वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के अंर्तगत पंजीकरण करवान व्यवसाय को निम्नलिखित लाभ प्रदान करेगा –
नहीं, जी.एस.टी. पंजीकरण के बिना कोई भी व्यक्ति न तो अपने ग्राहकों से जी.एस.टी. एकत्रित कर सकता है और न ही अपने द्वारा भुगतान किए गए जी.एस.टी. के किसी भी इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा कर सकता हैं ।
पंजीकरण के लिए जहां पर आवेदन किया गया है उसकी प्रस्तुति के 30 दिनों के भीतर व्यक्ति पंजीकरण करने के लिए के अपने दायित्व की तिथि होगी, जिस दिन वह पंजीकरण के लिए उत्तरदायी हुआ।
जहाँ आवेदक द्वारा पंजीकरण का आवेदन प्रस्तुत किया जा चुका है उसके 30 दिनों के बाद वह पंजीकरण का उत्तरदायी बन जाता है, पंजीकरण की प्रभावी तिथि उसे पंजीकरण प्रदान करने की तारीख होगी ।
स्वत: पंजीकरण के मामले में, अथति स्वेच्छा से पंजीकरण लेना जबकि कर भुगतान के लिए सीमा में छूट की सीमा के भीतर है, पंजीकरण की प्रभावी तिथि पंजीकरण के आदेश की तिथि होगी ।
सी.जी.एस.टी./ एस.जी.एस.टी. अधिनियम 2017 की धारा 22 के अनुसार हर आपूर्तिकर्ता (अपने एजेन्ट सहित) जो कर योग्य आपूर्ति करता है अर्थात वस्तुओं और/या सेवाओं की आपूर्ति जो वस्तु एवं सेवा कर कानून के तहत कर के लिए कर योग्य होती है और उनकी कुल बिक्री एक वित्त वर्ष में बीस लाख रूपयों की सीमा से अधिक है, वह राज्य या दिल्ली या पुदुचेरी के संघ राज्य क्षेत्र में जहाँ से वह कर योग्य आपूर्ति करता है। वह अपने को पंजीकृत करने के लिए उत्तरदायी होगा।
ग्यारह विशेष श्रेणी राज्यों के मामले में (जैसा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 279ए (4) (जी) में वर्णित है, पंजीकरण के उत्तरदायित्व के लिए यह सीमा दस लाख रूपये हैं।
इसके अलावा अधिनियम की धारा 24 में आपूर्तिकर्ताओं की कुछ श्रेणियों का उल्लेख किया गया है जो पंजीकरण लेने के लिए उत्तरदायी होंगे, भले ही उनका कुल/समुचित कारोबार 20 लाख रूपये की सीमा से नीचे हो ।
दूसरी ओर अधिनियम की धारा 23 के अनुसार कृषि उत्पादों की आपूर्ति के सम्बन्ध में एक कृषक, विशेष रूप से वस्तु एवं सेवा कर कानून के अंतर्गत गैर कर योग्य या पूर्णतः छूट वाले सामानों और/या सेवाओं की आपूर्ति करने वाला कोई भी व्यक्ति पंजीकरण के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
सी.जी.एस.टी./ एस.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 2(6)के अनुसार सकल व्यापार की मात्रा (टर्न ओवर) में कुल मूल्य शामिल है :
(i) सभी कर योग्य आपूर्तियां,
(ii) फूट प्राप्त आपूर्तियां,
(iii) वस्तुओं और/या सेवाओं का निर्यात और
(iv) एक ही पैन वाले व्यक्ति के द्वारा सभी अंर्तराज्यीय आपूर्ति।
उपरोक्त की अखिल भारतीय आधार पर गणना की जाएगी और सी.जी.एस.टी. अधिनियम, एस.जी.एस.टी. अधिनियम, यू.टी.जी.एस.टी. अधिनिम एवं आई.जी.एस.टी. अधिनियम के तहत लगाये गए करों को शामिल नहीं किया जाएगा। कुल कारोबार में कर योग्य व्यक्ति द्वारा किए गए सभी सामान शामिल होंगे चाहे वह अपने खाते पर हों या अपने सभी प्रिंसिपलों की ओर से किया गया हो ।
