इनपुट टेक्स का अर्थ है, किसी पंजीकृत व्यक्ति को वस्तु या सेवाओं अथवा दोनों की आपूर्ति पर लगने वाला केन्द्रीय कर (सी.जी.एस.टी.) या राज्य कर (एस.जी.एस.टी.) या एकीकृत कर (आई.जी.एस.टी.) या संघ शासित क्षेत्र कर (यूटी.जी.एस.टी)। इसमें रिवर्स चार्ज बेसिस पर और आयात पर लगने वाला एकीकृत कर (आई.जी.एस.टी.) भी शामिल है। इसमें संयोजन करारोपण के रूप में दिया कर शामिल है।
हाँ, इनपुट टैक्स की परिभाषा इसे इसमें शामिल करती है।
हाँ, इसमें इनपुट गुड्स, इनपुट सर्विसेज व कैपिटल गुड्स पर दिए गए कर शामिल है।
उत्तर एक पंजीकृत व्यक्ति खुद को आपूर्तित ऐसी वस्तुओं या सेवाओं या दोनों पर दिए गए कर का क्रेडिट ले सकता है, जो कि
उसके व्यवसाय के अनुसरण व बढ़ोतरी की प्रक्रिया में प्रयोग हो। यह अन्यों शतों और प्रतिबन्धों के अधीन है।
निम्नलिखित चार शर्तों का संतुष्टिकरण आवश्यक है, यदि
एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति आई.टी.सी लेना चाहता है,
(क) उसके पास कर चालान या डेविष्ट नोट या कर भुगतान का अन्य दस्तावेज हो जैसा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के लिए निर्धारित किए गए है।
(ख) उसने वस्तुएं, या सेवाएं या दोनों प्राप्त की हो।
(ग) आपूर्तिकर्ता ने वास्तव में आपूर्ति के संबंध में कर का भुगतान सरकार को किया हो ।
(घ) उसने धारा 39 के अंदर रिटर्न भरा हो।
पंजीकृत व्यक्ति केवल अंतिम भाग अथवा क़िस्त की प्राप्ति पर ही कोडिट का हकदार होगा।
हाँ, प्राप्तकर्ता आई.टी.सी. ले सकता है। लेकिन चालान निर्मित होने के 180 दिन के अंदर उसे मूल्य व कर का भुगतान करना होगा। यह शर्त लागू नहीं होगी अगर कर रिवर्स चार्ज बेसिस पर देय है।
ऐसी स्थिति में आई.टी.सी का मूल्य, व्यक्ति के उत्पाद पर कर देयता (OutputTax liability) में जोडी जाएगी। उसको ब्याज भी देना होगा। तथापि मूल्य व कर का भुगतान करके वह पुन आई.टी.सी. ले सकता है।
जब वस्तु किसी तीसरे व्यक्ति को कराधीन व्यक्ति के निर्देश पर प्राप्त हो, तब यह माना जाएगा कि वस्तु पंजीकृत व्यक्ति को प्राप्त हुआ जिस दिन वह तीसरे व्यक्ति के पास पंहुचा। अत: आई.टी.सी उस व्यक्ति को उपलब्ध होगा, जिसके निर्देश पर वस्तु तीसरे व्यक्ति को पहुँची।
कोई पंजीकृत व्यक्ति वस्तुओं व सेवाओं की आपूर्ति के लिए निर्गत चालान या डेबिट नोट का, धारा 39 में निर्धारित रिटर्न भरने को अंतिम तारीख के बाद आई.टी.सी. नहीं ले सकता है। सितंबर महीने के लिए उस वित्त वर्ष के बाद जिससे कि ऐसा चालान य डेबिट नोट से संबंधित चालान जुडा हो या कि प्रासंगिक वार्षिक रिटर्न भरने की तारीख, जो भी पहले हो। इस प्रकार से आईटीसी लेने की उपरी समय-सीमा अगले वित्त वर्ष की 20 अक्टूबर है या वार्षिक रिटर्न जमा करने की, जो भी जल्दी हो।
इस प्रतिबंध का अंतनिहित तक यह है कि अगले वित्तीय वर्ष के सितम्बर महीने के बाद रिटर्न में कोई संशोधन नहीं होगा। अगर वार्षिक रिटर्न सितम्बर के पहले भरा जाता है, तब वार्षिक रिटर्न भरने को बाद कोई परिवर्तन नहीं होगा ।
उत्तर ऐसे कर भाग पर जिस पर अवमूल्यन का दावा किया गया हो, वहां आई.टी.सी की अनुमति नहीं होगी।
हाँ, कानून में दी गई एक छोटी सूची की वस्तुओं को छोडकर। यह सूची मुख्यतः व्यक्गित उपभोग की वस्तुओं, ऐसे इनपुट जिनका उपयोग अचल सम्पत्ति के निमार्ण में किया जाए (प्लांट और मशीनरी को छोडकर), कारखाना परिसर के बाहर बिछाया गर्य पाईपलाइन, दूरसंचार टॉवर इत्यादि, और वह कर जो कर अपवंचन के परिणामस्वरूप दिया गया हो।
