(i) ग्रामीण गोदामों के निर्माण/नवीकरण/विस्तार हेतु पूँजी निवेश सब्सिडी योजना ।
(ii) कृषि विपणन आधारभूत संरचना, ग्रेडिंग तथा मानकीकरण को सुदृढ़ करने की योजना ।
(iii) शीत भंडारण तथा बागवानी उत्पादों के भंडारण के निर्माण/विस्तार/आधुनिकीकरण हेतु पूँजी निवेश सब्सिडी योजना ।
(iv) बीजों के उत्पादन ताा वितरण के लिए आधारभूत सुविधाओं को विकसित तथा मजबूत करने के लिए परियोजनाओं हेतु ऋण योजना ।
(v) लघु कृषक कृषि कारोबार सहायता संघ (एमएफएसी) से उद्यम पूँजी सहायता के सहयोग से कृषि कारोबार परियोजनाओं के वित्तपोषण की योजना ।
(vi) डेयरी उद्यमशीलता विकास योजना (डीईडीएम)
(vii) केन्द्रीय क्षेत्र योजना सूअर पालन ।
(viii) केन्द्रीय क्षेत्र योजना नर भेंसे कटड़ों का निस्तारण व पालन ।
(ix) छोटे जुगाली करने वाले तथा खरगोंशों के समेकित विकास की योजना ।
(x) 'मुर्गीपालन एस्टेट' की तथा ग्रामीण मुर्गीपालन हेतु पोषण इकाईयों की स्थापना की योजना ।
(xi) ग्रामीण बूचड़खानों की स्थापना/आधुनिकीकरण की योजना ।
नोडल एजेंसी : विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय
उद्देश्य :
• ग्रामीण क्षेत्रों में वैज्ञानिक भंडारण क्षमता का निर्माण जिसमें सम्बध्द सुविधाएं भी हों जिससे कृषि उत्पादों, संसाधित कृषि उत्पादों तथा कृषि निविष्ट वस्तुओं का भंडारण किया जा सके ।
• कृषि उत्पादों की विणपन क्षमता में सुधार के लिए उनके श्रेणीकरण, मानकीकरण तथा गुणवत्ता नियंत्रण ।
• फसल कटाई के तत्काल बाद बिक्री में मंदी न आए तदर्थ गिरवी रखकर तथा विपणन ऋण देकर वित्तपोषण ।
• कृषि विपणन आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करना ।
पात्रता :
• एकल, किसान, कृषक समूह/उपर्जकत्ता, भागीदारी/प्रोपराइटरी फर्म, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), स्वयं सहायता समूह ।
• कम्पनियाँ, कार्पोरेट, सहकारी समितियाँ, नगर पालिका निगमों से इतर स्थानीय निकाय, संघ, कृषि उत्पाद विपणन समितियां, विपणन बोर्ड तथा कृषि संसाधन निगम ।
• ग्रामीण गोदामों को नवीकरण सहायता केवल सहकारी समितियों द्वारा गोदाम निर्माण तक प्रतिबंधित होगी ।
सब्सिडी :
• उत्तरपूर्वी राज्यों, पहाड़ी क्षेत्रों तथा जन-जातीय क्षेत्रों एवं अनुसूचित जातियों/जन-जातियों के उद्यमियों और उनकी सहकारी समितियों को 33.33% की दर से सब्सिडी दी जाएगी जिसकी अधिकतम सीमा 62.50 लाख रूपए होगी ।
• सभी श्रेणियों के किसानों (महिला किसानों से इतर) कृषि स्नातकों, सहकारी समितियों तथा राज्य केन्द्र, वेयरहाउस निगमों को परियोजना की पूँजी लागत की 25% सब्सिडी दी जाएगी जिसकी अधिकतम सीमा 46.87 लाख रूपए है ।
• अन्य सभी श्रेणी की परियोजनाओं की पॅूंजी लागत का 15% बशर्ते सब्सिडी की अधिकम सीमा 28.12 लाख रूपए हो तथा
• एनसीडीसी की सहायता से सहकारी समितियों के गोदामों के नवीकरण की परियोजना की पूँजी लागत का 25%सब्सिडी बैक एन्डिड है ।
