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मछली मारने वाले बंदरगाहों और मछली की उतराई वाले केन्द्रों के बुनियादी ढाँचे के लिये दिशा-निर्देश

परिचय

मछलियों का प्रबंध करने के लिये मछलियाँ मारने के बंदरगाह और उतराई वाले केन्द्र, प्रारंभिक केन्द्र होते हैं। स्वच्छता-संबंधी और स्वास्थ्यवर्धक स्थितियों के खराब होने और इन केन्द्रों में प्रचलित रहने वाले तापक्रम के कारण, उतारी गई मछलियों की गुणवत्ता में अच्छी खासी कमी हो जाती है। उतारी गई मछलियों की गुणवत्ता और सुरक्षा की जरुरतों का रख-रखाव करने के लिये मछली मारने वाले केन्द्रों पर पेयजल और वर्फ, मक्खियों के प्रतिरोधक प्रबंध और शीत भंडारण जैसी सुविधाओं के साथ साफ और स्वच्छ भवन का प्राविधान एक अनिवार्य आवश्यकता होती है। एन.एफ.डी.बी. अधूरे मछली मारने वाले बंदरगाहों और उतराई वाले केन्द्रों पर इन सुविधाओं की स्थापना करने के लिये वित्त प्रदान करने का प्रस्ताव करता है।

एन.एफ.डी.बी. उन मामलों में सहायता प्रदान करेगा जहाँ राज्य सरकारों द्वारा पहले से ही अपने हाथ में ली गई योजनाएं, परियोजना की मूल लागत पूरी तरह से खर्च करने के बाद भी अधूरी रह गई हैं या जहाँ परियोजना के पूर्ण होने के बाद भी, कुछ नाजुक तरीके से आवश्यक अतिरिक्त सुविधाएं सृजित की जानी हैं। इससे आगे, बोई केवल ऐसी परियोजनाओं का वित्तपोषण करेगा यदि उन्हें एक समुचित अवधि में पूर्ण किया जा सकता है और उस सुविधा के प्रबंध के लिये एक प्रभावी प्रबंध उस स्थान पर किया जा सके और संबंधित अभिकरण मछलियों की उतराई और वसूल किये गये प्रभारों की सकल आय का 10% से 30 % तक परियोजना पूर्ण करने के लिये बोर्ड द्वारा किये गये वित्तपोषण की सीमा पर आधारित) कर भुगतान करने के लिये सहमत हो जाता है।

सहायता के घटक

एन.एफ.डी.बी., मछली मारने वाले बंदरगाहों और उतराई वाले केन्द्रों पर सुविधाएं प्रदान करने के लिये मछली मारने वाले बंदरगाहों और उतराई वाले केन्द्रों में बुनियादी ढाँचे के विकास में सहायता प्रदान करेगा।

मछली मारने वाले बंदरगाह

3.1 पात्रता की कसौटी

राज्य / केन्द्रीय सरकार के विभागों, नावों के स्वामियों के संघों और सहकारी समितियों द्वारा स्वामित्व के विद्यमान मछली मारने वाले बंदरगाह सहायता हेतु पात्र होंगे।

3.2 सहायता का प्रकार

अधूरे बंदरगाहों के कार्य पूरा करने के लिये आवश्यकता पर आधारित वित्तीय सहायता की जायेगी वशर्ते कि उसे एक समुचित अवधि में पूरा कर लिया जाय और उस सुविधा के प्रबंधन के लिये उस स्थान पर प्रभावी प्रबंध किया जाय और अभिकरण मछलियों की उतराई और वसूल किये गये प्रभारों की सकल आय का 10% से 30% तक (परियोजना पूर्ण करने के लिये बोर्ड द्वारा किये गये वित्तपोषण की सीमा पर आधारित) का भुगतान करने के लिये सहमत हो जाता है।

