संविधान के अनुच्छेद 246ए, जो कि संविधान (101वाँ संशोधन) अधिनियम 2016 के रूप में प्रस्तुत किया गया था, संसद और राज्य विधान सभाएँ दोनों को जी.एस.टी. उदाहरणार्थ केन्द्रीय कर (सी.जी. एस.टी.) और राज्य कर (एस.जी.एस.टी.) या संघ शासित क्षेत्र कर (यूटी.जी.एस.टी) के संबंध में कानून बनाने की समावर्ती शक्तियाँ प्रदान करता है। हालांकि, अंतर-राज्यीय वाणिज्य या व्यापार क संबंध में अनुच्छेद 246(ए) खण्ड 2, जिसे अनुच्छेद 269 (ए) के साथ पढ़ा जाए, संसद को विधान बनाने की विशेष शक्ति का प्रावधान करता है। उदाहरणार्थ एकीकृत कर (आई.जी.एस.टी.)।
जी.एस.टी. के अंतर्गत वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति कर योग्य घटना है। सी.जी.एस.टी और एस.जी.एस.टी./यूटी.जी. एस.टी. अंर्तराज्यीय आपूर्ति पर भारित होगा। आईजीएसटी राज्यों के अन्दर की आपूर्ति पर लगाया जाएगा।
हाँ, लेकिन केवल वह गतिविधियाँ जो कि सी.जी.एस.टी अधिनियम/एस.जी.एस.टी अधिनियम के अनुसूची-1 में निर्दिष्ट है। उपरोक्त प्रावधान आई.जी.एस.टी अधिनियम के साथ-साथ यू.टी.जी. एस.टी. अधिनियम में भी अपनाया गया है।
जी.एस.टी. के अंतर्गत आपूर्ति करयोग्य होने के लिए, लेन-देन व्यापार की बढ़ोतरी एवं विकास के लिए होना चाहिए। चूंकि धमार्थ गतिविधियों के लिए आपूर्ति लाभ का उद्देश्य शामिल नहीं है। अत: जी.एस.टी. के अंतर्गत कर योग्य आपूर्ति नहीं है।
जी.एस.टी. परिषद की सिफारिशा पर केन्द्रीय सरकार अथवा राज्य सरकार किसी गतिविधि को सेवाओं के आपूर्ति नहीं अपितु वस्तुओं की आपूर्ति अथवा वस्तुओं की आपूर्ति नहीं अपितु सेवाओं की आपूर्ति अथवा न तो वस्तुओं की आपूर्ति, न ही सेवाओं की आपूर्ति अधिसूचित कर सकता है।
समग्र आपूर्ति, ऐसी आपूर्ति जिसमें दो या अधिक कर योग्य वस्तुएँ या सेवाएँ या दोनों या उनका संयोजन सम्मिलित हो, जो कि सामान्य रूप से जुड़ी हो और व्यापार के सामान्य क्रम में एक दूसरे से जोड़ कर आपूर्ति की गई हो, जहाँ पर एक प्रमुख आपूर्ति हो। उदाहरण के लिए जब कोई उपभोक्ता टी.वी. सेट खरीदता है और उसे टी.वी. के साथ वारंटी और रखरखाव अनुबंध भी मिलता है तो यह आपूर्ति एक समग्र आपूर्ति है। इस उदाहरण में टी.वी. की आपूर्ति प्रमुख आपूर्ति है, वारंटी और रखरखाव सेवा सहायक आपूर्ति है। मिश्रित आपूर्ति वस्तुओं या सेवाओं की एक से अधिक व्यक्तिगत आपूर्ति या एक ही कीमत के लिए एक दूसरे से मिलकर बनाई गई संयोजन का संयोजक है, जो सामान्यतः अलग से आपूर्ति की जा सकती है। उदाहरण के लिए, एक दुकानदार रेफ्रिजरेशन के साथ पानी भंडारण की बोतलों को बेचता है। इसपर बोतलों और रेफ़िजरेटर की अलग-अलग कीमत लगा कर भी बेचा जा सकता है।
संरचना आपूर्ति को मूल आपूर्ति की आपूर्ति के रूप में माना जाएगा। मिश्रित आपूर्ति को उस विशेष वस्तु या सेवाओं की आपूर्ति के रूप में माना जाएगा जो करो की उच्चतम दरों को आकर्षित करेगा ।
