जिला प्रशासन ने पूरे जिले में ई-सेवाएं प्रदान करने के भाग के रूप में ई-गवर्नेंस परियोजना बायोमैट्रिकपुर के नाम से शुरुआत की। परियोजना की शुरुआत जनवरी 2015 की गई थी। ऑप्टिकल केबल तार के माध्यम से, ग्राम पंचायतों के माध्यम से, ऑनलाइन सरकारी योजनाएं और इंटरनेट की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस जिले के अधिकांश गांवों में अब 24 घंटे बिजली आपूर्ति है। यह छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के एक गांव -पत्थरपाड़ा की सफलता की कहानी है। मनरेगा के तहत किये गये कार्यों के लिए मजदूरी प्राप्त करने के लिए पत्थरपाड़ा गांव के लोगों को अपनी मेहनत के पैसे पाने के लिए कई बाधाओं और अपमान का सामना करना पड़ता था और अपनी बारी के लिए घंटों ंइंतजार करना पड़ता था और यह सब करने के लिए पास के शहर की यात्रा करना जरुरी था। यह हर दिन की मजदूरी का भुगतान का मामला था, जो अब ऐसा नहीं रहा। ऑनलाइन सरकारी योजनाएं और इंटरनेट की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस जिले के अधिकांश गांवों में अब 24 घंटे बिजली आपूर्ति है।
यह छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के एक गांव -पत्थरपाड़ा की सफलता की कहानी है। मनरेगा के तहत किये गये कार्यों के लिए मजदूरी प्राप्त करने के लिए पत्थरपाड़ा गांव के लोगों को अपनी मेहनत के पैसे पाने के लिए कई बाधाओं और अपमान का सामना करना पड़ता था और अपनी बारी के लिए घंटों के लिए इंतजार करना पड़ता था और यह सब करने के लिए पास के शहर की यात्रा करना जरुरी था। यह हर दिन की मजदूरी का भुगतान का मामला था, जो अब ऐसा नहीं रहा। अब, स्थिति बदल गई है। डिजीटल इंडिया एवं ई-शासन कार्यक्रम के रुप में शुरु की गई पहल को धन्यवाद, जिससे अब पंचायत में एक बैंक है और जहां नागरिकों द्वारा मनरेगा भुगतान प्राप्त किया जा सकता है। पंचायत अब ग्रामीणों तक कई अन्य नागरिक सेवाएं प्रदान करने की पेशकश करता है, जो उनके नजदीक स्थान से प्राप्त की जा सकती है।
इस सब निम्नलिखित कार्यों की वजह से संभव हो पाया -
स्त्रोत: सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेस इंडिया लिमिटेड।
२. प्रेस कवरेज-बायोमैट्रिक-एक ई-शासन परियोजना से जिले की बदलती स्थिति
अंतिम बार संशोधित : 2/20/2023
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