उतराई वाले केन्द्र

परम्परागत मछली मारने वाली नावों से पकड़ी गई मछलियों की मात्रा की उतराई के लिये उतराई वाले केन्द्र, तुलनात्मक रुप से छोटी सुविधाएं होती हैं। एक औसत दर पर, 25 से 100 परम्परागत नावों से उतराई वाले एक केन्द्र में उनकी मछलियों की पकड़ की मात्रा उतारे जाने की आशा की जाती है। एक परम्परागत नाव लगभग 500 कि.ग्रा. मछलियाँ / दिन की पकड़ कर सकती है। वहाँ 10 नावों से एक ही समय में मछलियों की उतराई हो सकती है जिसमें एक ही समय में 5 टन और प्रतिदिन 50 टन के लिये प्रबंध करने की जरुरत होती है। तदनुसार वहाँ उतारी गई मछलियों की देख भाल करने के लिये पानी, वर्फ और कुसंवाहक भंडार होगा ताकि पकड़ी गई मछलियों की मात्रा सुरक्षित और गुणवत्ता में मुख्य रहे।

4.1 पात्रता की कसौटी

सरकारी क्षेत्र सहकारी समितियों द्वारा स्थापित मछलियों की उतराई के विद्यमान केन्द्र जो अपूर्ण हैं। और जिनमें अपेक्षित सुविधाओं की कमी है।

4.2 सहायता का प्रकार

अधूरे उतराई केन्द्रों के कार्य पूरा करने के लिये आवश्यकता पर आधारित वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी वशर्ते कि उसे एक समुचित अवधि में पूरा कर लिया जाय और उस सुविधा के प्रबंधन के लिये उस स्थान पर प्रभावी प्रबंध किया जाय और अभिकरण मछलियों की उतराई और वसूल किये गये प्रभारों की सकल आय का 10% से 30% तक (परियोजना पूर्ण करने के लिये बोर्ड द्वारा किये गये वित्तपोषण की सीमा पर अधारित) का भुगतान करने के लिये सहमत हो जाता है।

प्रस्तावों का प्रस्तुतीकरण

पात्र आवेदकों से प्राप्त सभी प्रस्ताव, फार्म एफ.एच.- में, एन.एफ.डी.बी. के विचारार्थ एवं वित्तपोषण हेतु प्रस्तुत किये जायेंगे।

निधियों का जारी किया जाना

सामान्यता, मछली मारने वाले बंदरगाहों और मछलियों के उतराई वाले केन्द्रों के आधुनिकीकरण से संबंधित क्रिया-कलापों के लिये निधियाँ दो समान किश्तों में जारी की जायेंगीं। प्रथम किश्त, एन.एफ.डी.बी. द्वारा प्रस्ताव के अनुमोदन पर जारी की जायेगी और दूसरी किश्त सिविल कार्य पूरा होने के बाद और पहली किश्त के उपभोग प्रमाण-पत्र के प्रस्तुतीकरण पर जारी की जायेगी। किन्तु, यदि कार्यान्वयन करने वाला अभिकरण यह अनुभव करता है कि निधि एकल किश्त में जारी की जानी चाहिये, तो वह एन.एफ.डी.बी. को प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय ऐसा संकेत कर सकता है। सभी किश्तें लाभार्थी के बैंक के खाते में जमा की जायेंगीं।

उपयोग प्रमाण-पत्र का प्रस्तुतीकरण

कार्यान्वयन करने वाले अभिकरण, बोर्ड द्वारा उनको जारी की गई निधियों के संबंध में उपयोग प्रमाणपत्र जारी करेंगे। ऐसे प्रमाण-पत्र अर्ध-वार्षिक आधार पर अर्थात् प्रतिवर्ष जुलाई और जनवरी की अवधि में फार्म एफ.एच.-II में प्रस्तुत किये जायेंगे। उपयोग प्रमाण-पत्र उस बीच में भी जारी किये जा सकते हैं यदि वे क्रिया-कलाप, जिनके लिये पहले निधियाँ जारी की गई थीं, वे पूरे हो चुके हैं और कार्यान्वयन करने वाले अभिकरणों द्वारा शेष कार्यों को पूरा करने के लिये निधि की अगली किश्त की जरुरत है।

अनुश्रवण और मूल्यांकन किया जाना

एन.एफ.डी.बी. के वित्तपोषण के अन्तर्गत कार्यान्वित किये गये क्रिया-कलापों की प्रगति का आवधिक आधार पर अनुश्रवण और मूल्यांकन करने के लिये एन.एफ.डी.बी. के प्रधान कार्यालयों में एक समर्पित और मूल्यांकन (एम. एंड ई.) कक्ष की स्थापना की जायेगी। विषय-वस्तु के विशेषज्ञों तथा वित्त और वित्तपोषण करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलकर बनी हुई एक परियोजना का अनुश्रवण करने वाली समिति, भौतिक, वित्त और उत्पादन के लक्ष्यों से सम्बन्धित उपलब्धियों को शामिल करते हुए, क्रिया-कलापों की प्रगति का आवधिक रुप से समीक्षा करने के लिये गठन किया जा सकता है।

 

फार्म -एफ .एच. - I

विद्यमान मछली मारने वाले बंदरगाहों और मछलियों के उतराई वाले केन्द्रों के नवीकरण हेतु प्रार्थना-पत्र

क्र.सं.

