संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना, बिहार राज्य का एकमात्र एवं देश के 21 बड़े चिड़ियाघरों में एक है । इस चिड़ियाघर में 100 प्रजातियों के लगभग 1200 जानवर हैं । शेर, बाघ, गैंडा, तेंदुआ, हिप्पो, जिराफ, जेबरा, घडियाल, भालू सरीखे जैसे महत्वपूर्ण प्रजातियाँ हैं । चिड़ियाघरों का उद्देश्य न सिर्फ वन्यप्राणियों का संरक्षण मात्र अहि, अपितु इनके माध्यम से जनमानस को वन्यप्राणी संरक्षण से जोड़ना भी है ।
वन्यप्राणी दत्तकग्रहण का अभिप्राय जनता को वन्यप्राणियों एंव उनके संरक्षण से सीधे जोड़ने से हैं । इस योजना में कोई भी व्यक्ति, परिवार, प्रतिष्ठान अथवा संस्थान अपनी रूचि के अनुसार स्वेच्छा से चिड़ियाघर के किसी भी वन्यप्राणी को गोद ले सकेगा एवं एक निश्चित अवधि के लिए उसके आहार एवं रखरखाव में होने वाले व्यय को वहन करेगा । गोद लेने वाले को उद्यान की ओर से कुछ विशिष्ट अधिकार एवं सुविधाएं भी दी जायेंगी । साथ ही उन्हें मान्यता देने के लिए उनके नाम को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा ताकि इस योजना से जुड़ने के लिए अधिक से अधिक लोगों को उत्साहित किया जा सका । वन्यप्राणियों का रखरखाव काफी मंहगा है । उदाहरणस्वरुप एक हाथी के पोषण एवं दवा में औसतन प्रतिमाह 35,000/- रूपये मात्र का व्यय है जबकि एक जिराफ के लिए यह 25, 000/- रूपये मात्र है । इस उद्यान के प्राणियों के आहार एंव दवा आदि में प्रत्येक वर्ष 75,000,00/- रूपये मात्र से अधिक व्यय आकलित है । इस योजना का उद्देश्य इन खर्चों में जनता की हिस्सेदारी के साथ-साथ वन्यप्राणियों के प्रति उनका भावनात्मक लगाव पैदा करना है । मैसूर, हैदराबाद, पूना, भोपाल आदि देश के अनेकों चिड़ियाघरों में यह योजना सफलतापूर्वक चलाई जा रही है ।
इस योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति/परिवार/संस्था/कंपनी को दत्तकग्रहण की पूर्ण राशि एकमुश्त चेक/बैंकर्स चेक/डिमांड ड्राफ्ट के रूप में निदेशक कार्यालय में जमा करनी होगी । प्राप्त राशि के उद्यान में प्राप्त अन्य राशि की भांति कोषागार में जमा कराया जाएगा । प्राप्त राशि की विवरणी अलग से संधारित की जाएगी ।
153 एकड़ में फैले संजय गाँधी जैविक उद्यान, पटना की स्थापना वर्ष 1969 में हुई थी । इस उद्यान में 100 प्रजातियों के लगभग 1200 जानवर हैं । यहाँ प्रत्येक वर्ष लगभग 18 लाख दर्शक भ्रमण करते हैं । यह उद्यान वन्यप्राणियों के संरक्षण के साथ-साथ दर्शकों में ज्ञान एवं जागरूकता पैदा करता हैं । गैंडा प्रजनन में इस उद्यान ने अग्रणी भूमिका अदा की है । 12 गैंडों के साथ अंतःप्रजनन में देश में प्रथम होने का गौरव इसे प्राप्त है । यह उद्यान अत्यंत हरा-भरा है रवन लगभग 300 प्रजातियों के दस हजार से अधिक पेड़-पौधों का संरक्षण करता है । नौकायन, शिशु रेल, मछलीघर, सांपघर, शिशु उद्यान अन्य सुविधाएँ हैं जिसे दर्शक पसंद करते हैं ।
वन्यप्राणी दत्तकग्रहण, वन्यप्राणियों के प्रति व्यक्तिगत स्नेह और समर्थन दिखाने का सबसे प्रभावी तरीका है । पसंदीदा प्राणी को दत्तकग्रहण कर व्यक्ति उसके आहार एवं रखरखाव में योगदान करते हैं । इस प्रकार व्यक्ति वन्यप्राणी संरक्षण मुहीम का एक हिस्सा बन जाते हैं ।
यह उद्यान लुप्तप्रायः प्रजातियों के अंतःप्रजनन एवं अन्य ऐसे कार्यक्रमों में लगा है जिसे प्रबुद्ध एवं जागरूक लोगों के समर्थन की आवश्यकता है ।