सकल टर्न ओवर में आपूर्ति जिस पर रिवर्स चार्ज आधार पर कर लगाया जाता है और आवक आपूर्ति के मूल्य, शामिल नहीं होंगे।
जॉब वर्क कार्य पूरा होने के बाद माल का मूल्य जॉब वर्कर के टर्न ओवर में शामिल करने योग्य नहीं है। यह प्रिंसिपल द्वारा माल की आपूर्ति के रूप में माना जाता है और तदनुसार प्रिंसिपल के टर्न ओवर में शामिल होगा ।
सी.जी.एस.टी./ एस.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 24 के अनुसार निम्नलिखित वर्गों के व्यक्तियों को सीमित सीमा के वावजूद अनिवार्य रूप से पंजीकृत होने की आवश्यकता होगी;
क. व्यक्ति जो किसी प्रकार की अंतर-राज्य कराधीन आपूर्ति कर रहें हैं;
ख. अस्थायी कराधीन व्यक्ति;
ग. वे व्यक्ति जिन्हें रिवर्स प्रभार के अंर्तगत कर भुगतान करना आवश्यक है,
घ. धारा 9 की उपधारा (5) के अन्तर्गत दर भुगतान हेतु उत्तरदायी इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर,
ङ. गैर निवासी कर योग्य व्यक्ति,
च. व्यक्ति जो धारा 51 के अंतर्गत कर कटीती हेतु उत्तरदायी हो ।
छ. व्यक्ति जो अन्य पंजीकृत कर योग्य व्यक्तियों की ओर से वस्तुओं और या सेवाओं की आपूर्ति करते हैं, चाहे एजेन्ट को रूप या अन्य ।
ज. इनपुट सेवा वितरक (चाहे अधिनियम के अन्तर्गत अलग पंजीकृत है या नहीं)
झ. व्यक्ति जो धारा 52 के अन्तर्गत कर एकत्र करने हेतु अपेक्षित हे ।
ञ. प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य ऑपरेटर
ट. भारत में एक पंजीकृत व्यक्ति के अलावा, प्रत्येक व्यक्ति जो भारत के बाहर से भारत में किसी व्यक्ति को ऑनलाइन जानकारी और डाटाबेस पुर्नप्राप्ति सेवाओं की आपूर्ति करता है।
ठ. ऐसे अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों का वर्ग जिसे केन्द्र सरकार या राज्य सरकार इवाप परिषद को सिफारिश पर अधिसूचित किया जा सकता है।
किसी व्यक्ति को पंजीकरण तीस दिनों के भीतर लेना होगा जिस दिन से वह पंजीकरण लेने के लिए उत्तदायी हो जाता है ऐसे तरीके से तथा उन नियमों के अधीन जैसे कि पंजीकरण नियमों में निर्धारित हो, ले लेना चाहिए। एक आकस्मिक कर योग्य व्यक्ति और अनिवासी कर योग्य व्यक्ति की व्यापार प्रारम्भ करने से कम से कम 5 दिन पहले पंजीकरण के लिए आवेदन करना चाहिए।
नहीं। प्रत्येक वह व्यक्ति जो पंजीकरण लेने के लिए उत्तरदायी है उसे प्रत्येक उन राज्यों में अलग-अलग पंजीकरण लेना आवश्यक है जहां पर वह व्यवसाय संचालित कर रहा है और सीजीएसटी/एसजीएसटी की धारा 22 के उपधारा (1) के अनुसार जीएसटी भुगतान के उत्तरदायी है।
धारा 25 की उपधारा (2) के प्रावधान के संदर्भ में एक व्यक्ति को एक राज्य में कई व्यापार व्यवसाय/कार्यक्षेत्र के संचालन के लिये प्रत्येक ईकाई का अलग पंजीकरण प्राप्त करना चाहिये, इन शतों के अधीन जिन्हें निर्धारित किया जा सकता है।