नहीं, मोटर कार पर आई.टी.सी केवल तभी लिया जा सकता हे जब कराधीन व्यक्ति जन-यातायात क व्यवसाय में हो या माल टांसपोर्ट करता हो या मोटर-कार में प्रशिक्षण की सेवा देता हो ।
नहीं, गुम हुए, चोरी, विनष्ट और बट्टे खाते में डाले गए सामान पर आईटीसी नहीं लिया जा सकता। इसके अतिरिक्त उपहार अथवा मुफ्त सैम्पल के रूप् में दिए गए सामान पर भी आईटीसी नहीं मिल सकता।
उत्तर: नहीं, प्लांट और मशीनरी के अलावा किसी अन्य अचल समपत्ति के निर्माण में प्रयुक्त वस्तुओं व सेवाओं पर आईटीसी नहीं ली जा सकती । प्लांट और मशीनरी में केवल उपकरण, औजार और जमीन में जुड़ी मशीन आते हैं। यह अन्य वस्तुओं में भूमि, इमारत को बाहर रखते हैं ।
पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति पंजीकरण मिलने के एक दिन पहले तक स्टॉक में रखे इंपुट्स, अर्धनिर्मित और निर्मित वस्तुओं में प्रयुक्त इंपुट्स का आईटीसी ले सकता है। अगर व्यक्ति पंजीकरण लेने के योग्य है, और पंजीकरण लेने की योग्यता हासिल करने के 30 दिन के अंदर उसने पंजीकरण के लिए आवेदन कर दिया है तो जिस दिन वह कर भुगतान करने के योग्य हुआ उसके ठीक एक दिन पहले तक स्टॉक में पडे इनपुट और अर्ध-निर्मित एवं निर्मित वस्तुओं में प्रयुक्त इनपुटस पर वह आई.टी. सी ले सकता है ।
क) 01.08.2017
ख) 31.07.2017
ग) 15.08.2017
घ) वह पिछली अवधि के लिए क्रेडिट प्राप्त नहीं कर सकता है।
31.07.2017
ऐसा व्यक्ति पंजीकरण के दिन के ठीक एक दिन पहले तक स्टॉक में पडे इनपुट्स, अर्ध-निर्मित व निर्मित वस्तुओं में प्रयुक्त इनपुट्स पर आई.टी.सी. लेने का हकदार होगा।
पंजीकृत व्यक्ति को इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेज़र में पडे अनुपयुक्त आई.टी.सी. का अंतरण नई ईकाई को करने की अनुमति होगी, बशर्त कि देयताओं के अंतरण का वहां विशिष्ट प्रावधान हो।
ऐसी स्थिति में केवल कराधीन आपूर्ति के फलस्वरूप ही आईटीसी लिया जा सकता है। उपयुक्त क्रेडिट के आकलन का तरीका नियमों द्वारा बताया जाएगा।
आईटीसी के उद्देश्य के लिए शून्य दर आपूर्ति कराधीन आपूर्ति के अंतर्गत रखी गई है। शून्य दर आपूर्ति की गुजाइश आईजीएसटी आधिनियम में रखी गई है, यह तक कि इसमें छूट प्राप्त आपूर्तियां भी आती हैं।
क्रेडिट लेने के लिए कराधीन आपूर्तियों के संगणन के लिए, इनमें से कौन सा सम्मिलित है
क. शून्य दर आपूर्तियां
ख. छूट प्राप्त आपूर्तियां
ग. दोनों
शून्य दर आपूर्तियां
केवल व्यवसाय के उद्देश्य से प्रयुक्त वस्तुओं या सेवाओं या दोनों का आईटीसी मिलेगा। उपयुक्त क्रेडिट के संगणन का तरीका नियमों द्वारा बताया जाएगा।
जिस तिथि से वह कम्पाउडिग स्कीम की अर्हता योग्य होना बंद करता है, उसके ठीक एक दिन पहले तक स्टॉक में उपलब्ध इंपुट्स, स्टॉक में पड़े निर्मित व अर्द्ध-निर्मित वस्तुओं में प्रयुक्त इंपुट्स पर आईटीसी ले सकता है। पूंजीगत वस्तुओं (निर्धारित प्रतिशत प्वाइंटस से अवमूल्यित किया हुआ) पर भी ले सकता है। उपयुक्त क्रेडिट के संगणन का तरीका नियमों द्वारा बताया जाएगा ।
बैंकिग कंपनी या वित्तीय संस्थान के साथ-साथ एक गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनी, जो विशिष्ट सेवाएं प्रदान करती हैं, या तो अनुपातिक क्रेडिट लेगी या उपयुक्त आईटीसी का पचास प्रतिशत लेने के लिए पात्र होगी ।