मानव उपभोग के लिए एल्कोहलिक शराब के अलावा सभी वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति कर योग्य है पेट्रोलियम क्रूड, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्प्रिट (आमतौर पर पेट्रोल के रूप में जाना जाता है), प्राकृतिक गैस और विमानन टर्बाइन ईंधन की आपूर्ति भविष्य की तिथि से कर योग्य प्रभावी होंगी। यह तारीख जी.एस.टी. परिषद की सिफारिशों पर सरकार द्वारा अधिसूचित की जाएगी।
इसका मतलब है कि कर का भुगतान करने का दायित्व, ऐसी वस्तुओं या सेवाओं के आपूर्तिकर्ता, जो आपूर्ति की अधिसूचित प्राप्तकर्ता पर होता हे ।
नहीं, संरचना योजना के अंतर्गत कराधीन व्यक्ति इनपुट टेक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए पात्र नहीं होगा।
अपंजीकृत व्यक्ति से आपूर्ति के मामले में, पंजीकृत व्यक्ति जो वस्तु या सेवाओं को प्राप्त कर रहा है, रिवर्स चार्ज तंत्र के तहत कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा।
हाँ, केन्द्रीय/राज्य सरकार उन सेवाओं को निर्दिष्ट कर सकती है जिन पर इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा भुगतान नके माध्यम से आपूर्ति की किया जाएगा, यदि ऐसी सेवाओं को इर जाती है और अधिनियम के सभी प्रावधान ऐसे इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर पर लागू होंगे जैसा कि अगर वह वही व्यक्ति है जो सेवाओं की आपूर्ति के संबंध में कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हे ।
संरचना योजना के लिए एक वित्तीय वर्ष में टर्नओवर/कुल बिक्री की 50 लाख रुपये सीमा है।
विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग दरें है । राज्य या संघ शासित क्षेत्रों में सामान्य मामलों में वस्तुओं के आपूर्तिकर्ता (यानी व्यापारियों) के कुल कारोबार का 0.5% संयोजन दर है। यदि संयोजन योजना का विकल्प चुनने वाला व्यक्ति निर्माता है तो राज्य या संघ शासित क्षेत्र में कुल कारोबार पर कर की दर 1% है। रेस्तरां सेवाओं के मामले में, राज्य या संघ शासित क्षेत्रों में कारोबार पर कर की दर 2.5% है। यह सभी दरें एक अधिनियम के अंतर्गत है और अन्य अधिनियम में भी समान दरें ही लागू होंगी। इसलिए प्रभावी ढंग से संरचना दर (सी.जी. एस.टी./एस.जी.एस.टी./ यू.टी.जी.एस.टी. के अंतर्गत संयुक्त दर) सामान्य आपूर्तिकर्ता, निर्माता और रेस्तरां सेवा के लिए क्रमश: 1%, 2% और 5% है।
एक वित्तीय वर्ष के दौरान संरचना योजना का लाभ लेने वाला व्यक्ति जिसका कारोबार एक वर्ष के दौरान 50 लाख रू. से अधिक है अथति वह दिसम्बर में 50 लाख रू. का कारोबार पार कर जाए। क्या उसे संयोजन योजना के अंतर्गत वर्ष के शेष बचे माह यानी 31 मार्च तक कर का भुगतान करने की अनुमति दी जाएगी?