हाँ। धारा 25 की उप-धारा (3) के संदर्भ में, हालांकि, एक व्यक्ति अनुसूची धारा 22 के अंर्तगत पंजीकरण करने के लिये उत्तरदायी नहीं होते हुए भी, अपनी स्वेच्छा से स्वयं को पंजीकृत कर सकता है, और इस अधिनियम के सभी प्रावधानों, जो एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति पर लागू होते हैं, उस व्यक्ति पर भी लागू होंगे।
हाँ। प्रत्येक व्यक्ति के पास सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 25(6) के अंर्तगत पंजीकरण प्राप्त करने की पात्रता के क्रम में आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) के अधीन जारी किया गया स्थायी खाता संख्या (पैन) रखना अनिवार्य होगा।
हालांकि उपरोक्त धारा 25(6) के प्रावधानों के अनुसार धारा 51 के तहत कर कटौती करने के लिए एक व्यक्ति को पैन के बदले आयकर अधिनियम के अन्तर्गत एक कर कटौती और संग्रह खाता पंजीकरण के लिए पात्र होने के लिए ले सकता है।
इसके अलावा, धारा 25 (7) के अनुसार एक अनिवासी कर योग्य व्यक्ति के लिए पैन अनिवार्य नहीं है। जिसे किसी भी अन्य दस्तावेज, जिसे निर्धारित किया जा सकता है, के आधार पर पंजीकरण प्रदान किया जा सकता है।
हाँ। धारा 25 की उप-धारा (8) के अनुसार, जहां एक व्यक्ति इस अधिनियम के अंर्तगत पंजीकृत किये जाने के लिये उत्तरदायी है और पंजीकृत करवाने में विफल रहता है, सक्षम अधिकारी, कोई भी कार्रवाई बिना पक्षपात किये कर सकता है अथति, या एम.जी.एल. या किसी अन्य प्रचलित कानून के अंर्तगत की जा सकती है, ऐसे व्यक्ति को उस ढंग से पंजीकृत करने के लिए कार्यवाही कर सकता है पंजीकरण नियमों में, जिसे निर्धारित किया जा सकता है।
हाँ, सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 25 के उपधारा 10 के अनुसार सक्षम अधिकारी पंजीकरण के लिए आवेदन को सत्यापन के बाद अस्वीकार कर सकते हैं।
हाँ, एक बार पंजीकरण प्रमाण पत्र प्रदान करने पर वह स्थायी हो जाता है जब तक कि उसे अभ्यर्पण, रह, निलंबित या वापस नहीं ले लिया जाता ।
हाँ, सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 25 (9) के संदर्भ में सभी अधिसूचित संयुक्त राष्ट्र निकायों, वाणिज्य दूतावास या विदेशी देशों के दूतावास और अधिसूचित किसी भी अन्य वर्ग का व्यक्ति की जी.एस.टी. पोर्टल एक अद्वितीय पहचान संख्या (यूआईएन) प्राप्त करना आवश्यक होगा। कथित आईडी की संरचना जी.एस.टी.आई.एन. के अनुरूप सभी राज्यों में एक समान होगी और वह केंद्र और राज्यों के लिए भी एक समान होगी। इस यूआईएन की उनके द्वारा प्राप्त किये गए माल और सेवाओं को अधिसूचित आपूर्ति पर भुगतान किये गए करो के धनवापसी का दावा करने के लिए और किसी भी अन्य उद्देश्य के लिए जिसे अधिसूचित किया जा सकता है, की आवश्यकता होगी।
इन संगठनों को आपूर्ति करने वाले कराधीन आपूर्तिकर्ता से चालान/बिल पर यूआई.एन. उल्लिखित करने की अपेक्षा की जाती है और ऐसी आपूर्ति को दूसरे पंजीकृत व्यक्ति (बी2बी) को की जाने वाली आपूर्ति माना जायेगा और इन बिलों को आपूर्तिकर्ता द्वारा अपलोड किया जाएगा।
