नई दिल्ली, 22 मार्च, 2018 सा.का.नि. 261(अ).–प्रारूप नियम, अर्थात् ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) संशोधन नियम, 2017 भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग II, खंड 3, उप-खंड (i) में अधिसूचना सं. सा.का.नि. 1349(अ) तारीख 30 अक्तूबर, 2017 के द्वारा प्रकाशित किए गए थे, जिसमें ऐसे सभी व्यक्तियों से जिनकी उससे प्रभावित होने की संभावना है, उस तारीख जिसकी अधिसूचना जनता को उपलब्ध करा दी गई थी, से साठ दिन की समाप्ति से पहले आक्षेप या सुझाव आमंत्रित किए गए थे;
और उक्त अधिसूचना जनता को तारीख 30 अक्तूबर, 2017 को उपलब्ध करा दी गई थी;
और उक्त प्रारूप नियमों के संबंध में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर जनता से प्राप्त आक्षेप और सुझावों पर केन्द्र सरकार द्वारा सम्यक रूप से विचार किया गया है; ।
अत: अब केन्द्र सरकार, पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 (1986 का 29) की धारा 6, 8 और 25 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 का संशोधन करने के लिए, एतद्वारा, निम्नलिखित नियम बनाती है, अर्थात् :-
(1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) संशोधन नियम, 2018 है।
(2) ये सरकारी राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत होंगे।
(क) नियम 5 में, उप-नियम (1) में खण्ड (छ) के पश्चात, निम्नलिखित खण्ड अंत:स्थापित किया जाएगा,
अर्थात् :- "(ज) नियम 5 के उपबंध उन उत्पादकों पर लागू होंगे जिन्होंने चालू वित्त वर्ष में बाजार में कोई माल रखा है और विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व योजना के लिए लक्ष्य नियम 13 के उप-नियम (1) के खण्ड (i) तथा अनुसूची-III के अनुसार होंगे।"
(ख) नियम 13 में;
उप-नियम 1 में, खण्ड (xi) के पश्चात, निम्नलिखित खण्ड अंत:स्थापित किया जाएगा, अर्थात्:- "(xii) यदि उत्पादक ने हाल ही में विक्रय आरंभ किया है अर्थात् विक्रय सक्रियाओं के वर्षों की संख्या उसके उत्पाद की औसत आयु से कम है, तो विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व लक्ष्य अनुसूची-3(क) के अनुसार होगा और ये लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2018-19 से लागू होंगे तथा जब केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नियत किए गए अनुसार उसके औसत जीवन को उत्पाद करता है, संग्रहण लक्ष्य अनुसूची-3 के अनुसार पुनरीक्षित किए जाएंगे।
(xii) पूर्ववर्ती वर्षों में उत्पादकों द्वारा पहले संग्रहित ई-अपशिष्ट को अनुसूची-III के अनुसार हिसाब में लिया जाएगा तथा परवर्ती वर्षों के लिए, अनुसूची-1 के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करते समय उपयुक्त मुजरे का उपबंध किया जाएगा।
(xiv) अनुसूची-III के अनुसार, संशोधित विस्तारित उत्पादक दायित्व (ईपीआर) लक्ष्य 1 अक्तूबर, 2017 से लागू होंगे।
(xv) 1 अक्तूबर, 2016 से 30 सितंबर, 2017 तक विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व के अधीन उत्पादकों द्वारा संग्रहित ई-अपशिष्ट की मात्रा को केवल मार्च, 2018 तक ही अनुसूची-III के अनुसार संशोधित विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व लक्ष्यों के हिसाब में लिया जाएगा।"
(xvi) उत्पादकों द्वारा आस्तियों के अंतरण या बिक्री के मामले में, विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व के अधीन दायित्व भी क्रेता को अंतरित हो जाएंगे।
