने की तारीख तक की अंशदान की अदायगी दर्ज हों, उपरोक्त सभी दस्तावेजों के साथ शादी होने के बाद एक वर्ष के अन्दर आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
  3. विवाह का पंजीकरण प्रमाण पत्र अनिवार्य है ।
  4. आवेदक वचन/स्वतः घोषणा प्रस्तुत करेगा कि उसने यह सहायता  किसी अन्य सरकारी विभाग/बोर्ड/निगम से प्राप्त नहीं की है और न ही करेगा।

टिप्पणी - अतः लाभार्थी की सुपुत्री की शादी पर 51,000 + 50,000 = 1,01,000/- रूपये प्रदान किये जाते हैं।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 2

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.51000

बच्चों की शादी पर वित्तीय सहायता (सुपुत्री)(नियम 61)

इस योजना का उद्देश्य

इस योजना के अतंर्गत लाभार्थी की सुपुत्री  के विवाह की व्यवस्था हेतु 50,000 /- रूपये की वितीय सहायता प्रदान की जाती है।यह सहायता श्रमिक की तीन लड़कियों की शादी तक दी जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. लाभार्थी की  कम से कम एक वर्ष की सदस्यता पूर्ण होनी चाहिए।
  2. आवेदन फार्म संख्या, ग्ग्प्प्प् पूर्ण से भर कर, पहचान पत्र की प्रमाणित प्रति के साथ जिसमें आवेदन जमा करने की तारीख तक सदस्यता का भुगतान करने की सभी प्रविष्टियां दर्ज हो प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
  3. विवाह का पंजीकरण प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
  4. आवेदक वचन/स्वतः घोषणा प्रस्तुत करेगा कि उसने यह सहायता  किसी अन्य सरकारी विभाग/बोर्ड/निगम से प्राप्त नहीं की है और न ही करेगा।

टिप्पणी - अतः लाभार्थी की सुपुत्री की शादी पर 50,000 + 51,000 = 1,01,000/- रूपये प्रदान किये जाते हैं।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 2

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.50000

बच्चों की शादी पर वित्तीय सहायता (सुपुत्र)(नियम 61)

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत कामगार के लड़कों की शादी पर  बोर्ड द्वारा 21,000/- रूपये की वित्तीय सहायता दी जाती है यह सहायता पंजीकृत कामगार के दो लड़कों की शादी तक सीमित है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता।
  2. पंजीकृत श्रमिक के पहचान पत्र में पंजीकरण फीस तथा अंशदान की पूर्ण अदायगी का इन्द्राज होना आवश्यक है।
  3. बच्चे के विवाह का पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है।
  4. उपरोक्त सभी दस्तावेजों के साथ शादी होने के बाद एक वर्ष के अन्दर-अन्दर आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
  5. आवेदक वचन/स्वतः घोषणा प्रस्तुत करेगा कि उसने यह सहायता किसी अन्य सरकारी विभाग/बोर्ड/निगम से प्राप्त नहीं की है और न ही करेगा।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.21000

पैतृक घर जाने पर किराया (धारा 22(1)(h))

इस योजना का उद्देश्य

वर्ष में एक बार श्रमिक सहित परिवार के 5 सदस्यों को अपने पैतृक घर जाने पर वास्तविक रेल (द्वितीय श्रेणी)/बस (साधारण) किराए की भरपाई/प्रतिपूर्ति बोर्ड द्वारा की जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत कामगार की दो वर्ष की नियमित सदस्यता।
  2. मूल यात्रा टिकट संलग्न करना अनिवार्य।
  3. पंजीकृत श्रमिक के पहचान पत्र में पंजीकरण फीस तथा अंशदान की अदायगी का इन्द्राज होना आवश्यक है।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 2

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.(आवश्यकतानुसार)

मुफ्त भ्रमण सुविधा (धारा 22(1)(h))

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत कामगार व परिवार के 4 सदस्यों को चार वर्ष में एक बार प्रसिद्व धार्मिक/ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने हेतु खर्च हुई राशि का भुगतान रेलवे (द्वितीय श्रेणी) या हरियाणा रोडवेज की बस (साधारण) द्वारा निर्धारित किराये के आधार पर किया जाएगा।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत कामगार की दो वर्ष की नियमित सदस्यता।
  2. मूल यात्रा टिकट संलग्न करना अनिवार्य।
  3. पंजीकृत श्रमिक के पहचान पत्र में पंजीकरण फीस तथा अंशदान की अदायगी का इन्द्राज होना आवश्यक है।

टिप्पणी

धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण की अवधि 10 दिनों से अधिक नही होनी चाहिए।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 2

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ – आवश्यकतानुसार सहायता

अक्षम बच्चों को वित्तीय सहायता (धारा 22(1)(h))