सरकारी प्राधिकरणों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पी.एस.यू) को जो जी.एस.टी. माल की आगे आपूर्ति नहीं कर रहे (और इसलिये जी.एस.टी. पंजीकरण प्राप्त करने के लिए उत्तरदायी नहीं है) लेकिन अंतर-राज्यीय खरीद कर रहे हैं, उन्हें संबंधित राज्य कर प्राधिकारियों द्वारा जी.एस.टी. पोर्टल के माध्यम से एक विशिष्ट पहचान संख्या (आई.डी.) प्रदान किया जाएगा।
अस्थायी कर योग्य व्यक्ति को सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस. टी. अधिनियम की धारा 2 (20) में परिभाषित किया गया है जिसका मतलब है वह व्यक्ति जो कभी-कभी माल एवं सेवाओं के क्रम य व्यापार के आगे बढ़ाने में चाहे प्रमुख (प्रोंसिपल) या एजेंट या किसी अन्य क्षमता में किसी राज्य या एक संघीय क्षेत्र में जहाँ उसका कोई निश्चित स्थान नहीं है, सौदा करता है।
सी.जी.एस.टी./ एस.जी.एस.टी अधिनियम की धारा 2(77) के अनुसार अनिवासी कर योग्य व्यक्ति का मतलब किसी भी व्यक्ति से है जो कभी-कभी सामानों और/या सेवाओं की आपूर्ति चाहे प्रमुख या एजेंट के रूप में या किसी अन्य क्षमता में लेकिन जिनका भारत में व्यवसाय या निवास का निशचित स्थान नहीं है, लेन-देन करते हैं।
धारा 27(1) के संदर्भ में जो कि प्रावधानों के साथ पठनीय है 'आकरिमक कर योग्य व्यक्ति या अनिवासी कर योग्य व्यक्ति' को जारी किये गए पंजीकरण प्रमाण पत्र, पंजीकरण हेतु दिए गए आवेदन पत्र में निर्दिष्ट अवधि या पंजीकरण को प्रभावी तारीख से 90 दिन, जो भी पहले हो, के लिए वैद्य होगा। हांलाकि उचित अधिकारी उक्त कर योग्य व्यक्ति के अनुरोध पर अवधि को जो 90 दिनों की अवधि से अधिक न हो उपरोक्त 90 दिनों की पूर्व अवधि की वैद्यता से आगे बढ़ा सकता है।
हाँ । जबकि एक सामान्य कराधीन व्यक्ति को धारा 19 की उपधारा (1) के अंतर्गत पंजीकरण के लिए आवेदन जमा करने के समय पंजीकरण प्राप्त करने के लिए राशि जमा करना आवश्यक नहीं होता, लेकिन एक आकस्मिक कराधीन व्यक्ति या एक अप्रवासी कराधीन व्यक्ति, धारा 19 की उप-धारा (1) के अंर्तगत पंजीकरण के लिए आवेदन करने के समय उस अवधि के लिये अनुमानित कर देयता के बराबर की राशि में कर की अग्रिम राशि जमा करेंगे जिस अवधि के लिये उक्त व्यक्ति पंजीकरण की मांग करता है । यदि पंजीकरण की अवधि को प्रारम्भिक नब्बे दिनों की अवधि से आगे बढ़ाया जाता है, तो अनुमानित कर देयता के लिए अग्रिम कर की अतिरिक्त राशि के बराबर की उतनी रकम जमा की जायेगी जितने समय के लिए उस अवधि को नब्बे दिनों से आगे बढ़ाने की माँग की गई है।
हाँ। धारा 20 के अनुसार, सक्षम अधिकारी, इस तरह की जानकारी जो उसे पंजीकृत व्यक्ति द्वारा दी गई है या उसने स्वयं उसका पता लगाया है, पंजीकरण विवरणों में इस ढंग से संशोधन स्वीकार या अस्वीकार कर सकता है और उस अवधि के भीतर जैसा निर्धारित की जा सकती है। इस पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है कि सक्षम अधिकारी द्वारा जानकारी के संशोधन की अनुमति केवल कुछ प्रमुख क्षेत्रों के लिए ही आवश्यक होगी, जबकि अन्य क्षेत्रों के लिए, पंजीकृत व्यक्ति स्वयं भी संशोधन कर सकता है।
