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प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना

प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना, भारत सरकार के श्रम और रोज़गार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) की योजना है । इसके अंतर्गत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत उन सभी लोगों को सुरक्षा दी जा रही है जिन्हें वृद्ध अवस्था में आर्थिक कठनाईयों का सामना करना पड़ता हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य श्रमिकों को वृद्ध अवस्था की सुरक्षा के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।

योजना के पात्र

  • इस योजना के पात्र 18-40 वर्ष की आयु समूह के घर से काम करने वाले श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, मिड डे मील श्रमिक, सिर पर बोझ ढोने वाले श्रमिक, ईंट-भट्टा मज़दूर, चर्मकार, कचरा उठाने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मज़दूर, खेतिहर मज़दूर, निर्माण मज़दूर, बीड़ी मज़दूर, हथकरघा मज़दूर, चमड़ा मज़दूर, ऑडियो-वीडियो श्रमिक तथा इसी तरह के अन्य व्यवसायों में काम करने वाले ऐसे श्रमिक होंगे जिनकी मासिक आय 15,000 रुपए या उससे कम है।
  • पात्र व्यक्ति को नई पेंशन योजना (New Pension Scheme-NPS), कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees’ State Insurance Corporation-ESIC) और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation-EPFO) के लाभ के अंतर्गत कवर न किया गया हो तथा उसे आयकर दाता नहीं होना चाहिये।

प्रमुख विशेषताएँ

न्यूनतम निश्चित पेंशन

इसके अंतर्गत प्रत्येक अभिदाता को 60 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद प्रति महीने न्यूनतम 3,000 रुपए की निश्चित पेंशन मिलेगी।

परिवार को पेंशन

यदि पेंशन प्राप्ति के दौरान अभिदाता की मृत्यु हो जाती है तो लाभार्थी को मिलने वाली पेंशन की 50 प्रतिशत राशि फैमिली पेंशन के रूप में लाभार्थी के जीवनसाथी को मिलेगी।

  • परिवार पेंशन/फैमिली पेंशन केवल जीवनसाथी के मामले में लागू होती है।
  • यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान किया है और किसी कारणवश उसकी मृत्यु (60 वर्ष की आयु से पहले) हो जाती है तो लाभार्थी का जीवनसाथी योजना में शामिल होकर नियमित अंशदान करके योजना को जारी रख सकता है या योजना से बाहर निकलने और वापसी के प्रावधानों के अनुसार योजना से बाहर निकल सकता है।

अभिदाता द्वारा अंशदान

अभिदाता का अंशदान उसके बचत बैंक खाता/जनधन खाता से ‘ऑटो डेबिट’ (auto-debit) सुविधा के माध्यम से किया जाएगा। इस योजना में शामिल होने की आयु से 60 वर्ष की आयु तक अभिदाता को निर्धारित अंशदान राशि देनी होगी।योजना में प्रवेश के दौरान आयु के अनुसार विशेष मासिक अंशदान का विवरण इस प्रकार हैः

प्रवेश आयु

योजना पूरी होने के समय आयु

सदस्य का मासिक अंशदान (रुपये में)

केन्द्र सरकार का मासिक अंशदान (रुपये में)

कुल मासिक अंशदान (रुपये में)

(1)

(2)

(3)

(4)

(5)= (3)+(4)

18

60

55

55

110

19

60

58

58

116

20

60

61

61

122

21

60

64

64

128

22

60

68

68

136

23

60

72

72

144

24

60

76

76

152

25

60

80

80

160

26

60

85

85

170

27

60

90

90

180

28

60

95

95

190

29

60

100

100

200

30

60

105

105

210

31

60

110

110

220

32

60

120

120

240

33

60

130

130

260

34

60

140

140

280

35

60

150

150

300

36

60

160

160

320

37

60

170

170

340

38

60

180

180

360

39

60

190

190

380

40

60

200

200

400

बराबर का अंशदान

पीएम-एसवाईएम 50:50 के अनुपात आधार पर एक स्वैच्छिक तथा अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें निर्धारित आयु विशेष अंशदान लाभार्थी द्वारा किया जाएगा और तालिका के अनुसार बराबर का अंशदान केन्द्र सरकार द्वारा किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति 29 वर्ष की आयु का होता है तो उसे 60 वर्ष की आयु तक प्रति महीने 100 रुपये का अंशदान करना होगा। केन्द्र सरकार द्वारा बराबर का यानी 100 रुपये का अंशदान किया जाएगा।

नामांकन

अभिदाता के पास मोबाइल फोन, बचत बैंक खाता तथा आधार संख्या होना अनिवार्य है। पात्र अभिदाता नजदीकी सीएससी जाकर आधार नम्बर तथा बचत बैंक खाता/जनधन खाता संख्या को स्वप्रमाणित करके पीएम-एसवाईएम के लिए नामांकन करा सकते हैं।
बाद में अभिदाता को पीएम-एसवाईएम वेब पोर्टल पर जाने तथा मोबाइल ऐप डाउनलोड करने की सुविधा दी जाएगी और अभिदाता आधार संख्या /स्वप्रमाणित आधार पर बचत बैंक खाता / जनधन खाता का इस्तेमाल करते हुए अपना पंजीकरण करा सकते हैं।

नामांकन एजेंसियां

नामांकन कार्य सामुदायिक सेवा केन्द्रों (सीएससी) द्वारा चलाया जाएगा। असंगठित श्रमिक आधार कार्ड तथा बचत बैंक खाता, पासबुक/जनधन खाता के साथ नजदीकी सीएससी जाकर योजना के लिए अपना पंजीकरण करा सकते हैं। पहले महीने की अंशदान राशि का भुगतान नकद रूप में होगा और इसकी रसीद दी जाएगी।