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत कामगारों के ऐसे बच्चे जो मेडिकल आथोरिटी द्वारा 50 प्रतिशत या इस से अधिक शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम/अपंग घोषित हो, को प्रतिमाह 2,000/- रूपये की सहायता राशि दी जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत श्रमिक के पहचान पत्र में पंजीकृत फीस तथा अंशदान की पूर्ण अदायगी का इन्द्राज होना आवश्यक है।
  2. पंजीकृत श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता होनी आवश्यक है।
  3. पंजीकृत कामगारों के ऐसे बच्चे जो मेडिकल आॅथोरिटी द्वारा 50 प्रतिशत या इस से अधिक शारीरिक अथवा मानसिक रूप से अक्षम/अपंग घोषित हो।
  4. मैडिकल आथोरिटी द्वारा जारी सक्षम/अपंग प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 0

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.2000

अंपगता सहायता (नियम 59)

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत कामगार की कार्य स्थल पर किसी दुर्घटना में स्थाई रूप से अपंग होने पर अपंगता प्रतिशतता के आधार पर 1.5 लाख से 3 लाख तक की एक मुश्त वित्तीय सहायता दी जाती है, जो अपंगतता की प्रतिशतता पर निम्न प्रकार से निर्भर करेगा –

अपंगतता की प्रतिशतता

राशि

50 प्रतिशत तक

डेढ़ लाख रूपये

 

51 से 75 प्रतिशत तक

दो लाख रूपये

 

76 प्रतिशत एवं अधिक

3 लाख रूपये

 

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत श्रमिक की नियमित सदस्यता होनी चाहिए।
  2. पंजीकृत श्रमिक के पहचान पत्र में पंजीकरण फीस तथा अंशदान की अदायगी/अप टू डेट का इन्द्राज होना आवश्यक है।
  3. स्थाई अपंगता होने का स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाना होगा।
  4. अपंगता होने के एक वर्ष के भीतर-भीतर आवेदन करना अनिवार्य है।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.300000

अंपगता पेंशन (नियम 54)

इस योजना का उद्देश्य

कामगार की किसी संक्रामक बिमारी या कार्य स्थल पर दुर्घटना के कारण अपंगता होने पर 3000/- रूपये प्रतिमास पेंशन दी जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता होनी आवश्यक है।
  2. पंजीकृत श्रमिक के पहचान पत्र में पंजीकरण फीस तथा अंशदान की अदायगी/अप टू डेट का इन्द्राज होना आवश्यक है।
  3. 70-100% स्थाई अपंगता होने का स्वास्थ्य विभाग, हरियाणा द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाना होगा।
  4. अपंगता होने के एक वर्ष के भीतर-भीतर आवेदन करना अनिवार्य है।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.3000

घातक बीमारियों के ईलाज के लिए वित्तीय सहायता (धारा 22(1)(h))

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत कामगार को घातक बीमारियों जैसे कि कैंसर, टी.बी., एडस इत्यादि के इन्डोर ईलाज के लिए एक लाख रूपये तक की सहायता सरकारी नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत श्रमिक की एक वर्ष की नियमित सदस्यता होनी आवश्यक है।
  2. पंजीकृत कामगार को पहचान-पत्र की सत्यापित प्रति जिसमें आवेदन करने की तारीख तक की अंशदान की अदायगी दर्ज हों प्रस्तुत करना है।
  3. सरकारी  हस्पतालों के चिकित्सा अधिकारी का प्रमाण पत्र।
  4. ईलाज पर खर्च हुई राशि का मूल बिल।
  5. घातक बीमारियों (कैंसर, टीबी, एडस इत्यादि) की स्थिति में  इन्डोर ईलाज के लिए वित्तीय सहायता

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 1

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.100000

मकान की खरीद/निर्माण हेतु ऋण (नियम 53)

इस योजना का उद्देश्य

ऋण 2,00,000 रूपये तक

निर्माण कामगारों को उनके मकान की खरीद अथवा निर्माण हेतु ब्याज मुक्त ऋण।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत श्रमिक की कम से कम पांच वर्ष की नियमित सदस्यता तथा 60 वर्ष की आयु होने में 8 वर्ष का समय बाकी हो।
  2. कर्मकार की अधिकतम आयु 52 वर्ष की होनी चाहिए। ताकि अगले 8 वर्ष में वह ऋण की अदायगी कर सके।
  3. यह सुविधा जीवन में एक बार उपलब्ध होगी।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 5

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.200000

पेंशन की योजना (नियम 51)

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत निर्माण कामगार को 60 वर्ष की आयु उपरान्त प्रतिमास 1,000/- रूपये पेंशन दी जाती है (यह पेंशन सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग द्वारा दी जाने वाली पेंशन के अतिरिक्त दी जायेगी)