हाँ । सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 29 में व्यक्त स्थितियों में इस अधिनियम के अंर्तगत प्रदान किये गये पंजीकरण को सक्षम अधिकारी द्वारा रद्द किया जा सकता है। सक्षम अधिकारी, या तो अपने स्वयं के प्रस्ताव पर या आवेदन करने पर, निर्धारित तरीके से, पंजीकृत कराधीन व्यक्ति द्वारा या ऐसे व्यक्ति की मौत के मामले में उसके कानूनी उत्तराधिकारियों द्वारा, पंजीकरण को इस तरीके और उस अवधि के भीतर रद्द कर सकता है, जिस रूप में वह निर्धारित किया जा सकता है। पंजीकरण नियमों के अनुसार रद्दीकरण के लिए आदेश एससीएन का उत्तर प्राप्त होने के 30 दिन के अन्दर जारी किया जाना है (उन मामलों में जहाँ रद्दीकरण को उचित अधिकारी द्वारा स्वयं बनाने का प्रस्ताव किया गया है) या रद्दीकरण के लिए आवेदन प्राप्त होने की तारीख से (उन मामलों में जहाँ कर योग्य व्यक्ति/कानून उत्तराधिकारी इस तरह के रद्दीकरण के लिए आवेदन करता है। तीस दिनों के अंदर जारी किया जाना है।)
हाँ। एक अधिनियम के अंर्तगत पंजीकरण रद्द (जैसे सी.जी. एस.टी. अधिनियम) करना दूसरे अधिनियम (अर्थात एस.जी.एस.टी. अधिनियम) के अंर्तगत भी रद्द माना जायेगा। (धारा 29(4))
हाँ, सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 29(2) में उल्लिखित कुछ निश्चित परिस्थितियों में सक्षम अधिकारी अपने स्वयं के विवेक पर पंजीकरण रद्द कर सकता है। ऐसी परिस्थितियों में सी. जी.एस.टी अधिनियम के किसी भी निर्धारित प्रावधान या इसके तहत बनाए गये नियमों का उल्लंघन, एक रचना व्यापारी (कम्पोजीशन डीलर) द्वारा लगातार तीन करों की लिए रिटर्न विवरणी नहीं दाखिल करना या छ: महीने की निरन्तर अवधि के लिए नियमित करदाता द्वारा रिटर्न की गैर प्रस्तुति और स्वैच्छिक पंजीकरण की तारीख से छः महीने के भीतर व्यवसाय शुरू नहीं करना, शामिल है। हालांकि, पंजीकरण रद्द करने से पहले संक्षम अधिकारी को प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करना पड़ता है। (धारा 29 (2)(इ) का प्रावधान)।
ऐसे मामलों में सक्षम अधिकारी द्वारा पूर्व प्रभाव से पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। धारा 29(2)(e) ।
नहीं, हर राज्य में कराधीन आपूर्ति के लिए करदाता को अलग-अलग पंजीकरण करना होगा ।
नहीं। हालांकि सीजीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 25(2) के अनुसार करदाता के पास इन व्यवसायों के लिये स्वतंत्र रूप से इस तरह के अलग अलग पंजीकरण प्राप्त करने का विकल्प उपलब्ध है ।
आई.एस.डी. आगत (इनपुट) सेवा वितरक/डिस्ट्रीब्यूटर से जाना जाता है और सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 2(61) के अनुसार इस रूप में परिभाषित किया गया है। मूल रूप से यह एक कार्यालय है जिसका प्रमुख काम इनपुट सेवाओं की प्राप्ति की दिशा में कर चालान/बिल प्राप्त करना है और आगे आपूर्तिकर्ता को अनुपात में क्रेडिट वितरित करना है (पैन एक समान होना चाहिए)।
