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बैंगन

मिट्टी

जैविक पदार्थों से भरपूर दोमट एवं बलुआही दोमट मिट्टी बैंगन के लिए उपयुक्त होती है।

उन्नत प्रभेद

पूसा पर्पल लौंग, पूसा पर्पल राउंड, पूसा पर्पल क्लस्टर, पूजा क्रांति, पूसा अनमोल, मुक्तकेशी अन्नामलाई, बनारस जैट आदि।

लगाने का तरीका

बैंगन लगाने के लिए बीज को पौध-शाला में छोटी-छोटी क्यारियों में बोकर बिचड़ा तैयार करते हैं। जब ये बिचड़े चार – पांच सप्ताह के हो जाते हैं तो उन्हें तैयार किये गये उर्वर खेतों में लगातें हैं।

नर्सरी के बीज लगाने का समय

(क)  सितम्बर से जनवरी तक फल लेने के लिए बीज नर्सरी के मध्य जून में बोकर एक माह के बाद रोपना चाहिए।

(ख)  मार्च से मई तक प्राप्त करने के लिए बीज नर्सरी में बोकर रोपाई अंत दिसम्बर या जनवरी के आरम्भ तक करते हैं।

(ग)   जून से अगस्त तक फल प्राप्त करने के लिए नर्सरी में बीज अप्रील माह में बोकर एक माह के बाद रोपते हैं।

बीज दर : ५०० – ७०० ग्राम प्रति हेक्टेयर ।

पौधा की दूरी

लम्बे फलवाली किस्में कतार ३० सेंटी मीटर

- पौधा से पौधा ४५ सेंटी मीटर

- गोल फलवाली किस्में कतार से कतार ७५ सेंटी मीटर

- पौधा से पौधा ६० सेंटी मीटर

खाद की मात्रा प्रति हेक्टेयर

गोबर की सड़ी खाद                              : २००-२५० क्विंटल

यूरिया                                         : २५० किलोग्राम

सिंगल सुपर फास्फेट                             : ३०० – ४०० किलोग्राम

मारुयेत आफ पोटाश                             : १०० किलोग्राम

सिंचाई

सूखे दिनों में १०-१२ दिन पर सिंचाई आवश्यक है।

उपज

२०० - २५० क्विंटल प्रति हेक्टेयर

 

स्त्रोत: सब्जी उत्पादन की उन्नत कृषि प्रणाली प्रसार शिक्षा निदेशालय, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची।

अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020



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