प्रतिदाय रिफंड के बारे में सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी.अधिनियम की धारा 54 में चर्चा की गई है। ‘ प्रतिदाय/रिफंड के अंतर्गत शामिल हैं
(क) इलैक्ट्रॉनिक नकद खाता बही में बची हुई राशि जिसका विवरण रिर्टन में भी दिया गया हो।
(ख) कोई भी इनपुट टैक्स क्रेडिट जो उपयोग ना किया जा सका हो निम्नलिखित के संबंध में-(1) शून्य दर पर ही गई आपूर्तियाँ जिन पर कर का भुगतान किया गया हो अथवा (ii) उन मामलों में जहाँ पर क्रेडिट इकट्टा हो गया है क्योंकि आदानों ( आउटपुट इनपुट की दर के कारण संचित किया गया क्रेडिट आपति पर लगा करों की दर से अधिक है निल दर व पूर्णतयाः छूट प्राप्त आपूर्ति को छोडकर )
(ग) जहाँ कर का भुगतान विशिष्ट संस्था अथवा संयुक्त राष्ट्र या किसी अनेक शाखाओं वालें वितिय संस्थान या संगठन जिसको संयुक्त राष्ट्र (प्रिवलेज एंड इम्यूनिटिज) एक्ट, 1947 के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है या वाणिज्य दूतावासो व विदेशी दूतावासों की आवक आपूर्ति, पर किया गया हो।
अप्रयुक्त इनपुट टेक्स क्रेडिट के प्रतिदाय/रिफंड की अनुमति धारा-54 की उप-धारा (3) के अंतर्गत निम्नलिखित मामलों में दी जा सकती है।
(i) शून्य दर पर की गई आपूर्तियाँ जिन पर कर का भुगतान ना किया गया हो,
(ii) उन मामलों में जहां पर क्रेडिट इक्ट्टा हो गया है क्योंकि आदानों/इनपुट की दर के कारण संचित किया गया क्रेडिट आउटपुट आपूर्ति पर लगने वालें करों की दर से अधिक है (निल दर व पूर्णतयाः छूट प्राप्त आपूर्ति को छोडकर )
यद्यपि उन मामलों में उपर्युक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रतिदाय/ रिफंड नहीं लिया जा सकेगा जहाँ भारत के बाहर वस्तुओं का निर्यात शुल्क के अधीन है व उन मामलों में जहाँ वस्तुओं के आपूर्तिकर्ता सेवाओं के आपूर्तिकर्ता अथवा दोनो के आपूर्तिकर्ता ने सेंट्रल टैक्स की धन वापसी का लाभ लिया हो या संबंधित आपूर्ति पर किए गए संपूर्ण एकीकृत कर भुगतान का प्रतिदान/रिफंड लिया हों।
नहीं। सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 54(3) के दूसरे प्रावधान अनुसार उन मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट प्रतिदाय/रिफंड की अनुमति नहीं दी जा सकती जहां भारत के बाहर वस्तुओं का निर्यात शुल्क अधीन है।
नहीं जीएसटी कानून के अंतर्गत इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है कि वित्त वर्ष के अंत में अप्रयुक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट क प्रतिदाय/रिफंड मिलेगा। इसे अगले वित्त वर्ष ले जाया जा सकता हैं।
सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम धारा-77 के अंतगर्त कराधीन व्यक्ति गलत तरीके से भूगतान किये गए जी.एस.टी/सी. जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. को सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. को विरूद्ध समायोजित नही कर सकता है परन्तु व गलती से भुगतान किए गए कर का प्रतिदाय/रिफंड से सकता है।