हाँ । आई.एस.डी. पंजीकरण करदाता के एक कार्यालय के लिए है जो कि सामान्य पंजीकरण से अलग होगा।
हाँ। एक करदाता के विभिन्न कार्यालय आई.एस.डी. के पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
हस्तांतरणीय या उत्तराधिकारी इस तरह के हस्तांतरण या उत्तराधिकार के प्रभाव से पंजीकृत करने के लिए उत्तरदायी हो जायेगा और उसे हस्तांतरण या उत्तराधिकार की प्रभावी तारीख से नया पंजीकरण प्राप्त करना होगा। (धारा 22(3)।
नहीं, जीएसटीएन इस तरह के सभी निर्धारित/डिलरों को जी.एस.टी एन नेटवर्क में स्थानान्तरित कर देगा और नियुक्त दिन जी.एस.टी. आई.एन. नम्बर के साथ एक अस्थायी पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करेगा जो विभागीय अधिकारियों द्वारा सत्यापन के बाद छ: माह के अन्दर अन्तिम पंजीकरण पत्र में परिवर्तित कर दिय जाएगा । अस्थायी पंजीकरण को अन्तिम रूप में परिवर्तित करने के लिए पंजीकृत व्यक्ति को पंजीकरण के सम्बन्धित आवश्यक दस्तावेज एवं सूचनाएँ निर्धारित अवधि में जमा करने को कहा जाएगा। ऐस करने में विफल रहने का परिणाम उनके अस्थायी जी.एस.टी.आई.एन नंबर के रद्द में परिणत होगा सेवा करदाता जिनके पास केंद्रीकृत पंजीकरण है उन्हें अपने संबंधित राज्यों में जहां से वे अपना व्यापार संचालित कर रहे हैं नये सिरे से पंजीकरण के लिये आवेदन करना होगा ।
नहीं, एक जॉब वर्कर सेवाओं का आपूर्ति है और पंजीकरण के लिए सभी बाध्य होगा जब उसका कारोबार 20/10 लाख की निर्धारित सीमा पार कर लेगा ।
हाँ। लेकिन केवल उन मामलों में जहां जॉब कार्यकर्ता पंजीकृत है या यदि नहीं तो, व्यवसाय के प्रमुख द्वारा यह घोषित किया है कि जॉब कार्यकर्ताओं के कार्यस्थल उसका अपना अतिरिक्त व्यापारिक स्थल है ।
हाँ। सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 2(89) और 2(85) में प्रमुख व्यवसायिक स्थल और व्यावसायिक स्थल को क्रमश: अलग अलग परिभाषित किया गया है । करदाता को पंजीकरण प्रपत्र में प्रमुख व्यवसायिक स्थल के साथ साथ अपने सारे अतिरिक्त व्यावसायिक स्थलों का ब्यौरा घोषित करना होगा ।
ऐसे करदाता जो आईटी-कुशल नहीं हैं, उनकी आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए उन्हें निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध की जाएगी—
टैक्स रिटर्न प्रिपेयरर (टी.आर.पी)
एक कराधीन व्यक्ति स्वयं अपना पंजीकरण आवेदन तैयार कर सकते हैं/ रिटर्न भर सकते हैं या टी.आर.पी. को संपर्क कर सकते हैं। टी.आर.पी. कथित पंजीकरण दस्तावेज/निर्धारित प्रारूप में रिटर्न कराधीन व्यक्ति द्वारा दी गई सूचना के आधार पर तैयार करेगा। टी.आर.पी. द्वारा तैयार किये प्रारूप में सम्मिलित जानकारियों की शुद्धता और कानूनी जिम्मेदारी केवल कराधीन व्यक्ति पर होगी और टी.आर.पी. किसी त्रुटि या गलत जानकारी के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
सुविधा केंद्र (एफ.सी.)