महोदय 'क' जो कि एक पंजीकृत व्यक्ति है, 30,072017 तक कम्पोजिशन स्कीम के तहत कर का भुगतान कर रहे थे। 'क' रेगुलर स्कीम के तहत कराधीन हो जाता है। क्या वह आईटीसी के योग्य हैं।
30.07.2017 के दिन तक स्टॉक में रखे इंपुट्स, स्टॉक में रखें अर्ध-निर्मित, निर्मित माल में प्रयुक्त इंपुट्स और पूंजीगत वस्तुओं (निर्धारित प्रतिशत प्वाइंट से अवमूल्यित किया हुआ) पर श्री 'क' आईटीसी लेने के योग्य हैं।
श्री 'ख' ने ऐच्छिक पंजीकरण के लिए 05.06.2017 को आवेदन किया और 22.06.2017 को उन्हें पंजीकरण मिला। श्री 'ख' स्टॉक में रखे इंपुट्स पर इस तारीख से आईटीसी लेने के योग्य हैं
21.06.2017 तक स्टॉक में रखे इंपुट्स, स्टॉक में रखे अर्ध-निर्मित और निर्मित वस्तुओं में प्रयुक्त इंपुट्स पर श्री 'ख', आईटीसी लेने के योग्य होंगे। पूंजीगत वस्तुओं पर श्री 'ख' क्रेडिट नहीं ले सकते हैं।
किसी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा लिए गए आईटीसी का क्या होगा, जो कम्पोजिशन स्कीम चुनता है या वस्तुएं या सेवाएं या दोनों जो उसके द्वारा आपूर्ति की जाती हैं, पूर्ण रूप से छूट मिल जाएं।
पंजीकृत व्यक्ति को स्टॉक के संबंधित आईटीसी के बराबर भुगतान करना होगा। कम्पोजिशन स्कीम चुनने अथवा छूट मिलने के ठीक एक दिन पहले जो स्टॉक होगा, उसी के अनुसार। पूंजीगत वस्तुओं के संदर्भ में देय राशि की गणना निर्धारित प्रतिशतता प्वाइंट के अनुसार होगी। अगर इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट खाते में पर्याप्त शेष है, तो इसका भुगतान इस खाते में डेबिट करके हो सकता है, अन्यथा इलेक्ट्रॉनिक रोकड़ खाते को डेबिट करके भुगतान होगा। अगर इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट खाते में कोई शेष रह जाता है, तो वह समाप्त हो जाएगा ।
नए पंजीकरण की स्थिति में, कम्पोजिशन से सामान्य स्कीम में आना, छूट से कराधीन सेवाओं, इन स्थितियों में ऐसी आपूर्ति के संबंध में कर बिल के निर्गत होने के 1 साल के बाद आईटीसी नहीं ले सकते हैं।
इस स्थिति में दोनों पक्षों को सूचना दी जाएगी। अगर विषमता का संशोधन नहीं होता है, तब वह मूल्य, जिस महीने में असंगति सूचित हुई है उसके अगले महीने के रिटर्न में प्राप्तकर्ता के उत्पाद देयताओं में जोड़ा जाएगा ।
नहीं, आईटीसी अस्थाई रूप से 2 महीने के लिए ली जा सकती है। आपूर्ति विवरण, सिस्टम से मिलाया जा सकता है और असंगति की सूचना आपूर्तिकर्ता और प्राप्तकर्ता को दी जाती है। अगर असंगति जारी रहती है, तो ली गई आईटीसी स्वतः वापस हो जाएगी।
नहीं, इसका उपयोग केवल रिटर्न में स्व-आकलित आउटपुट कर के भुगतान के लिए होगा।
पूंजीगत वस्तुओं, प्लांट या मशीनरी की आपूर्ति की स्थिति में जिस पर आईटीसी लिया गया हो, पंजीकृत व्यक्ति इन पर लिए गए आईटीसी में से प्रतिशतता प्वाईट के बराबर अवमूल्यन कर जैस कि इस संबंध में निर्धारित किया जाए, या ऐसी पूंजीगत वस्तुओं के विनिमय मूल्य पर कर के बराबर अवमूल्यन, जो भी ज्यादा हो, उतने मूल्य का भुगतान करेगा।
पंजीकृत व्यक्ति आईटीसी में से प्रतिशतता प्वाईट या विनिमय मूल्य पर कर जो भी ज्यादा हो, अवमूल्यन कर के भुगतान करेगा। लेकिन, रिफरेक्टरी ब्रिक्स के संदर्भ में, माउल्ड्स और डाईस, जिग्रस और फिक्सचर्स जब स्क्रेप की तरह आपूर्तित हों, ऐसी स्थिति में व्यक्ति विनिमय मूल्य पर कर का भुगतान कर सकता है।
स्रोत: भारत सरकार का केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय
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