अंततः वन्यप्राणी दत्तकग्रहण न सिर्फ गोद लेने वालों के लिए, अपितु उनके मित्रों एवं परिवार के लिए भी आनन्ददायी है । जन्मदिन अथवा वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर यह एक अपूर्व उपहार सिद्ध हो सकता है ।
वन्यप्राणी प्रकृति एक अनमोल उपहार हैं। मानवीय उपेक्षाओं एंव भूलों के कारण इनकी संख्या काफी कम हो रही है । वन्यप्राणियों का दत्तकग्रहण कर हम प्रकृति को संरक्षित एवं मानवीय मूल्यों की रक्षा कर सकते है ।
10. दत्तक ग्रहण कर्त्ता को दत्तकग्रहण किए गए वन्यप्राणियों को आहार देने अथवा आहार में परिवर्तन करने का अधिकार दत्तकग्रहणकर्त्ता को नहीं होगा ।
11. बीमार वन्यप्राणियों का इलाज एवं देखरेख जू प्रशासन के द्वारा ही किया जाएगा और दत्तकग्रहणकर्त्ता को हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं होगी ।
12. दत्तकग्रहणकर्त्ता को चिड़ियाघर के प्रबन्धन में किसी प्रकार के हस्तक्षेप अथवा दबाव डालने का अधिकार नहीं होगा ।
13. कोई भी व्यक्ति/परिवार/व्यक्ति-समूह/प्रतिष्ठान/संस्थान/कंपनी चिड़ियाघर प्रशासन के अनुमति से ही किसी वन्यप्राणी का दत्तकग्रहण कर सकते है ।
14. यदि दत्तकग्रहणकर्त्ता दत्तकग्रहण के किसी नियम का उल्लंघन करता है तो उद्यान प्रशासन को दत्तकग्रहण की राशि बिना लौटाए उनके दत्तकग्रहण के अधिकार को रद्द करने का अधिकार होगा ।
15. योजना में अंकित सारी सुविधाएं उपलब्धता के आधार पर दत्तकग्रहणकर्त्ता को दिया जाएगा ।
16. यदि दत्तकग्रहण किए वन्यप्राणी की मृत्यु हो जाती है अथवा वह इस उद्यान से स्थानांतरित हो जाता है तो दत्तकग्रहण की शेष अवधि के अनुपात में वापस की जाएगी अथवा दत्तकग्रहणकर्त्ता को अवशेष राशि के अनुसार अन्य उपलब्ध वन्यप्राणी दत्तकग्रहण करने का विकल्प होगा ।
17. दत्तकग्रहण के लिए न्यूनतम राशि बीस हजार रूपये मात्र होगी ।
वन्यप्राणी दत्तकग्रहण योजना के तहत दत्तकग्रहणकर्त्ता को दिए जाने वाले विशिष्ट अधिकार एवं सुविधाएं
स्तर |
सुविधाएं |
एक दिवस (चिड़ियाघर के सभी वन्यप्राणी) |
|
छः माह अथवा अधिक अवधि के लिए व्यक्ति/परिवार/व्यक्ति-समूह/प्रतिष्ठान/संस्था/कंपनी के लिए |
|
वन्यप्राणी दत्तकग्रहण आवेदन-प्रपत्र
1- व्यक्ति/परिवार/व्यक्ति-समूह/प्रतिष्ठान/संस्था/कंपनी का नाम एवं पता-
2- चुने गए वन्यप्राणी/वन्यप्राणी इंक्लोजर क नाम-
(पूरा चिड़ियाघर दत्तकग्रहण की स्थिति में लिखें ‘पूरा चिड़ियाघर)
3. दत्तक ग्रहण की अवधि-
4. राशि-
5. भुगतान का तरीका-
6. वन्यप्राणी इंक्लोजर अथवा प्रवेश द्वार के निकट पट्ट पर प्रदर्शित किया जानेवाला सामग्री-
7. प्रवेश-पास, जिनके पक्ष में निर्गत करना हो-
8. सम्पर्क विवरणी (दूरभाष/मोबाइल/ई-मेल आई.डी.)-
9. PAN/TAN संख्या-
मैं प्रमाणित करता/करती हूँ कि मैंने दत्तकग्रहण के सभी शर्तों एवं निदेशों को पढ़ा और समझा है तथा सभी शर्तों को स्वीकार करता/करती हूँ ।
मैं उक्त दत्तकग्रहण -....................................... के नाम में करना चाहता/चाहती हूँ ।
दिनांक-
स्थान- हस्ताक्षर
वन्यप्राणी दत्तकग्रहण शुल्क
योजना (क) व्यक्ति विशेष/परिवार अथवा व्यक्तियों के समूह (अधिकतम पांच) के लिए दत्तकग्रहण के लिए वन्यप्राणियों की सूची ।
क्रम सं. |
नाम/वन्यप्राणी की प्रजाति (एक वन्यप्राणी के लिए दर) |
छः माह (रु०) |
एक वर्ष (रु०) |
1 |
हाथी |
150000 |
2250000 |