दस्तावेजों की विधिवत अधिकृत हस्ताक्षरकत द्वारा हस्ताक्षरित कराधीन व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत सारांश शीट सहित प्रारूपों और दस्तावेजों के डिजिटलीकरण और/या अपलोडिंग के लिए जिम्मेदार होंगे । एफसी आईडी और पासवर्ड का उपयोग करते हुए आम एफसी पोर्टल पर डाटा अपलोड करने के बाद, स्वीकृति/पावती का एक प्रिंट-आउट लेगा और एफसी द्वार हस्ताक्षर करने के बाद वह कराधीन व्यक्ति को उसके रिकार्ड के लिये सौंप दिया जायेगा। अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता द्वारा विधिवत हस्ताक्षर की गई सारांश शीट को एफसी स्केन करने के बाद अपलोड कर देगा ।
करदाताओं के पास मान्य डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग करते हुए प्रस्तुत किये गये आवेदन पत्र पर हस्ताक्षर करने का विकल्प होगा । आधार नम्बर को माध्यम से डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र को दर्जा करकरे या डी.एस.सी. के माध्यम से ई-हस्ताक्षर करक आवेदन पत्र एवं अन्य कागजातों पर हस्ताक्षर करने के दो विकल्प होंगे । हालांकि कम्पनियाँ या सीमित देयता भागीदारी सरुयाओं को केवल डी.एस.सी. के माध्यम से अनिवार्य रूप से हस्ताक्षर करना होगा । हस्ताक्षर उद्देश्य के लिए केवल स्तर-2 और स्तर-3 डी.एस. सी. प्रमाण पत्र स्वीकार्य होंगे ।
यदि सूचनाएं तथा अपलोड किये गये दस्तावेज़ सही क्रम में पाये जाते हैं, राज्य और केंद्रीय प्राधिकारी आवेदन को स्वीकृति दे देंगे और उस स्वीकृति को तीन सामान्य काम के दिनों के भीतर आम पोर्टल पर संचारित कर देंगे तो उन्हें जवाब देना होगा। यदि वे इस अवधि में आवेदन पत्र में किसी कमी या विसंगति को बताते हैं त आवेदक को ऐसे संचार के सात दिनों के भीतर कमी या विसंगति को दूर करना होगा। इसके उपरान्त इसे संचार के सात दिनों के भीतर प्राधिकारी को आवेदन को मंजूरी देने या अस्वीकार करने का समय होगा । जब कर योग्य व्यक्ति कमियेां को हटाने का संचार करेगा । यदि विभागीय अधिकारियों द्वारा कथित समय रेखा के अंदर कोई जवाब नहीं दिया जाता है। पोर्टल स्वत: पंजीकरण उत्पन्न कर देगा ।
यदि सत्यापन की प्रक्रिया के दौरान, कोई कर प्राधिकारी कोई प्रश्न उठाता है या कोई त्रुटि सूचित करता है, तो उसके बारे में तीन सामान्य कार्य दिवसों के भीतर जी.एस.टी. के आम पोर्टल के माध्यम से आवेदक और अन्य कर प्राधिकरणों को सूचित किया जाएगा। आवेदक कमी के विवरण की प्राप्ति की तारीख से सात दिनों की अवधि के भीतर प्रश्न का उत्तर देगा/त्रुटि का सुधार देगा/प्रश्न का उत्तर देगा।
अतिरिक्त दस्तावेज या स्पष्टीकरण प्राप्त करने पर, प्रासंगिक कर प्राधिकरण सात सामान्य कार्य दिवसों के भीतर अपने उत्तर देंगे।
यदि पंजीकरण से इन्कार कर दिया जाता है, आवेदक को बोलने वाला आदेश (स्पीकिंग ऑर्डर्स) के माध्यम से इस तरह के इन्कार करने के कारणों के बारे में सूचित किया जाएगा। आवेदक को प्राधिकारी के निर्णय के विरूद्ध अपील करने का अधिकार प्राप्त होगा। सीजीएसटी अधिनियम के धारा 26 की उपधारा (2) के अनुसार, एक प्राधिकारी द्वारा पंजीकरण के लिए किये आवेदन की किसी भी अस्वीकृति को अन्य कर प्राधिकरण (अर्थात एस.जी.एस.टी. अधिनियम / सी.जी.एस.टी. अधिनियम के अंर्तगत) द्वारा पंजीकरण के लिए किये आवेदन की अस्वीकृति समझा जाएगा। (अर्थात् एसजीएसटी अधिनियम/यूटीजीएसटी अधिनियम/सीजीएसटी अधिनियम के अंतर्गत) ।