सहायता केन्द्र

एलआईसी के सभी शाखा कार्यालयों, ईएसआईसी/ईपीएफओ के कार्यालयों तथा केन्द्र तथा राज्य सरकारों के सभी श्रम कार्यालयों द्वारा असंगठित श्रमिकों को योजना, उसके लाभों तथा प्रक्रियाओं के बारे में बताया जाएगा।
इस संबंध में एलआईसी, ईएसआईसी, ईपीएफओ के सभी कार्यालयों तथा केन्द्र और राज्य सरकारों के सभी श्रम कार्यालयों द्वारा निम्नलिखित प्रबंध किए जाएंगे:
  1. एलआईसी, ईपीएफओ/ईएसआईसी के सभी कार्यालयों तथा केन्द्र तथा राज्यों के श्रम कार्यालय असंगठित श्रमिकों की सहायता के लिए सहायता केन्द्र बनाएंगे, योजना की विशेषताओं की जानकारी के बारे में निर्देशित करेंगे और श्रमिकों को नजदीकी सीएससी भेजेंगे।
  2. प्रत्येक सहायता डेस्क पर कम से कम एक कर्मचारी होगा।
  3. सहायता डेस्क मुख्य द्वार पर होगा और डेस्क के पास असंगठित मजदूरों को जानकारी देने के लिए हिन्दी तथा क्षेत्रीय भाषाओं में पर्याप्त संख्या में विवरण पुस्तिका होगी।
  4. असंगठित श्रमिक आधार कार्ड, बचत बैंक खाता/जनधन खाता तथा मोबाइल फोन के साथ सीएससी जाएंगे।
  5. सहायता डेस्क के पास श्रमिकों के बैठने की तथा अन्य आवश्यक सुविधाएं होंगी।
  6. योजना के बारे में असंगठित श्रमिकों की सहायता के लिए अन्य उपाय।
  7. कोष प्रबंधनः पीएम-एसवाईएम केन्द्र की योजना है, जिसका संचालन श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किया जाएगा तथा भारतीय जीवन बीमा निगम और सीएससी के माध्यम से लागू किया जाएगा। एलआईसी पेंशन फंड मैनेजर होगी और पेंशन भुगतान के लिए उत्तरदायी होगी। पीएम-एसवाईएम पेंशन योजना के अंतर्गत एकत्रित राशि का निवेश भारत सरकार द्वारा निर्दिष्ट निवेश तरीकों के अनुसार किया जाएगा।
  8. योजना से बाहर निकलना और वापसीः असंगठित मजदूरों के रोजगार के अनिश्चित स्वभाव को देखते हुए योजना से बाहर निकालने के प्रावधान लचीले रखे गए हैं। योजना से बाहर निकलने के प्रावधान निम्नलिखित हैं:
  • यदि अभिदाता 10 वर्ष से कम की अवधि में योजना से बाहर निकलता है तो उसे केवल लाभार्थी के अंशदान के हिस्से को बचत बैंक ब्याज दर के साथ दिया जाएगा।
  • यदि अभिदाता 10 वर्षों या उससे अधिक की अवधि के बाद लेकिन 60 वर्ष की आयु होने से पहले योजना से बाहर निकलता है तो उसे लाभार्थी के अंशदान के हिस्से के साथ कोष द्वारा अर्जित संचित ब्याज के साथ या बचत बैंक ब्याज, दर जो भी अधिक हो, के साथ दिया जाएगा।
  • यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान किया है और किसी कारणवश उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसका जीवनसाथी नियमित अंशदान करके इस योजना को आगे जारी रख सकता है या कोष द्वारा अर्जित एकत्रित वास्तविक ब्याज या बचत बैंक ब्याज दर, जो भी अधिक हो, के साथ लाभार्थी का अंशदान लेकर योजना से बाहर निकल सकता है।
  • यदि लाभार्थी ने नियमित अंशदान किया है और 60 वर्ष की आयु से पहले किसी कारणवश से स्थायी रूप से दिव्यांग हो जाता है और योजना के अंतर्गत अंशदान करने में अक्षम होता है तो उसका जीवनसाथी नियमित अंशदान करके इस योजना को आगे जारी रख सकता है या कोष द्वारा अर्जित एकत्रित वास्तविक ब्याज या बचत बैंक ब्याज दर, जो भी अधिक हो, के साथ लाभार्थी का अंशदान प्राप्त कर योजना से बाहर निकल सकता है।
  • अभिदाता और उसके जीवनसाथी दोनों की मृत्यु के बाद संपूर्ण राशि कोष में जमा करा दी जाएगी।
  • एनएसएसबी की सलाह पर सरकार द्वारा तय योजना से बाहर निकलने का कोई अन्य प्रावधान।

अंशदान में चूक

यदि अभिदाता ने निरंतर रूप से अपने अंशदान का भुगतान नहीं किया है तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित दंड राशि के साथ पूरी बकाया राशि का भुगतान करके अंशदान को नियमित करने की अनुमति होगी।

पेंशन भुगतान

18-40 वर्ष की प्रवेश आयु पर योजना में शामिल होने से 60 वर्ष की उम्र की प्राप्ति तक लाभार्थी को अंशदान करना होगा। 60 वर्ष की उम्र की प्राप्ति पर अभिदाता को परिवार पेंशन लाभ के साथ प्रति महीने 3000 रुपये का निश्चित मासिक पेंशन प्राप्त होगा।

संदेह तथा स्पष्टीकरण

योजना को लेकर किसी तरह के संदेह की स्थिति में जेएस एंड डीजीएलडब्ल्यू द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण अंतिम होगा।
स्त्रोत: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार।

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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