जीवन प्रमाण योजना के तहत डिजिटल प्रमाणन से पेंशनभोगियों के लिए वह अनिवार्यता खत्म हो जाएगी जिसके तहत उन्हें हर वर्ष नवम्बर में खुद जाकर लाइफ सर्टिफिकेट पेश करना पड़ता है, ताकि उनके खाते में पेंशन राशि आने का क्रम जारी रह सके। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी विभाग ने एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन विकसित किया है जिसके तहत एक बायोमीट्रिक रीडिंग डिवाइस लगाई जाएगी और फिर इसकी मदद से पेंशनभोगी के आधार नम्बर एवं बायोमीट्रिक ब्यौरे को उसके मोबाइल अथवा कंप्यूटर से दर्ज किया जा सकेगा। पेंशनभोगियों से जुड़े महत्वपूर्ण विवरण को वास्तविक समय में एक केन्द्रीय डाटाबेस पर अपलोड किया जाएगा, जिसमें तारीख, समय और बायोमीट्रिक सूचनाएं शामिल होंगी। इस व्यवस्था से पेंशन वितरण करने वाली एजेंसी के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट हासिल करना संभव हो जाएगा। इससे निष्कर्ष के तौर पर इस तथ्य की पुष्टि हो जाएगी कि सत्यापन के समय पेंशनभोगी जिंदा था। अब यह सेवा सीएससी के माद्यम से नागरिकों के लिए और भी आसान हो जायेगा I
इसके अलावा एलआईसी पेंशनर भी सीएससी के माध्यम से जीवन प्रमाण जमा कर सकते हैं। नवंबर 2016 के दौरान जीवन प्रमाण का प्रचार करने के लिए वीएलई को पुरस्कार दिया जाएगा।
जो वीएलई किसी भी कारण से पेंशनरों के लिए जीवन प्रमाण करने के लिए मना करेंगे उनकी ओएमटी आईडी अवरुद्ध हो जाएगी।
स्रोत: अपना सीएससी, भारत सरकार
इस भाग में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर गांव में डिजीटल इ...
इस पृष्ठ में सीएससी में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी ...
अपना धन के लिए रजिस्टर करें की जानकारी दी गयी है
इस पृष्ठ में सामान्य सेवा केन्द्र के माध्यम से ई-ल...