पेंशन लोगों को उस समय मासिक आय उपलब्ध कराती है जब वे कोई अर्जन नहीं कर रहे होते। पेंशन की आवश्यकता:
निश्चित मासिक आय बुढ़ापे में इज्जत की जिंदगी सुनिश्चित करती है ।
अटल पेंशन योजना (एपीवाई) भारत के नागरिकों के लिए असंगठित क्षेत्र के कामगारों पर केंद्रित पेंशन योजना है । एपीवाई के अंतर्गत अभिदाताओं के अंशदान के आधार पर 60 वर्ष की आयु पर 1000/- रूपये, 2000/- रूपये, 3000/- रूपये, 4000/- रूपये और 5000/- रूपये प्रतिमाह की न्यूनतम तयशुदा न्यूनतम पेंशन प्रदान की जाएगी ।
भारत का कोई भी नागरिक एपीवाई योजना में शामिल हो सकता है । पात्रता मानदंड निम्नानुसार है:
(क) अभिदाता की आयु 18-40 वर्ष के बीच होनी चाहिए ।
(ख) उसका एक बचत बैंक खाता होना चाहिए/उसे एक बैंक बचत बैंक खाता खोलना चाहिए।
(ग) सम्भावित आवेदक के पास मोबाइल नम्बर होना चाहिए तथा उसका विवरण पंजीकरण के दौरान बैंक को प्रस्तुत करना होगा ।
उन अभिदाताओं के लिए जो कि योजना में 1 जून, 2015 से 31 दिसम्बर 2015 तक की अवधि के दौरान शामिल होते हैं तथा जो किसी अन्य सांविधिक, सामाजिक सुरक्षा योजना द्वारा कवर नहीं होते हैं और आयकरदाता नहीं हैं, के लिए सरकार का सह-अंशदान 5 वर्षों अर्थात 2015-16 से 2019-20 तक उपलब्ध है ।
सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत कवर किए गए लाभार्थी सरकारी सह-अंशदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं । उदाहरणार्थ निम्नलिखित अधिनियमों के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य सरकारी सह-अंशदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होंगे:
(क) कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 ।
(ख) कोयला खान भविष्य निधि तथा प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1948 ।
(ग) नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966 ।
(घ) दि असम टी प्लांटेशनस प्रोविडेंट फण्ड एंड पेंशन फण्ड स्कीम एक्ट, 1955 ।
(ङ) जम्मू एवं कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, 1961 ।
(च) कोई अन्य सांविधिक सामाजिक सुरक्षा योजना ।
अभिदाताओं द्वारा अंशदानों के आधार पर 60 वर्ष की आयु पर 1000/- रूपये, 2000/- रूपये, 3000/- रूपये, 4000/- रूपये और 5000/- रूपये प्रतिमाह की न्यूनतम तयशुदा न्यूनतम पेंशन प्रदान की जाएगी ।
एपीवाई में सरकार 1 जून, 2015 से 31 दिसम्बर, 2015 तक की अवधि के दौरान योजना में शामिल हुए पात्र एपीवाई खाता धारकों को कुल अंशदान का 50% अर्थात 1000/- रूपये प्रतिमाह में जो भी कम हो, का सह-अंशदान करेगी । सरकारी सह-अंशदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 वर्ष के लिए दिया जाएगा ।
एपीवाई के अंतर्गत अंशदान का वित्त मंत्रालय द्वारा निर्धारित निवेश दिशानिर्देशों के अनुसार किया जाता है ।
(क) बैंक शाखा से सम्पर्क करें जहाँ पर व्यक्ति का बचत बैंक खाता है ।
(ख) एपीवाई पंजीकरण प्रपत्र भरें ।
(ग) आधार/मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराएं ।
(घ) मासिक अंशदान के अंतरण के लिए बचत बैंक खाता में अपेक्षित शेष राशि रखना सुनिश्चित करें ।
एपीवाई खाता खोलने के लिए आधार नम्बर उपलब्ध कराना अनिवार्य नहीं हैं । तथापि, नामांकन के लिए दीर्घावधि में पेंशन अधिकार तथा हकदारी से संबंधित विवादों से बचने के लिए लाभार्थियों, उसके पति/पत्नी एवं नामितियों की पहचान के लिए आधार मुख्य के वाई सी दस्तावेज होगा ।
नहीं । एपीवाई में शामिल होने के लिए बचत बैंक खाता अनिवार्य है ।
सभी अंशदान अभिदाता के बचत बैंक खाता से स्वत: नामे सुविधा के जरिए मासिक विप्रेषित किए जाने हैं ।
मासिक अंशदान की देय तिथि एपीवाई में अंशदान को जमा करने की आरम्भिक तारीख के अनुसार होगी ।
विनिर्दिष्ट तारीख को अंशदान के लिए बचत बैंक खाता में अपेक्षित शेष राशि न बनाए रखना चूक माना जाएगा । बैंकों को विलम्ब से किए गए भुगतान की अतिरिक्त राशि एकत्र करना अपेक्षित है, ऐसी राशि न्यूनतम 1/- रुपया प्रतिमाह से 10/- रुपया प्रतिमाह निम्नानुसार भिन्न होगी:
(क) 100/- रूपये प्रतिमाह तक अंशदान के लिए 1/- रुपया प्रतिमाह ।
(ख) 101/- रूपये से 500/- रूपये प्रतिमाह तक अंशदान के लिए 2/- रुपया प्रतिमाह ।
