महान वनस्पतिज्ञ कार्ल वाँन लिनियस द्वारा 1753 में प्रथम बार पौधों का वर्गीकरण किया गया । इस पौधे को जेट्रोफा करकास का नाम दिया गया । यह नाम ग्रीक शब्द जेट्रास अर्थात डाक्टर तथा ट्राफ़ का अर्थ पोषण से लिया गया है । यह यूफो युफोर्वियेसी कुल का झाड़ीनुमा पौधा है जो देश के विभिन्न प्रदेशों में फैला है । विश्व भर में जेट्रोफा की 170 प्रजातियाँ पाई जाती हैं । इसकी भारत में विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिनका विवरण निम्न प्रकार है –
1. जेट्रोफा गासिपी फ़ोलिया
2. जेट्रोफा महेश्वरी
3. जेट्रोफा हेयनी
4. जेट्रोफा ग्लेंडूलिफेरा
5. जेट्रोफा तन्जोवुरेंसिस
6. जेट्रोफा नाना
7. जेट्रोफा विलोसा
8. जेट्रोफा पोडेरिका
9. जेट्रोफा इंटीगेरिमा
10. जेट्रोफा ह्स्ताता
11. जेट्रोफा मेक्रोफायला
12. जेट्रोफा एफ्रोकरकस
13. जेट्रोफा मल्टीफीडा
14. जेट्रोफा डियोका
15. जेट्रोफा हेटरोफाएला
16. जेट्रोफा सिनेरा
17. जेट्रोफा मुलेंडनीफेरा
इनमें प्रथम सात भारत के विभिन्न क्षेत्रों में जंगली रूप में पायी जाती हैं । जे. ग्लेंडूलिफेरा प्रजाति बहुत ही प्रतिबंधित वितरण में है । दक्षिणी पठारी भाग के अलावा यह श्रीलंका में भी पायी जाती है । जेट्रोफा हेयनी, जे. माहेश्वरी, जे. नाना, जे. तन्जोवुरेसिंस एवं जे. विलोसा प्रजातियाँ भारत देश के अलावा किसी अन्य देशों में नहीं पायी जाती हैं ।
स्रोत: राष्ट्रीय तिलहन एवं वनस्पति तेल विकास बोर्ड,कृषि मंत्रालय, भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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