दूतावासों या संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई खरीद पर कर लगेगा जिसका की सी जी एस टी अधिनिम की धारा 54 (2) के तहत बाद में प्रतिदाय/रिफंड दावा प्रस्तुत किया जा सकता हैं। इस संबंध में प्रतिदाय रिफंड का दावा सी जी एस टी/एस जी एस टी प्रतिदाय नियमों के अंतर्गत निर्धारित नियमों के अनुसार जिस महीने आपुर्ति प्राप्त हुई उस महीने की आखरी तारीख से छ: माह की अवधि समाप्त होने से पहले किया जा सकता है (सी जी एस टी/एस जी एस टी अधिनियम की धारा 26(1) के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ और वाणिज्य दूतावास या दूतावासों को एक विशिष्ट पहचान संख्या प्राप्त करना आवश्यक है और उनके द्वारा की गई खरीद उनकी विशिष्ठ पहचान संख्या उनके आपुर्तिकर्ताओ की जावक आपूर्ति में परिलक्षित होगी)
सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 54 के स्पष्टीकरण स्वरूप यह स्पष्ट किया गया है कि संबंधित व्यक्ति को प्रासंगिक तारीख से दो वर्ष की समाप्ति के भीतर आवेदन दाखिल करना आवश्यक हैं।
न्यायविरूद्ध संवर्धन का सिद्धांत प्रतिदाय/रिफंड के निम्नलिखित मामलों को छोड़कर सभी पर लागू होगा (i) बिना कर के भुगतान के शून्य दर पर की गई वस्तुओं, सेवाओं या दोनो या इन शून्य दर पर की गई आपूर्ति के संबंध में प्रयोग कि जाने वाली इनपुट सर्विस या इनपुट्स पर।
(ii) अनुपयुक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट जो कि निम्न के संबंध में है (i) बिना कर का भुगतान किये शून्य दर पर की गई आपूर्तियाँ (ii) उन मामलों में जहाँ पर क्रेडिट इकट्ठा हो गया है क्योंकि आदानों/ इनपुट की दर के कारण संचित किया गया क्रेडिट आउटपुट आपूर्ति पर लगने वाले करों की दर से अधिक है।
(iii) उस आपूर्ति पर कर भुगतान का प्रतिदाय/रिफंड जो प्रदान ही नहीं की गई चाहे पुर्ण अथवा आंशिक रूप में, और जिसके संबंध में कोई भी बिल जारी न किया गया हो।
(iv) कर का प्रतिदाय/रिफंड जबकि सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस. टी अधिनियम की धारा 77 के तहत कर गलती से कर वसूल कर राज्य या केन्द्रीय सरकार के खाते में जमा करा दिया गया हो ।
(v) यदि भुगतान किये गए कर या ब्याज को किसी अन्य व्यक्ति को पारित नहीं किया है
(vi) सरकार द्वारा अधिसूचित कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसने कर का भार स्वयं भुगता हो।
हाँ, हालांकि, निर्धारित राशि उपभोक्ता के कल्याण कोष में जमा की जाएगी- सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 57
हाँ, सभी प्रतिदाय/रिफंड आवेदन के प्राप्त होने के 60 दिन के भीतर स्वीकृत करना आवश्यक है, यदि रिफंड 60 दिन के भीतर नहीं किया जाता, तो सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 56 के अंतर्गत अधिसूचित दर से ब्याज का भुगतान होगा I कुछ शून्य दर की आपूर्ति की श्रेणियों में जहां पर पंजीकृत व्यक्ति सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी अधिनियम धारा 54 की उप-धारा (6 )में निर्दिष्ट किया गया हैं, उन मामलों में प्रतिदाय/रिफंड का दावा 90 प्रतिशत की हद तक लौटाने योग्य है। इन मामलों में प्रतिदाय / रिफंड आवेदन को प्राप्त होने की तारीख के 07 दिन को भीतर रिफंड देना हैं।
हां, पर निम्न परिस्थितियों में रोक लगाई जा सकती हैं।
• यदि पंजीकृत विक्रेता दवारा रिटर्न (नें) प्रस्तुत नहीं की गई है, जब तक वह उक्त रिटर्न (ने) दाखिल नहीं कर देता ।