नहीं, विकल्प का लाभ उस दिन से समाप्त हो जाएगा जिस दिन वितिय वर्ष के दौरान उसका कुल कारोबार 50 लाख से अधिक हो जाएगा ।
सभी पंजीकृत व्यक्तियों जिनके पास एक स्थाई खाता संख्या (पैन) हैं उन्हें संयोजन योजना का विकल्प चुनना है। अगर एक पंजीकृत व्यक्ति सामान्य योजना का विकल्प चुनता है तो अन्य संयोजन योजना के लिए अयोग्य हो जाते हैं।
हाँ, सामान्यतः एक निर्माता संयोजन योजना का विकल्प चुन सकता है। हालांकि एक वस्तु निर्माता, जो कि जी.एस.टी. परिषद की सिफारिशों पर अधिसूचित किया जाएगा, इस योजना के लिए विकल्प नहीं चुन सकता है। यह योजना रेस्तरां सेवाओं को छोड़कर सेवा क्षेत्र के लिए उपलब्ध नहीं है।
व्यापक तौर पर संयोजन योजना का विकल्प चुनने के लिए पंजीकृत व्यक्तियों की पाँच श्रेणी योग्य नहीं है। यह निम्नलिखित हैं
(i) रेस्तरां सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवा आपूर्तिकर्ता।
(ii) वस्तुओं के आपूर्तिकर्ता जो कि सी.जी.एस.टी अधिनियम/एस.जी.एस.टी. अधिनियम/यूटी.जी.एसटी. अधिनियम के अंतर्गत कर योग्य नहीं है ।
(iii) वस्तुओं के अंतर-राज्यीय आपूर्तिकर्ता।
(iv) इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर द्वारा वस्तुओं की आपूर्ति करने वाला व्यक्ति ।
(v) कुछ निश्चित अधिसूचित वस्तुओं के निर्माता।
नहीं, संयोजन योजना के अंतर्गत पंजीकृत व्यक्ति इनपुट टैक्स क्रेडिट (आई.टी.सी.) का दावा नहीं कर सकता है।
क्या ग्राहक जो एक पंजीकृत व्यक्ति से खरीद करता है जो कि संयोजन योजना के अंतर्गत है वह इनपुट टैक्स क्रेडिट के अंतर्गत संयोजन कर का दावा कर सकता है?
नहीं, जो ग्राहक पंजीकृत व्यक्ति से वस्तु खरीदता है जो कि के पात्र नहीं है। क्योंकि एक संयोजन योजना का आपूर्तिकर्ता कर चालान जारी नहीं कर सकता है।
नहीं, संरचना योजना के अंतर्गत पंजीकृत व्यक्ति को कर संग्रह की अनुमति नहीं है। इसका अर्थ कि संरचना योजना के अंतर्गत आपूर्तिकतां कर चालान जारी नही कर सकता है ।
समग्र कारोबार की गणना करने की पद्धति धारा 2(6) में प्रदान किया गया है। तदनुसार, कुल कारोबार का अर्थ है एक पैन वाले किसी व्यक्ति की सभी बाहय आपूर्ति का मूल्य (कर योग्य आपूर्तियाँ+छूट प्राप्त आपूर्तियाँ+ निर्यात+अंतर्राज्यीय आपूर्तियाँ) और इसमें केंद्रीय कर (सीजीएसटी), राज्यकर (एसजीएसटी), संघशासित क्षेत्रकर (यूटीजीएसटी), एकीकृतकर (आईजीएसटी) क्षतिपूर्ति उपकर के अंतर्गत अरोपित कर शामिल नहीं है। इसके अतिरिक्त, आपूर्तियों का मूल्य, जिन पर रिवर्स चार्ज के अंतर्गत कर देय है, कुल कारोबार की गणना के हिसाब में नहीं ली जाऐगी।
यदि एक करदेय योग्य व्यक्ति ने संयोजन योजना के अंतर्गत कर का भुगतान किया है, यद्यपि वह इस योजना के पात्र नहीं थे तब व्यक्ति दंड के लिए उत्तरदायी होगा और कर एवं दंड के निर्धारण के लिए धारा 73 या 74 के प्रावधान लागू होंगे।
हाँ, सार्वजनिक हित में केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार, जी.एस.टी. परिषद की सिफारिश पर पूरी तरह या आंशिक रूप से, वस्तुओं या सेवाओं या दोनों पर या तो पूरी तरह से या शतों के अधीन जी.एस.टी आरोपित करने से छूट प्रदान कर सकता है। आगे सरकार विशेष परिस्थितियों में अपवादात्मक प्रकृति के अंतर्गत विशेष आदेश् द्वारा किसी भी वस्तु या सेवाएँ या दोनों को छूट प्रदान कर सकर्त है। यह एस.जी.एस.टी अधिनियम और यूटी.जी.एस.टी. अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि सी.जी.एस.टी अधिनियम के अंतर्गत दी गई कोई छूट उस अधनियम के अंतर्गत छूट माना जाएगा।
नहीं, छूट वाले वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति करने वाले व्यक्ति, प्रभावी दर से अधिक कर एकत्रित नहीं करेगा ।
स्रोत: भारत सरकार का केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय
अंतिम बार संशोधित : 3/8/2024
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