(xvii) इन नियमों के अधीन उत्पादक उत्तरदायित्व संगठनों के लिए निर्धारित क्रियाकलाप करने हेतु रजिस्ट्रीकरण कराने के लिए उत्पादक उत्तरदायित्व संगठन केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आवेदन करेगा।"
उप-नियम (4) में, खण्ड (i) में( "प्राधिकार देना या नवीकरण" शब्दों के स्थान पर "प्राधिकार देना" शब्द रखे जाएंगे;
नियम 16 में उप नियम (9) और (10) के स्थान पर निम्नलिखित उप नियम रखे जाएंगे, अर्थात् :-
"(9) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड परिसंकटमय पदार्थों के उपबंधों और नमूने और परीक्षण की लागत में कमी करने का अनुपालन करने के लिए बाजार में रखे गए इलेक्ट्रानिकल और इलेक्ट्रानिक उपस्करों को यादृच्छिक रूप से नमूने ले सकेंगे और परिसंकटमय पदार्थ परीक्षण में कमी करने के लिए लिए गए नमूने और किए गए परीक्षण की लागत सरकार द्वारा वहन की जाएगी और परिसंकटमय पदार्थ में कमी के लिए यादृच्छिक रूप से नमूने लेने की प्रक्रिया और अनुज्ञय त्रुटिमान केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मार्गदर्शन सिद्धांतों के अनुसार होगा।
(10) यदि उत्पाद खतरनाक पदार्थों की कमी के अनुपालन का उपबंध नहीं करता है, तो खतरनाक पदार्थों की कमी की जांच की लागत उत्पादक द्वारा वहन की जाएगी और इसके अतिरिक्त, उत्पादक केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मार्गदर्शन के अनुसार, समुचित अवधि के भीतर उत्पाद को बाजार से निकालने या वापस लेने और उत्पाद को अनुपालन में लाने के लिए सुधारात्मक उपाय करेगा।"
उप-नियम (2) के स्थान पर निम्नलिखित उप-नियम (2) रखा जाएगा, अर्थात् :-
"(2) विनिर्माता, उत्पादक, आयातक, वाहक, नवीकरणकर्ता, भंजक और पुन:चक्रक पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के उपबंधों और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पूर्व अनुमोदन से राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रकाशित मार्गदर्शन के अनुसार बनाए गए नियमों के किसी उल्लंघन पर वित्तीय शास्तियों का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे।";
उप-नियम (1) के स्थान पर निम्नलिखित उप-नियम रखा जाएगा, अर्थात्:- "(1) (क) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पारित निलंबन या रद्दकरण या प्राधिकार के इन्कार करने या इसके नवीकरण से पीडित कोई व्यक्ति, उसे आदेश संसूचित किए जाने की तारीख से 30 दिन के भीतर, अपीलीय प्राधिकारी अर्थात् पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के सचिव या सचिव के नामिती को केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के विरूद्ध प्ररूप 7 में अपील कर सकता है।"
"(ख) राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों या समितियों द्वारा पारित निलंबन या रद्दकरण या प्राधिकार के इन्कार करने अथवा इसके नवीकरण से पीडित कोई व्यक्ति, उसे आदेश संसूचित किए जाने की तारीख से 30 दिन के भीतर, अपीलीय प्राधिकारी अर्थात् राज्य सरकार/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के सचिव (पर्यावरण) को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डी अथवा समितियों के आदेश के विरूद्ध प्ररूप 7 में अपील कर सकता है।"
नियम 23 के स्थान पर निम्नलिखित नियम रखा जाएगा, अर्थात् :-
"23. ई-अपशिष्ट का संग्रहण, भण्डारण, परिवहन, पृथकरण, नवीकरण, भंजन, पुनचर्कण और निपटान केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रकाशित मार्गदर्शन के अनुसार होगा।"
(छ) अनुसूची-III के स्थान पर निम्नलिखित अनुसूची रखी जाएगी, अर्थात् :-
