अब जब हमने बच्चों से संबंधित मुद्दों पर आधारित सभी अध्यायों का अध्ययन कर लिया है तथा उन्हें सुनिश्चित करने में ग्राम पंचायत की भूमिका के बारे में भी जान लिया है, क्या आप समझते हैं कि ग्राम पंचायत भी ‘बाल - हितैषी’ बन सकती है?
आइए हम पुन: संक्षेप में जाने कि बाल हितैषी ग्राम पंचायत क्या है:
बाल हितैषी पंचायत वह है जहाँ
ग्राम पंचायत के सभी सदस्य बाल- हितैषी क्रियाकलापों को समझते हैं, क्रियान्वित करते हैं और प्रोत्साहित करते हैं, बच्चों की मुद्दों पर आधारित कार्य- योजनाएँ तैयार करते हैं, इन मुद्दों के आधार पर बच्चों के लिए सेवाएँ विकसित करते हैं तथा यदि ये पहले से ही विद्यमान हैं, तो इनमें सुधार करते हैं।
बच्चों से संबंद्धित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी बाल- हितैषी क्रियाकलापों को समझते हैं, क्रियान्वयित करते हैं और सक्रिय रूप से उनका समर्थन करते हैं। वे बच्चों का संरक्षण करने, उनकी राय का सम्मान करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और कभी भी उनके साथ भेदभाव नहीं करते।
अभिभावक और देखभाल करने वाले बच्चों के मुद्दों से परिचित हैं, धैर्यपूर्वक उनकी बात की सुनते हैं, उनकी सक्रिय भागीदारी की प्रोत्साहित करते हैं, उन्हें संरक्षित करते हैं, उनका सम्मान करते हैं तथा उनके प्रति कभी भी भेदभाव नहीं करते।
बच्चे प्रसन्न, सुरक्षित, सम्मानित हैं, वे शिक्षा, आमोद – प्रमोद तथा मनोरंजन का आनंद उठा रहे हैं, उन्हें बच्चों से संबंधित मामलों पर अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है तथा उन्हें उनके लिए तैयार की गई सेवाएँ अथवा क्रियाकलापों के संचालन में शामिल किया जाता है।
अब जबकि हमने बाल हितैषी ग्राम पंचायत के लिए विभिन्न समूहों की भूमिका के बारे में जान लिया है आइए देखें कि ग्राम पंचायत को बाल हितैषी ग्राम पंचायत बनाने के लिए क्या – क्या कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
बच्चों की आवश्यकताओं और उनसे जुड़े मुद्दों को समझने के लिए ग्राम पंचायत के सदस्यों, विभागों के अधिकारीयों, ग्राम समुदाय एसएचजी, अभिभावकों और बच्चों के लिए नियमित रूप से जागरूकता कार्यक्रम इन सभी समूहों को बच्चों की आवश्यकताओं और मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त करने में सहायता करेंगे। राजकीय ग्राम विकास संस्थानों, राज्य पंचायत प्रशिक्षण केन्द्रों के प्रशिक्षिकों तथा गैर – सरकारी संगठनों के सदस्यों की सहायता से जानकारी और जागरूकता कार्यक्रम संचालित किए जा सकते हैं। ग्राम पंचायत के उन सदस्यों को भी अपने अनुभव सांझे करने के लिए आमंत्रित किया जा सकता है, जिन्होंने अपने ग्राम पंचायत, में बाल विकास के लिए श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को सफलताओं क्रियान्वित किया है।
बाल – हितैषी ग्राम पंचायत के लिए लक्ष्य निर्धारण करने के लिए, ग्राम पंचायत को ऊपर उल्लेखित सभी लोगों के साथ परामर्श कर लेना चाहिए। इसे क्रियान्वित करने का एक प्रभावी तरीका यह है कि एक विशेष ग्राम सभा आयोजित की जाए। ऐसी ग्राम सभा में, यह उन सभी बातों की पहचान कर सकते हैं जिन पर हमें अपनी ग्राम पंचायत के बाल हितैषी बनाने के लिए विचार करने की आवश्यकता है ताकि बाल – हितैषी ग्राम पंचायत लक्ष्य निर्धारित किया जा सके।
बाल – हितैषी ग्राम पंचायत के लिए सक्ष्य निर्धारित कर लिए जाने के उपरांत, इन सभी समूहों, ग्राम पंचायत के सदस्यों, पदाधिकारियों, अभिभावकों, बच्चों को ग्राम पंचायत क्षेत्र में बाल – हितैषी स्थिति के बारे में आकलन करना चाहिए। उदहारण के लिए, हम यह मूल्यांकन कर सकते हैं कि आंगनबाड़ी कितनी बाल हितैषी है तथा ग्राम पंचायत क्षेत्र में इस बाल हितैषी बनाने के लिए हमें क्या करना है।
