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बिहार सौर क्रांति सिंचाई योजना

बिहार सौर क्रांति सिंचाई योजना

परिचय

बिहार के कृषि प्रधान राज्य है। बिहार की 80% आबादी कृषि पर निर्भर है।  बिहार में कुल 77.1  लाख हे० कृषि योग्य जमीन में से 44.4  लाख हे० जमीन सिंचित भूमि है। 27 लाख हे० जमीन की सिंचाई डीजल पम्पसेटों से की जाती है। बिहार सौर क्रांति सिंचाई योजना का उद्देश्य कृषकों को निरंतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना है।

राज्य सरकार के कृषि रोड मैप वर्ष 2012-2017 में गैर पारम्परिक उर्जा स्त्रोतों द्वारा कुल उर्जा आवश्यकता का 10% अर्थात् 428 मेगावाट की आवश्यकता की पूर्ति 2 एच० पी० (1.5 किलोवाट) के 285000 सोलर पम्पों को विभिन्न चरणों में स्थापित कर पूरा करने का लक्ष्य है। तत्काल पांच जिलों में चयनित प्रखंडों में ही एक पायलट  के रूप में योजना कार्यान्वित की जायेगी।

प्रस्तावित पायलट योजना का क्रियान्वयन उत्तरी बिहार के सहरसा, अररिया, सुपौल, पूर्णिया एवं किशनगंज जिले में कराया जा रहा है। अररिया जिले के पलासी एवं जोकीहाट, सुपौल जिले के सुपौल एवं किशनगंज, पूर्णिया जिले के कोचाधामन एवं बहादुरगंज प्रखंडों में भू-गर्भ जल की उपलब्धता 10 फीट स 20 फीट होने के कारण सोलर पम्प अधिष्ठापन हेतु इन पांच जिलों के 10 प्रखंडों का चयन किया गया है। इन प्रखंडों में कुल 560 सोलर पम्प अधिष्ठापन का लक्ष्य निर्धारित है।

इस योजना के अंतर्गत सोलर पम्प 180० वाट/2 एच०पी० का प्रस्तावित हैं जिसके अंतर्गत 2 H.P का  D.C Mono block surface Pump 1800 watt Peak Submersible D.C  Pump 1800 watt Peak  सोलरभोलटाईक मॉडयुल (पैनल) तथा आंतरिक कनेक्शन तार द्वारा किया जाना है। सोलर SPV Submersible  Pump में 75 वाट के 24 पैनल को  series or parallel में जोड़कर 1800 WP के क्षमता का तैयार किया जाता है। इसके उपयोग के लिए 4’ व्यास का बोरिंग एवं  Suction and delivery Pipe  की आवश्यकता होती है।  SVP DC Submersible Pump  के अधिष्ठपन होने से ईधन का खर्च शून्य हो जाता है एवं SVP DC Submersible Pump लम्बी अवधि तक बिना कोई खास रख-रखाव एंव खर्च के चलता रहता है। SVP Pump  के उपयोग के लिए ग्रीड की आवश्यकता नहीं रहेगी। इससे वातावरण भी प्रदूषित नहीं हटा है। इस सोलर पम्प की क्षमता। लाख 40 हजार लीटर प्रतिदिन पानी निकालने का है, जो 5-8 एकड़ भूमि पटवन के लिए काफी उपयोगी है। प्रस्तावित 1800 वाट के सोलर पम्प के अनुमानित लागत 315000.00 (तीन लाख पन्द्रह हजार) रु० है जिसमें से केन्द्रीय अनुदान की राशि 1,26,000 (एक लाख छब्बीस हजार) रु० राज्य सरकार की अनुदान की राशि 1,57.500.00 ( एक लाख संतावन हजार पांच सौ) रु० अनुमान के आधार पर प्रस्तावित है।