• यदि एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति को कोई कर, ब्याज या जुर्माने का भुगतान करना अनिवार्य है जिसे अपीलीय प्राधिकारी/ट्रिब्यूनल/अदालत द्वारा स्थगित नहीं किया गया हैं जब तक वह इस तरह के कर, ब्याज का भुगतान नहीं कर देता सक्षम अधिकारी बकाया करों को, ब्याज, जुर्माने, देरी से भुगतान इत्यादि रिफंड की राशि से सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. अधि धारा 54(11) के अंतर्गत घटा सकता हैं।
• आयुक्त प्रतिदाय / रिफंड पर रोक लगा सकता है, यदि प्रतिदाय/रिफंड अपील के आदेश के अधीन है, जालसाजी और धोखाधडी करके दावा प्रस्तुत किया गया है और उसकी राय में इस तरह की प्रतिदाय/ रिफंड का भुगतान राजस्व पर प्रभाव डालेगा।
यदि अपील को परिणामस्वरुप या आगे की कार्यवाही पर कराधीन व्यक्ति प्रतिदाय/रिफंड के लिए हकदार हो जाता है, तब वह अधिसूचित दरों पर ब्याज पाने का भी हकदार होगा। (सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 54(12)।
यदि प्रतिदाय रिफंड की राशि 1000/ रू. से कम है तो प्रतिदाय/रिफंड प्रदान नही किया जाएगा। सीजीएसटी/एसजीएसटी अधिनियम की धारा 54(14)
पुराने कानून से उत्पन्न प्रतिदाय/रिफंड का भुगतान पुराने कानुन के अनुसार किया जाएगा और नकद रूप में भुगतान किया जाएगा और इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में उपलब्ध देय नहीं होगा।
उन मामलों में जहाँ प्रतिदाय/रिफंड का दावा एक पंजीकृत व्यक्ति द्वारा, शून्य दरों पर की गई वस्तुओं, सेवाओं की आपुतियों अथवा दोनों मामलों में (पंजीकृत व्यक्ति के अलावा यदि कोई और व्यक्ति अधिसुचित किया गया हो) 90 प्रतिशत प्रतिदाय/रिफंड की स्वीकृती, अस्थायी तौर पर सत्यापन से पहले कुछ विशेष शतों और प्रतिबंधों के अधीन सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा - 54 की उप-धारा 6 के अनुसार किया जा सकता है।
वस्तुओं के निर्यात के संबंध में प्रतिदाय/रिफंड के मामलें में, प्रतिदाय/रिफंड नियमों में प्रतिदाय/रिफंड दावा प्रस्तुत करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के रूप में जमा करने की बी.आर.सी. कोई बाध्यता नहीं हैं। हालांकि सेवाओं के निर्यात के लिए प्रतिदाय/ रिफंड दावा प्रस्तुत किए जाने के समय बी.आर.सी. का विवरण देना वांछनीय हैं ।
न्यायविरूद्ध संवर्धन का सिद्धांत शून्य दर वाली आपूर्तियों पर लागू नहीं होंगे (जैसे निर्यात एवं एसईजेड इकाईयों को आपूर्ति।
उन मामलों में जहाँ प्रतिदाय/रिफंड दावा दो लाख रूपये (2 लाख) से कम है वहां आवेदक आत्म-घोषणा जो कि दस्तावेजों और अन्य सबूतों जो प्रतिदाय/रिफंड दावा प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति के पास है, के आधार पर यह सत्यापित करेगा कि जिस कर के प्रतिदाय/रिफंड के संबंध में दावा किया है उसके द्वारा उस कर को किसी अन्य व्यक्ति को पारित नहीं किया गया है। परन्तु उन मामलों में जहाँ प्रतिदाय/रिफंड दावे की राशि दो लाख रूपये (रूपये 2 लाख) से अधिक है उन मामलों में चार्टड अकाउंटैंट य कॉस्ट अकाउंटैंट द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा कि जिस कर के प्रतिदाय/रिफंड के संबंध में दावा किया गया है उस कर को किसी अन्य व्यक्ति को पारित नहीं किया गया है।
नहीं, जी एस टी कानुन के अतंर्गत ऐसा कोई प्रावधान नही हैं उन्हें कर का भुगतान करने के बाद वस्तुएं खरीदनी होंगी और अनुप्रयुक्त आई. टी. सी. का प्रतिदाय/रिफंड दावा करना होगा जैसा कि सी जी एस टी/ एस जी एस टी अधिनियम की धारा 54 (3) में चर्चा की गई हैं।