अनुसूची-II [नियम 5 (1)(क) और नियम 13(1) (ii), (xi), (xii), (xiv), (xv) देखें]
क्र.सं. |
वर्ष |
ई-अपशिष्ट संग्रहण लक्ष्य (संख्या/भार) |
(i) |
2017-18 |
विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व योजना में उपदर्शित अपशिष्ट उत्पादन की मात्रा का 10% |
(ii) |
2018-19 |
विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व योजना में उपदर्शित अपशिष्ट उत्पादन की मात्रा का 20% |
(iii) |
2019-20 |
विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व योजना में उपदर्शित अपशिष्ट उत्पादन की मात्रा का 30% |
(iv) |
2020-21 |
विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व योजना में उपदर्शित अपशिष्ट उत्पादन की मात्रा का 40% |
(v) |
2021-22 |
विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व योजना में उपदर्शित अपशिष्ट उत्पादन की मात्रा का 50% |
(vi) |
2022-23 |
विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व योजना में उपदर्शित अपशिष्ट उत्पादन की मात्रा का 60% |
(vii) |
2023 से आगे |
विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व योजना में उपदर्शित अपशिष्ट उत्पादन की मात्रा का 70% |
(नियम 13(1) (xii), (xiii), (xv) देखें)
उत्पादक, जिन्होंने हाल ही में विक्रय सक्रिया आरंभ की है, अर्थात विक्रय सक्रिया के वर्षों की संख्या, समय-समय पर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी मार्गदर्शन में उल्लेखित उनके उत्पादों की औसत आयु से कम हैं के लिए विस्तारित उत्पाद उत्तरदायित्व लक्ष्य
क्र.सं. |
वर्ष |
ई-अपशिष्ट संग्रहण लक्ष्य (संख्या/भार) |
(i) |
2018-19 |
वित्तीय वर्ष 2016-17 के विक्रय अंक का 5% |
(ii) |
2019-20 |
वित्तीय वर्ष 2017-18 के विक्रय अंक का 5% |
(iii) |
2020-21 |
वित्तीय वर्ष 2018-19 के विक्रय अंक का 10% |
(iv) |
2021-22 |
वित्तीय वर्ष 2019-20 के विक्रय अंक का 10% |
(v) |
2022-23 |
वित्तीय वर्ष 2020-21 के विक्रय अंक का 15% |
(vi) |
2023-24 |
वित्तीय वर्ष 2021-22 के विक्रय अंक का 15% |
(vii) |
2024-2025 |
वित्तीय वर्ष 2022-23 के विक्रय अंक का 20% |
(viii) |
2025 से आगे |
पूर्ववर्ष से पहले के वर्ष के विक्रय अंक का 20% |
(ज) प्रारूप में,
1) मद-4 के स्थान पर निम्नलिखित मद रखी जाएगी, अर्थात् :-
"केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय-समय पर जारी मार्गदर्शक सिद्धांतों में उल्लिखित उनके औसत जीवन अवधि की समतुल्य अवधि के लिए वर्ष वार बाजार में रखे गए विद्युत और इलेक्ट्रानिक उपस्करों के ब्यौरे (नीचे दी गई सारणी के प्रारूप के अनुसार)।";
2) मद 9 में, प्रविष्टि (ख) के स्थान पर निम्नलिखित प्रविष्टि रखी जाएगी, अर्थात् :- "(ख) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समय-समय पर जारी मार्गदर्शक सिद्धांतों में यथाविनिर्दिष्ट खतरनाक पदार्थों में कमी के अनुपालन के समर्थन में उनके द्वारा रखे गए तकनीकी दस्तावेजों के संबंध में घोषणा का प्रबंध कराया जाना।"
3) प्रारूप 3 में, शीर्षक के स्थान पर निम्नलिखित शीर्षक रखा जाएगा, अर्थात् :- "मात्रा मीट्रिक टन (एमटी) में"
नोट : मूल नियम, भारत के राजपत्र, असाधारण, भाग-II, खंड-3, उपखंड (i) में अधिसूचना संख्या सा.का.नि. 338(अ), तारीख 23 मार्च, 2016 में प्रकाशित किए गए थे।
स्रोत: केन्द्री य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकारअंतिम बार संशोधित : 1/18/2024
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