 

आवेदक से माँगे गये विवरण

 

आवेदक द्वारा प्रस्तुत की गई सूचना

 

(1)

 

(2)

(3)

 

1.0

 

प्रार्थी/संघ/स्वयं सहायता समूह/राज्य सरकारों के मात्स्यिकी विभाग/स्थानीय स्वयं शासी संस्थाओं. नाव के स्वामियों के संघ का नाम और पता (स्पष्ट अक्षरों में)

 

2.0

पत्र व्यवहार का पता (टेलीफोन/मोबाईल संख्या)

 

3.0

 

मछली मारने वाले बंदरगाह/उतराई वाले केन्द्र के स्थान के विवरण

 

 

क) राज्यः

 

 

ख) जिला:

 

 

ग) तालुक/ मंडल:

 

 

घ) राजस्व ग्रामः

 

 

च) सर्वे संख्या(एं):

 

 

छ) स्वामित्व (क्या फ्री होल्ड है या पट्टे पर है?)

 

 

ज) यदि पट्टे पर है, तो पट्टे की अवधि:

 

 

झ) कुल क्षेत्रफल(हे.में):

 

 

ट) प्रस्तावित निर्माण कार्यों के विवरण

(डिजायन के विवरण / इंजीनियरिंग के कार्य सी.आई.सी.ई.एफ. / मात्स्यिकी के विभाग / सी.आई.एफ.टी. जैसे आई.सी.ए.आर. के मात्स्यिकी संस्थान / आई.एफ.पी. जैसे केन्द्रीय संस्थान द्वारा प्रमाणित किये जायं)

 

4.0

 

निर्माण / नवीकरण के लिये पूर्व में, यदि की गई हो, प्राप्त सहायता के संबंध में विवरण, उसे वर्ष और ऐसे निर्माण / नवीकरण पर खर्च की गई धनराशि के साथ, उल्लेख किया जाना चाहिये:

 

5.0

क्या पूर्व में उठाई गई सुविधा ऋण / सहायता के लिये आवेदक किसी वित्तीय संस्था / राज्य सरकार को भुगतान करने के लिये दोषी है । यदि हाँ, तो उस चूक के विवरण और कारण दीजिए

 

6.0

 

इनपुट की लागतों के संबंध में अनुमान

 

 

क) उन नावों की संख्या जिन्हें लंगर डालकर बाँधा जा सकता है:

 

 

ख) मछलियों की मात्रा जिसका प्रबंध किया जायेगा:

 

 

ग) लागतः

 

 

घ) सुरक्षित रखे गये चबूतरों की संख्या :

 

 

च) जल का स्रोत

 

 

छ) वर्फ के स्रोत और उसके विवरण

 

 

ज) प्रसाधनों की संख्या

 

 

झ) विश्राम कक्ष का आकार

 

 

ट) ई.टी.पी.सुविधा के विवरण

 

 

ठ) कुसंवाहित भंडार के विवरण

 

 

इ) विश्राम-कक्ष के विवरण

 

 

ढ) जलपान-गृह

 

7.0

 

बैंक के ऋण की सुविधा उठाने के लिये क्या कोई वित्तीय गठजोड़ किया गया है, यदि ऐसा है, तो कृपया विवरण दीजिए:

 

8.0

क्रिया-कलापों के प्रारम्भ करने की संभावित तारीख

 

9.0

 

गृह-प्रबंध और दिन-प्रतिदिन का प्रबंध करने एवं सफाई के परिचालन करने के लिये नियुक्त किये गये श्रमिकों का स्रोत तथा संख्या:

 

 

स्त्रोत: पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय

अंतिम बार संशोधित : 1/7/2020



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