हाँ, आई जी एस टी अधिनियम की धारा 16 के अनुसार एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति के पास इस बात का विकल्प है कि वो चाहे तो वस्तुओं/सेवाओं का निर्यात आइ जी एस टी के भुगतान के बिना बांड या लैटर ऑफ अंडरटेकिंग की प्रक्रिया को अपनाते हुए या वह वस्तुओ/सेवाओं का निर्यात आई जी एस टी के भुगतान पर कर सकता है तथा जिसका की बाद में प्रतिदाय/रिफंड दावा प्रस्तुत किया जा सकता है।
जहाँ प्रतिदाय/रिफंड दावों से संबंधित प्रार्थना पत्र इलैक्ट्रानिक केश लेजर के संबंध में सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस.टी अधिनियम की धारा 49 की उप-धारा (6) के तहत है। संबंधित कर अवधि की रिटर्न जमा करने पर प्रतिदाय/रिफंड दावा प्राप्ति सूचना, रिटर्न के जमा होने के साथ ही दे दी जाएगी। बाकी दूसरे मामलों में प्रतिदाय/रिफंड दावा संपूर्ण रूप से प्राप्त होने के 15 दिनों के अंदर सूचना प्रतिदाय/रिफंड दावा प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति को दे दी जाएगी।
सी.जी.एस.टी./एस.जी.एस. की धारा 54 की उप-धारा (6) के प्रावधानों के अनुसार प्रतिदाय/रिफंड दावा राशि का 90% (90 प्रतिशत) तक अस्थायी भुगतान, जहां दावा शून्य दर पर की गई आपूर्ति से संबंधित है, प्रतिदाय/रिफंड दावा, संपूर्ण रूप से प्राप्ति की सूचना प्रदान करने की तारीख से सात दिनों के अंदर करना होगा ।
सभी प्रतिदाय/रिफंड दावा फार्म जीएसटी-आरएफडी-1 में भरना होगा। परन्तु प्रतिदाय/रिफंड दावा, इलैक्टानिक नकद लैजर में बकाया राशि के संबंध में, मासिक/तिमाही रिटर्न के द्वारा फार्म जीएसटीआर-3 , जीएसटीआर 4 या जीएसटीआर-7, मामलों के अनुसार संबंधित अवधि के लिए किया जा सकता है।
प्रतिदाय/रिफंड दावा सक्षम अधिकारी द्वारा फार्म जीएसटी-आरएफडी-06 के द्वारा स्वीकृत किया जाएगा यदि प्रतिदाय/रिफंड दावा भुगतान योग्य पाया जाता है साथ ही पेमेंट एडवाइस' भी फार्म जीएसटी- आरएफडी-05 में जारी की जाएगी ।
प्रतिदाय/रिफंड दावा राशि इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से प्रार्थी द्वारा प्रदान किए गए बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी ।
यदि कोई भी त्रुटि, प्रतिदाय/रिफंड दावे के सम्बंध में पाई जाती है तो उसे 15 दिनों के अंदर चिन्हित करना होगा । एक फार्म जीएसटी आर.एफ.डी-03 भी त्रुटि के संबंध में सक्षम अधिकारी द्वारा प्रार्थी को उसी कॉमन पोर्टल पर इलेक्टॉनिक रूप में दी जाएगी जिससे कॉमन पोर्टल पर प्रार्थी प्रतिदाय/रिफंड दावा त्रुटि निवारण पश्चात् जमा कर सकगा ।
नही, जब सक्षम अधिकारी इस बात से संतुष्ट है कि दावा स्वीका करने योग्य नही है तब वह प्रार्थी को फार्म जीएसटी-आरएफडी -08 में एक नोटिस जारी कर उसका जवाब जीएसटी-आरएफडी-09 में 15 दिनों के अंदर जमा करने के लिए कहेगा व प्रार्थी के जबाब को ध्यान में रखते हुए प्रतिदाय/रिफंड दावा को स्वीकृत या खारिज करेगा साथ ही इस सम्बन्ध में जीएसटी-आरएफडी-06 फार्म में एक आदेश पारित करेगा ।
स्रोत: भारत सरकार का केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालयइस पृष्ठ में जी.एस.टी. पोर्टल पर दृश्यपटल व्यापारि...
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