नोडल एजेंसी : विपणन एवं निरीक्षण निदेशालय
उद्देश्य :
• अतिरिक्त कृषि विपणन आधारभूत संरचना उपलब्ध कराना ।
• निजी तथा सहकारी क्षेत्र निवेश को शामिल कर प्रतिस्पर्धात्मक वैकल्पिक कृषि विपणन आधारभूत संरचना को बढ़ावा देना ।
• दक्षता बढ़ाने के लिए वर्तमान कृषि विपणन आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करना ।
• प्रत्यक्ष विपणन को बढ़ावा देना जिससे विपणन दक्षता को बढ़ाया जा सके ।
• कृषि उत्पादों के श्रेणीकरण, मानकीकरण तथा गुणवत्ता प्रमाणीकरण हेतु आधारभूत संरचनात्मक सुविधाएं उपलब्ध कराना ।
• गिरवी रखकर वित्तपोषण तथा बाजार ऋण को बढ़ावा देने के लिए पारक्रम्य वेयरहाउसिंग रसीद प्रणाली आरम्भ करना तथा वायदा तथा भावी बाजार को बढ़ावा देने के लिए श्रेणीकरण, मानकीकरण तथा गुणवत्ता प्रमाणीकरण प्रणाली को प्रोत्साहन देना ।
• उत्पादकों के साथ संसाधक इकाईयों के प्रत्यक्ष एकीकरण को बढ़ावा देना ।
• किसानों, उद्यमियों तथा विपणन कार्र्यकत्ताओं के बीच सामान्य जागरूकता पैदा करना उन्हें शिक्षा एवं प्रशिक्षण देना ।
पात्रता :
• एकल, किसानों का समूह/उपर्जकत्ता/उपभोक्ता, भागीदारी/प्रोपराइटरी फर्म, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), स्वयं सहायता समूह ।
• कम्पनियाँ, निगम, सरकार के स्वायत्त निकाय, सहकारी समितियाँ, सहकारी विपणन संघ, स्थानीय निकाय, संघ, कृषि उत्पाद विपणन समितियां तथा विपणन बोर्ड ।
सब्सिडी :
• उत्तरपूर्वी राज्यों, उत्तराखण्ड के राज्य, हिमाचल प्रदेश, जम्मू तथा कश्मीर, पवर्तीय तथा जन-जातीय क्षेत्र/ अनुसूचित जाति व जनजाति तथा उनकी सहकारी समितियां ।
• अन्य के लिए 25% ।
• प्रत्येक परियोजना के लिए सब्सिडी की अधिकतम राशि को रू.50 लाख तक प्रतिबंधित किया जाए । उत्तरपूर्वी राज्यों, पर्वतीय तथा जनजातिय क्षेत्रों, उत्तराखण्ड के राज्यों, हिमाचल प्रदेश, जम्मू तथा कश्मीर तथा अनुसूचित जाति / जनजाति से संबंधित उद्यमियों के मामले में अधिकतम सब्सिडी प्रत्येक परियोजना हेतु रू.60 लाख होगी ।
• राज्य एजेंसियों की आधारभूत संरचनात्मक परियाजनाओं के संबंध में, योजना के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाने वाली सब्सिडी की कोई ऊपरी सीमा नहीं है ।
सब्सिडी बैक एन्डिड है ।
उद्देश्य :
• फसल कटाई के बाद हानि को कम से कम करने के लिए बागवानी उत्पादों के शीत भंडारग्रहों का निर्माण/विस्तार/आधुनिकीकरण|
पात्रता :
• सहकारी समितियाँ, कम्पनियाँ, निगम, भागीदारी तथा प्रोपराइटरी फर्में ।
• कृषि उत्पाद विपणन समितियां तथा विपणन बोर्ड ।
• कृषि उद्योग निगम तथा उपर्जकत्ता संघ ।
सब्सिडी :
सब्सिडी बैक एन्डिड पूँजी सब्सिडी है ।
सब्सिडी साधारण क्षेत्रों में परियोजना की पूँजी लागत का 40% तथा पर्वतीय तथा अनुसूचित क्षेत्रों में 55% की दर से उपलब्ध होगी । तथापि, सब्सिडी अधिकतम 5000 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता के लिए होगी तथा भंडारण की प्रकृति के अनुसार दर रू.1000 से रू.32000 प्रति मीट्रिक टन के अनुसार होगी ।