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. पंजीकृत श्रमिक की कम से कम तीन वर्ष की नियमित सदस्यता 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पूर्व आवश्यक है।
  2. पंजीकृत श्रमिक के पहचान पत्र में पंजीकरण फीस तथा अंशदान की अदायगी का इन्द्राज होना आवश्यक है।
  3. पंजीकृत के समय, आयु के प्रमाण के संबंध में प्रस्तुत किए गए दस्तावेज की प्रति संलग्न करना आवश्यक है।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 3

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.1000

परिवारिक पेंशन (नियम 62)

इस योजना का उद्देश्य

पेंशनर श्रमिक जिसको हरियाणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पेंशन दी जा रही हो, की मृत्यु हो जाने पर उसके पेंशन का आधा भाग उसकी पत्नी या पति (जैसी भी स्थिति हो) को दी जाती है।

लाभ प्राप्त करने की शर्त -

  1. श्रमिक-पेंशनर की मृत्यु होने पर ही आश्रित पत्नी/पति को पेंशन राशि का आधा भाग बतौर पारिवारिक पेंशन प्रतिमास उपलब्ध होगा।
  2. क्लेम फॉर्मेट के साथ पहचान-पत्र की सत्यापित कम्पलीट प्रति जिसमें अंशदान जमा होने का विवरण हो, संलग्न करनी होगी।

टिप्पणी-

पेंशनर श्रमिक की मृत्यु होने पर उसको दी जा रही पेंशन का आधा भाग उसकी पत्नी या पति, जो भी हो, पारिवारिक पेंशन के तौर पर स्वीकृत किए जाने का प्रावधान है।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 3

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.500

मुख्यमंत्री सामजिक सुरक्षा योजना (नियम 57)

इस योजना का उद्देश्य

सहायता प्राप्त करने की शर्त -

  1. कामगार का नियमित पंजीकरण
  2. दुर्घटना के संबंध में एफ.आई.आर. की प्रति
  3. पोस्टमार्टम रिर्पोट
  4. मृत्यु प्रमाण पत्र
  5. संबंधित अधिकारी की जांच उपरान्त अनुशंसा रिर्पोट
  6. नामांकित/ कानूनी उत्तराधिकारी होने का प्रमाण पत्र

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 0

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.500000

मुख्यमंत्री सामाजिक सुरक्षा योजना के अन्र्तगत पंजीकृत कामगार की कार्यस्थल पर दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर बोर्ड द्वारा उसके नामांकित/कानूनी उत्तराधिकारी को 5 लाख रूपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।

मृत्यु सहायता (नियम 57)

इस योजना का उद्देश्य

पंजीकृत कामगार की  मृत्यु पर 2 लाख रूपये की वित्तीय सहायता उसके नामांकित/कानूनी उत्तराधिकारी को देय होगी।

सहायता प्राप्त करने की शर्त -

1.    कामगार का नियमित पंजीकरण

2.    मृत्यु प्रमाण पत्र

3.    नामांकित/कानूनी उत्तराधिकारी होने का प्रमाण पत्र

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 0

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.200000

पंजीकृत कामगार की प्राकृतिक मृत्यु पर 2 लाख रूपये की वित्तीय सहायता उसके नामांकित/कानूनी उत्तराधिकारी को देय होगी।

दाह संस्कार हेतु आर्थिक सहायता (नियम 56)

इस योजना का उद्देश्य

सहायता प्राप्त करने की शर्त -

  1. कामगार का नियमित पंजीकरण
  2. मृत्यु प्रमाण पत्र
  3. नामांकित/कानूनी उत्तराधिकारी होने का प्रमाण पत्र

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 0

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.15000

पंजीकृत कामगार की मृत्यु हो जाने पर उसके नामांकित/कानूनी उत्तराधिकारी को 15 हजार रूपये की राशि दाहसंस्कार के लिए देय होगी।

अपंजीकृत श्रमिक की मृत्यु पर (धारा 22(1)(h))

इस योजना का उद्देश्य

अपंजीकृत कामगार की कार्यस्थल पर दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर उसके कानूनी वारिस/आश्रित परिवार के सदस्य को 2,50,000/- रूपये की वित्तीय सहायता बोर्ड द्वारा प्रदान की जाती है।

  1. दुर्घटना के संबंध में एफ.आई.आर. की प्रति
  2. पोस्टमार्टम रिर्पोट की प्रति
  3. मृत्यु प्रमाण पत्र
  4. संबंधित अधिकारी की जांच उपरान्त अनुशंसा रिर्पोट
  5. नामांकित/कानूनी उत्तराधिकारी होने का प्रमाण पत्र
  6. नियोजक के दुर्घटना से संबंधित बयान की प्रति संलग्न करनी होगी।

पात्रता

सदस्यता वर्ष - 0

आवेदन की सीमा - 1

इस योजना के लिए - सभी

मृत्यु के बाद जारी - नहीं

लाभ - रु.250000

 

स्रोत: श्रम विभाग, हरियाणा सरकार

अंतिम बार संशोधित : 2/14/2020



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