2 |
जिराफ |
120000 |
180000 |
3 |
गैंडा |
100000 |
150000 |
4 |
हिप्पोटाम्स |
100000 |
150000 |
5 |
शेर |
100000 |
150000 |
6 |
बाघ |
100000 |
150000 |
7 |
हिमालय भालू |
50000 |
75000 |
8 |
स्लोथ बेयर |
50000 |
75000 |
9 |
उदबिलव |
50000 |
75000 |
10 |
तेंदुआ |
50000 |
75000 |
11 |
जेबरा |
50000 |
75000 |
12 |
कैश्वरी |
250000 |
37500 |
13 |
गोल्डेन कैट |
20000 |
30000 |
14 |
जंगल कैट |
20000 |
30000 |
15 |
लेपर्ड कैट |
20000 |
30000 |
योजना (ख) - प्रतिष्ठान/संस्था/कंपनी के लिए (एक वन्यप्राणी के लिए दर)
क्रम सं. |
नाम/वन्यप्राणी की प्रजाति (एक वन्यप्राणी के लिए दर) |
एक वर्ष (रु०) |
दो वर्ष (रु०) |
तीन वर्ष (रु०) |
पांच वर्ष (रु०) |
1 |
हाथी |
385000 |
582200 |
759400 |
957100 |
2 |
जिराफ |
275000 |
415900 |
542500 |
683600 |
3 |
गैंडा |
198000 |
299400 |
390600 |
492200 |
4 |
हिप्पोटाम्स |
198000 |
299400 |
390600 |
492200 |
5 |
शेर |
198000 |
299400 |
390600 |
492200 |
6 |
बाघ |
198000 |
299400 |
390600 |
492200 |
7 |
हिमालय भालू |
110000 |
166400 |
217000 |
273400 |
8 |
स्लोथ बेयर |
110000 |
166400 |
217000 |
273400 |
9 |
उदबिलव |
110000 |
166400 |
217000 |
273400 |
10 |
तेंदुआ |
110000 |
166400 |
217000 |
273400 |
11 |
जेबरा |
110000 |
166400 |
217000 |
273400 |
योंजना (ग) अपने मनपसन्द इंक्लोजर को दत्तकग्रहण करने के लिए ।
(केवल प्रतिष्ठान/संस्था/कंपनी के लिए)
क्रम सं. |
जानवर की प्रजाति/नाम |
एक वर्ष (रु०) |
तीन वर्ष (रु०) |
1 |
चिल्ड्रन पार्क से निकट इंक्लोजर |
100000 |
248600 |
2 |
सारस क्रेन इंक्लोजर (मुख्य सड़क पर तीन के ग्रुप में ) |
100000 |
248600 |
3 |
पेलिकन इंक्लोजर मुख्य सड़क पर |
150000 |
372000 |
4 |
घड़ियाल नर्सरी |
200000 |
497200 |
5 |
बन्दर इंक्लोजर |
300000 |
745800 |
6 |
तेंदुआ इंक्लोजर |
300000 |
745800 |
7 |
लंगूर इंक्लोजर |
200000 |
497200 |
8 |
एमू इंक्लोजर |
100000 |
248600 |
9 |
सियार इंक्लोजर |
100000 |
248600 |
10 |
बार्किंग इंक्लोजर डीयर |
100000 |
248600 |
11 |
हॉगडीयर इंक्लोजर |
100000 |
248600 |
12 |
चीतल इंक्लोजर |
300000 |
745800 |
13 |
उदबिलव इंक्लोजर |
240000 |
596600 |
14 |
कछुआ इंक्लोजर |
100000 |
248600 |
15 |
कृष्णमृग इंक्लोजर |
500000 |
1243000 |
16 |
जेबरा इंक्लोजर |
200000 |
497200 |
17 |
सांभर इंक्लोजर |
300000 |
745800 |
18 |
जिराफ इंक्लोजर |
800000 |
1988800 |
19 |
घड़ियाल इंक्लोजर |
250000 |
621500 |
20 |
काला बन्दर इंक्लोजर |
300000 |
745800 |
21 |
चिड़िया इंक्लोजर (आउटर केज के बगज में ) |
75000 |
186450 |
22 |
चिड़िया इंक्लोजर (उदबिलव के सामने) |
100000 |
248600 |
योजना (घ) एक दिन के लिए पूरा चिड़ियाघर दत्तकग्रहण करने के लिए ।
(वैसे जानवरों को छोड़कर जिनका दत्तकग्रहण अन्य योजनाओं में किया जा चूका है)
रु०. 25000/- (पचीस हजार रूपये)
अभियुक्ति
स्रोत- पर्यावरण एवं वन विभाग, बिहार सरकार
अंतिम बार संशोधित : 11/17/2019
इस भाग में भारतीय उपमहाद्वीप सहित एशिया को प्रभावि...
इस लेख में पर्यावरण के लिए हुए चिपको आंदोलन का उल्...
इस पृष्ठ में जल, जल स्रोतों और जल से जुड़े तथ्यों क...
इस लेख में पर्यावरण के लिए हुए अप्पिको आंदोलन का उ...