पायलट योजना का आकार निम्न प्रकार है-

  • निर्धारित लक्ष्य : 560 सोलर पम्प सेट (201२-13)
  • लाभकों की संख्या : 560 किसान
  • कुल योजना राशि : 17.64 करोड़  रु०
  • राज्य सरकार  की कुल सब्सिडी : 8,82,00,000.00 रु०
  • केंद्र सरकार की कुल सब्सिडी  :7056,0000.00 रु०
  • लाभुकों द्वारा भुगदेय राशि : 1,76,40,000.00 रु०

सोलर पम्प अधिष्ठापन हेतु दिशा निर्देश निर्गत है। आवेदन पत्र का प्रारूप एवं लाभार्थी द्वारा किये जाने वाले अनुबंध का प्रपत्र संलग्न है।

सोलर पम्प अधिष्ठापन हेतु किसान एंव आपूर्ति कर्त्ता के बीच पांच वर्ष वारंटी एवं दो वर्ष गारंटी तक सोलर पम्प के सफल कार्यान्वयन हेतु अनुबंध किया जायेगा।

सोलर पम्प अधिष्ठापन हेतु एंजेंसी का चयन MNRE  के मापदंडों के आधार पर ब्रेडा द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर निविदा आमंत्रण द्वारा किया जायेगा एंव तदनुसार इमपेनेल्ड एजेंसियों से पम्प अधिष्ठान हेतु कार्यादेश जिला  पदाधिकारी द्वारा निर्गत किया जायेगा।

राज्य के उक्त पांच जिलों के 10 प्रखंडों में 560 सोलर पम्प के अधिष्ठापन कार्य सम्पन्न हो जाने के पश्चात लगभग 2800 4500 एकड़ भूमि का पटवन हो सकेगा जिससे फसलों की पैदावार बढ़ेगी। पानी की उपलब्धता के कारण नकदी फसल की खेती में बढ़ोतरी होगी, जिसे किसान समृद्ध होंगे। कार्बन क्रेडिट प्राप्त होगी, जिससे आस-पास के लोग स्वस्थ रहेंगे। डीजल, पेट्रोल आदि के लाने हेतु बाजार जाने-आने की भाग-दौड़ से कृषक बचेंगे।

योजना के कार्यान्वयन का सत्यापन तृतीय पक्ष यथा-राज्य सरकार/राज्य सरकार की एंजेसी/स्वतंत्र एंजेसी या केंद्र सरकार की एजेंसी करेगी ताकि लाभ-हानि के मूल्याकंन हो सके एंवं राज्य स्तर पर इस कार्यक्रम को लागू करने का निर्णय लिया जा सके।

या अपेक्षा की जाती है कि शुरू में सोलर पम्प सेट की संख्या इसके उच्च कीमत की वजह से कम रहेगी, लेकिन बाद में सोलर पम्पों की लागत में कमी होने एवं सरकारी सहायता प्राप्त होने पर इसकी संख्या में समुचित वृद्धि होगी।

आईये। हमलोग  मिलकर सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू कर हरित क्रांति की ओर अग्रसर हो।

सोलर पम्प अधिष्ठापन हेतु दिशा निर्देश:

क. लाभार्थी की चयन प्रक्रिया: -

  1. लाभार्थी का चयन सम्बन्धित जिला पदाधिकारी करेंगे। ऐसे कृषक जिनके पास निजी बोरिंग वाले मौजा में कम से कम एक एकड़ कृषि योग्य भूमि हो, व्ही लाभार्थी होंगे। लाभार्थी लघु/सीमांत कृषक श्रेणी के होंगे।
  2. जिले के चयनित प्रखंडों में से वैसे ही किसानों से आवेदन प्राप्त किये जायेंगे जिनके पास अपनी भूमि पर 4 इंच व्यास की निजी बोरिंग होगा तथा जो अपना अंशदान राशि भुगतान करने में सक्षम होंगे।
  3. आवेदन पत्र सम्बन्धित प्रखंड विकास पदाधिकार के कार्यालय में प्राप्त किया जाएगा।
  4. आवेदनकर्ता को आवेदन-पत्र के साथ भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र Land Possession Certificate  (LPC)  संलग्न करना होगा।
  5. आवेदन पत्र निःशुल्क होगा।
  6. विहित प्रपत्र में ही आवेदन प्राप्त किये जायेंगे। प्रपत्र हस्तलिखित या टंकित या कम्प्यूटर टाईप या फोटो कॉपी हो सकता है। (संलग्न)
  7. आवेदन पत्र के साथ विहित प्रपत्र में आवेदक को नोटरी/कार्यपालक दंडाधिकारी से निष्पादित शपत-पत्र समर्पित करना होगा।
  8. प्राप्त आवेदन पत्रों में उल्लेखित बिदुओं की जाँच प्रखंड कृषि पदाधिकारी एंव सम्बन्धित  जिला में पदस्थापित ब्रेडा के तकनीशियन द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी तथा गुण-दोष के आधार पर स्वीकृति/अस्वीकृति के सम्बन्ध में अपनी अनुशंसा अंकित पर प्रखंड विकास पदाधिकारी को समर्पित की जाएगी।
  9. प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा जाँच किये गए सभी आवेदन पत्रों के अंतिम स्वीकृति हेतु जिला पदाधिकारी को भेजी जाएगी।
  10. लाभार्थी अंशदान राशि अनुमानित है जो बढ़-घट सकती है। यदि अनुमानित अंशदान राशि में बढ़ोत्तरी होती है तो बढ़ी हुई राशि लाभार्थी को जमा करनी होगी। यदि राशि घटती है तो लाभार्थी को अंतर-राशि वापस को जाएगी।
  11. किसी भी तरह का वैधानिक विवाद उत्पन्न होने पर Arbitration Act के तहत प्रधान सचिव, उर्जा विभाग, बिहार सरकार, पटना Arbitration  Authority  होंगे।
  12. प्रशासनिक स्तर पर उत्पन्न विवाद पर प्रधान सचिव, उर्जा विभाग, बिहार सरकार, पटना का आदेश मान्य होगा।
  13. सोलर पम्प के अधिष्ठापन हेतु लाभार्थी एवं स्थान चयन का अंतिम अधिकार जिला पदाधिकारी का होगा।
  14. सुयोग्य आवेदनकर्त्ताओं की संख्या निर्धारित लक्ष्य से अधिक होने पर चयन का आधार “प्रथम आओ प्रथम पाओ” होगा।

प्रथम आओ की तिथि की गणना अनुमानित अंशदान राशि के जमा होने की तिथि से की जाएगी।

ख. भुगतान की प्रक्रिया:-

  1. सोलर पम्प के लाभार्थी को अंशदान की १०% (दस) राशि सम्बन्धित जिला पदाधिकारी के पदनाम से बैंक ड्राप्ट से, जमा करनी होगी।
  2. सोलर पम्प के अधिष्ठापन हेतु चयनित एजेंसी को सोलर पम्प के अधिष्ठापन के पश्चात लाभार्थी से प्राप्त अधिष्ठापन प्रमाण पत्र तथा जिला पदाधिकारी द्वारा नामित पदाधिकारी से गुणवत्ता एवं पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद राशि का भुगतान 30:40:30 के अनुपात में जिला पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा।
  3. जिला पदाधिकारी इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु बिहार सौर क्रांति सिंचाई योजना के तहत अलग से एक खाते का संधारण करेंगे एवं इसका लेखा-जोखा रखेगें, जिसका नियमानुसार अंकेक्षण होगा।
  4. बिहार सौर क्रांति सिंचाई योजना के कार्यान्वयन हेतु उपलब्ध राशि ब्रेडा द्वारा सम्बन्धित जिला पदाधिकारी करा दी जायेगी।