(ग) 501/- रूपये से 1000/- रूपये प्रतिमाह तक अंशदान के लिए 5/- रुपया प्रतिमाह।
(घ) 1001/- रूपये प्रतिमाह तक अंशदान के लिए 10/- रुपया प्रतिमाह ।
अंशदान राशि का भुगतान बंद कर दिए जाने से निम्नलिखित होगा:
अभिदाता को सुनिश्चित करना चाहिए कि बैंक खाते में अंशदान राशि के स्वत: नामे डालने के लिए पर्याप्त निधि हो ।
ब्याज/दण्ड की निर्धारित राशि अभिदाता के पेंशन कारपस के भाग के रूप में बनी रहेगी ।
जुड़ने की आयु |
अंशदान के वर्ष |
संकेतक मासिक अंशदान (रूपये में) |
18 |
42 |
42 |
20 |
40 |
50 |
25 |
35 |
76 |
30 |
30 |
116 |
35 |
25 |
181 |
40 |
20 |
291 |
अंशदाता के बचत बैंक खाते से ऑटो डेबिट सुविधा के द्वारा मासिक आधार पर सभी प्रकार की अंशदान राशि प्रेषित कर दी जाएगी ।
हाँ, एपीवाई खाते में नामिति का ब्यौरा देना अनिवार्य है । पति/पत्नी का ब्यौरा भी, जहाँ लागू हो, देना अनिवार्य है । उनके आधार-कार्डो का ब्यौरा भी उपलब्ध करवाया जाए ।
कोई भी अंशदाता केवल एक एपीवाई खाता खोल सकता है और यह एकमात्र होगा ।
संचयन चरण के दौरान अंशदाता अपने पास उपलब्ध मासिक पेंशन राशि के अनुसार अपने पेंशन राशि को बढ़ाने एवं घटाने का विकल्प ले सकता है । तथापि, वर्ष में केवल एक बार अप्रैल माह के दौरान ही यह विकल्प उपलब्ध होगा ।
(क) 60 वर्ष की आयु होने पर
एपीवाई योजना के अंतर्गत उक्तानुसार आयु होने पर ही पेंशन के 100% वार्षिक लाभ प्राप्त कर सकेंगे । तदनन्तर अंशदाता को पेंशन प्राप्त होगी ।
(ख) किसी भी कारण से अंशदाता की मृत्यु के मामले में
अंशदाता की मृत्यु पर संबंधित पेंशन उसकी पत्नी/पति को मिलेगी तथा दोनों की (अंशदाता और पति/पत्नी) की मृत्यु होने पर पेंशन राशि उनके नामिति को लौटा दी जाएगी ।
(ग) 60 वर्ष की आयु पूरा होने से पहले योजना छोड़ना
60 वर्ष की आयु से पहले ही योजना को छोड़ने की अनुमति केवल अपवादात्मक परिस्थितियों यथा लाइलाज बीमारी अथवा हिताधिकारी की मृत्यु पर ही अनुमति दी जाएगी ।
अंशदाता को समय-समय पर एसएमएस अलर्ट के द्वारा अपने पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर अंशदान राशि के बारे में सूचित किया जाएगा । अंशदाता को खाते की विवरणी की प्रति भी प्रेषित की जाएगी ।
हाँ, एपीवाई खाते की आवधिक विवरणी अंशदाता को उपलब्ध करवायी जाएगी ।
स्थान परिवर्तन की स्थिति में अंशदान की राशि ऑटो डेबिट द्वारा निरंतर प्रेषित की जाती रहेगी ।
स्वावलम्बन योजना के अंतर्गत 18-40 वर्ष की आयु वर्ग वाले सभी पंजीकृत अंशदाता स्वत: एपीवाई योजना में चयन के विकल्प के आधार पर शामिल हो जाएँगे । तथापि, एपीवाई के अंतर्गत सरकार के पाँच वर्ष के सह-अंशदान के लाभ स्वावलम्बन योजना के अंशदाताओं को पहले से ही प्राप्त अंशदान राशि की मात्रा के अनुसार मिलेंगे । यदि स्वावलम्बन हिताधिकारी ने सरकार के सह-अंशदान के 1 वर्ष के लाभ को प्राप्त किया हो तो एपीवाई के तहत सरकार के सह-अंशदान का लाभ 4 वर्ष अथवा उसी प्रकार से प्रदान किया जाएगा । वर्तमान स्वावलम्बन हिताधिकारियों द्वारा प्रस्तावित एपीवाई के विकल्प को न अपनाने की स्थिति में सरकार का सह-अंशदान केवल वर्ष 2016-17 तक ही दिया जाएगा । पात्र होने की स्थिति में एपीवाई स्वावलम्बन तब तक जारी रहेगा जब तक इस योजना के तहत हिताधिकारी की आयु 60 वर्ष नहीं हो जाती ।
40 वर्ष से अधिक की आयुवर्ग वाले ऐसे अंशदाता जो इस योजना में शामिल नहीं रहना चाहते हो, वे इस योजना के तहत एकमुश्त राशि प्राप्त करके इसे छोड़ सकते है ।
40 वर्ष से अधिक की आयुवर्ग वाले अंशदाता 60 वर्ष की आयु होने तक इसे जारी रख सकते हैं और वार्षिकी लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।
वर्तमान स्वावलम्बन योजना को स्वत: एपीवाई में शामिल कर लिया जाएगा ।
स्रोत: भारत सरकार, वित्त मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 2/14/2023
इस पृष्ठ में अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए सं...
इस भाग में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के बारे में ...
इस पृष्ठ में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न- बहु-क्षे...
इस पृष्ठ में अनुसूचित जाति कल्याण से सम्बंधित अत्य...