कार्यक्षेत्र |
राज्य के समस्त जिले। |
उद्देश्य |
प्रदेश में उन्नत तकनीक से धान रोपाई को प्रोत्साहित करना तथा रोपाई के रकबे में वृद्धि, बीज की बचत, निंदाई गुड़ाई, कटाई आदि में सुगमता, कृषि श्रमिकों की समस्या से निदान, उत्पादन में वृद्धि। |
हितग्राही की पात्रता |
सभी वर्ग के कृषकों को लाभान्वित किये जाते हैं। एक कलस्टर न्यूनतम 4 हेक्टेयर का होगा। |
मिलने वाला लाभ |
खेत की तैयारी (जुताई, मताई) मैट टाईप नर्सरी तैयार करने तथा पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से धान की रोपाई पर रू. 3000/- प्रति एकड़ की दर से अनुदान देय है। |
कार्यक्षेत्र |
राज्य के समस्त जिले। |
उद्देश्य |
दलहन बीज उत्पादन प्रोत्साहन |
हितग्राही की पात्रता |
सभी श्रेणी के कृषक योजना में लाभान्वित किये जाते हैं, परंतु लघु, सीमांत, अनु. जाति/अनु.जनजाति एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जाती है। |
मिलने वाला लाभ |
10 वर्ष से अधिक अधिसूचित दलहन बीज किस्मों के बीज उत्पादन पर रू. 1000/- प्रति क्विंटल प्रमाणित एवं पैक्ड बीज पर अनुदान का प्रावधान। |
कार्यक्षेत्र |
राज्य के समस्त जिले। |
उद्देश्य |
ग्रीष्म धान के बदले दलहन, तिलहन, मक्का को प्रोत्साहन |
हितग्राही की पात्रता |
सभी श्रेणी के कृषक हैं, परंतु लघु, सीमांत, अनु. जाति/अनु.जनजाति एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता। |
मिलने वाला लाभ |
ग्रीष्मकालीन दलहन, तिलहन एवं मक्का फसल हेतु आदान सामग्री (उर्वरक, बीज आदि पर) रू. 5000/- प्रति हेक्टेयर अनुदान। अधिकतम 2 हेक्टेयर प्रति कृषक। |
कार्यक्षेत्र |
राज्य के समस्त जिले। |
उद्देश्य |
कृषि मजदूर/सीमांत कृषक/वन अधिकार प्रमाण-पत्र धारियों के संयुक्त देयता समूह गठित कर वित्तपोषण के लिये प्रोत्साहन हेतु ऋण अनुदान उपलब्ध कराना। |
हितग्राही की पात्रता |
कृषि मजदूर/सीमांत कृषक/वन अधिकार प्रमाण-पत्र धारियों के संयुक्त देयता समूह को लाभ देय होगा। |
मिलने वाला लाभ |
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स्त्रोत : किसान पोर्टल,भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/21/2020
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