नोडल एजेंसी : राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी)
उद्देश्य : इस योजना का उद्देश्य है बीजों के उत्पादन की आधारभूत संरचना के सृजन के लिए विकास की परियोजना हेतु ऋण प्रदान करना अर्थात् बीजों की सफाई/ उनकी अलग अलग श्रेणियाँ बनाना/ उनका संसाधन/ उपचार करना/ पैकेटों में बंद करना/ बीज भण्डारण यूनिट स्थापित करना/ उनके परीक्षण की प्रयोगशालाएं बनाना आदि ।
पात्रता : व्यक्ति, निजी कम्पनियाँ, निगमित निकाए, स्वयं सहायता समूह (एस एच जी), बीज सहकारी संस्थाएं आदि।
सब्सिडी : प्रति इकाई 25% तथा अधिकतम रू.25 लाख । सब्सिडी बैक एंडिड है ।
नोडल एजेंसी : लघु कृषक कृषि कारोबार सहायता संघ (एसएफएसी)
उद्देश्य : कृषि कारोबार परियोजनाओं को उद्यम पूँजी सहायता प्रदान करना तथा आर्थिक दृष्टि से सक्षम कृषि कारोबार परियोजनाओं के निर्माण के लिए उत्पादक समूहों/ संगठनों की सहायता के लिए परियोजना विकास सुविधाएं स्थापित करना ।
पात्रता : निम्नलिखित मानदण्डों को पूरा करने वाले व्यक्ति/ उत्पादक समूह/ संगठन :-
1. परियोजनाएं कृषि व उसकी सहायक उत्पादों पर आधारित हों ।
2. परियोजनाएं उत्पादकों को निश्चित बाजार को सीधी पहुँच उपलब्ध कराती हैं ।
3. परियोजनाएं किसानों को इस बात का बढ़ावा देती हों कि वे ऐसी अधिक मूल्य की फसलों को उगाने में रूचि दिखाएं जिससे उनकी कृषि आय में वृध्दि हो ।
4. बैंक ने तकनीकी वाणिज्यिक व्यवहार्यता को संतोषजनक पाये जाने के बाद मियादी ऋण प्रदान करने के लिए परियोजना को स्वीकार कर लिया हो ।
5. भावी परियोजना आकार में 50 लाख रूपये से अधिक हो (उत्तरपूर्वी राज्यों तथा अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में यह राशि 25 लाख रूपये होगी) ।
जोखिम पूँजी :
जोखिम पूँजी सहायता की राशि निम्नलिखित में से जो भी कम हो, के अनुरूप होगी :-
• बैंक द्वारा मूल्यांकित परियोजना लागत का 10%‚ अथवा
• परियोजना इक्विटी का 26%‚ अथवा
• रू.75 लाख ।
नोडल एजेंसी : पशुपालन, डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग (डीएडीएफ), कृषि मंत्रालय, भारत सरकार ।
उद्देश्य :
• स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ाना देना ।
• बछिया/बछड़ा पालन को प्रोत्साहन देने के लिए अच्छे प्रजनन स्टाफ का संरक्षण ।
•असंगठित क्षेत्र में परिवर्तन लाना जिसमें दूध का प्रारंभिक प्रसंस्करण ग्राम स्तर पर ही किया जा सके|
• वाणिज्यिक श्रेणी के दुग्ध की गुणवत्ता तथा कारोबार संचालन के लिए परम्परागत तकनीक को अपग्रेड करना ।
• स्वरोजगार के अवसर तैयार करना तथा आधारभूत संरचना उपलब्ध करवाना विशेषत: असंगठित क्षेत्र हेतु ।
पात्रता :
• किसान, एकल उद्यमी, एनजीओ, कम्पनियाँ, असंगठित तथा संगठित क्षेत्र आदि के समूह । संगठित क्षेत्र जिसमें स्वयं सहायता समूह, डेयरी सहकारी सोसायटी, दुग्ध यूनियन, दुग्ध संघ इत्यादि ।