ऊपर उल्लेखित आकलन के आधार पर एक वार्षिक कार्य – योजना तैयार की जानी चाहिए। कार्य योजना तैयार करते समय सभी उपलब्ध संसाधनों पर विचार कर लेना चाहिए। इसे सरकारी कार्यक्रमों तथा स्कीमों से जोड़ा जा सकता है। इसमें कार्य – योजना के प्रत्येक लक्ष्य के लिए क्रियाकलाप होने चाहिए। इस कार्य – योजना को विशेष ग्राम सभा में प्रस्तुत करके उसका अनुमोदन प्राप्त करना चाहिए। कार्य – योजना के आधार पर ग्राम पंचायत निधि को आबंटित कर सकती है अथवा अन्य स्रोतों से साधन जुटा सकती है।
कार्य – योजना एक बाल – हितैषी ग्राम पंचायत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक संरचना प्रदान करेगी। इसे बच्चों, अभिभावकों, हितधारकों तथा समुदाय की सहायता से क्रियान्वित किया जाना चाहिए। समुदाय, अभिभावकों तथा बच्चों को कार्य – योजनाओं की निगरानी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। कार्य – योजना का मूल्यांकन वर्ष में एक या दो बार किया जा सकता है, जैसा ग्राम सभा द्वारा निर्णय लिया जाए।
बाल – हितैषी ग्राम पंचायत की जाँच सूची पूर्व अध्यायों में की गई चर्चा के आधार पर बाल हितैषी ग्राम पंचायत के लिए नीचे जाँच – सूची दी गई है। ग्राम पंचायत अपनी स्थानीय आवश्यकताओं पर प्राथमिकताओं के आधार पर जाँच – सूची को संशोधित कर सकती है।
अनुबंध – 1
आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए आवेदन
(उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार)
सेवा में,
सीडीपीओ
खंड ------------ तारीख ----------------
जिला ----------- बस्ती --------- गांव ---------------
राज्य --------------- पंचायत -------------------
प्रिय महोदय/महोदया
संर्दभ: उच्चतम न्यायालय के आदेश, पी यूसीएल बानम भारत संघ एवं अन्य सिविल डब्ल्यूपी सं. 196/200/दिनांक 13 दिसंबर, 2006 में कहा गया है कि “ग्रामीण समुदाय तथा झुग्गी- झोपड़ियों वाले, ऐसे मामले में, जहाँ किसी बस्ती में छह वर्ष की आयु से कम वाले न्यूनतम 40 बच्चे हैं, परंतु आंगनबाड़ी नहीं है, आंगनबाड़ी की मांग किए जाने की तारीख से (तीन माह के भीतर) “मांग पर आंगनबाड़ी” के लिए पात्र होंगे।
आप उच्चतम न्यायालय के उक्त संदर्भित आदेश से अवगत होंगे जिसमें यह खा गया है कि ऐसे मामले में आंगनबाड़ियां मांग होने पर स्वीकृत की जाएंगी जहाँ किसी बस्ती में छह वर्ष से कम आयु के न्यूनतम 40 बच्चे हैं, परंतु आंगनबाड़ी नहीं है। हमारी बस्ती में छह वर्ष की आयु से कम --- बच्चे हैं (अनुबंध के रूप में सूची संलग्न है) परंतु यहाँ कोई आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है। हमारी बस्ती की जनसंख्या ----- है। हमारी निकटतम आंगनबाड़ी ---- किमी दूर है तथा वह ----- की जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है ।
किसी पंहुच योग्य आंगनबाड़ी के अभाव में बच्चों के विकास की निगरानी नहीं की जा रही है तथा बच्चों को अनुपूरक पोषण आहार अथवा विद्यालय – पूर्व शिक्षा नहीं दी जा रही है। गर्भवती और शिशुओं को दूध पिलाने वाली माताओं तथा किशोर युवतियों को भी ग्राम स्तर पर कोई सेवा उपलब्ध नहीं है।
हम अनुरोध करते हैं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा आंगनबाड़ी सहायक के साथ हमारी बस्ती के लिए उच्चतम न्यायालय के उक्त संदर्भित आदेश के अनुरूप के आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत किए जाए। इस आंगनबाड़ी केंद्र अनुपूरक आहार, पोषक- भोजन, स्वास्थय शिक्षा त्तथा विद्यालय – पूर्व शिक्षा सहित आईसीडीएस कार्यक्रम की समस्त सेवाएँ प्रदान की जानी चाहिए।
धन्यवाद
भवदीय,
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प्रति : जिला परियोजना अधिकारी, आईसीडीसी, जिला अधिकारी, उच्चतम न्यायालय के कमिश्नर
अनुबंध: छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की सूची
क्रमांक |
बच्चे का नाम |
पिता का नाम |
माता का नाम |
अजा/अजजा अपिव/सामान्य |
पुरूष/ महिला |
आयु/जन्मतिथि |
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स्त्रोत: पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार
अंतिम बार संशोधित : 2/22/2020
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