ग. योजना का विस्तृत प्रसार:-

  1. ब्रेडा मुख्यालय स्तर पर इस कार्यक्रम हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करेगा ताकि लाभार्थी सोलर पम्प हेतु आवेदन जमा करने के लिए उर्प्रेरित हों।
  2. आवेदन पत्र प्राप्त करने हेतु व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार जिला प्रसाशन भी अपने स्तर से करायेगा।
  3. जिला पदाधिकारी स्थानीय हिंदी समाचार पत्र में कम से कम तीन दिनों तक किसानों से आवेदन प्राप्त करने हेतु विज्ञापन प्रकाशित करायेंगे।
  4. जिला पदाधिकारी विस्तृत प्रचार-प्रसार हेतु स्वयं विवेक से अन्य माध्यमों से भी प्रचार-प्रसार करायेंगे ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

घ. अधिष्ठापित किये जाने वाले सोलर पम्प की मरम्मति एवं व्यवस्था:

  1. सोलर पम्प अधिष्ठापन के पश्चात सोलर पम्प के सफल कार्यान्वयन हेतु लाभार्थी एवं एजेंसी के बीच पांच वर्ष तक वारंटी एवं दो वर्ष तक की गारंटी का संलग्न प्रपत्र में अनुबंध किया जायेगा।
  2. अधिष्ठापन के पश्चात कार्य के जाँच एवं मूल्यांकन MNRE के Licensed Channel Partner  अक्षय उर्जा शॉप/तकनीशियन Supervisor  जो ब्रेडा द्वारा सम्प्रेषित व पर्यवेक्षित हैं से ब्रेडा करायेगा

ड. योजना के कार्यान्वयन हेतु एंजेसी के चयन की प्रक्रिया:-

सोलर पम्प  अधिष्ठापन हेतु MNRE द्वारा निर्धारित विशिष्टियों के अनुरूप राष्ट्रीय स्तर पर निविदा आमंत्रित कर निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत ब्रेडा द्वारा एजेंसियों का चयन किया जायेगा। चयनित एजेंसियों की सूची सम्बन्धित जिला पदाधिकारी को ब्रेडा प्रेषित करेगी, जिन में से किसी कार्यादेश निर्गत करेंगे। चयनित एजेंसी से निविदा आधारित  rate contract  ब्रेडा द्वारा किया जायेगा  एजेंसी को 10% राशि Performance guarantee   के रूप में सम्बन्धित जिला पदाधिकारी के यहाँ जमा करनी होगी। योजना के कार्यान्वयन का सत्यापन तृतीय पक्ष यथा-राज्य सरकार की एजेंसी/स्वंतत्र एजेंसी या केंद्र सरकार की एजेंसी द्वारा किया जायेगा ताकि लाभ-हानि का मूल्यांकन हो सके एवं भविष्य में राज्य स्तर पर इस कार्यक्रम को लागू करने हेतु  निर्णय लिया जा सके।

एजेंसी द्वारा आपूरित PV Module Battery एवं अन्य सभी उपकरण MNRE के approved test centre SEC, Gurgaon, ERTL, Kolkata, CPRI, Thrivanantpuram  ETC Banglore से approved  होगा। आपूर्ति के पूर्व सम्बन्धित जिला पदाधिकारी या उनके द्वारा नामित पदाधिकारी द्वारा एजेंशी के devices का  inspection  भी किया जायेगा।

बिहार सौर क्रांति सिंचाई योजना के तहत लक्ष्य का आवंटन

क्रमांक

जिला

प्रखंड

सोलर पम्प का लक्ष्य

1.

सहरसा

  1. मेंहशी
  2. सौर उर्जा

56

56

2

सुपौल

  1. सुपौल
  2. किशनपुर

56

56

३.

अररिया

  1. पलासी
  2. जोकीहाट

56

56

4.

पूर्णियाँ

  1. वायसी
  2. पूर्णियां पूर्वी

56

56

5

किशनगंज

  1. कोचाधामन
  2. बहादुरगंज

56

56

 

स्त्रोत: बिहार सरकार का ऊर्जा विभाग

अंतिम बार संशोधित : 2/16/2020



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