• इस योजना के अंतर्गत एकल व्यक्ति सभी घटकों के लिए सहायता प्राप्त कर सकता है । किंतु प्रत्येक घटक के लिए केवल एक बार ।
• परिवार के एक से अधिक सदस्यों को सहायता दी जा सकती है बशर्ते उनके द्वारा अलग स्थानों पर अलग मूलभूत संरचना के साथ अलग इकाईयाँ स्थापित की जाएं । ऐसे दो फार्मों के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होनी चाहिए ।
छोटी डेयरी इकाईयों की स्थापना जिनमें संकर नस्ल की गाय/देशी दुधारू गाय जैसे- साहिवाल, रेड सिंधी, गिर, राठी आदि/ग्रडिड भैंसे 10 पशुओं तक । |
10 पशु इकाईयों के लिए रू.5लाख- न्यूनतम इकाई आकार 2पशु और अधिकतम सीमा 10पशु। |
निवेश का 25% (अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों के लिए 33.33%) बशर्ते 10पशुओं के इकाई के लिए सीलिंग रू.1.25लाख हो (अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों के लिए रू.1.67 लाख) । अधिकत अनुमित सब्सिडी रू.25000/- (अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों के लिए रू.33,300/-) |
कलोर (हाईफर) बछड़ों का पालन-पोषण-संकर नस्ल, देशी नस्ल के दुधारू पशु तथा ग्रेडिड भैंसें- 20 बछड़ों तक । |
20 बछड़ा इकाई तक के लिए रू.4.80लाख- न्यूनतम इकाई आकार 5 बछड़े और अधिकतम सीमा 20 बछड़े । |
निवेश का 25% (अनुसूचित जाति /जनजाति किसानों के लिए 33.33%) बशर्ते20 बछड़ों की इकाई के लिए सीलिंग रू.1.20 लाख हो (अनुसूचित जाति /जनजाति किसानों के लिए रू.1.60 लाख) । अधिकत अनुमित सब्सिडी रू.30000/- (अनुसूचित जाति / जनजाति किसानों के लिए रू.40,000/-) |
वर्मीकम्पोस्ट (पशु दुधारू इकाई सहित । दुधारू पशुओं सहित विचार किया जाए, अलग से नहीं) |
रू.20,000/- |
निवेश का 25% (अनुसूचित जाति /जनजाति किसानों के लिए 33.33%) बशर्तेरू.5000/- हो (अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों के लिए रू.6700/-) |
दुग्ध मशीनों की खरीद / मिल्कोटेस्टर / बल्क दुग्ध वूत्र्लिंग इकाई 2000 लीटर की क्षमता तक । |
रू़ 18 लाख |
निवेश का 25% (अनुसूचित जाति /जनजाति किसानों के लिए 33.33%) बशर्तेरू. 4.5 लाख हो (अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों के लिए रू.6 लाख) |
देशी दुग्ध उत्पादों के निर्माण के लिए डेयरी प्रसंस्करण उपकरणों की खरीद |
रू़ 12 लाख |
निवेश का 25% (अनुसूचित जाति /जनजाति किसानों के लिए 33.33%) बशर्तेरू. 3 लाख हो (अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों के लिए रू.4 लाख) |
डेयरी उत्पाद माल वाहक सुविधा स्थापना तथा कोल्ड चेन |
रू़ 24 लाख |
निवेश का 25% (अनुसूचित जाति /जनजाति किसानों के लिए 33.33%) बशर्तेरू. 6 लाख हो (अनुसूचित जाति) |
स्रोत: पंजाब नेशनल बैंक, राष्ट्रीय बैंक समाचार, ऋण योजनायें|
अंतिम बार संशोधित : 10/25/2019
पंजाब नेशनल बैंक की कृषि से जुड़ी प्राथमिक ऋण योजन...
इस भाग में ग्रामीण बैंकों के कार्य उसके कार्यक्षेत...