आवेदक को जी.एस.टी. आम पोर्टल द्वारा ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से उसके पंजीकरण आवेदन की स्वीकृति देने या इन्कार करने के तथ्य के बारे में सूचित किया जाएगा। इस चरण पर आवेदक को क्षेत्राधिकारिक विवरण सूचित किये जाएंगे।
यदि पंजीकरण प्रदान किया जाता है तो आवेदक जी.एस.टी. आम पोर्टल से पंजीकरण प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
हाँ, लेकिन केवल उन मामलों में जहाँ प्रारंभिक रद्दीकरण उचित अधिकारी द्वारा स्वयं किया गया है और न कि कर योग्य व्यक्ति या उसके कानूनी उत्तराधिकारियों के अनुरोध पर एक व्यक्ति जिसका Tकारी को उक्त रहीकरण आदेश संचारित करने के तीस दिनों भीतर पंजीकरण के रद्दीकरण आदेश को वापस करने के लिए आवेदन कर सकता है। उचित अधिकारी पंजीकरण के रद्दीकरण आदेश को वापस करने हेतु किये गए आवेदन को प्राप्ति के या सूचना/स्पष्टीकरण की प्राप्ति के तीस दिनों के भीतर पंजीकरण रद्द करने के आदेश को या पंजीकृत व्यक्ति के आवेदन को निरस्त कर सकता है।
हाँ, सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी अधिनियम की धारा 29(5) के अनुसार हर पंजीकृत कर योग्य व्यक्ति या जिसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है स्टाक में रखी गई इनपुट और अर्धनिर्मित माल में निहित इनपुट या स्टॉक में रखे हुए माल में निहित इनपुट या पूंजीगत माल या प्लांट एण्ड मशीनरी में निहित इनपुट टैक्स क्रेडिट का इलेक्ट्रॉनिक नकद/ केश लेजर में डेबिट के जरिए राशि का भुगतान करेगा या इन मालों पर देय आउटपुट टैक्स, इनमें जो भी अधिक हो, का भुगतान करेगा।
अस्थायी और गैर निवासी कर योग्य व्यक्तियों को सी.जी.एस. टी. एवं एस.जी.एस.टी अधिनियम में अलग-अलग अनुभाग 2(20) एवं 2(77) में क्रमश: परिभाषित किया गया है। कुछ अंतर नीचे दिये गये हैं ।
अस्थायी कर योग्य व्यक्ति |
गैर निवासी कर योग्य व्यक्ति |
कभी-कभी किसी राज्य या यूटी. में सामानों या सेवाओं की आपूर्ति से जुड़े लेन-देन का कार्य करता है जहाँ उनके व्यवसाय का कोई निश्चित स्थान नहीं है। |
कभी-कभी समसामयिक माल की आपूर्ति या सेवाओं से सम्बधित लेन-देन करता है । लेकिन भारत में व्यापार का कोई निश्चित स्थान और निवास नहीं होता। |
एक पैन नंबर रखता है । |
पैन नंबर नहीं रखता है एक गैर निवासी व्यक्ति अगर पैन नंबर वाला है तो आकस्मिक कर योग्य व्यक्ति के रूप में पंजीकरण ले सकता है । |
सामान्य कर दाता व्यक्ति जैसा हो आवेदन पत्र जैसे जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन -01 |
गैर निवासी कर योग्य व्यक्ति के लिए अलग आवेदन पंजीकरण फार्म जैसे जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन – 10 |
व्यापार के अनुक्रम या बढ़ोतरी में लेन-देन करता है । |
परिभाषा में व्यापार परिक्षण उपलब्ध नहीं है |
साधारण जी.एस.टी. आर -1, जी.एस.टी. आर -आर -2, जी.एस.टी. आर - 3 दाखिल करना पड़ता है । |
प्रारूप आर- 5 में अलग सरलीकृत रिटर्न दाखिल करना पड़ता है । |
सभी आवक आपूर्तियों के आईटीसी का दावा कर सकते हैं । |
आईसीटी केवल माल और या सेवाओं के आयात पर ही मिल सकता है I |
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